Battery level indicator circuit
Circuit detail -
इस पोस्ट में में आपको battery level indicator circuit को बनानेे के बारेे में बताऊंगा। बैटरी लेवल इंडिकेटर सर्किट वह सर्किट है जिसकी सहायता से किसी भी बैटरी का चार्जिंग की जानकारी या फिर उस बैटरी की लाइफ पता की जाती है बैटरी लेवल इंडिकेटर में प्रमुख रूप से 5 लेबल इंडिकेटर लाइट होते हैं जो हमको बैटरी की 5 स्तर पर वोल्टेज की जानकारी बताते हैं आज मैं आपको बैटरी लेवल इंडिकेटर को बनाना बताऊंगा इसको बनाना बहुत ही आसान है इसमें कुछ साधारण कंपोनेंट ही उपयोग
किए जाते हैं। सभी पांच led को क्रम से जमा लें इस प्रकार RED, YELLOW, YELLOW, BLUE, GREEN , तथा एक शेष जो RED LED हे बो यह बताता है कि बैटरी जुड़ चुकी हैं। तो अब देखते हैं कि इस सर्किट को कैसे बनाते हैं में एक बार फिर दोहराना चाहता हूँ कि हमारे इस ब्लॉग पर बनने वाले सभी सर्किट सामान्यतः 3 नियमों का पालन करते हैं जो नियम है -
(1) basic components
(2) easy circuit with testing video
(3) low cost
हमारे इस ब्लॉग पर बनने वाले सभी सर्किट इन नियमों का ध्यान में रखकर ही बनाए जाते हैं
Necessary components -
5 zenar diode
6 resistance 220 ohm
Circuit diagram
![]() |
ECCIRCUIT.COM |
Battery level indicator का सर्किट बनाने के लिए सबसे पहले सभी जेनर डायोड की N पिन को आपस में जोड़ दें । और इस को बैटरी के प्लस टर्मिनल से कनेक्ट कर दें अब सभी जेनर डायोड के प्लस (P) पिन पर एक-एक रजिस्टेंस जोड़ दें दें दें अब जेनर डायोड Z1 के साथ जुड़े हुए रजिस्टेंस से Indicators कितने होते है Indicators कितने होते है GREEN LED का प्लस पिन जोड़ दें और जेनर डायोड Z2 के साथ जुड़े हुए रजिस्टेंस के साथ BLUE LED का Plus पिन जोड़ दें और जेनर डायोड Z3 के साथ जुड़े हुए रजिस्टेंस से YELLOW LED का PLUS पिन जोड़ दें और जेनर डायोड Z4 के साथ जुड़े हुए रजिस्टेंस के साथ YELLOW LED का Plus पिन जोड़ दें । और जेनर डायोड Z5 के साथ जुड़े हुए RESISTANCE के साथ RED LED का PLUS पिन जोड़ दें अब सभी LED के अर्थ (-) पिन को आपस में Indicators कितने होते है जोड़ दें । ओर बैटरी के अर्थ (-) से जोड़ दें । अब शेष बचे एक RED LED के PLUS पिन में एक RESISTANCE जोड़कर इस पिन को बैटरी के PLUS (+) से जोड़ दें और LED के अर्थ (-) पिन को बैटरी के अर्थ से जोड़ दें । इस प्रकार आपका सर्किट बनकर तैयार हो चूका हैं बैटरी वही उपयोग करें जिसकी बैटरी लाइफ पता करनी हो या जो चार्ज हो रही हैं उसकी जानकारी प्राप्त करनी हो।
Note and tips -
उपयुक्त सर्किट में आप अपनी बैटरी के वोल्टेज के आधार पर जेनर डायोड चुने मैनें ऊपर एक तालिका प्रस्तुत की हे जिस से आप अपने जेनर डायोड के मान चुन सकते हैं।
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आय तो pls इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे सोशल मीडिया पर शेयर करे इस ब्लॉग को subscribe करें जिससे की हमारे हर न्यू पोस्ट की सुचना डायरेक्ट आपके पास इमेल का जरिये भेज दी जायगी धन्यबाद
I am working on new innovations, projects and ideas. which make our life easier and reliable. I like works that can take our current technology a step further.
किस प्रचुर खनिज की उपस्थिति से काली मृदा का रंग काला होता है ?
भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। इसमे नाइट्रोजन,पोटास,ह्यूमस की कमी होती है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में मैग्नेशियम,चूना,लौह तत्व तथा कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है। इस मिट्टी का काला रंग टिटेनीफेरस मैग्नेटाइड एंव जीवांश(Humus) की उपस्थिति के कारण होता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काली मिट्टी को चेरनोजम कहा गया है। चेरनोजम मिट्टी मुख्य रूप से काला सागर के उत्तर में यूक्रेन में तथा ग्रेट लेक्स के पश्चिम में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पाई जाती है।
You May Also Like
मुक्केबाजी खेल के खेल परिसर को किस नाम से जाना जाता है ?
