डेली अपडेट्स

यह एडिटोरियल 14/09/2022 को लाइवमिंट में प्रकाशित “Let’s take an inclusive approach to the regulation of crypto assets” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ:

भारत में और विश्व भर में खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग जैसी वित्तीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के एक माध्यम के रूप में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मात्रा और लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास अभिसमय रिपोर ्ट 2021 के अनुसार, वर्ष 2021 में 7.3% भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का स्वामित्व रखते थे।

यह सराहनीय है कि भारत जीवन के लगभग हर पहलू में ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही एक अंतर्निहित चिंता भी है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। चिंता यह है कि वर्तमान में भारत के पास क्रिप्टो परिसंपत्ति बाज़ार को नियंत्रित करने के लिये कोई भी नियामक ढाँचा मौजूद नहीं है।

एक नियामक ढाँचे की अनुपस्थिति न केवल इस क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक व्यवसायों के लिये अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न करती है, बल्कि निवेशकों के लिये परिहार्य धोखाधड़ी का जोखिम भी पैदा करती है। एक अविनियमित पारितंत्र मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और आतंक वित्तपोषण को भी अवसर प्रदान कर सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

  • क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
  • बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
  • अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
    • सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।

    क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के मामले में भारत की स्थिति

    • वर्ष 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक चेतावनी जारी कर आगाह किया कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं।
    • हालाँकि इन आभासी मुद्राओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
    • वर्ष 2019 में RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग, माइनिंग, होल्डिंग या हस्तांतरण/उपयोग को भारत में वित्तीय जुर्माने या/और 10 वर्ष तक के कारावास के दंड के अधीन घोषित किया।
      • RBI ने यह घोषणा भी की कि वह भविष्य में भारत में डिजिटल रुपए को वैध मुद्रा के रूप में लॉन्च कर सकता है।
      • आभासी परिसंपत्ति/क्रिप्टोकरेंसी के रूप में प्राप्त उपहारों के मामले में प्राप्तकर्ता पर कर लगाया जाएगा।

      क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र

      • अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
      • विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
        • उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
        • इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
        • उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
          • लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।

          आगे की राह

          • क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित करना: क्रिप्टोकरेंसी को संबंधित राष्ट्रीय कानूनों के तहत प्रतिभूतियों या अन्य वित्तीय साधनों के रूप में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिये।
          • स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टो से जोड़ना: भारत के स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा नई ऊर्जा प्रदान की जा सकती है, जहाँ ब्लॉकचेन डेवलपर्स, डिज़ाइनर, प्रोजेक्ट मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, प्रमोटर्स और मार्केटर्स जैसे कई रोज़गार अवसर सृजित हो सकते हैं।
          • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की धुरी: चूँकि क्रिप्टो परिसंपत्ति राष्ट्रीय सीमाओं को पार करती है, वे वित्तीय बाज़ार शासन के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयन के लिये एक धूरी या लिंचपिन के रूप में कार्य कर सकती हैं।
            • हालाँकि भारत जैसी कई उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (emerging and developing economies- EMDEs) में क्रिप्टो परिसंपत्ति का विनियमन अभी नवजात अवस्था में ही है।
            • क्रिप्टोकरेंसी प्रवाह को विनियमित करने के लिये एक जोखिम-आधारित और संदर्भ-विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
            • डिजिटल क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
            • हालाँकि CBDC को ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का पूरा लाभ उठाने के लिये अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ तालमेल बिठाए रखने की भी आवश्यकता होगी।

            अभ्यास प्रश्न: ‘‘यह उपयुक्त समय है कि भारत क्रिप्टोकरेंसी पर अपने ‘वेट एंड वाच’ नीति से आगे कदम बढाए।’’ टिप्पणी करें।

            UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

            प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

            1. यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
            2. ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
            3. ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।

            उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

            (a) केवल 1
            (b) केवल 1 और 2
            (c) केवल 2
            (d) केवल 1 और 3

            उत्तर: (d)

            प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)

            (a) एक्सोप्लैनेट
            (b) क्रिप्टोकरेंसी
            (c) साइबर हमले
            (d) लघु उपग्रह

