निर्यात में एक सीमा शुल्क ब्रोकर क्या है?
जबकि आपके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार बेचने की संभावना आकर्षक है, माल की सोर्सिंग और परिवहन, सीमा शुल्क निकासी और पार्सल का वितरण / वितरण एक बोझिल प्रक्रिया है। इसके ऊपर, आपके द्वारा भेजे जाने वाले प्रत्येक देश के पास अपने सीमा शुल्क नियमों का अपना सेट होता है, और दलाल कौन बन सकता है उनके लूप में होना वैश्विक व्यवसायों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि ये नियम हर दूसरे दिन बदलते रहते हैं।
यह वह जगह है जहाँ सीमा शुल्क ब्रोकरेज या एक सीमा शुल्क दलाल खेल में आता है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर कौन है?
सीमा शुल्क ब्रोकरेज, या अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क में एक सीमा शुल्क दलाल, एक तृतीय पक्ष कंपनी है जो गंतव्य देश के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा नियमों द्वारा आगे रखी गई सभी सीमा शुल्क आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यवसायों के साथ समन्वय करती है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर के प्रमुख कार्य क्या हैं?
निषिद्ध/प्रतिबंधित वस्तुओं पर परामर्श व्यवसाय
व्यवसायों के लिए एक कम ज्ञात तथ्य - दक्षिण अफ्रीका या मैक्सिको में खेल के जूते आयात करना, या अल्जीरिया देश में किसी भी दंत उत्पाद का आयात करना मना है। इसी तरह, हर देश की अपनी विशिष्ट निषिद्ध वस्तुओं की सूची होती है जो समय-समय पर अपडेट होती रहती है।
सरकारी मंजूरी पारित करना
किसी देश में आयात किए जा रहे माल के प्रकार के आधार पर, चर्चा में देश से विशेष सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होती है। एक सीमा शुल्क दलाल यहां सरकार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है और माल को सुरक्षित रूप से निर्दिष्ट सीमाओं में स्थानांतरित करता है।
दंड से बचना
कस्टम ब्रोकर शिपमेंट सूचनाओं और अनुपालन स्थिति के इलेक्ट्रॉनिक डेटा को साझा करने का कार्यभार भी संभालते हैं शिपिंग जब भी पूछताछ की जाती है, विवरण, जो बदले में आपके अंतरराष्ट्रीय आदेशों में गैर-अनुपालन दंड से बचने में मदद करता दलाल कौन बन सकता है है।
एक सीमा शुल्क ब्रोकर की अन्य सेवाएं
एक सीमा शुल्क दलाल निम्नलिखित आवश्यकताओं में एक वैश्विक व्यापार की भी मदद करता है:
- दूसरे देश से आयातित माल के शिपमेंट को साफ़ करना।
- शिपमेंट के लंबित कर्तव्यों और करों का संग्रह करना।
- सीमा शुल्क उद्देश्यों के लिए लेखांकन दस्तावेज तैयार करना।
- मुक्त व्यापार समझौते के विकल्पों पर विक्रेता से परामर्श करना।
सीमा शुल्क ब्रोकरेज में शामिल शुल्क क्या हैं?
एक कस्टम ब्रोकर आमतौर पर ब्रोकरेज शुल्क लेता है, जो आमतौर पर आयातित शिपमेंट के मूल्य का प्रतिशत होता है। सीमा शुल्क प्रविष्टि की जटिलता, आयातित माल के मूल्य और अनुपालन की सुगमता के आधार पर, आयातक और सीमा शुल्क दलाल दलाली के शुल्क पर परस्पर सहमत होते हैं।
कृपया ध्यान दें कि कंपनी और डिलीवरी के स्थान के आधार पर शुल्क भी भिन्न हो सकते हैं।
ब्रोकरेज शुल्क का भुगतान सीधे सीमा शुल्क दलाल को पहले ही कर दिया जाता है ताकि एजेंट दस्तावेज जमा करने और सीमा शुल्क शुल्क संसाधित करते समय होने वाली लागत को कवर कर सके। ब्रोकरेज को कई तरह से चार्ज किया जा सकता है -
- प्रति सेवा के लिए एक फ्लैट के रूप में
- सेवाओं के बंडल के लिए एक मूल्य के रूप में, या
- शिपमेंट मूल्य के प्रतिशत के रूप में।
निष्कर्ष: सीमा शुल्क ब्रोकर को काम पर रखना क्यों फायदेमंद है?
