1.विदेशी मुद्रा दलाल परिचय。
आप भी ले रहे हैं ब्रोकर की मदद से लोन तो रखें इन बातों का खास ख्याल, नहीं तो बाद में हो सकता है बड़ा नुकसान
By: ABP Live | Updated at : 15 Mar 2022 02:38 PM (IST)
दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रहा है. रोजाना की होने वाली कमाई से घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है. ऐसी स्थिति जीवन में कोई अतिरिक्त खर्च जैसे घर खरीदना, दुकान खरीदना , गाड़ी खरीदना, आदि कार्यों के लोन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में लोग बैंक की तरफ भरते हैं. बैंक और फाइनेंशियल कंपनी ग्राहकों को होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, बाइक लोन आदि की सुविधा देती है. लेकिन, कई बार सिबिल स्कोर खराब होने या किसी अन्य कारण की वजह से जरूरत के हिसाब से लोगों को लोन नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में लग मजबूरी में ब्रोकर की मदद लेते हैं.
कई बार लोग ब्रोकर की मदद से लोन तो ले लेते हैं लेकिन, बाद में इस कारण बड़ी परेशानी पड़ जाते हैं. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं जो आपको ब्रोकर के द्वारा लोन लेने पर फॉलो करना चाहिए. तो चलिए जानते हैं उन बातों के बारे में-
Broker Recommendation - Low slippage brokers
Hello fellow traders
I have been struggling with slippage for a long time .. any recommendations for zero-low slippage brokers based in experience in trading?
Slippage is unavoidable if you are trading during rollover times or during high volatility news. I personally use IC Markets and CedarFX who I am happy with but they will both experience slippage at certain times of day.
Take a look on the review list on myfxbook. It is really helpful sometimes to see brokers' conditions. And then you'll choose your best one.
I propose FP Markets due to the fact I even have traded with numerous agents and became now no longer glad with both of the agents, as a few lack in spreads, slippage or execution.
बुद्धिमानी से FP Markets ब्रोकर समीक्षा ब्रोकरेज फर्म चुनें
आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। यह नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फीस स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती FP Markets ब्रोकर समीक्षा हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है।
बुनियादी जानकारी दें
शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म (Broking Firm) से कॉलबैक का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर दोनों एक-सा सोच रहे हैं।
fp-markets, matsui के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?
हमारे शीर्ष दलालों की सुरक्षा का निर्धारण करने के लिए, हमारे विशेषज्ञ कई कारकों पर विचार करेंगे.इसमें शामिल है कि ब्रोकर के पास कौन से लाइसेंस हैं और इन लाइसेंसों की विश्वसनीयता क्या है। हम दलालों के इतिहास पर भी विचार करते हैं, क्योंकि FP Markets ब्रोकर समीक्षा लंबी अवधि के दलाल आमतौर पर नए दलालों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद होते हैं
fp-markets को ऑस्ट्रेलिया ASIC,साइप्रस CYSEC द्वारा नियंत्रित किया जाता है. matsui को जापान FSA द्वारा नियंत्रित किया जाता है
fp-markets, matsui के बीच कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?
जब हमारे विशेषज्ञ ब्रोकरों की समीक्षा करते हैं, तो वे अपना खाता खोलेंगे और ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेड करेंगे. यह उन्हें प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता, उपयोग में आसानी और कार्य का व्यापक मूल्यांकन करने में सक्षम बनाता है
fp-markets ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें Raw,Standard और ट्रेडिंग किस्म 60+ FX pairs, metals, indices, commodities शामिल हैं. matsui ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें -- और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं
Paytm के स्टॉक पर ब्रोकरेज ने FP Markets ब्रोकर समीक्षा दी 'अंडरपरफॉर्म' की रेटिंग, हर शेयर पर 388 रु का हो सकता है नुकसान; क्या है वजह
Paytm Brokerage Report: ब्रोकरेज हाउस मैक्वायरी ने Paytm के शेयर के लिए अंडरपरफॉर्म की रेटिंग दी है. ब्रोकरेज ने शेयर के लिए 1200 रुपये का टारगेट दिया है.
