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Kisan Diwas 2022: चौधरी चरण सिंह की जयंती आज, जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

Kisan Diwas 2022: चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस (kisan divas) के रूप में मनाया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह किसानों के हमदर्द थे। भारत सरकार ने साल 2001 में उनके जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया

Kisan Diwas 2022: भारत के पाचंवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का आज यानी 23 दिसंबर को जन्मदिन है। वैसे तो 23 दिसंबर के दिन देश और दुनिया में तमाम घटनाएं हुई थीं। लेकिन इस दिन का महत्व देश के पांचवें प्रधानमंत्री के जयंती होने के कारण कुछ अलग ही है। चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस (kisan divas) के रूप में मनाया जाता है। इसे राष्ट्रीय किसान निवेश नीतियों का महत्व दिवस भी कहा जाता है। किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए चरण सिंह जी नें कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने साल 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह किसानों के हमदर्द थे। चौधरी चरण सिंह ने अपना पूरा जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में ही जिया। आज के दिन देशवासियों को किसान दिवस के तौर पर मनाने का मकसद यह याद दिलाना है कि किसान देश का अन्नदाता है और किसान की हर परेशानी को दूर करने का काम भारत के लोगों का है।

International Minorities Rights Day: जानें अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है ?

सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 18 दिसंबर 1992 को अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने की घोषणा की थी. उसी समय से इसे मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना है.

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  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2022,
  • (Updated 18 दिसंबर 2022, 11:28 AM IST)

सयुंक्त राष्ट्र संघ ने 18 दिसंबर 1992 को अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाने की घोषणा की थी

भारत में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान रखता है

अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसंबर 1992 से हर साल मनाया जाता है. सयुंक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाने की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, उनकी भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि की सुरक्षा को सुनिश्चित कराना है.

भारत में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर ध्यान रखता है. वह ध्यान रखता है कि अल्पसंख्यकों को अच्छी शिक्षा मिले. आर्थिक सशक्तिकरण हो और हर क्षेत्र में समान अवसर मिले. वह अल्पसंख्यक समुदाय के हितों के लिए समग्र नीति के निर्माण, समन्यव, मूल्यांकन तथा नियामक विकास कार्यक्रमों की समीक्षा भी करता है. मंत्रालय के लक्ष्य में अल्पसंख्यकों का विकास करना शामिल है.

1978 में अल्पसंख्यक आयोग का किया गया गठन
भारत सरकार ने अल्पसंख्यक अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 1978 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया था. इसे बाद में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम-1992 के तहत कानून के रूप में पारित किया गया.राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को 2006 में यूपीए सरकार ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन कर दिय. इसे वे सारे संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, जो दीवानी अदालतों को हैं. भारत के कई अन्य राज्यों में राज्य अल्पसंख्यक आयोग भी है.

संवैधानिक प्रावधान
भारतीय संविधान में अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है. हालांकि संविधान धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों को मान्यता देता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29, 30, 350A तथा 350B में अल्पसंख्यक शब्द का प्रयोग किया गया है लेकिन इसकी परिभाषा कहीं नहीं दी गई है. अनुच्छेद 29 में कहा गया है कि भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी के किसी अनुभाग, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है को बनाए रखने का अधिकार होगा. अनुच्छेद 30 में बताया गया है कि धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा, संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा. मूल रूप से भारत के संविधान में भाषायी अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी के संबंध में कोई प्रावधान नहीं किया गया था. इसे 7वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1956 द्वारा संविधान में अनुच्छेद 350 B के रूप में जोड़ा गया.

हिंदी करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी : 23 दिसम्बर, 2022

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के तहत राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) ने ‘AI पे चर्चा’ (AI Dialogue) का आयोजन किया। पैनलिस्टों ने AI के लिए गुणवत्तापूर्ण डेटासेट तक पहुंच को सक्षम करने के महत्व और दृष्टिकोणों पर चर्चा की। 2020 में MeitY द्वारा आयोजित भारत के पहले वैश्विक AI शिखर सम्मेलन, Responsible AI for Social Empowerment (RAISE) के एक भाग के रूप में ‘AI पे चर्चा’ श्रृंखला की शुरुआत की गई है।

2. किस केंद्रीय मंत्रालय ने कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) और इंडिया पोस्ट के माध्यम से Government e-Marketplace (GeM) सेवाएं लॉन्च की?

