Share Market Update Today : बाजर ने बनाया फिर नया रिकॉर्ड, सेंसेक्स पहुंचा 62621, निफ्टी आया 18603 पर | .

Share Market Update Today: घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बरकारर है। सोमवार को उच्च स्तर पर बंद होने के बाद हफ्ते S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार उछाल पर खुला है। सुबह के कारोबार में दोनों इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान पर खुले हैं। सुबह 9.25 बजे 30 शेयरों वाला BSE का सेंसेक्स 116.95 अंक या 0.19 फीसदी S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड तेजी के साथ 62,621.75 के स्तर पर जाकर खुला है। इसी तरह, NSE का निफ्टी 41.05 अकं या 0.22 फीसदी की बढ़त के साथ 18,603.80 के स्तर पर खुला। एक बार फिर शेयर बाजार ने रिकॉर्ड बना दिया है। सेंसेक्स 62724.02 अंकों के साथ अपने सर्वकालिक उच्च स्तर जा पहुंचा। वहीं, निफ्टी 18,631.65 अंक को छू कर दिन का उच्चतम स्तर बनाया है।

मेटल इंडेक्स सबसे अधिक मजबूत

आज कारोबार में चौतरफा शेयरों में खरीदारी का माहौल है। निफ्टी के अधिकांश प्रमुख इंडेक्स तेजी पर कारोबार कर रहे हैं। फार्मा इंडेक्स 0.69 फीसदी की बढ़त पर है। उसके बाद आईटी, बैंक, एफएमसीजी और फाइनेंशिलय इंडेक्स में भी हरे निशान पर हैं। यह सभी इंडेक्स आधे फीसदी से अधिक मजबूती पर कारोबार रहे हैं। हालंकि ऑटो इंडेक्स में गिरावट पर हैं और यह सुबह के समय 0.17 फीसदी टूटे हैं। इसके अलावा मीडिया और रियल्टी इंडेक्स में गिरकर कारोबार कर रहे हैं। जबकि मेटल इंडेक्स सबसे अधिक 1.20 फीसदी मजबूत हुए हैं।

टॉप गेनर्स व लूजर्स

सुबह बढ़त पर कारोबार करने वाली कंपनियां की लिस्ट में Cipla, Dr. Reddys, HUL, Apollo Hospital, Titan Company, Hindalco और JSW Steel शामिल हैं। जबकि टॉप लूजर्स की लिस्ट में BPCL, Maruti Suzuki, Bajaj Finserv, L&T, Tata Motors, IndusInd Bank व RIL कंपनियां शामिल हैं।

एशियाई बाजारों में दिखा मिला जुला असर

आज प्रमुख एशियाई बाजारों में मिला जुला असर देखने को मिला है। SGX Nifty 0.25 फीसदी कमजोरी हुए हैं तो वहीं स्‍ट्रेट टाइम्‍स 0.82 फीसदी और हैंगसेंग 3.51 फीसदी की बढ़त पर हैं, जबकि निक्‍केई 225 में 0.58 फीसदी गिरावट आई है। इसके अलावा ताइवान वेटेड 0.18 फीसदी, कोस्‍पी 0.58 फीसदी और शंघाई कंपाजिट 1.87 फीसदी की बढ़त पर है।

अमेरिकी बाजार फिसले

उधर, अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुए। सोमवार को Dow Jones 498 अंकों की गिरावट के साथ 33,849.46 पर जाकर बंद हुआ है। वहीं, S&P 500 इंडेक्‍स 1.54 फीसदी नीचे जाकर 3,963.94 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि Nasdaq 1.58 फीसदी की गिरावट पर बंद हुए।

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अमेरिका से उठा बवंडर, मंदी की चपेट में आने का डर, लेहमैन ब्रदर्स से भी बड़ा है संकट?

करीब 4 माह से चल रही यूक्रेन-रूस की जंग और कोरोना की मार ने अमेरिका समेत ग्लोबल इकोनॉमी की मुसीबत बढ़ाई है। ऐसे में सप्लाई चेन पर असर की वजह से महंगाई की रफ्तार भी तेज होती जा रही है।

अमेरिका से उठा बवंडर, मंदी की चपेट में आने का डर, लेहमैन ब्रदर्स से भी बड़ा है संकट?