एक नए आयातक या निर्यातक के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिपिंग की खामियों को हमेशा नहीं जाना जाता है। गलत या अधूरे दस्तावेज़ीकरण के झंझट से बचने के लिए देरी करें सीमा शुल्क की हरी झण्डी साथ ही एक विदेशी देश में शिपिंग करते समय सभी प्रतिबंधों या प्रतिबंधों के अद्यतन में होना, एक सीमा शुल्क दलाल आपके पास सबसे अच्छी सहायता है। जबकि भारत में सीमा शुल्क दलालों को किराए पर लेने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है, आपके पास हमेशा देरी, गलत संचार और अधिक भुगतान शुल्क से बचकर माल भेजने में मदद करने के लिए एक हो सकता है।
आखिर कौन अपूर्व दलाल, जो भारत में ट्विटर के बने डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग
नई दिल्ली। ट्विटर ने मंगलवार को अपूर्व दलाल को भारत में इंजीनियरिंग के निदेशक के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म देश में अपनी इंजीनियरिंग टीम, एक प्राथमिकता बाजार और वैश्विक स्तर पर इसके सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। अपूर्व दलाल के पास उबर, गूगल और ई-बे जैसे वैश्विक संगठनों में फैले दो दशकों से अधिक का इंजीनियरिंग अनुभव हैं, जिन्होंने पिछली बार उबर बेंगलुरु के लिए इंजीनियरिंग साइट लीड के रूप में काम किया था।
भास्कर स्टिंग: परिवहन विभाग के सिस्टम में दलालों का ऐसा दखल, चालान जमा करवाए बिना बन रहा वाहनों का फिटनेस; दलाल बोला-किसी भी जिले में काम हो जाएगा
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद परिवहन विभाग में दलालों का दखल खत्म नहीं हो रहा है। परिवहन विभाग में दलालों का दखल खत्म करने के लिए सरकार ने पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर दिया। लेकिन दलालों ने इस सिस्टम में भी सेंध लगा ली है। इसमें विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है और बदले में उन्हें हर महीने मोटी कमाई हो रही है। खास बात ये है कि दलालों का नेटवर्क पूरे प्रदेश में फैला है।
ये दलाल बिना चालान कंपाउंड करवाए ही व्यावसायिक गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। ये सारा खेल बूंदी का एक दलाल बिल्लू कर रहा है। उसने बूंदी परिवहन विभाग के ऑफिस के पास ऑफिस बना रखा है। भास्कर टीम ने एक गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उससे संपर्क किया तो उसने कहा कि चिंता मत करो, कुछ देर के लिए चालान का लॉक खुलवा दूंगा और इस दौरान फिटनेस बन जाएगा।
उसने इस बात की भी गारंटी दी कि आप ऑनलाइन चेक कर लेना। सबकुछ एक नंबर में होगा। कोई चेक भी करेगा तो कोई दिक्कत नहीं है। उसने इसके बदले में 11500 रुपए मांगे। बिल्लू ने इस बात की भी गारंटी ली कि राजस्थान के किसी भी जिले की गाड़ी हो काम हो जाएगा। जबकि नियानुसार चालान की राशि जमा होने के बाद ही गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट बन सकता है।
दलाल ने कहा-ऑफिस में पैसे देते हैं, सारा काम एक नंबर में होगा, आप ऑनलाइन चेक कर लेना
भास्कर टीम इस गोरखधंधे की पड़ताल के लिए बूंदी के परिवहन कार्यालय पहुंची। यहां पर एक एजेंट बिल्लू का ऑफिस है। वो ऑफिस में नहीं मिला तो उसे फोन किया। कुछ समय बाद वो बूंदी बाइपास के पेट्रोल पंप पर आया। भास्कर टीम ने उससे बताया कि हमारी गाड़ी का चालान बनने के कारण कागज लॉक हैं और फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने का समय आ गया है।
बिल्लू ने कहा कि आप उसकी चिंता मत कराे और अपनी गाड़ी की आरसी मुझे दे दाे। मैं उसकाे चेक कर उसका फिटनेस करवा दूंगा। जब टीम ने बाेला कि आप किसी गाड़ी के नंबर बता दाे, जिसका फिटनेस पहले बन चुका हो, ताकि भरोसा हो जाए। बिल्लू ने आरजे 26 जीए 5097 नंबर बताया। भास्कर ने आरटीओ कार्यालय में चेक किया ताे 5 मार्च को गाड़ी का ओवरलोड का चालान बन रहा था।
चालान का नंबर 0702508 था। इस गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट 6 अप्रैल को जारी हुआ। वाहन के चालान की राशि इसके बाद जमा हुई। इसके बाद दलाल से एक और गाड़ी का नंबर पूछा, लेकिन उसने बताने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि आपका काम हो जाएगा।