            उत्तर: (c)

            मेन्स:

            प्रश्न . क्रिप्टोकरेंसी क्या है? यह वैश्विक समाज को कैसे प्रभावित करता है? क्या यह भारतीय समाज को भी प्रभावित कर रहा है? (2021)

            सबसे खराब क्रिप्टो सलाह जिससे बचना चाहिए (The Worst Crypto Advice to Avoid)

            चाहे आप क्रिप्टो की दुनिया में नए हों या अनुभवी हों, आपको कभी न कभी कुछ नुकसान होगा। यह सीखने की प्रक्रिया का एक भाग है, लेकिन अगर बिना कोई ख़ास नुकसान उठाए यह सीख पाएं तो? आइए क्रिप्टो की कुछ सबसे खराब सलाहों पर एक नज़र डालें, जो क्रिप्टोकरेंसी और अन्य ब्लॉकचेन एसेट ट्रेड करते समय क्या नहीं करना चाहिए के उदाहरण हैं।

            ऊपर जाने पर खरीदना

            ऊपर होने पर खरीदना, या ATH (सर्वकालिक उच्च) पर होने पर कोई कॉइन खरीदना एक आमतौर पर की जाने वाली गलती है, जिसके परिणामस्वरूप नुकसान होना निश्चित है। यह तब हो सकता है जब आप कीमतों में उछाल देखते हैं और FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) का अनुभव करते हैं, या यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति प्रोत्साहित करता है जिसने शायद पहले से ही कॉइन ले रखा हैं। जब कीमत में गिरावट आती है, तो आपका नुकसान आसानी से 30 से 40% तक जा सकता है। निश्चित रूप से, आप यह नहीं जानते कि सबसे ऊपरी कीमत क्या है, लेकिन कोई भी योग्य निवेश सलाह पैसा बनाने की कोशिश में अपना पैसा न खोने को प्राथमिकता देगी।

            इस गलती से उबरने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:

              जैसे एक्सचेंज पर कॉइन के वित्तीय चार्ट खोलें,
            • पता करें कि वर्तमान पंप टिकाऊ है या नहीं। यदि प्राइस कर्व आकार में परवलयिक है, तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि वृद्धि स्वाभाविक थी, और यह संभावना नहीं है कि कॉइन फिर से ATH तक पहुंचेगा।
            • रैखिक मूल्य वृद्धि होने पर, आपके नुकसान को कम करने और शायद लाभ कमाने की उम्मीद हो सकती है। आपको बस इंतज़ार करना है और चार्ट की जांच करें जब तक कि आपको बेचने के लिए स्वीकार्य मूल्य न मिल जाए।

            बिल्कुल, यह सब बेहद सरल रूप में है। चार्ट को सही मायने में समझने के लिए, आपको WazirX ब्लॉग पर जाना होगा और क्रिप्टो में तकनीकी विश्लेषण के बारे में उसकी पोस्ट को पढ़ना होगा।

            माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना

            एक गलती जो नए लोगों से अक्सर होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।

            यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।

            प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना

            आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

            प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।

            सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना

            सोशल क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।

            सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कोई घोटाला है।

            मार्केट क्रैश आने की वजह से बेचना

            यह एक ऐसी गलती है जिसका शिकार अनुभवी ट्रेडर भी कई अवसरों पर हो सकते हैं। इक्विटी और क्रिप्टो इकोसिस्टम दोनों में मार्केट क्रैश का डर बना रहता है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि मार्केट में गिरावट कभी स्थाई नहीं होती। एक क्रैश के बाद जल्द या बाद में पंप आता है। इस मामले में, सबसे अच्छा समाधान सिर्फ होल्ड करना होता है। या कम से कम, कीमतों के नीचे होने पर न बेचना होता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं, मार्केट अप्रत्याशित है। फरवरी में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर क्रैश की आशंका थी। अगले दिन, ये आशंकाएं गलत निकलीं क्योंकि मार्केट असल में नीचे की बजाए ऊपर चला गया।

