Yes Bank को रिजर्व बैंक ने भेजे दो लेटर, जानिए क्या है पूरा मामला
Yes Bank फंड जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रहा है। Yes Bank ने बताया, "फंड जुटाने की कोशिशों के तहत बैंक अपने निवेशकों से बात कर रहा है। इस मामले में रेगुलेटर की मंजूरी जरूरी है.आज Yes Bank के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई
प्राइवेट सेक्टर के Yes Bank ने 9 दिसंबर को बताया कि उसे रिजर्व बैंक से दो लेटर मिले हैं। यह लेटर सीए बास्की इनवेस्टमेंट्स (CA Basque Investments) और वरवेंता होल्डिंग्स लिमिटेड (Verventa Holdings Limited) के साथ हो रही डील से जुड़ी है। Yes Bank फंड जुटाने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रहा है। Yes Bank ने बताया, "फंड जुटाने की कोशिशों के तहत बैंक अपने निवेशकों से बात कर रहा है। इस मामले में रेगुलेटर की मंजूरी जरूरी है।"
एक डील की तरफ आगे बढ़ रहा Yes Bank
यस बैंक को दो कंपनियों के साथ डील को लेकर आरबीआई से लेटर्स मिले हैं तो एक और कंपनी के साथ डील पर वह आगे बढ़ रही जो इस महीने पूरा होना है। यस बैंक ने अपने 48 हजार करोड़ रुपये के बैड लोन को जेसी फ्लॉवर्स एआरसी को बेचने के लिए सौदा किया है। जेसी फ्लॉवर्स ने इस बैड लोन को 11183 करोड़ रुपये में खरीदा है। यह डील 15:85 नियम के तहत हुई है।
Mutual Fund: क्या होता है म्युचुअल फंड, कैसे करता हैं काम?
डीएनए हिंदी: म्युचुअल फंड (What Is a Mutual Fund) एक तरह से आपके घर को वित्तीय सुरक्षा देने वाली गाड़ी है. म्युचुअल फंड जो कि शेयरधारकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य संपत्तियों में निवेश करने के अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश लिए संपत्तियों को पूल करता है. बता दें कि म्युचुअल फंड को प्रोफेशनल मनी मैनेजर ऑपरेट करते हैं. यही फंड की संपत्ति आवंटित करते हैं और फंड के निवेशकों के लिए कैपिटल गेन या इनकम का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं. एक म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह दिखाए गए प्रॉफिट को अपने निवेशकों की झोली में डाल सके.
मालूम हो कि म्युचुअल फंड (Mutual Fund) छोटे या व्यक्तिगत निवेशकों को इक्विटी, बॉन्ड और अन्य सिक्योरिटीज के प्रोफेशनली तौर पर मैनेज्ड पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं. इसलिए, प्रत्येक शेयरहोल्डर फंड के प्रॉफिट या लॉस में बराबर रूप से भाग लेता है. बता दें कि म्युचुअल फंड बड़ी संख्या में सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. इस दौरान प्रदर्शन को आमतौर पर फंड के टोटल मार्केट कैप (Total Market Cap) में बदलाव के रूप में ट्रैक किया जाता है.
अधिकांश म्युचुअल फंड फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स (Fidelity Investments), वैनगार्ड (Vanguard), टी. रोवे प्राइस (T. Rowe Price) और ओपेनहाइमर जैसी बड़ी निवेश कंपनियों का हिस्सा हैं. एक म्यूचुअल फंड में एक फंड मैनेजर होता है, जिसे दूसरी भाषा में निवेश सलाहकार कहा जाता है. यह निवेश सलाहकार म्यूचुअल फंड शेयरधारकों को बेहतर प्रॉफिट दिलाने के लिए काम करता है.
म्युचुअल फंड की कीमत कैसे तय होती है?
म्यूचुअल फंड की वैल्यू उन सिक्योरिटीज के प्रदर्शन पर निर्भर करता है जिनमें वह निवेश करता है. इस दौरान यह देखा जाता है कि म्युचुअल फंड की एक यूनिट या शेयर खरीदते समय, एक निवेशक अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को खरीद रहा है या अधिक अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश सटीक रूप से, पोर्टफोलियो के मूल्य का एक हिस्सा खरीद रहा है. कई लोगों को लगता है कि इसमें स्टॉक जैसा ही निवेश करना है. जबकि म्यूचुअल फंड के शेयर में निवेश स्टॉक के शेयरों में निवेश करने से अलग है. स्टॉक के विपरीत, म्यूचुअल फंड शेयर अपने धारकों को कोई वोटिंग अधिकार नहीं देते हैं. म्युचुअल फंड का एक शेयर कई अलग-अलग स्टॉक या अन्य सिक्योरिटीज में निवेश को रिप्रेजेंट करता है.
