बॉबी किन्नर

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली एमसीडी का चुनाव परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी के लिए अहम है बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखता है। यह परिणाम आगे की राजनीति कि दशा और दिशा तय करने वाला है।

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली महानगर पालिका (MCD) का चुनाव इस बार आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाला है। इस चुनाव के परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखते हैं। बुधवार को एमसीडी चुनाव के परिणामों का ऐलान होगा। बता दें कि पिछले 15 साल से दिल्ली की सिविक बॉडी पर भाजपा का ही राज है। चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी में ही था।

यह चुनाव ज्यादा अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं और आम आदमी पार्टी विजयी होती है तो जाहिर सी बात है पूरे देश की राजनीति में आप का प्रभाव बढ़ेगा। 2024 के चुनाव के लिए भी आम आदमी पार्टी की अच्छी भूमिका बन जाएगी। वहीं भाजपा और कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव मायने रखता है ताकि देश की राजधानी में उनका अस्तित्व प्रासंगिक रहे।

बात करें कांग्रेस की तो दित्ली विधानसभा में एमएसीडी रणनीति क्या है? 2013 से ही कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी संसद नहीं है। एमसीडी में आम आदमी पार्टी 2017 में ही कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन चुकी है। अब कांग्रेस के अस्तित्व को दिल्ली में खतरा ही नजर आ रहा है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल की बात करें तो ज्यादातर सर्वे आम आदमी पार्टी के ही पक्ष में हैं। एमसीडी दिल्ली शहर के 95 फीसदी सिविक सेवाओं के लिए जिम्मेदार है। इंडिया टुडे ऐक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 149 से 171 कैे बीच सीटें दीगई हैं। वहीं पिछली बार 181 सीट जीतने वाली भाजपा को 69 से 91 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस के लिए अनुमान है कि पार्टी सिंगल डिजिट में ही रह जाएग। न्यूज-एक्स जन की बात एग्जिट पोल की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 150 से 175 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं भाजपा 72 से 92 के बीच सीटें जीत सकती है।

इस साल एमसीडी में यूनिफिकेशन किया गया था जिसके बाद सीटें 272 से घटकर 250 हो गई थीं। इस चुनाव में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ था। यह पिछली बार के चुनाव से लगभग चार फीसदी कम था। कई पॉश इलाकों में केवलल 40 फीसदी ही वोटिंग हुई, जबकि ग्रामीण और दंगा प्रभावित हुई नॉर्थईस्ट दिल्ली में वोटिंग पर्सेंटेज 60 फीसदी के करीब रहा। दक्षिण दिल्ली के एंड्रयूज गंज में सबसे कम वोटिंग हुई

राजनीतिक दलों का क्या है दांव पर?
2017 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार किस्मत आजमा रही थी। उसके बाद से लगातार पार्टी भाजपा के खिलाफ एमसीडी में भूमिका बना रही है। उसने भाजपा पर वित्तीय प्रबंधन को लेकर और सफाई को लेकर लगातार निशाना साधा। एग्जिट पोल में यही बताया जा रहा है कि अब एमसीडी पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी का नियंत्रण होगा। आम आदमी पार्टी को अस्तित्व में आए एक दशक पूरा हो चुका है। एमसीडी चुनाव में सफलता मिला उसके लिए बड़ी बात होगी क्योंकि उसकी गिनती भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों में होने लगेगी। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो एक साल के अंदर यह आम आदमी पार्टी की दूसरी बड़ी जीत होगी। इससे पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव में बड़ी ज जीत दर्ज कर चुकी है।

2017 के चुनाव में क्या हुआ था
2017 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने सफलता हासिल की थी। उसने 48 सीटें जीतकर कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन लिया था। अगर भाजपा को इस बार जीत नहीं मिलती है तो दिल्ली की राजनीति में उसके अस्तित्व पर संकट आ जाएगा। 1998 के बाद से भाजपा को दिल्ली की सत्ता नहीं मिली है। वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में भाजपा के केवल आठ विधायक हैं। हालांकि सांसदों की बात करें तो दिल्ली में सारे सांसद भाजपा के ही हैं।

इस बार क्यों खास है दिल्ली MCD का चुनाव, समझें कैसे पूरे देश की राजनीति पर पड़ेगा इसका असर

देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली नगर निगम का चुनाव वैसे तो हमेशा से ही हाई प्रोफाइल चुनाव माना जाता रहा है लेकिन इस बार का चुनाव अपने आप में काफी खास है.

