Diary/Calendar 2022

क्रॉस जोड़े पर व्यापार

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता योजना

  1. गो सेवक योजना
  2. मवेशी और भैंस प्रजनन के लिए राष्ट्रीय परियोजना.
  1. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन क्रॉस ब्रीड संकर गाय इकाई सामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  2. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच क्रॉस ब्रीड संकर गाय इकाई सामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  3. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाईअनुसूचित जनजाति वर्ग के हित ग्रहियों के लिए
  4. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाई सामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  5. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन क्रॉस ब्रीड संकरगाय इकाई सामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  6. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच क्रॉस ब्रीड संकरगाय इकाई अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  7. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाई अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  8. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाई अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  9. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन क्रॉस ब्रीड संकर गाय इकाईअनुसूचित जाति वर्ग के हित ग्रहियों के लिए
  10. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच क्रॉस ब्रीडसंकरगाय इकाई अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  11. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाई अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  12. बैंक ऋण एवं अनुदान पर पाँच ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाईअनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  13. अनुदान पर १०+१ क्रॉस जोड़े पर व्यापार बकरी इकाई का प्रदाय अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  14. बैंक ऋण एवं अनुदान पर तीन ग्रेडेड मुर्रा भैंस इकाईसामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  15. अनुदान पर १०+१ बकरी इकाई का प्रदाय अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  16. अनुदान पर १०+१ बकरी इकाई का प्रदाय सामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  17. अनुदान पर २०+२ बकरी इकाई का प्रदाय अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  18. अनुदान पर २०+२ बकरी इकाई का प्रदायअनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  19. अनुदान पर २०+२ बकरी इकाई का प्रदायसामान्य वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  20. अनुदान के आधार पर नर बाकरों का प्रदाय अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  21. अनुदान के आधार पर नर सूकर प्रदायअनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  22. अनुदान के आधार पर सूकर त्रयी का प्रदायअनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्रहियों के लिए
  23. विशेष पशु प्रजनन कार्यक्रम लघु सीमांत व भूमिहीन कृषक
इस विभाग के अंतर्गत संस्थान और संगठन
  • पशुधन और कुक्कुट विकास निगम
  • मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी महासंघ लिमिटेड
  • सूचना का अधिकार

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Diary/Calendar 2022

Diary/Calendar 2022

[YS Exclusive] स्कूल में सीखी क्रॉस स्टीचिंग ने बना दिया जगत ‘चाची’; 50 की उम्र में शुरू किया स्मॉल बिजनेस

[YS Exclusive] स्कूल में सीखी क्रॉस स्टीचिंग ने बना दिया जगत ‘चाची’; 50 की उम्र में शुरू किया स्मॉल बिजनेस

देहरादून की रहने वाली 56 वर्षीय हेमलता पाल Chachi Cross Stitch की फाउंडर हैं, जोकि हैंडीक्राफ्ट्स का स्मॉल बिजनेस हैं। हेमलता ने अपने स्कूल के दिनों में क्रॉस स्टीचिंग सीखी थी लेकिन बाद में 50 की उम्र में इसे नए आयाम देते हुए बिजनेस का रूप दिया।

'उम्र महज एक नंबर है' ये बात हमने अक्सर सुनी है, लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली हेमलता पाल उर्फ 'चाची' ने इसे सही साबित कर दिया है। उन्होंने 50 की क्रॉस जोड़े पर व्यापार उम्र पार करने के बाद हैंडीक्राफ्ट्स का स्मॉल बिजनेस शुरू किया। वे Chachi Cross Stitch की फाउंडर और क्रिएटर हैं।

क्रॉस स्टीचिंग धागे की कढ़ाई (embroidery) का एक रूप है जो सदियों से चली आ रही है, और इसे बहुत ही मेहनत और बारीकी के साथ किया जाता है। क्रॉस स्टिच में एक्स-आकार के टांके शामिल होते हैं जो कपड़े पर समान और खुली बुनाई जैसे ऐडा या लिनन के साथ किए जाते हैं। डिजाइन पारंपरिक या आधुनिक हो सकते हैं।

