सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

What is Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल आखिर क्या है, सरकार इसकी मदद से क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू? जानें सबकुछ

क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया 2023 में क्रिप्टो विनियमन को कड़ा करने के लिए तैयार है, यहां बताया गया है कि कैसे

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह 2023 की शुरुआत में एक परामर्श पत्र जारी करेगी। इससे नियामकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि कौन सी डिजिटल संपत्ति को वित्तीय सेवा कानूनों द्वारा विनियमित किया जाना चाहिए। परामर्श पत्र उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए उपयुक्त हिरासत और लाइसेंसिंग सेटिंग्स पर भी स्पष्टता प्रदान करेगा।

सही विनियामक दृष्टिकोण के साथ आगे नवाचार

ऑस्ट्रेलियाई कोषाध्यक्ष जिम चाल्मर्स ने अपने बयान में स्पष्ट किया है बयान कि सरकार किसी भी कानून को पेश करने से पहले अपने चल रहे टोकन मैपिंग कार्य से संबंधित मामलों पर परामर्श करेगी। “हमारे सुधार एक मजबूत और अधिक सुरक्षित वित्तीय प्रणाली की खोज में इसे ठीक करना शुरू करने के बारे में हैं,” चाल्मर्स ने कहा।

कोषाध्यक्ष ने ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीक से जुड़े अवसरों और जोखिमों को स्वीकार किया। क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? उनके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की सरकार यह सुनिश्चित करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने की योजना बना रही क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? है कि निवेशक उचित नियमों द्वारा संरक्षित हैं।

ऑस्ट्रेलिया में CBDC और स्थिर मुद्रा

प्रस्तावित परामर्श पत्र क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न तत्वों को संबोधित करेगा, जिसमें स्थिर सिक्के और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएं (सीबीडीसी) शामिल हैं। क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक का CBDC वर्तमान में अपने पायलट चरण में है और इसके 2023 के मध्य में समाप्त होने की उम्मीद है।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया ने एक प्रकाशित किया रिपोर्ट good इस महीने की शुरुआत में स्थिर मुद्रा को संबोधित किया। रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि “स्थिर सिक्कों में भुगतान और अन्य वित्तीय सेवाओं की एक श्रृंखला की दक्षता और कार्यक्षमता को बढ़ाने की क्षमता है।” क्रिप्टो उद्योग में वर्तमान माहौल को देखते हुए यह एक आशावादी दृष्टिकोण के रूप में आता है।

क्रिप्टो को कैसे विनियमित किया जाना चाहिए (How Crypto should be Regulated)

भारत में क्रिप्टो निवेशक लाभ लेने के लिए तैयार बैठे हैं लेकिन विधायिका अभी भी रोड़ा लटका रही है। क्रिप्टो के टैक्सेशन प्रणाली को देश में क्रिप्टो के भविष्य के लिए सख्त और हतोत्साहित करने वाला माना जा रहा है। क्या क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? भारत को क्रिप्टो को अस्वीकार करने में इतनी जल्दी करनी चाहिए? क्या इसका कोई अलग तरीका हो सकता है? इस लेख में, हम इस बात पर ध्यान देंगे कि क्रिप्टो को किस प्रकार विनियमित किया जा सकता है।

नियमन की आवश्यकता

आइए पहले इसे नियम निर्माता के नजरिए से देखें। वे क्रिप्टो को मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए एक बड़े प्रवर्तक के रूप में देखते हैं। क्रिप्टो मार्केट क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? भी काफी हद तक ‘पंप और डंप’ योजनाओं, नकली ट्रेडिंग वॉल्यूम, धोखाधड़ी आदि के लिए अतिसंवेदनशील है। कुछ बुरे लोग गुमनाम रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अपनी पहचान पूरी तरह से छिपाकर ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से क्रिप्टो पर निर्भर होने लगती है तो इससे कई वित्तीय जोखिम हो सकते हैं।
उपरोक्त समस्याओं के बावजूद, क्रिप्टो को उचित तरीके से विनियमित किए जाने पर नुकसान से ज्यादा लाभ होगा। क्रिप्टो-संबंधित तकनीकें फिनटेक स्पेस में और नई खोज की संभावना को बढ़ाती हैं। ये नई खोजें उन देशों में हो रही हैं जो क्रिप्टो का स्वागत कर रहे हैं। क्रिप्टो के खिलाफ कड़े नियमन लोगों को कानूनी मार्ग अपनाने से हतोत्साहित करेंगे और ट्रांजैक्शन करने के लिए ग्रे जोखिम भरे तरीकों की तलाश करेंगे।

निष्कर्ष

क्रिप्टो स्पेस को विनियमित करना कोई आसान काम नहीं है। हालांकि, भारत के युवाओं में क्रिप्टो की लोकप्रियता बढ़ने के साथ, विनियमन और एक उचित टैक्सेशन नीति लाना फायदेमंद होगा जो निवेश और नई पद्धितियों की सुविधा प्रदान करता है। सरकार के लिए क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? टैक्स के एक नए रास्ते के रूप में भी यह लाभदायक हो सकता है।

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त क्रिप्टोमार्केट को विनियमित करने की आवश्यकता क्यों है? जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

अच्छी खबर : IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट ने किया क्रिप्टीकरेंसी का समर्थन, कहा प्रतिबंध नहीं विनियमित करें

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पिछले कुछ समय से चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसे लेकर सरकार भी सख्त दिख रही है क्योंकि इसको प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने संसद में बिल लाने की भी तैयारी कर ली है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के बजाय उन्हें नियंत्रित करना चाहिए।

हम आपको बता दें कि नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गोपीनाथ ने इस मुद्दे पर एक तत्काल वैश्विक नीति का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि क्रिप्टो उभरते बाजारों के लिए एक चुनौती साबित हो रहे हैं और इन पर कड़े नियमन की जरूरत है।

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