Updated: December 4, 2022 1:33 PM IST

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MCD Election Analysis : देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली नगर निगम का चुनाव वैसे तो हमेशा से ही हाई प्रोफाइल चुनाव माना जाता रहा है लेकिन इस बार का चुनाव अपने आप में काफी खास है. रविवार को दिल्ली की जनता एक बार फिर से दिल्ली के एकीकृत यानी संयुक्त नगर निगम को लेकर मतदान कर रही है. रविवार को दिल्ली की जनता को यह फैसला करना है कि वह नगर निगम में किस राजनीतिक दल को सत्ता में बैठाना चाहती है.

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इस बार का नगर निगम चुनाव इस मायने में काफी खास माना जा रहा है कि नतीजा चाहे जो भी आए, इसका दूरगामी राजनीतिक प्रभाव पड़ना तय है और यह सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि देश की राजनीति पर भी आने वाले दिनों में इसका असर साफ-साफ नजर आने वाला है. इसलिए दिल्ली की राजनीति के दोनों धुरंधर राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

सबसे एमएसीडी रणनीति क्या है? पहले बात, भाजपा की करते हैं. दिल्ली विधान सभा के चुनाव में लगातार हार का सामना करने के बावजूद दिल्ली नगर निगम के चुनाव में बीजेपी एक तरह से अपराजेय बनी रही. अपनी लोकप्रियता के चरम पर पहुंचने के बावजूद न तो कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भाजपा को हरा पाई और न ही अरविंद केजरीवाल हरा पाए. साल 2007 से ही नगर निगम में भाजपा की मजबूत पकड़ बनी हुई है. साल 2007 में केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी और दिल्ली में कांग्रेस की ही शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थी लेकिन इसके बावजूद नगर निगम के चुनाव में दिल्ली की जनता ने भाजपा को वोट किया.

नगर निगम में बीजेपी की पकड़ को कमजोर करने के लिए 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों- उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में बांट दिया लेकिन इसके बावजूद 2012 में हुए नगर निगम के चुनावों में इन तीनों नगर निगमों में कांग्रेस को हराते हुए भाजपा फिर से सत्ता में आ गई.

2017 में हुए पिछले चुनाव के दौरान केंद्र और दिल्ली, दोनों की सत्ता में बड़ा बदलाव आ चुका था. केंद्र में भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की सरकार सत्ता में आ गई थी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन चुके थे वहीं दिल्ली में प्रचंड और ऐतिहासिक बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे. 2017 में अरविंद केजरीवाल अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे लेकिन इसके बावजूद तीनों नगर निगम चुनाव में लगातर तीसरी बार सत्ता हासिल कर भाजपा ने यह साबित कर दिया कि नगर निगम चुनाव में उसे हरा पाना बहुत मुश्किल है.

2022 में भाजपा जहां एक ओर एमसीडी चुनाव में जीत का चौका लगाकर एक बार फिर यह साबित करना चाहती है कि विधान सभा के चुनाव में दिल्ली की जनता भले ही उसे न जिताएं लेकिन नगर निगम चुनाव में वह जनता की पहली पसंद बनी हुई है. इस बार की जीत भाजपा कैडर में जोश भर देगी और इसका असर 2024 के लोक सभा चुनाव पर भी पड़ना तय है. आपको बता दें कि फिलहाल दिल्ली की सभी सातों लोक सभा सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है.

वहीं आम आदमी पार्टी के लिए भी दिल्ली नगर निगम का यह चुनाव कई मायनों में बहुत खास हो गया है जिसे जीतना उनकी भविष्य की राजनीति के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है, राष्ट्रीय राजनीति में विस्तार की आकांक्षा पाले आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनाव में जीत के बूस्टर की जरूरत इसलिए बहुत ज्यादा है क्योंकि अगर आप भाजपा को हरा कर यह चुनाव जीत जाती है तो उसे यह कहने का मौका मिल जाएगा कि भाजपा को हराने की क्षमता कांग्रेस में नहीं बल्कि सिर्फ आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल में है.