            एक जगह सब लगा देना

            सबसे बड़ी गलती जो कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने पोर्टफोलियो में विविधता नहीं लाना और अपने सभी फंडों को एक ही कॉइन में निवेश करना। हालांकि कई बार में यह एक बार हो सकता है, मगर ज्यादातर ऐसा नहीं होता और यह बेहद ख़राब विचार है। किसी भी कॉइन में बड़ा निवेश एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि एक छोटी सी गिरावट भी आपके मुनाफे का एक बड़ा प्रतिशत कम कर सकती है।

            इसे रोकने का एकमात्र तरीका अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। आपके द्वारा क्रिप्टो पोर्टफोलियो में विविधता लाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है और किसी क्रिप्टो के नीचे जाने की स्थिति में आपके नुकसान को कम करने में मदद करेगा।

            निष्कर्ष

            “क्रिप्टो में निवेश करते समय क्या चीज़ें न करें” की इस सूची को देखने के बाद, उम्मीद है, आप कुछ सामान्य गलतियों के बारे में थोड़ा अधिक जान गए होंगे जो एक क्रिप्टो ट्रेडर कर सकता है, चाहे वे कितने समय से व्यापार कर रहा हो। इस जानकारी के बाद, आप अगला निवेश किस कॉइन में करने की सोच रहे हैं?

            अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

            अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें

            अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें

            पिछले कुछ दिन में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़ी हलचल देखने को मिली है और करोड़ों रुपये वैल्यू वाले क्रिप्टो टोकन सिस्टम से गायब हो गए हैं। टेराUSD नाम का स्टेबलकॉइन और इसकी सिस्टम करेंसी लूना दोनों की वैल्यू लगभग 80 प्रतिशत कम हो गई। क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर टेरा लूना अब लगभग बेकार हो चुके हैं और क्रिप्टो में निवेश करने वाले भी हैरान हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में कुछ बड़ी बातें जानते हैं।

            क्या है स्टेबलकॉइन का मतलब?

            स्टेबलकॉइन ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को कहते हैं, जिन्हें अमेरिकी डॉलर या फिर यूरो जैसा माना जा सकता है। यानी कि इनकी कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलते और इन्हें बिटकॉइन या ईथेरम जैसे टोकन्स के मुकाबले ज्यादा स्थिर माना जाता है। निवेशक ऐसे टोकन्स में तब निवेश करते हैं, जब वे कम रिस्क लेते हुए फायदा कमाना चाहते हैं। बता दें, टेथर और USD कॉइन ऐसे ही लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं।

            ऐसे डिजाइन किए गए हैं टेरा लूना

            टेराUSD एल्गोरिद्म की मदद से डिजाइन किया गया स्टेबलकॉइन है, यह USD जितनी वैल्यू बनाए रखता है और ऐसा इसकी सिस्टम क्रिप्टोकरेंसी लूना के साथ होता है। लूना और टेरा दोनों को एक ही डिवेलपर्स टीम ने तैयार किया है। टेरा की कीमत बनाए रखने के लिए लूना को सप्लाई पूल में शामिल किया जाता है और टेरा को सप्लाई से हटाया जाता है। फिर यूजर्स लूना और टेरा का संतुलन इन्हें बेचने और खरीदने के साथ बनाए रखते हैं।

            ऐसे काम करता है एल्गोरिद्मिक मॉड्यूल

            ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से डिजाइन किए गए मॉड्यूल के साथ, अगर टेरा कॉइन की वैल्यू 0.80 डॉलर पर पहुंचती है, तो इसे एक डॉलर वैल्यू वाले लूना से एक्सचेंज किया जा सकता है। इस तरह स्मार्ट निवेशक 20 सेंट का प्रॉफिट कमा सकते हैं।

            डिमांड और सप्लाई पर आधारित कॉइन कॉन्सेप्ट

            टेरा और लूना का पूरा कॉन्सेप्ट सप्लाई और डिमांड पर आधारित है। इन कॉइन्स में निवेश करने वालों को फायदा तभी मिलता, जब संतुलन के लिए इनकी खरीद और बिक्री चलती रहे। पिछले सप्ताह लूना और टेरा के बीच संतुलन बनाने से जुड़ी यह स्थिति नहीं बनी और एंकर प्रोटोकॉल के चलते यूजर्स ने टेराUSD होल्ड कर लिया। एंकर प्रोटोकॉल को सेविंग्स बैंक अकाउंट की तरह समझा जा सकता है, जिसपर तय ब्याज मिलता रहता है।