म्यूचुअल फंड शेयर की कीमत को नेट एसेट वैल्यू (NAV) प्रति शेयर के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसे कभी-कभी एनएवीपीएस (NAVPS) भी कहते हैं. एक फंड का एनएवी पोर्टफोलियो में सिक्योरिटीज के कुल मूल्य को बकाया शेयरों की कुल राशि से विभाजित अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश करके निकाला जाता है. बकाया शेयर वे होते हैं जो सभी शेयरहोल्डर्स, संस्थागत निवेशकों और कंपनी के अधिकारियों या अंदरूनी लोगों के पास होते हैं.
म्युचुअल फंड शेयरों को आम तौर पर फंड के मौजूदा एनएवी पर खरीदा या भुनाया जा सकता है, जो बाजार के समय के दौरान वोलेटाइल नहीं होते हैं. हालांकि कारोबारी दिन के आखिरी दिन में इसकी कीमत तय की जाती है. एनएवीपीएस तय होने पर म्यूचुअल फंड की कीमत भी अपडेट की जाती है.
औसत म्युचुअल फंड में अलग-अलग प्रतिभूतियां होती हैं, जिसका अर्थ है कि म्युचुअल फंड अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश शेयरहोल्डर को डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है.
म्युचुअल फंड के लिए रिटर्न की गणना कैसे की जाती है?
जब कोई निवेशक Apple स्टॉक खरीदता है, तो वह कंपनी का आंशिक स्वामित्व या शेयर खरीद रहा होता है. इसी तरह, एक म्यूचुअल फंड निवेशक म्यूचुअल फंड और उसकी संपत्ति का एक छोटा सा स्वामित्व खरीद रहा है.
निवेशक आमतौर पर म्यूचुअल फंड से तीन तरह से रिटर्न कमाते हैं, आमतौर पर तिमाही या वार्षिक आधार पर:
आय शेयरों पर लाभांश और फंड के पोर्टफोलियो में रखे बांडों पर ब्याज से अर्जित की जाती है और वितरण के रूप में मालिकों को निधि देने के लिए साल भर में प्राप्त होने वाली लगभग सभी आय का भुगतान करती है. फंड अक्सर निवेशकों को वितरण के लिए चेक प्राप्त करने या म्यूचुअल फंड के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए दोबारा निवेश करने का विकल्प देते हैं.
यदि फंड उन सिक्योरिटीज की बिक्री करता है जिनकी कीमत में वृद्धि हुई है, तो फंड को कैपिटल गेन के बारे में पता चलता है जो कि ज्यादातर फंड एक वितरण में निवेशकों को भी देते हैं.
जब फंड के शेयरों की कीमत में वृद्धि होती है तब आप अपने म्यूचुअल फंड शेयरों को बाजार में लाभ के लिए बेच सकते हैं.
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Tax Saving Tips : बचाना चाहते हैं इनकम टैक्स, तो आज ही इन 5 स्कीम्स में करें निवेश- तगड़े रिटर्न के साथ अधिक फायदा, जानें डिटेल्स
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क्लास (Salaried Class) लोगों कि ये शिकायत भी रहती है कि Business करने वाले लोग अपना TAX बचा
लेते हैं, लेकिन हम नहीं बचा पात. अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप Tension न लें. हम आपको यहां
Government की ऐसी Schemes के बारे में बता रहे हैं, जहां आप निवेश करके अपने TAX पर छूट प्राप्त कर
सकते हैं, तो चलिए देरी किसी बात की. अभी भी इस Financial Year में 4 माह बाकी है, जल्द ही इन
यह भी पढ़े : Union Bank Recruitment 2022 : सलाहकार सहित विभिन्न पदों पर निकली बंपर वैकेंसी, अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश बिना परीक्षा होगा सेलेक्शन, डिग्री पास ऐसे करें आवेदन
Schemes में निवेश कर टैक्स छूट का फायदा (Benefit Of Tax Rebate On Investment) उठा लें.