दिल्ली की जीत जहां एक ओर राष्ट्रीय राजनीति में केजरीवाल का कद एमएसीडी रणनीति क्या है? बढ़ाएगी तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के बीच उनकी स्वीकार्यता भी. ध्यान रखने वाली बात यह है कि, 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और देश के कई अन्य क्षेत्रीय दल लगातार सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास जरूर कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने अब तक इस विपक्षी एकता की प्रकिया से आप को अलग-थलग ही कर रखा है. इसलिए दिल्ली नगर निगम का यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए भी काफी अहम हो गया है.

भाजपा पिछले कई वर्षों से दिल्ली नगर निगम और दिल्ली से आने वाली लोक सभा की सातों सीटों पर वर्चस्व बनाए हुए हैं लेकिन इस बार एमसीडी इलेक्शन के नतीजे का असर 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में दिल्ली की सातों में से कुछ सीटों पर पड़ना भी तय माना जा रहा है. भाजपा और आप, दोनों ही राजनीतिक दलों को एमसीडी चुनाव के नतीजों के दूरगामी राजनीतिक प्रभाव पड़ने का अंदाजा है इसलिए दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस चुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं कांग्रेस के लिए यह चुनाव दिल्ली की राजनीति में अपने आप को पुनर्जीवित करने का चुनाव है.

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14 साल की उम्र में हुईं किन्नर समुदाय में शामिल, फिर वेडिंग डांसर बनीं… बॉबी ने सामाजिक कार्यों से होकर तय किया राजनीति तक का सफर

MCD ELECTIONS: दिल्ली एमसीडी (MCD) चुनाव में जीत दर्ज करते हुए ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी किन्नर MCD की पहली ट्रांसजेंडर सदस्य बन गईं हैं. अपनी जीत के लिए बॉबी ने जनता को धन्यवाद कहा है. साथ ही अपनी जीत जनता को समर्पित की है.

बॉबी किन्नर

बॉबी किन्नर

अपूर्वा सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • (Updated 07 दिसंबर 2022, 6:06 PM IST)

राजनीति तक का सफर सामाजिक कार्यों से होकर गुजरा

लैंगिक पहचान को लेकर कर चुकी हैं भेदभाव का सामना

दिल्ली एमसीडी (MCD) चुनाव में जनता जनार्दन ने आम आदमी पार्टी की ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी किन्नर पर भरोसा जताया है. बॉबी किन्नर ने सुल्तानपुरी-A वार्ड 43 से जीत दर्ज की है. ऐसा पहली बार था जब आम आदमी पार्टी ने एक ट्रांसजेंडर को उम्मीदवार बनाया था. बुधवार को अब बॉबी किन्नर ने शानदार जीत अपने नाम पर दर्ज की है. बता दें, बॉबी किन्नर ने कांग्रेस उम्मीदवार वरुणा ढाका को 6,714 वोटों से हराया है.

बॉबी ने जीत के बाद कहा, “मेरी जीत जनता को समर्पित है. जिन लोगों ने भी मेरी जीत के लिए मेहनत की उन सभी का धन्यवाद. जनता के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद.”

2017 में भी लड़ चुकी हैं चुनाव

दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं है जब बॉबी चुनावी मैदान में उतरी थीं. साल 2017 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर भी बॉबी नगर निगम का चुनाव लड़ चुकी हैं. बॉबी ने बताया था कि वे अन्ना आंदोलन और बाद में पार्टी बनने के समय से आम आदमी पार्टी से एमएसीडी रणनीति क्या है? जुड़ी हुईं हैं. बॉबी की जीत के बाद ये पहली बार होगा कि एमसीडी में कोई ट्रांसजेंडर सदस्य होगा.

लैंगिक पहचान को लेकर कर चुकी हैं भेदभाव का सामना

बताते चलें कि पहले से ही बॉबी अपनी लैंगिक पहचान को लेकर खुलकर बात कर चुकी हैं. उन्होंने बताया था कि कैसे उनकी लैंगिक पहचान की वजह से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा था. बॉबी किन्नर 'हिंदू युवा समाज एकता अवाम आतंकवाद विरोधी समिति' की दिल्ली इकाई की अध्यक्षा हैं. बॉबी पिछले 15 साल से इस संस्था से जुड़ी हई हैं.