Chachi Cross Stitch

हेमलता पाल ने अपने बिजनेस वेंचर Chachi Cross Stitch की शुरूआत के बारे में YourStory के साथ बातचीत में बताया, "मैंने अपने स्कूल के दिनों में क्रॉस स्टीचिंग सीखी थी और मुझे इस आर्ट से बेहद लगाव था। मुझे क्रॉस स्टीचिंग को लेकर जुनून था। लेकिन फिर बड़े होने पर शादी के बाद घर की जिम्मेदारियां निभाने और बेटी के लालन-पोषण में स्टीचिंग पीछे छूट गई।"

Chachi Cross Stitch Products

Chachi Cross Stitch के प्रॉडक्ट्स

उन्होंने आगे कहा, "इन सब के बावजूद मेरा क्रॉस स्टीचिंग के प्रति जुनून कभी कम नहीं हुआ। दो साल पहले लॉकडाउन के दिनों में जब मैं घर की सफाई कर रही थी तब मेरी भतीजी कीमी ने मेरे द्वारा क्रॉस स्टीचिंग से बनाया हुए लॉयन (शेर) देखा। फिर उन्होंने कहा कि 'चाची' आपने बहुत क्रॉस जोड़े पर व्यापार ही सुंदर और प्यारा लॉयन बनाया है। आप इसे (क्रॉस स्टीचिंग को) फिर से शुरू क्यों नहीं करती?"

फिर हेमलता को उनकी बेटी (वर्तमान में अमेरिका में रह रही है) और उनके पति, जोकि एक रिटायर्ड बैंकर हैं, ने उन्हें फिर से क्रॉस स्टीचिंग शुरू करने के लिए प्रेरित किया और उन्हें समर्थन दिया। उनकी भतीजी ने Instagram पर उनका अकाउंट बनाकर आर्टवर्क की तस्वीरें अपलोड की।

बहुत जल्द ही उन्हें लोगों से ऑर्डर मिलने शुरू हो गए और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी भतीजी अपनी चाची के साथ मिलकर प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग में भी हाथ बटाती है।

हेमलता पाल 'चाची' अपने प्रोडक्ट्स को InstaMojo के जरिए ऑनलाइन बेच रही है। उनके प्रोडक्ट्स की रेंज 150 रुपये से शुरू होकर 800 रुपये तक होती है, जोकि काफी किफायती है।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी 'चाची' द्वारा बनाए गए क्रॉस स्टीच हैंडीक्राफ्ट्स की सराहना की है।

Chachi Cross Stitch

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी 'चाची' द्वारा बनाए गए क्रॉस स्टीच हैंडीक्राफ्ट्स की सराहना की है।

बेहद सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बिजनेस चलाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की जरुरत होती है, जो चाची अपनी क्रॉस स्टीचिंग के जरिए बखूबी दिखाती है। वह हर चुनौती को एक नई सीख के रूप में देखती है।

'चाची' की चिट्ठी

हेमलता बताती है कि क्रॉस स्टीचिंग बेहद सफाई, बारीकी और मेहनत से किया जाने वाला काम है। वे पारंपरिक और आधुनिक, दोनों तरह के डिजाइन करके प्रोडक्ट्स बनाती है। प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग के साथ वे अपने कस्टमर्स के लिए अपने हाथों क्रॉस जोड़े पर व्यापार से लिखी हुई खास चिट्ठी भी भेजती है।

चाची बताती है, "मैं अपने कस्टमर्स के साथ प्यार बांटना चाहती हूँ। कस्टमर्स जब भी अपने प्रोडक्ट्स के साथ उन्हें मिली चिट्ठी पढ़ते हैं तब उन्हें खास तरह की खुशी मिलती है और उस अनुभव को वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए हमारे साथ साझा करते हैं। और ये बात मुझे सबसे ज्यादा प्रेरणा देती है। इससे मुझे आत्म-संतुष्टि का एहसास होता है। मैं रुपये कमाने से ज्यादा प्यार बांटने और प्यार पाने में विश्वास रखती हूँ, जिससे मेरे कस्टमर्स और मुझे, दोनों को ही खास जुड़ाव महसूस होता है। मेरे सभी कस्टमर्स के साथ मेरा स्नेह का रिश्ता है।"

आज चाची सभी आंत्रप्रेन्योर्स के लिए अपने जुनून को पूरा करने, धैर्य और अपनी रुची में महारत हासिल करने की सीख देती है।

‘प्रॉडक्ट क्रॉस सेलिंग पर कर्मचारियों को इंसेंटिव न दें सरकारी बैंक’

फाइनेंस मिनिस्ट्री का निर्देश, फी इनकम के मोर्चे पर प्राइवेट से पिछड़ सकते हैं सरकारी बैंक- बैंक अभी थर्ड पार्टी सेल्स पर टारगेट पूरे करने के लिए .