बैंक और पोस्ट ऑफिस में FD:
आपको बता दें की Bank या Post Office में निवेश कर भी आप TAX बचा सकते हैं. यहां सेक्शन 80C के तहत
आप 1 लाख 50 हजार रुपये का टैक्स डिडक्शन क्लेम (Tax Deduction Claim) कर सकते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से बचेगा TAX:
बता दें की Salary पाने वाले लोगों के लिए Employees’ Provident Fund-EPF सबसे सरल
रास्ता माना जाता है. जमा हुए PF पर सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये की TAX छूट पा सकते हैं।
बाजार में निवेश करने से बचेगा TAX:
आपको बता दें की Mutual Fund में निवेश के जरिए आप TAX बचा सकते हैं. आप Equity Linked
Savings Scheme- ELSS में इंवेस्ट कर सेक्शन 80C के तहत Deduction का फायदा उठा सकते हैं. Return
और TAX छूट जैसे डबल बेनेफिट की वजह से नौकरीपेशा लोग इस Schemes में खूब निवेश करते हैं।
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नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से बचेगा टैक्स:
बताते चलें की National Pension Scheme- NPS में Income Tax Act की धारा 80CCE के तहत 1 लाख
50 हजार रुपये का टैक्स डिडक्शन मिल जाता है. इसके अलावा, इस National Pension Scheme- NPS
योजना में 80 CCD (1B) के तहत 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं।
PPF में मिलेगी 15 साल तक टैक्स छूट:
बता दें की Tax Deduction Claim करने के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund-
PPF) एक बेस्ट ऑप्शन माना जाता है. इस PPF योजना में निवेश के साथ Maturity Amount और ब्याज भी
TAX Free होता है यानी, निवेश के अलावा Maturity फंड और ब्याज की रकम (Interest Amount) भी टैक्स
फ्री रहती है. अगर आप Long Term में सेफ इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो ये एक अच्छा प्लान हो सकता है।
बताते चलें की यहां आप बड़ा फंड बना सकते हैं, Public Provident Fund- PPF अकाउंट में निवेश करने पर
सेक्शन 80C के तहत 1 लाख 50 हजार रुपये का डिडक्शन (Deduction) मिल जाता है।
Money Tips: नौकरी जाने का खतरा है तो करें ये 5 काम, नहीं होगी पैसे की कमी
Money Tips: निकट भविष्य में मंदी और इसके परिणामस्वरूप नौकरियों जाना आज के समय में एक डरावनी सच्चाई है, जिसे सबसे अच्छे तरीके से वित्तीय रूप से तैयारी करके दूर किया जा सकता है। यहां पैसे से जुड़े कुछ कदमों पर विचार करें। जिनसे आप नौकरी गंवाने के बाद अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
Updated Dec 6, 2022 | 11:11 PM IST
जब नौकरी हो खतरे में तब क्या करें?
Money Tips: विश्व अर्थव्यस्था में मंदी के दौर के साथ, वेतन भोगी व्यक्तियों के लिए नौकरी गंवाना एक बहुत बड़ी चिंता की बात बन चुकी है। बड़ी-बड़ी तकनीकी कंपनियों, फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स, वैश्विक स्तर पर बड़ी तकनीकी कंपनियों तथा हाल ही में स्टार्ट-अप्स को बंद किया जाना पूरी दुनिया में जॉब मार्केट के बदतर होने के संकेत हैं। खर्च को कम करने के लिए अनेक भारतीय कंपनियों द्वारा भी नौकरियों में कटौती की घोषणा की गई है। निकट भविष्य में मंदी तथा इसके परिणामस्वरूप नौकरियों की हानि आज के समय में एक डरावनी सच्चाई है, जिसे सबसे अच्छे तरीके से वित्तीय रूप से तैयारी करके दूर किया जा सकता है। यहां पर पैसे से जुड़े कुछ कदमों पर विचार किया गया है जिनसे आप नौकरी गंवाने के बाद अपने पैरों पर खड़े रह सकते हैं।
गैर-ज़रूरी खर्चों को कम करें
अपने खर्च का आंकलन करनें और गैर-ज़रूरी खर्चों की पहचान करें जिनसे आप बच सकते हैं। कठिन समय में कड़े उपाय करने ज़रूरी होते हैं, और ऐसे कदम से आपको पैसे की बचत करने में मदद मिलेगी। आखिरकार, बचत आपकी कमाई ही है।