            एंकर से मिल रहा था तय ब्याज

            पिछले कुछ महीने से टेरा होल्डर्स को एंकर प्रोटोकॉल में अपना टोकन पार्क करने पर 20 प्रतिशत का तय ब्याज दिया जा रहा था। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा यूजर्स ने अपने टोकन्स एंकर प्रोटोकॉल में शामिल कर दिए। कॉइनडेस्क के मुताबिक, कुल टेरा सर्कुलेशन का करीब 75 प्रतिशत एंकर में जमा कर दिया गया था। बता दें, यहीं से हालात और क्रिप्टोकरेंसी का संतुलन बिगड़ने की शुरुआत हुई।

            अफवाह के चलते टोकन बेचने लगे टेरा यूजर्स

            पिछले सप्ताह के आखिर में बड़ी मात्रा में टेराUSD को अचानक एंकर से निकाल लिया गया। दरअसल, अफवाह उड़ी कि टेरा पर मिलने वाला 20 प्रतिशत तय ब्याज अब फिक्स रेट पर नहीं मिलेगा। निवेशकों ने कमाई घटने और नुकसान होने के डर से टेरा टोकन्स को बेचना शुरू कर दिया और दूसरे स्टेबलकॉइन्स खरीदने लगे। जाहिर सी बात है, ऐसा होने पर एक टोकन की मांग तेजी से घटी और सप्लाई बढ़ने से कीमत गिरने लगी।

            लूना की सप्लाई बढ़ने से क्रैश हुआ सिस्टम

            ज्यादातर यूजर्स ने टेराUSD को एक्सचेंज कर लूना टोकन लेना शुरू कर दिए। इस तरह लूना की सप्लाई बढ़ने के साथ ही वैल्यू घटने लगी। ज्यादा से ज्यादा यूजर्स के टेरा कॉइन को डंप करने के चलते दोनों कॉइन्स से जुड़कर संतुलन बनाने वाला सिस्टम क्रैश हो गया। कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक, टेरा कॉइन की कीमत 11 मई को घटकर केवल 0.225 डॉलर रह गई। महज चंद दिनों के अंदर इस स्टेबलकॉइन ने अपनी करीब 80 प्रतिशत वैल्यू गंवा दी।

            पहले के मुकाबले स्थिर हो रहा है मार्केट

            निवेशकों के अंदर डर पैदा होना क्रिप्टो मार्केट के लिए अच्छी बात नहीं है और इसे प्रभावित कर सकता है। टेरा के गिरने के साथ ही बाकि निवेशकों ने अपने कॉइन्स बेचना भी शुरू कर दिया जिससे पूरा क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो बिटकॉइन भी बीते गुरुवार को 25,400 डॉलर तक जा पहुंचा। हालांकि, स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा बाकी टोकन्स में आए बदलाव को देखते हुए भी ऐसा ही लग रहा है।

            कुछ वक्त के लिए ब्लॉक जेनरेशन रुका

            टेरा ब्लॉकचेन को टेरा की कीमतें तेजी से घटने की स्थिति के बाद नौ घंटे से ज्यादा के लिए हाल्ट कर दिया गया। यानी कि इस दौरान ब्लॉकचेन नेटवर्क पर कोई नए ब्लॉक्स नहीं जेनरेट किए गए। बता दें, हाल्ट के दौरान क्रिप्टो होल्डर्स उनके टेरा असेट्स मूव नहीं कर सकते और उन्हें ब्लॉकचेन के अनफ्रोजन होने का इंतजार करना पड़ेगा। कंपनी ने ट्वीट में बताया है कि टेरा वैलिडेटर्स ने इस चेन को हाल्ट करने का फैसला किया है।