[ शिल्पी सिन्हा | मुंबई ]

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे प्रॉडक्ट्स की क्रॉस जोड़े पर व्यापार क्रॉस सेलिंग के लिए कर्मचारियों को कमीशन न दें। सरकार ने कहा है कि यह कमीशन बैंक को दिया जाना चाहिए और यह उसकी इनकम के रूप में दर्ज होगा। इस सरकारी निर्देश से एसबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंक प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के मुकाबले नुकसान की स्थिति में चले जाएंगे। कमीशन न देने पर कर्मचारी हतोत्साहित होंगे। बैंक अभी थर्ड पार्टी सेल्स पर टारगेट पूरे करने के लिए कर्मचारियों को कैश इंसेंटिव्स और रिवॉर्ड्स देते हैं।

एसबीआई के चेयरमैन और सभी सरकारी बैंकों के एमडी और सीईओ को भेजे गए लेटर में वित्तीय सेवा विभाग ने कहा कि सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने उसे सुझाव दिया है कि बैंकों के अपने कामकाज के जरिए क्रॉस सेलिंग के नतीजों की जांच की जाए और ऐसी गाइडलाइंस बनाई जाएं जिनसे बीमा कंपनियों और दूसरों के प्रॉडक्ट्स की क्रॉस सेलिंग करने की कुछ बैंकों की गलत नीति पर रोक लगाई जा सके।

बैंकों के प्रमुखों को फाइनेंस मिनिस्ट्री से भेजे गए लेटर में कहा गया, 'क्रॉस सेलिंग बिजनेस पर कमीशन बैंक कर्मचारियों को नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि वे पूर्णकालिक कर्मचारी हैं और उनका वेतन पहले से तय होता है। इस बिजनेस पर कमीशन का भुगतान बैंक को ही होना चाहिए और यह उसकी आमदनी होनी चाहिए।'

एसेट्स के एक चौथाई मार्केट शेयर के साथ सबसे बड़े बैंक की फी इनकम पिछले फाइनेंशियल ईयर में 10.51 प्रतिशत बढ़ी, वहीं क्रॉस सेलिंग इनकम में 78.33 प्रतिशत इजाफा हुआ। एसबीआई दरअसल एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई म्यूचुअल फंड, एसबीआई जनरल, एसबीआई कार्ड्स, एसएसएल और एनपीएस के प्रॉडक्ट्स क्रॉस सेल करता है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में उसने 1631 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ओ पी भट्ट के चेयरमैन रहने के दौरान इसने बैंकिंग के सैंडी वील मॉडल से प्रेरित होकर ज्यादा फी इनकम के लिए यह रास्ता पकड़ा था।

घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'बैंक यूनियनें इस बात की शिकायत करती रही हैं कि बैंक कर्मचारी लोन रिकवरी पर फोकस करने के बजाय इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड प्रॉडक्ट्स की क्रॉस सेलिंग कर रहे हैं।'

इससे पहले बैंकों पर इंश्योरेंस प्रॉडक्ट्स की मिस-सेलिंग का आरोप लग चुका है। अधिकतर बैंक प्रमोटेड इंश्योरेंस कंपनियों की सेल्स में करीब 50 प्रतिशत योगदान बैंकएश्योरेंस चैनल का है। थर्ड पार्टी प्रॉडक्ट्स, खासतौर से बीमा उत्पादों के डिस्ट्रीब्यूशन में प्राइवेट सेक्टर के बैंकों का दबदबा है।

पब्लिक सेक्टर प्रमोटेड इंश्योरेंस कंपनी के एक एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'इस निर्देश से फी इनकम के मामले में सरकारी बैंक नुकसान की हालत में होंगे। प्राइवेट बैंक अपने कर्मचारियों को ज्यादा इंसेंटिव्स देते हैं। अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए वे ऐसा पेमेंट जारी रखेंगे।'