अमेरिका में पत्ता भी हिल जाए तो दुनिया को तूफान जैसा महसूस होता है। भले ही यह आपको एक कहावत की तरह लगे लेकिन कुछ हद तक यही सच है। S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड इस बार अमेरिका की इकोनॉमी में सिर्फ पत्ता ही नहीं हिल रहा बल्कि बवंडर की भी आहट सुनने को मिल रही है।

बिगड़ते जा रहे हालात: अमेरिका में महंगाई के आंकड़े 40 साल के शीर्ष पर हैं तो गिरावट के मामले में स्टॉक एक्सचेंज, करीब 14 साल पुरानी कहानी दोहराते नजर आ रहे हैं। तब हालात बैंकिंग फर्म लेहमैन ब्रदर्स के दिवालिया हो जाने से बिगड़े और अमेरिका के अलावा भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजार रेंगते नजर आए थे। इस बार परिस्थिति थोड़ी उलट और विकट S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड है।

यूक्रेन-रूस जंग बड़ी वजह: इस बार यूक्रेन-रूस की जंग और कोरोना की मार ने अमेरिका समेत ग्लोबल इकोनॉमी की मुसीबत बढ़ाई है। ऐसे में सप्लाई चेन पर असर की वजह से महंगाई की रफ्तार भी तेज होती जा रही है। महंगाई की यह स्पीड जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इकोनॉमी पस्त होती दिख रही है और शेयर बाजार लुढ़क रहे हैं।

बियर मार्केट में हो गई एंट्री: अमेरिकी स्टॉक मार्केट के सूचकांक-S&P 500 ने अपने जनवरी के उच्चतम स्तर के बाद से 20% से अधिक का नुकसान झेल लिया है। इसी के साथ S&P 500 की बियर मार्केट में एंट्री हो गई है। एक अन्य सूचकांक-नैस्डैक पहले से ही बियर मार्केट में शामिल है। यह इस साल 25 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है।

आपको यहां बता दें कि बियर मार्केट से देश के स्टॉक एक्सचेंज की माली हालत के बारे में पता चलता है। यह किसी भी देश की इकोनॉमी के लिए बुरे संकेत होते हैं। कहने का मतलब ये है कि अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज इस बात के संकेत दे रहे हैं कि स्थिति सामान्य नहीं है।

आ रही 2008 की याद: अमेरिकी शेयर बाजार का जो माहौल है, उसे देखकर निवेशकों को 2008 वाली मंदी की याद आ रही है। थॉर्नबर्ग इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो मैनेजर क्रिश्चियन हॉफमैन मंदी की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि लिक्विडिटी इतनी खराब हो गई है, हमें 2008 के ब्लैक ट्रेडिंग डे याद आ रहे हैं। हॉफमैन के मुताबिक बाजार में लिक्विडिटी लेहमैन संकट की तुलना में बदतर है। यह संकट आगे भी बढ़ सकता है।

भारत भी हुआ था प्रभावित: आपको बता दें कि अमेरिका के बैंकिंग फर्म लेहमैन ब्रदर्स जब दिवालिया हुई तब भारतीय शेयर बाजार रसातल में चले गए थे। साल 2008 के शुरुआती महीनों में जो सेंसेक्स 20 हजार अंक के उच्चतम स्तर पर था वो एक साल के भीतर 8 हजार अंक के स्तर पर आ गिरा। तब सेंसेक्स करीब 12000 अंक या 55 फीसदी से ज्यादा टूट गया था।

अभी क्या हैं हालात: अमेरिका की शेयर बाजार की चाल बिगड़ जाने से भारत में भी हाहाकार मचा हुआ है। भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक- सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई 62,245 अंक से करीब 10 हजार अंक नीचे आ चुका है। 19 अक्टूबर 2021 को सेंसेक्स ने अपने ऑल टाइम हाई लेवल को टच किया था। वर्तमान में सेंसेक्स 53 हजार अंक के नीचे है और 52 सप्ताह के निचले स्तर के करीब पहुंचने वाला है। 18 जून 2021 को सेंसेक्स 51601 अंक के लो लेवल पर आया था।

