Forex Market Terminology
Cryptocurrency App: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने के लिए इन ऐप का करें इस्तेमाल, मिनटों में खरीद-बेच पाएंगे सिक्के
By: abp news | Updated at : 16 Nov 2021 10:44 AM (IST)
Cryptocurrency app (फाइल फोटो)
Cryptocurrency Exchange Apps: आजकल भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसमें पैसा लगाकर करेंसी ट्रेडिंग क्या है? निवेशक करोड़पति हो रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बंपर कमाई हो रही है. ऐसे में करेंसी ट्रेडिंग क्या है? अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आप यह काम आसानी से कर सकते हैं. आजकल मार्केट में कई ऐसे ऐप मौजूद हैं, जिसके जरिेए आप पैसा लगा सकते हैं. इन पर करेंसी को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं.
इंटरफेस है काफी आसान
इन सभी ऐप में INR में ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें USD का ऑप्शन भी रहता है. इन ऐप के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को लैपटॉप का इस्तेमाल करके क्रिप्टो को माइन करने की जरूरत नहीं है. इन सभी ऐप का इंटरफेस काफी आसान है. आप उसको आसानी से समझ सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड और मोबाइल दोनों पर काम करते हैं. आपको बता दें भारत में क्रिप्टो की वैधता पर अभी तक कुछ साफ नहीं है यानी इसको कानूनी रूप से घोषित नहीं किया गया है.
Currency Market Price कैसे काम करता हैं|How Currency Price Fluctuate
करेंसी प्राइस Fluctuation कई कारणों पर निर्भर करता हैं जैसे की Interest Rate में बदलाव ,Inflation दर और जीडीपी डाटा ये सभी फैक्टर Currency के Fluctuation में अहम् रोल अदा करेंसी ट्रेडिंग क्या है? करेंसी ट्रेडिंग क्या है? करेंसी ट्रेडिंग क्या है? करती हैं Exports और Imports का बड़ा असर पड़ता हैं उस देश के करेंसी की वैल्यू में जिससे की करेंसी के प्राइस fluctuate होते हैं
Forex Trading में आपको Forex Trading Account और एक Bank Account की जरुरत होती हैं भारत में चार INR Currency Pair में आप Trade कर सकते हैं USD/INR, EUR/INR , GBP/INR and JPY/INR आप Cross Currency में भी trade कर सकते हैं जैसे EUR-USD, GBP-USD, & USD-JPY Forex Trading में करेंसी Buying और Selling Pairs के अलावा Fno में भी Trade कर सकते हैं क्यूंकि Cross Currency के Corresponding INR Pairs हैं
Forex Trading के लिए आपको एक Trading अकाउंट किसी Registered Broker के पास खोलना पड़ेगा Demat Account खोलने की आवस्यकता नहीं हैं Trading Account खोलने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी हैं
Forex Trading Order Types
Market Order-Market Order Exchange पे जो भी Current Rate चल रहा हैं उस भाव में position बनाना Market order कहलाता हैं Market Order उसी समय Execute जाते हैं
Limit Order-Limit Order में पहले से कुछ Price Rate सेट किया जाता हैं और उस स्वैछिक प्राइस पे Execute होने को Limit Order कहतें हैं इनमे समय लगता हैं क्यूंकि predefined rate से order match होता हैं
Stop Loss Order-Stop Loss Order Loss को रोकते हैं की एक certain point के ऊपर या निचे जाने से जिससे Loss Restrict हो जाता हैं
Most Tradeable Currency in India
1.USD-US Dollar सबसे ज्यादा Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर World Currencies के साथ Pair होती हैं
2.EUR-Euro US Dollar के बाद Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर Currencies के साथ Pair होती हैं
Note-इस ब्लॉग लेख करेंसी ट्रेडिंग क्या है? में Currency ट्रेडिंग से सम्बंधित जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं ट्रेडिंग एक जोखिम भरा बिज़नेस हैं आप इसके बारें में अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले।
Q- Currency Trading क्या हैं?
Ans-Currency Market एक Marketplace हैं जहाँ अलग अलग Currency को Buy और Sell किया जाता हैं Currency Trading के लिए
रुपये को डॉलर के मुकाबले खड़ा करेगी सरकार, विदेश से होने वाले व्यापार में लेन-देन का निपटारा होगा अपनी करेंसी में
अमेरिका में लगातार बढ़ती ब्याज दरों की वजह से भारत समेत दुनिया भर की करेंसी डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही है. इस साल रुपया अबतक 7 फीसदी से ज्यादा कमजोर हो चुका है. जिसका नतीया ये है कि रुपया लगातार नीचे जाता रहा है. डॉलर के मुकाबले रुपया ने पहली बार 81 के स्तर को पार किया है. शुक्रवार यानी आज कारोबार के दौरान गिरावट ऐसी रही कि रुपया 81.23 के स्तर तक जा पहुंचा. हालांकि, कारोबार के अंत में मामूली रिकवरी हुई. इसके बावजूद रुपया 19 पैसे गिरकर 80.98 रुपये प्रति डॉलर के लेवल पर बंद हुआ. ऐसा पहली बार हुआ है. इस उतार-चढ़ाव के बीच भारत सरकार की तरफ से रुपये को डॉलर के मुकाबले खड़ा करने की तैयारी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले DGFT यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके बाद अब विदेश से होने वाले व्यापार में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है. इसके लिए DGFT की तरफ से एक नोटिफिकेश भी जारी किया गया है.
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती करेंसी ट्रेडिंग क्या है? है कौन-कौन सी फीस
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए करेंसी ट्रेडिंग क्या है? अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती करेंसी ट्रेडिंग क्या है? है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स करेंसी ट्रेडिंग क्या है? को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से करेंसी ट्रेडिंग क्या है? ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
Cryptocurrency क्या है? ट्रेडिंग से पहले जान लें जरूरी बातें
- Paurav Joshi
- Publish करेंसी ट्रेडिंग क्या है? Date - August 11, 2021 / 02:48 PM IST
बिटकॉइन एक किस्म की वर्चुअल करेंसी है. जो 2009 मं शुरू हुई थी. फिलहाल बिटकॉइन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
एक वक्त था, जब दुनिया में कोई मुद्रा (Currency) नहीं थी. सिर्फ वस्तुओं के बदले वस्तुओं का लेन-देन होता था. लेकिन उसके बाद नोट और सिक्के अस्तित्व में आए. आज यही नोट और सिक्के हमारी मुख्य Currency हैं. लेकिन इसके अलावा भी एक करेंसी है, जो पूरी तरह Digital है. इसे Cryptocurrency कहा जाता है.
आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी?
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