बूंदी के दलाल बिल्लू और भास्कर टीम की बातचीत
Q. ट्रक का चालान बन रहा है और फिटनेस खत्म हो रही है। चालान कंपाउंड नहीं करवाया।
A. बिल्कुल हो जाएगा। इसमें कौन सी बड़ी बात है, अब तक सैकड़ों वाहनों के करवा चुका हूं।
Q. भाई फिटनेस तो ओरिजनल तरीके से होगी या वो भी दो नंबर से होगी?
A. आप बिल्कुल चिंता मत करो। आप तो ऑनलाइन देख लेना, आपकी फिटनेस चढ़ी हुई नजर आएगी।
Q. अरे ये लॉक कैसे खुलवा लेते हो आप लोग?
A. हम लोगों को आरटीओ में सेटिंग रखते है। दो चार हजार देते रहते हैं।
Q. किन-किन जिले के वाहनों की फिटनेस आप करवा देते हो?
A. आप तो आदेश करो किस जिले की करवानी है। सब जगह अपनी अच्छी सेटिंग है।
Q. ये फिटनेस का प्रमाण पत्र आप कहां से जारी करवाते हो?
A. हम लोग जयपुर, सीकर सहित अन्य जगहों से करवाते हैं।
Q. किस-किस तरह के चालान पर आप फिटनेस करवा देते हो?
A. ओवर लोड के जितने का भी चालान हो उन सब के लॉक खुलवा देता हूं।
Q. इस काम के कितने पैसे लगते हैं?
A. इस पूरे काम के 10 हजार रुपये लगेंगे और 1500 रुपय हम लोगों की मेहनत के है।
(इस पूरी बातचीत की वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग दैनिक भास्कर के पास उपलब्ध है।)
ऐसे समझें फिटनेस और चालान की गणित
परिवहन विभाग जब भी किसी वाहन का चालान बनाता है तो सॉफ्टवेयर में उस गाड़ी के सभी कागज को लॉक कर दिया जाता है। ऐसे में वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट दलाल कौन बन सकता है नहीं बन सकता है। लेकिन कुछ दलाल इस पूरी प्रक्रिया में सेंध लगाकर फिटनेस प्रमाण पत्र बनावा रहे हैं। जिससे विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है और दलाल चांदी कूट रहे हैं।
डीटीओ ही खोल सकता है लॉक
किसी भी वाहन के चालान के बाद सिर्फ डीटीओ ही लॉक खोल सकता है। कागज के लॉक खोलने से पहले सॉफ्टवेयर में पासवर्ड डालना होता है। इससे ये साफ है कि बिना विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के ये काम हो ही नहीं सकता। आरटीओ कुसुम राठौड़ ने भी माना कि लॉक खोलने और बंद करने की पावर सिर्फ डीटीओ के पास होती है।
परिवहन विभाग की चेकिंग प्रणाली पर सवाल
हाल ही में परिवहन विभाग के सभी निरीक्षकों को ऑनलाइन पोस मशीन उपलब्ध करवाई गई है। इसमें निरीक्षक जैसे ही किसी वाहन का नंबर डालता है,तो पूरी डिटेल निकल जाती है। ऐसे जो भी निरीक्षक सड़क पर वाहन को चेक कर रहे हैं, वे भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
क्या होता है फिटनेस प्रमाण पत्र
वाहन को सड़क पर चलने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, जो परिवहन विभाग की ओर से जारी किया जाता है। विभाग इस बात का प्रमाण पत्र देता है कि गाड़ी सभी मानकों पर खरी उतरती है।
चालान बनाने पर वाहन के सभी कागजाें काे लाॅक कर दिया जाता है। अगर लाॅक खाेलकर फिटनेस बनाकर फिर लॉक किया जा रहा है, ताे इसकी जांच करवाई जाएगी। इसमें दोषी कर्मचारी व दलाल के खिलाई एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।- कुसुम राठाैड़, आरटीओ
किसान नेताओं पर भड़के हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल, eNam Portal को लेकर कही ये बात
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसान नेताओं की तुलना व्यापारियों से की है. जेपी दलाल ने शुक्रवार को कहा कि किसान नेता व्यापारी और राजनीति करने वाले लोग हैं.
Published: September 23, 2022 1:29 PM IST
Haryana News: हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसान नेताओं की तुलना व्यापारियों से की है. जेपी दलाल ने शुक्रवार को कहा कि किसान नेता व्यापारी और राजनीति करने वाले लोग हैं. इन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए. किसान की भलाई से इनको कोई लेना देना नहीं है.ये नहीं चाहते कि किसान को सीधा पैसा मिलना चाहिए. जेपी दलाल शहजादपुर मे मक्का दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत करने के दौरान ये बातें कही. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री दलाल कौन बन सकता है नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि किसी भी चीज का पूरे भारत में कोई भी बोली लगाता है तो वह भाव किसान को मिलना चाहिए. इसलिए ई नेम पोर्टल बनाया गया है. इसमें देश की हजारों मंडियां जोड़ दी गई हैं. पूरे देश का व्यापारी उसकी बोली लगा सकता है
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जेपी दलाल ने कहा कि यहां के व्यापारी अपनी आढ़त लें, किसान को ज्यादा पैसा देने में अड़चन ना डालें.उन्होंने कहा कि व्यापारी यह क्यों कहते हैं कि ई नेम पोर्टल नहीं लागू करने देंगे. इसका मतलब यह है कि वह किसान का शोषण करना चाहते हैं, इसीलिए मंडियों में हड़ताल की गई है. उन्होंने कहा कि एक तरफ हड़ताल की बात की जा रही है दूसरी तरफ सड़कें जाम करने की बात की जा रही है. लेकिन किसान अब समझ चुका है यह राजनीति करने वाले लो लोग हैं कुर्सी के लिए इनको किसान की भलाई से कोई लेना देना नहीं है. हम किसान को सीधा पैसा देना चाहते हैं.
चंडीगढ़ में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होगी. 5 दिनों से हड़ताल कर रहे आढ़तियों को लेकर मंत्री ने कहा कि आढ़ती नहीं माने तो वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे. किसान पहले मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं तो MSP नहीं मिलेगा.
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