अभी और बढ़ेगा संकट: तमाम एक्सपर्ट बता रहे हैं कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक- यूएस फेड के बुधवार को S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड लिए जाने वाले फैसलों के बाद भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ सकती है। ऐसा अनुमान है कि महंगाई कंट्रोल के लिए यूएस फेड ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा करेगा। इस बार ब्याज दरों में 0.75 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा कर सकता है। यह 28 साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी।

इससे पहले, नवंबर 1994 में ब्याज दर में इतनी बढ़ोतरी की गई थी। अगर ऐसा होता है तो भारतीय शेयर बाजार से लगातार निकल रहे विदेशी निवेशकों के लिए यूएस मार्केट में एक नया मौका बनेगा और वह बिकवाली बढ़ा सकते हैं। इससे भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट आएगी।

बहरहाल, महंगाई से निपटने के लिए भारत समेत दुनियाभर में सेंट्रल बैंक अपने स्तर पर तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। इसी के तहत आरबीआई ने भी एक माह में दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। हालांकि, इसके बावजूद भारतीय शेयर बाजार को कोई ठोस बूस्ट नहीं मिल सका है।

अमेरिकी शेयर बाजार फिर धड़ाम, घरेलू मार्केट में भी गिरावट के आसार

Share Market Live: अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊजोंस सोमवार को 1.40 फीसद यानी 482 अंक टूटकर 33947 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, S&P 500 में 1.79 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी शेयर बाजार फिर धड़ाम, घरेलू मार्केट में भी गिरावट के आसार

Share Market Live: अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊजोंस सोमवार को 1.40 फीसद यानी 482 अंक टूटकर 33947 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, S&P 500 में 1.79 फीसद की गिरावट दर्ज की गई और यह 3998 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि, नैस्डैक में 1.93 फीसद की भारी गिरावट रही और यह 11239 के स्तर पर बंद हुआ। बता दें घरेलू बाजार सोमवार को फ्लैट बंद हुआ था। सेंसेक्स 33 अंक नीचे 62834 और निफ्टी 18701 के स्तर पर बंद हुआ था।

अमेरिकी बाजारों में गिरावट की वजह महंगाई को बढ़ाना वाला इंडिकेटर है, जो अगले हफ्ते जब फेडरल रिजर्व की अहम बैठक में इंटरेस्ट रेट में बड़ी बढ़ोतरी के आसार हैं। बता दें नवंबर महीने में अमेरिकी में सर्विस एक्टिविटी बाजार के अनुमान से बेहतर रहा जो, इकोनॉमी में मजबूती को दर्शाता है।

घरेलू बाजार में मुनाफावसूली का जोर

जहां तक भारतीय शेयर बाजारों की बात है तो सोमवार को मुनाफावसूली से उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच बीएसई सेंसेक्स 34 अंक की मामूली गिरावट के साथ लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में नीचे रहा।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''बाजार के पिछले दिनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद से ही मुनाफावसूली का जोर देखा जा रहा है। इसके अलावा सात दिसंबर को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा भी आने वाली है। कच्चे तेल की कीमतें तेज होने का भी असर देखा जा रहा है।''

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 33.9 अंक की गिरावट के साथ 62,834.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 360.62 अंक गिरकर 62,507.88 अंक तक नीचे चला गया था। हालांकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 4.95 अंक की मामूली बढ़त के साथ 18,701.05 अंक पर बंद हुआ।

ICICI Pru MF का नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड लॉन्च; माइक्रोसॉफ्ट, Facebook और Apple जैसी कंपनियों के शेयरों में होगा निवेश

नैस्डैक 100 इंडेक्स ने पिछले 20 सालों में 4 गुना की ग्रोथ हासिल की है।

ICICI Prudential Mutual Fund ने नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इंडेक्स फंड है। यह फंड वैश्विक स्तर पर 100 बड़ी नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों में निवेश का अवसर प्रदान करेगा। यह नैस्डैक 100 इंडेक्स के रिटर्न को ट्रैक करेगा।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। ICICI Prudential Mutual Fund ने नैस्डैक 100 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है। यह एक ओपन एंडेड इंडेक्स फंड है। यह फंड वैश्विक स्तर पर 100 बड़ी नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों में निवेश का अवसर प्रदान करेगा। यह नैस्डैक 100 इंडेक्स के रिटर्न को ट्रैक करेगा। यह नया फंड ऑफर (NFO) 27 सितंबर से खुला है और 11 अक्टूबर को बंद होगा। इसमें आप कम-से-कम एक हजार रुपये का निवेश कर सकते हैं। इस फंड के जरिए आप दुनिया की टॉप कंपनियों जैसे फेसबुक, एपल, माइक्रोसॉफ्ट, एडॉब और अन्य कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर सकते हैं।