उत्तर – वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) और इंडिया पोस्ट, डाक विभाग के माध्यम से सरकारी ई-मार्केटप्लेस सेवाओं (GeM) की शुरुआत की। मंत्री ने गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस सेलर संवाद बुकलेट भी लॉन्च की।

3. Rock-cut Sculptures and Reliefs of the Unakoti, जिन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया था, किस राज्य में हैं?

गुजरात के दो विरासत स्थलों – मोढेरा में सूर्य मंदिर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर वडनगर, को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में जोड़ा गया। रॉक-कट मूर्तियां और उनाकोटी, त्रिपुरा भी अस्थायी सूची में जोड़ दी गईं है।

4. किस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने हाल ही में अपने पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया है?

असम कैबिनेट ने निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए राज्य में पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस मंज़ूरी से राज्य में रेस्तरां, कैफेटेरिया, हेल्थ क्लब, स्पा और वेलनेस सेंटर इत्यादि औद्योगिक नीति के तहत प्रोत्साहन के पात्र हैं।

5. नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (New Delhi International Arbitration Centre) के प्रमुख के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?

उत्तर – हेमंत गुप्ता

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हेमंत गुप्ता को नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (NDIAC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया निवेश नीतियों का महत्व है। NDIAC को संस्थागत मध्यस्थता के लिए एक स्वतंत्र और स्वायत्त शासन बनाने के लिए स्थापित किया गया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता को NDIAC अध्यक्ष और गणेश चंद्रू और अनंत विजय पल्ली को इसके अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी।

उपर्युक्त दैनिक प्रश्नोत्तरी में 5 प्रश्न प्रकाशित किए जाते हैं। यह प्रश्नोत्तरी, GKToday के Android App पर प्रकाशित 20 प्रश्नो की दैनिक प्रश्नोत्तरी - 2021-22 का भाग है। यह दैनिक 20 प्रश्नो की प्रश्नोत्तरी हमारे Android App पर पूरे वर्ष - 2021-22 के लिए मात्र 750 रुपये के शुल्क पर प्राप्त की जा सकती है।

Garuda Purana: मौत से पहले व्यक्ति को मिलते हैं ये 5 संकेत, शरीर में होते हैं ये बदलाव

Death Signs in Garuda Purana: गरुड़ पुराण में मौत से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में बताया गया है जो मौत का संकेत देती हैं. मृत्यु जब नजदीक होती है तो मरने वाले व्यक्ति को संकेत मिलने लगते हैं.

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Garuda Purana: मौत से पहले व्यक्ति को मिलते हैं ये 5 संकेत, शरीर में होते हैं ये बदलाव

Signs Of Death In Garuda Purana: हिंदू धर्म के सभी 18 पुराणों में गरुड़ पुराण का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है. ये विष्णु पुराण का ही एक हिस्सा है जिसके भगवान विष्णु ही देव माने गए हैं. इसे मृत्यु के बाद ही पढ़ना सही माना जाता है. इस पुराण में मौत के बाद की कहानियां और रहस्यों की जानकारी दी गई है. ये बताता कि है कि मौत के बाद आत्मा के साथ क्या होता है. पापों की सजा कैसे तय होती है. इस पुराण में पाप, पुण्य, स्वर्ग, नरक, नीति, नियम, धर्म और अधर्म की बातें शामिल हैं.

गरुड़ पुराण के मुताबिक लोग जो कर्म करते हैं उसका बुरा या अच्छा फल उन्हें इसी जीवन में भुगतना पड़ता है वहीं कुछ फल मृत्यु के बाद भी भोगने पड़ते हैं. इस पुराण में मौत से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में बताया गया है जो मौत का संकेत देती हैं. गरुड़ पुराण के मुताबिक मृत्यु जब नजदीक होती है तो मरने वाले व्यक्ति को संकेत मिलने लगते हैं. आइए जानते हैं उन संकेतों के बारे में.

- गरुड़ पुराण के मुताबिक जब किसी की मौत नजदीक होती है तो उसे अपनी नाक दिखनी बंद हो जाती है. वो लाख कोशिश कर ले लेकिन उसे अपनी नाक नहीं दिखाई देती.

- गरुड़ पुराण के मुताबिक मौत के नजदीक होने पर व्यक्ति की परछाई भी उसका साथ छोड़ देती है. उसे पानी या तेल में अपनी परछाई नजर नहीं आती.

- मौत से ठीक पहले मरने वाले व्यक्ति को सपने में अजीब चीजें दिखने लगती हैं. उसे बुझा हुआ दीपक निवेश नीतियों का महत्व दिखने लगता है. गरुड़ पुराण के मुताबिक ये मृत्यु के संकेत माने जाते हैं.