इंडिया टुडे को दिए एक पुराने इंटरव्यू में बॉबी किन्नर ने कहा था, “मैं चाहती हूं कि मेरे समाज (ट्रांसजेंडर) के लोग राजनीति में आगे आएं. अब हमारे समाज के लोग राजनीति से दूर होते जा रहे हैं. हमारे समाज में कई पढ़े-लिखे लोग हैं. मैं चाहती हूं कि ऐसे सभी लोग राजनीति में आएं और समाज सेवा करें ताकि समाज में हमारा भी नाम बढ़े.”

बॉबी किन्नर

राजनीति तक का सफर सामाजिक कार्यों से होकर गुजरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉबी निजी कारणों से बारहवीं के बाद की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं थी. हालांकि, जब वह छोटी थीं, तब से वह अपने समुदाय के उत्थान के लिए सामाजिक कार्यों में शामिल रही हैं. 14-15 साल की उम्र में बॉबी को ट्रांसजेंडर कम्युनिटी ने अपने पास ले लिया था और फिर वे वेडिंग डांसर बन गई थी. वहां से उनका राजनीति तक का सफर सामाजिक कार्यों से होकर गुजरा.

शुरुआत में, बॉबी ने अपने समुदाय के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन बाद में महसूस किया कि अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने और समाज में इसे आवाज देने के लिए राजनीति में शामिल होना जरूरी है. जिसके बाद बॉबी का खुद पर विश्वास और दृढ हो गया. आज बॉबी एमसीडी की पहली ट्रांसजेंडर सदस्य बन गईं हैं. बॉबी अपने इलाके में बच्चों के लिए एक प्राइमरी स्कूल भी चलाती हैं.

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Delhi MCD Election Result News: दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Elections) के नतीजे घोषित हो गए हैं. आज 1349 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ. आम आदमी पार्टी का एमसीडी पर कब्जा हो गया है, वहीं 15 साल बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है. आप को 134, बीजेपी को 104, कांग्रेस को 9 और अन्य को 3 वार्ड पर जीत मिली. दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों में 4 दिसंबर को वोटिंग हुई थी और सिर्फ 50 फीसदी वोटरों ने मतदान किया था. इससे पहले टीवी 9 भारतवर्ष ने एग्जिट पोल किया था और इस एग्जिट पोल में भी आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा था.

एमसीडी चुनाव एमएसीडी रणनीति क्या है? मतगणना के नतीजों में आम आदमी पार्टी को सफलता मिलने के साथ ही पार्टी दफ्तर पर जश्न शुरू हो गया. आप के दफ्तर पर जुटे कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने पार्टी के झंडे लहराए और ढोल-नंगाड़ों की थाप पर डांस किया. इस दौरान मिठाई भी बांटी गई.

MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे: दिल्ली CM

जीत पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों के बहुत बधाई देना चाहता हूं. इतनी बड़ी और शानदार जीत के लिए, इतने बड़े बदलाव के लिए मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं.दिल्ली के लोगों ने मुझे दिल्ली की सफाई, भ्रष्टाचार को दूर करने, पार्क को ठीक करने के साथ कई सारी जिम्मेदारियां दी हैं. मैं दिन रात मेहनत करके कोशिश करूंगा की आपके इस भरोसे को कायम रखूं. हमने दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार खत्म किया, वैसे ही MCD में लूटपाट और लैंटर से वसूली बंद करेंगे. कई बड़े नेता कहते थे कि स्कूल-हॉस्पिटल से वोट नहीं मिलते. दिल्ली की जनता ने देश को संदेश दे दिया है कि स्कूल-अस्पताल से भी वोट मिलते हैं.

प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद चाहिए: केजरीवाल

अहंकार करने से बड़ी-बड़ी सत्ता गिर गई है. AAP के सभी मंत्री, MLAs, पार्षद कभी भी अहंकार मत करना. जिस दिन आपने अहंकार किया, उस दिन आपका पतन पक्का है. आपको ऊपर वाला कभी माफ नहीं करेगा. जितने जीते सबको बधाई, बीजेपी-कांग्रेस वालों को भी बधाई. जो हारे मायूस मत होना, दिल्ली की सफाई में आपका भी योगदान होगा. बस, राजनीति हो गई. अब सभी को मिलकर काम करना है. प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद और केंद्र का सहयोग भी चाहिए.

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