नैस्डैक अमेरिकी शेयर बाजार का इंडेक्स है। इसका मतलब यह हुआ कि आप अगर इस फंड में निवेश करेंगे तो यह फंड आपकी रकम को दुनिया की 100 बड़ी कंपनियों के शेयर्स में निवेश करेगा। यानी आप भारत में बैठकर दुनिया की इन बड़ी कंपनियों के शेयर्स में निवेश कर उससे फायदा कमा सकते हैं।

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ICICI प्रूडेंशियल के प्रोडक्ट हेड चिंतन हरिया ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य नैस्डैक 100 इंडेक्स को ट्रैक करना है और उसके प्रदर्शन को दिखाना है। नैस्डैक 100 इंडेक्स में मुख्य रूप से इनोवेशन वाली टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशंस सेवाओं वाली कंपनियां शामिल होती हैं। इसमें से कई कंपनियां ऐसी होती हैं जो हमारे रोजाना की जिंदगी से जुड़ी होती हैं। इन कंपनियों में एपल (Apple), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), फेसबुक (Facebook), अल्फाबेट, नेटफ्लिक्स (Netflix), स्टारबक्स आदि हैं।

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यह फंड उन निवेशकों के लिए उचित है, जो इंडेक्स फंड में भौगोलिक स्तर पर अपने इक्विटी अलोकेशन में विविधता लाना चाहते हैं। उन कंपनियों में निवेशकों को निवेश का अवसर मिलेगा, जो अपने सेक्टर में टॉप पोजीशन हासिल की हैं। इस इंडेक्स का मार्केट कैप 18 लाख करोड़ डॉलर है। अमेरिकी बाजार में यह इंडेक्स अच्छा प्रदर्शन करता है।

नैस्डैक 100 इंडेक्स ने पिछले 20 सालों में 4 गुना की ग्रोथ हासिल की है। पूरी दुनिया में शेयर बाजार हर साल अलग-अलग प्रदर्शन करते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश में विविधता निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने में सक्षम हो सकती है। खासकर अमेरिकी बाजार में निवेश करने के ढेर सारे फायदे हैं। इसमें न केवल विकसित देश और मैच्योर हो चुके बाजार का फायदा मिलता है, बल्कि यह बाजार नि‌वेशकों को थीम में निवेश का अवसर देता है। इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग, ई-कॉमर्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि थीम शामिल होती हैं।

इस तरह की थीम्स बहुत बड़े पैमाने पर भारत में उपलब्ध नहीं हैं। पिछले 3 साल में देखें तो नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 29.1% का रिटर्न दिया है, जबकि इसी समय में निफ्टी 50 TRI ने केवल 15.2% का रिटर्न दिया है। S&P 500 TRI ने 19% का रिटर्न दिया है। S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड 5 साल में निफ्टी ने 18.8% का जबकि नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 34.6% का रिटर्न दिया है। 10 साल में नैस्डैक 100 इंडेक्स ने 31.2% का, निफ्टी 50 TRI ने 13.6% और S&P 500 TRI ने 23.3% का रिटर्न S&P500 इंडेक्स रिकॉर्ड दिया है। नैस्डैक 100 इंडेक्स मुख्य रूप से लॉर्ज कैप ग्रोथ इंडेक्स होता है।

नैस्डैक 100 इंडेक्स टॉप सेक्टर की बात करें तो IT का हिस्सा 44% है। कम्युनिकेशन सर्विसेस का हिस्सा 29% है। कंज्यूमर सेक्टर का हिस्सा 15% है। टॉप कंपनियों में एपल का वेटेज 11.35%, माइक्रोसॉफ्ट का वेटेज 10.15%, अमेजन का 7.66%, अल्फाबेट का 4.18% और फेसबुक का 4.05% वेटेज है।

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