Macquarie on Paytm Stock: पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) के स्टॉक पर निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है. ब्रोकरेज हाउस मैक्वायरी (Macquarie) ने Paytm के शेयर के लिए 'अंडरपरफॉर्म' की रेटिंग दी है. ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि रिजर्व बैंक की ओर से डिजिटल पेमेंट के चॉर्जेज की समीक्षा के लिए डिस्कशन पेपर जारी करने का फैसला कंपनी के लिए रिस्क साबित हो सकता है. मैक्वायरी ने पेटीएम पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग के साथ टारगेट प्राइस 1200 रुपये कर दिया है. इस तरह निवेशकों को करंट प्राइस से करीब 388 रुपये का नुकसान हो सकता FP Markets ब्रोकर समीक्षा है. 9 दिसंबर को पेटीएम का शेयर 1588 रुपये पर बंद हुआ. बीते पांच ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक में 2.70 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
काफी कमजोर रही थी लिस्टिंग
पेटीएम (Paytm) की शेयर बाजार में लिस्टिंग ने निवेशकों को काफी निराश किया था. 18 नवंबर को कंपनी का आईपीओ 9 फीसदी डिस्काउंट के साथ 1955 रुपये लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग के दिन में कंपनी का शेयर 1360 रुपये का लो दिखाया. पेटीएम का शेयर 1,271 रुपये के स्तर तक का निचला लेवल दिखा चुका है. हालांकि, हाल के दिनों में शेयर में तेजी से रिकवरी देखी गई और यह रिकवर होकर 1799 रुपये के लेवल पर आया था. बीते पांच ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक में 2.70 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. आईपीओ में निवेशकों को तगड़ा झटका लगा था.
आईपीओ लिस्टिंग के समय भी मैक्वायरी (Macquarie) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि पेटीएम के शेयर में आगे और गिरावट रह सकती है. मैक्वायरी का कहना था कि पेटीएम के लिए कंपनी को फायदे में लाना बड़ी चुनौती है. सेक्टर के रेगुलेशन और बढ़ता कॉम्पिटिशन भी चिंता का विषय है. ब्रोकरेज फर्म ने PayTm की वैल्यूएशन काफी महंगी बताई थी.
RBI डिजिटल पेमेंट्स चॉर्जेस पर लाएगा डिस्कशन पेपर
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 दिसंबर को मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू जारी करते समय कहा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transaction) को ज्यादा किफायती बनाने के लिए आरबीआई जल्द ही एक डिस्कशन पेपर लेकर आएगा. इसका मकसद डिजिटल मोड के जरिए पेमेंट को सस्ता बनाना है. हाल के सालों में डिजिटल पेमेंट्स (Digital Payments) में आए जबरदस्त उछाल को देखने को मिला है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, प्रीपेड पेमेंट इन्स्ट्रूमेंट्स (कॉड्र्स या वॉलेट्स), UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट्स पर लगने वाले चॉर्जेज को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है. जिससे कि इनका इस्तेमाल किफायती हो सके.
डिजिटल पेमेंट्स प्रोवाइड कराने वाली कंपनियां लागत वहन करती हैं, जो आमतौर पर मर्चेंट या कस्टमर या एक या अधिक पार्टिसिपेंट्स से वसूला जाता है. इन चॉर्जेज FP Markets ब्रोकर समीक्षा को उठाने वाले ग्राहकों के फायदे और नुकसान हैं. ये चॉर्जेज वाजिब होने चाहिए. ये डिजिटल पेमेंट (Digital Payments) को प्रमोट करने में बाधक नहीं होने चाहिए. इस पर एक व्यापक नजरिया बनाने के लिए डिस्कशन पेपर लाने का प्रस्ताव है. इसमें चॉर्जेज को लेकर सभी तरह के पहलू शामिल होंगे.
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