आपातकालीन फंड तैयार करें
जब आपकी नियमित आय बंद हो जाती है, तो खर्चों को पूरा करने के लिए आपातकालीन फंड अनिवार्य होता है। आपातकालीन पूंजी का निर्माण करने पर ध्यान केन्द्रित करें, विशेष रूप से यदि आपने पहले से ही इसे नहीं बनाया है। यदि आपके पास आपातकालीन पूंजी है, जो अपर्याप्त है, तो इसे बढ़ाने की दिशा में काम करें। इस बात की सलाह दी जाती है कि आपके पास इतना आपातकालीन फंड होना चाहिए जो आपके 6-12 महीनों के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो। उदाहरण के लिए, यदि आपका वर्तमान में मासिक खर्च 40,000/- रूपये है, तो आपके पास लगभग 5 लाख रूपये का आपातकालीन फंड होना चाहिए ताकि आप बेरोजगारी की अवधि में से निकल सकें। इस पैसे को इस तरह से निवेश किया जाना चाहिए कि आप उसे आसानी से एक्सेस कर सकें, जैसे बचत खाता या ऐसा निवेश जिसे शीघ्रता से भुनाया जा सकता है।
अपने निवेश को संरक्षित रखने पर ध्यान केन्द्रित करें
निवेश करने का एक प्राथमिक लक्ष्य पूंजी का विकास करना है। लेकिन, कभी-कभी यह भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि अभी तक सृजित सम्पदा को संरक्षित किया जाए। नौकरी चले जाने की स्थिति में, किसी वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ के साथ अपने निवेश की समीक्षा करें। उच्च-जोखिम वाले निवेश जैसे स्टाक या ईक्विटी-ओरिएन्टेड निवेश जैसे ईक्विटी म्यूचल फंड्स से निकलने की सलाह दी जाती है।
इस प्रकार के निवेश को डेट एस्सेट्स जैसे डेट म्यूचल फंड और बैंक की सावधि जमाओं में डायवर्ट करें, कम से कम आंशिक रूप से ऐसा ज़रूर करें, जो वर्तमान में कमोबेश अच्छे रिटर्न दे रहे हैं। आप डेट-ओरिऐन्टेड हाइब्रिड फंड्स को भी चुन सकते हैं, हालांकि जिनमें ईक्विटी फंड्स की तुलना में निम्न रिटर्न मिलते हैं, लेकिन उनसे उच्च लिक्विडिटी के अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश साथ वित्तीय सुरक्षा भी मिल जाती है। यह फंड लंबी अवधि की बेरोजगारी के दौरान आदर्श साबित हो सकते हैं।
पर्याप्त बीमा कराएं
अचानक होने वाले चिकित्सा खर्च से बचतों को बहुत बड़ी चोट पहुंच सकती है, विशेष रूप से जब आप बेरोजगार होते हैं। पहले से ही पैसे की तंगी झेलते हुए, यदि पर्याप्त बीमा कवरेज ली जाती है तो इससे पैसे की बचत हो सकती है। यदि आप ऐसा कर अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश सकते हैं, तो आवश्यक बीमा कवरेज जैसे स्वास्थ्य बीमा बनाए रखने की कोशिश करें। इससे आपको अपनी बचत तथा निवेश को चिकित्सा संकट अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश अतिरिक्त फंड का ही करें निवेश के समय में बनाए रखने में मदद मिलेगी। अतिरिक्त लागत पर अपनी कवरेज को बढ़ाएं, यदि संभव हो, लेकिन कम से कम 10 लाख रूपये का चिकित्सा कवर ज़रूर प्राप्त करें।
वित्तीय देयताओं को न बढ़ाएं
अपनी वित्तीय देयताओं को नियंत्रित रखें। लोन ईएमआई के जैसे खर्चों के कारण आपके वित्तीय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, विशेष रूप से जब कोई स्थाई या निरन्तर आय न हो। ऐसे तरीकों की खोज करें जिससे आप अपने लोन को पूरा या आंशिक रूप से चुकता कर सकें। अल्पकालिक लोन के लिए, अपनी देयता को कम करने के लिए नियमित रूप से रिपेमेंट करने की कोशिश करें। और अधिक कर्ज लेने से बचें और अपनी देयताओं को नियंत्रित रखें।
नौकरी चले जाना एक बहुत बड़ी चुनौती वाली स्थिति होती है, लेकिन उचित वित्तीय प्लानिंग के द्वारा इसके असर को कम किया जा सकता है। इन टिप्स के अलावा, आप नए स्किल भी सीख सकते हैं जिससे आप अपनी आजीविका को चलाने के लिए कोई दूसरा जॉब कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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