बहुत कम लोगों के हाथ में होता है ये क्रॉस 'X', जबरदस्त है किस्मत कनेक्शन

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भोपाल। हथेली पर बनी रेखाओं को कुछ लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं तो कई लोग इन्हें अपनी किस्मत से जोड़कर देखते हैं। आपको बता दें कि हस्तरेखा विज्ञान के माध्यम से लोगों के भविष्य और उनके स्वभाव के बारे में पता लगाया जाता रहा है। आज आपको हस्तरेखा से जुड़े ऐसे संयोग के बारे में बताएंगे जो दुनिया भर में महज 3 फीसद लोगों में ही देखने को मिलता है। दोनों हाथों की हथेलियों में अंग्रेजी के अक्षर x का निशान दुनिया भर में महज 3 फीसद लोगों के हाथ में होता है। मॉस्को की एसटीआई यूनिवर्सिटी में छपे एक शोधात्मक लेख में इस संयोग के बारे में बताया गया है। इसमें दुनिया के भर के करोड़ों लोगों से बात करने और उनकी हस्तरेखाओं का अध्ययन करने के बाद यह बात लिखी गई है।

B2B क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स स्टार्टअप Geniemode को मिला लगभग ₹52 करोड़ का निवेश

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दिलचस्प ये है कि सिर्फ़ चार महीनें पहले ही Geniemode ने अपने सीड राउंड में $2.25 मिलियन हासिल किए थे। तब इस दौर के नेतृत्व Info Edge Ventures ने ही किया था, जिसमें Zomato के संस्थापक दीपिंदर गोयल, CRED के संस्थापक कुणाल शाह व अन्य भी शामिल हुए थे।

साल 2021 में तनुज गंगवानी (Tanuj Gangwani) क्रॉस जोड़े पर व्यापार और अमित शर्मा (Amit Sharma) ने Geniemode की शुरुआत की थी। कंपनी मुख्यतः वैश्विक खरीदारों को भारत और दक्षिण पूर्व एशिया आधारित आपूर्तिकर्ताओं (सप्लाएर्स) से भरोसेमंद तरीक़े से सामान ख़रीदने की सहूलियत देती है।

कंपनी का दावा है कि इसने अब तक भारतीय उपमहाद्वीप से 100 से अधिक छोटे और बड़े आपूर्तिकर्ताओं को अपने साथ जोड़ा है और फ़िलहाल तमाम मांग को पूरा करने के लिए कंपनी भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका के 100 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर रही है।

Geniemode के सह-संस्थापक और सीईओ, अमित शर्मा ने कहा;

“हम तकनीक और प्रोडक्ट विकास को बढ़ावा देने, मौजूदा बाजारों में विस्तार में तेजी लाने और नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए प्राप्त राशि का इस्तेमाल करने की योजना बना रहें हैं।”

Geniemode प्लेटफ़ॉर्म पर कैटलॉग का निर्माण, सर्च, आपूर्तिकर्ताओं के साथ जुड़ने, नमूनों के निर्माण और शिपमेंट के लिए मंज़ूरी आदि तमाम प्रक्रिया को स्वचालित करने का काम किया जाता है।

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साथ ही कंपनी ऑर्डर विजिबिलिटी, गुणवत्ता मानकों के पालन और खरीदार की एंड-टू-एंड सप्लाई चेन को मैनेज करने का भी आश्वासन देती है।

कंपनी की मानें तो ये अमेरिका, लैटिन अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया से अपने उत्पादों की भारी माँग दर्ज कर रही है। दावे के अनुसार, इन देशों में ये बढ़ती माँग छोटे स्वतंत्र रिटेल विक्रेताओं से लेकर प्रमुख रिटेल चेन तक फैली हुई है।

Geniemode के सह-संस्थापक और सीएफ़ओ, तनुज गंगवानी ने कहा;

“हम घर, फर्नीचर, फैशन और एक्सेसरीज़ व अन्य डिज़ाइन-आधारित कैटेगॉरियों में सभी अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए टॉप- पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म बनने का लक्ष्य लेकर चल रहें हैं।”

“हम उत्पादों का एक विस्तृत विकल्प पेश करते हुए लचीलापन, बेहतर मूल्य निर्धारण व तकनीकी समाधान को साथ लेते हुए पूरी प्रक्रिया को सुचारू और परेशानी मुक्त बनाना चाहते हैं।”

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