            अरबों डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन भी गायब

            ब्लॉकचेन फर्म इलिप्टिक ने बताया कि टेरा की कीमतें क्रैश होने के दौरान कम से कम 3.5 अरब डॉलर वैल्यू वाले बिटकॉइन भी नहीं ट्रेस किए जा सके। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, टेरा ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से सेटअप किए गए फाउंडेशन, लूना फाउंडेशन गार्ड (LFG) की ओर से 3.5 अरब डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन्स खरीदे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.7 अरब डॉलर वैल्यू 9 मई को LFG वॉलेट से एक नए एड्रेस पर भेजी गई है।

            भारत में Cryptocurrency Ban की खबर से क्रिप्‍टो मार्केट क्रैश, बिटकॉइन में 25 फीसदी तक की गिरावट

            News of cryptocurrency ban in India leads to crypto market crash, bitcoin down by 25 percent

            बिजनेस डेस्‍क। देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Cryptocurrency Ban) लगाने के लिए एक बिल लिस्‍ट होने के बाद भारतीय एक्सचेंजों पर डिजिटल करेंसी ग्‍लोबल एक्‍सचेंजों के मुकाबले 25 फीसदी तक क्रैश हो गई। भारत में क्रिप्टो की कीमतें (Cryptocurrency Price in India) आमतौर पर वैश्विक बाजारों के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार करती हैं। सरकार ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी और रेगुलेशन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक, 2021 पेश करेगी।

            भारत सरकार का नोटिफि‍केशन
            सरकार ने लोकसभा की वेबसाइट पर एक नोटिफ‍िकेशन में कहा कि बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देगा। विधेयक का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना भी है। सरकार ने फरवरी में बजट सत्र के लिए इसी बिल को सूचीबद्ध किया था, लेकिन यह कभी संसद में चर्चा के लिए नहीं आया।

            क्रैश हुआ क्रिप्‍टो मार्केट
            इस नोटिफिकेशन की वजह से क्रिप्टो की कीमतों में भारतीय एक्सचेंजों पर बड़ी गिरावट देखी गई। जबकि ग्‍लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन और एथेरियम जैसी प्रमुख असेट्स स्थिर कारोबार कर रहे थे। बिल के बारे में खबर के बाद वज़ीरएक्स पर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो बिटकॉइन की कीमत 46,35,371 रुपए के उच्च स्तर से 33,50,000 रुपए के निचले स्तर तक गिर गई। डिजिटल मुद्रा मूल्य और सूचना डेटा प्लेटफॉर्म Coingecko के अनुसार, वैश्विक बाजारों में बिटकॉइन 56,638.67 डॉलर या 42,15,928 रुपए की तुलना में भारत में मंगलवार सुबह लगभग ₹37,80,000 पर कारोबार कर रहा था। वहीं दूसरी ओर भारत में ईथर, शीबा इनु और डॉगकोइन भी 20 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहे थे।

            आरबीआई गवर्नर ने दी थी चेतावनी
            सरकार और उद्योग के विशेषज्ञों ने हाल ही में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे बढ़ने के तरीके पर बातचीत की थी। कथित तौर पर केंद्र क्रिप्टो को करेंसी के बजाय कमोडिटी के रूप में रेगुलेट करने पर विचार कर रहा है। हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी पर चेतावनी दी थी कि यह देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए बहुत गंभीर जोखिम है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर बिकवाली की घबराहट के पीछे प्रमुख रूप से खुदरा निवेशक क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा है।

            भारत में क्रिप्‍टोकेंसी यूजर्स
            भारत में क्रि‍प्‍टोकरेंसी की दीवानगी की बात करें तो 20 मिलियन से अधिक क्रिप्टो अकाउंट होल्‍डर हैं। यह संख्‍या शेयर बाजार में निवेश करने वालों से काफी ज्‍यादा है। भारत में क्रिप्‍टोकरेंसीज पर कुल 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश लगा हुआ है। इन 20 मिलियन क्रिप्टो धारकों में से, निवेशकों की औसत आयु लगभग 25 वर्ष है। अधिकांश निवेशक 25-34 वर्ष की आयु के बीच के हैं।

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