- मृत्यु से पहले हाथों की रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं. हल्की पड़ जाती हैं. गरुड़ पुराण के मुताबिक, कुछ लोगों को अपनी हाथों की रेखाएं बिलकुल भी नजर नहीं आती.

- मौत से पहले व्यक्ति को एक अलग प्रकार का अहसास होने लगता है, जैसे उसे लगने लगता है कि उसके आसपास कुछ आत्माएं मंडरा रही हैं. गरुड़ पुराण के मुताबिक ये उसके पूर्वजों की आत्माएं निवेश नीतियों का महत्व होती हैं. इन्हें इस बात की खुशी होती है कि उनका कोई अपना अब उनके पास जाने वाला है.

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UPGIS-2023 मंत्री नन्दी ने CM योगी को सौंपी 3 देशों के दौरे की रिपोर्ट, जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन के दौरे में प्राप्त हुए 77,140 करोड़ के प्रस्ताव

लखनऊ: देश का ग्रोथ इंजन बन रहे उत्तर प्रदेश में फरवरी 2023 में आयोजित होने जा रहे यूपी ग्लोबल इनवेस्टर समिट 2023 (Uttar Pradesh Global Investors Summit-2023) में विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) को आमंत्रित करने के लिए तीन देशों का दौरा कर लौटने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी (Minister Nand Gopal Gupta Nandi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से उनके सरकारी आवास 5 कालीदास मार्ग पर मुलाकात कर उन्हें दौरे की रिपोर्ट सौंपी। मंत्री नन्दी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर यूरोप के तीन प्रमुख देशों जर्मनी, बेल्जियम, स्वीडन के भ्रमण व प्रस्तावित निवेश की विस्तृत रिपोर्ट को सौंपा। मंत्री नन्दी ने मुख्यमंत्री को बताया कि तीन देशों के नौ दिवसीय दौरे में करीब 77,140 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

टार्गेटेड कम्पनियों के मुख्यालयों व निर्माण इकाइयों का भ्रमण, शीर्ष उद्यमियों व प्रवासी भारतीयों के साथ बैठक के बारे में माननीय मुख्यमंत्री जी को विस्तार से अवगत कराया। मुख्यमंत्री जी दौरे की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि तीनों देशों की प्रतिष्ठित कम्पनियों द्वारा डिफेंस, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस, वेस्ट मैनेजमेंट, टेक्सटाइल्स जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर्स में लगभग रुपये 77 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। यूपी जीआईएस 2023 प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति को नया आयाम देगा। यह आयोजन संकल्प से सिद्धि और सिद्धि से समृद्धि का महोत्सव साबित होगा।

उत्तर प्रदेश नए भारत का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा

मंत्री नन्दी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नए भारत का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। विभिन्न रोड शो के दौरान वैश्विक निवेशकों और उद्यमियों के बीच प्रदेश में निवेश और उद्योग लगाने को लेकर उत्साह स्पष्ट दिखाई दिया। यूपी जीआईएस-2023 प्रदेश की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति को नया आयाम देगा। यह आयोजन संकल्प से सिद्धि और सिद्धि से समृद्धि का महोत्सव साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिनिधि मण्डल द्वारा भ्रमण से पूर्व की कार्ययोजना, प्रभावी रणनीति और प्राप्त सकारात्मक परिणामों की सराहना की।

यूपीजीआईएस 2023 के लक्ष्यों को रेखांकित किया

मंत्री नन्दी ने कहा कि भ्रमण से पूर्व व्यापक रूप से कार्य योजना तय की गई। जिसमें आपके द्वारा गठित प्रतिनिधिमंडल में हमारे साथ लोक निर्माण मंत्री जीतिन प्रसाद और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नवनीत सहगल, सैंथिल पाण्डियन और प्रांजल यादव सम्मिलित थे। तीन देशों के दौरे के पूर्व हमने सम्बंधित देशों के दूतावासों के सक्षम अधिकारियों के साथ ही सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ वीडियोकॉल के माध्यम से बैठक कर भ्रमण के निवेश नीतियों का महत्व उद्देश्यों पर विस्तृत चर्चा की। टार्गेट कम्पनीज, निवेशकों के कार्यालयों और फैक्ट्री के भ्रमण का कार्यक्रम तैयार किया। प्रदेष सरकार की सेक्टर वाइस औद्योगिक नीतियों से उन्हें अवगत कराया और रोड शो के महत्व और यूपीजीआईएस 2023 के लक्ष्यों को रेखांकित किया।

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