योगी ने दी अधिकारियों को चेतावनी, तीन दिन से ज्यादा किसी फ़ाइल को रोकने पर होगी कार्यवाही
संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को भारत ने दिया अनूठा तोहफा |
नई पोस्ट
विश्व में कितने प्रकार के शासन होते है?
Types of Government ( सरकार के प्रकार ) लोकतंत्र(Democracy) एकात्मक शासन संघात्मक शासन संसदात्मक शासन प्रणाली अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली
स्टोकैस्टिक आरएसआई का उपयोग करते हुए मोमेन्टम ट्रेडिंग
यह इंडिकेटर अपनी वैल्यू तक पहुँचने के लिए आरएसआई वैल्यू पर स्टोक़ैस्टिक ओसिलेटर फोर्मूला लगाता है, यह गणना खुद प्राइज़ की जगह प्राइज़ के इंडिकेटर पर आधारित है, इसे प्राइज़ का दूसरा डेरिवेटिव या इंडिकेटर का इंडिकेटर कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि स्टोक आरएसआई बनने के लिए प्राइज़ दो बदलावों से गुज़री है। प्राइज़ को आरएसआई में कन्वर्ट करना एक बदलाव है। आरएसआई को स्टोक़ैस्टिक ओसिलेटर में बदलना दूसरा बदलाव है।
परिणामित इंडिकेटर आरएसआई की तरह ही 0 और 100 के बीच झूलती है। पहले वैल्यू 0 और 1 के बीच थी लेकिन अधिकतर आधुनिक तक्निकी विश्लेषण इसे स्पष्टीकरण की सुविधा के लिए इसे 0 और 100 में कन्वर्ट करते हैं।
यह इंडिकेटर तुषार चंदे और स्टेनली क्रॉल ने बनाया था और 1994 में इसे अपनी पुस्तक “द न्यू टेक्निकल ट्रेडर” में इसका परिचय दिया। चंदे और क्रॉल ने समझाया कि बिना छोर तक पहुंचे, आरएसआई की लंबे समय तक 80 और 20 के बीच झूलने की प्रकृति होती है।इसीलिए आरएसआई में ओवर बॉट और ओवर सोल्ड आरएसआई रीडिंग के आधार पर किसी स्टॉक में प्रवेश करने की इच्छा रखनेवाले ट्रेडर्स बिना किसी ट्रेड सिग्नल के खुद को साइड लाइंस में पा सकते हैं। दूसरी तरफ स्टोक आरएसआई, आरएसआई की संवेदनशीलता बढ़ा कर अधिक ओवर बॉट/ओवर सोल्ड सिगनल्स उत्पन्न करता है।
स्टोकैस्टिक आर.एस.आई. के चार परिवर्ती कारक हैं :-
1. आर.एस.आई. अवधि : स्टोकैस्टिक गणना में उपयोग की जाने वाली आर.एस.आई. अवधियों की संख्या। (डिफ़ॉल्ट : 14)
2. स्टोकैस्टिक अवधि : यह स्टोकैस्टिक गणना में उपयोग किए जाने वाले समय की संख्या है। (डिफ़ॉल्ट : 14)
3. %K अवधि : यह मान एक सरल गतिशील औसत के साथ स्टोकैस्टिक अवधि को निर्बाध बनाता है। एक (1) का मान स्टोकैस्टिक अवधि को बनाए रखता है। (डिफ़ॉल्ट : 3)Indicators कितने होते है
4. %D अवधि : %K का एक गतिशील औसत (डिफ़ॉल्ट : 3)
अभी डाउनलोड करें - https://apple.co/2SRSFnz
इंटरप्रिटेशन
स्टोक आरएसआई में अधिकतर बाउंड मोमेंटम ऑसिलेटर के गुण होते हैं।
पहला, इसका उपयोग ओवर बॉट और ओवर सोल्ड स्थितियों की पहचान करने में होता है। 80 से ऊपर की चाल को ओवर बॉट माना जाता है और 20 से नीचे की चाल को ओवर सोल्ड। जब बड़ा ट्रेंड ऊपर हो तब ओवर सोल्ड स्थिति को देखना महत्वपूर्ण होता है है और जब बड़ा ट्रेंड नीचे हो तो ओवर सोल्ड स्थिति को Indicators कितने होते है देखना। दूसरे शब्दों में, बड़े ट्रेंड की दिशा में ट्रेंड्स देखें क्योंकि, स्टोक़ैस्टिक आरएसआई एक शॉर्ट टर्म इंडिकेटर है।
दूसरा, इसका उपयोग शॉर्ट टर्म ट्रेंड्स की पहचान करने के लिए किया जाता है। एक बाउंड ओसिलेटर के रूप मे मध्य रेखा 50 पर है। स्टोक आरएसआई जब लगातार 50 से ऊपर होता है तो अप ट्रेंड दर्शाता है और जब लगातार 50 से नीचे होता है तो डाउन ट्रेंड।
ट्रेंड्स और रिवर्सल्स का सिग्नल देनेवाले एक प्रमुख इंडिकेटर के रूप में आप इस ओसिलेटर के साथ क़ॉन्वर्जेंसेस और डाइवर्जेंसेस भी देख सकते हैं।
केस स्टडी
कोई भी रिलायंस के डेली चार्ट का अध्ययन यह देखने के लिए कर सकता है कि कैसे बढ़िया ट्रेडिंग के अवसर देने के बाद यह स्टोक़ैस्टिक ओसिलेटर कैसे ओवर बॉट और ओवर सोल्ड स्थितियों से बचाता है।
कंक्लूजन
स्टोक आरएसआई स्टीरॉइड्स पर आरएसआई की तरह है। आरएसआई अपेक्षाकृत कम सिग्नल उत्पन्न करता है और स्टोक आरएसआई नाटकीय रूप से सिगनल्स की संख्या बढ़ाता है। यहाँ ज़्यादा ओवर बॉट/ओवर सोल्ड रीडिंग्स, ज़्यादा मध्य रेखा कटाव,ज़्यादा अच्छे सिग्नल और ज़्यादा बुरे सिगनल्स होंगे। स्पीड की कीमत होती है। इसका मतलब यह है कि पुष्टि के लिए तकनीकी विश्लेषण के अन्य पहलुओं के साथ स्टोक आरएसआई का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
ऊपर दिए गए उदाहरण गैप, सपोर्ट/रेजिस्टेंस ब्रेकेएस और प्राइज़ पैटर्न का उपयोग करके स्टोक आरएसआई सिगनल्स की पुष्टि करते हैं। चार्टिस्ट ऑन बैलेंस वॉल्यूम (ओबीवी) या अक्युमुलेशन डिस्ट्रीब्यूशन लाइन जैसेपूरक इंडिकेटर्स का भी उपयोग कर सकते हैं। ये वॉल्यूम- आधारित इंडिकेटर्स, मोमेंटम ऑसिलेटर्स के साथ ओवरलैप नहीं होते हैं। चार्टिस्ट को विभिन्न सेटिंग्स के साथ प्रयोग करना चाहिए और वास्तविक दुनिया में उपयोग करने से पहले स्टोक आरएसआई की बारीकियों को सीखना चाहिए।
Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.
Arshad Fahoum
Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.
सूचक कितने प्रकार के होते हैं? Soochak Kitne Prakar Ke Hote Hai?
Please log in or register to add a comment.
Please log in or register to answer this question.
1 Answer
Please log in or register to add a comment.
Popular Questions
Hindi Mind is an Online Hindi Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Board Exams Like BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Competitive Exams. If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]
Which is used as an Air pollution indicator? / वायु प्रदूषण संकेतक के रूप में किसका उपयोग किया जाता है?
Lichens are used as air pollution indicators, especially of the concentration of sulfur dioxide in the atmosphere. If air is very badly polluted with sulphur dioxide there may be no lichens present, just green algae may be found. If the air is clean, shrubby, hairy and leafy lichens become abundant.
Lichens are plants that grow in exposed places such as rocks or tree bark. Rainwater having air pollutants especially sulfur dioxide, can damage lichens and prevent them from growing. This makes lichens natural indicators of air pollution.
लाइकेन का उपयोग वायु प्रदूषण संकेतक के रूप में किया जाता है, विशेष रूप से वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड की सांद्रता के लिए। यदि हवा सल्फर डाइऑक्साइड से बहुत बुरी तरह प्रदूषित है तो वहां कोई लाइकेन मौजूद नहीं हो सकता है, केवल हरी शैवाल मिल सकती है। यदि हवा साफ है, तो झाड़ीदार, बालों वाले और पत्तेदार लाइकेन प्रचुर मात्रा में हो जाते हैं।
लाइकेन ऐसे पौधे हैं जो खुले स्थानों जैसे चट्टानों या पेड़ की छाल में उगते हैं। वर्षा जल में वायु प्रदूषक विशेष रूप से सल्फर डाइऑक्साइड होते हैं, जो लाइकेन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उन्हें बढ़ने से रोक सकते हैं। यह लाइकेन को वायु प्रदूषण का प्राकृतिक संकेतक बनाता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 492