Bearish Engulfing Pattern क्या है?
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न क्या है? [What is Bearish Engulfing Pattern? In Hindi]
बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न एक तकनीकी चार्ट पैटर्न है जो कीमतों में गिरावट आने का संकेत देता है। पैटर्न में एक अप (सफ़ेद या हरा) कैंडलस्टिक होता है जिसके बाद एक बड़ा डाउन (काला या लाल) कैंडलस्टिक होता है जो छोटे अप कैंडल को ग्रहण या "engulfs" लेता है। पैटर्न महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह दिखाता है कि विक्रेताओं ने खरीदारों को पीछे छोड़ दिया है और खरीदार इसे (मोमबत्ती ऊपर) धकेलने में सक्षम होने की तुलना में कीमतों को अधिक आक्रामक तरीके से नीचे (मोमबत्ती के नीचे) धकेल रहे हैं।
बेयरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक का उपयोग करके ट्रेड कैसे करें? [How to trade using Bearish Engulfing candlesticks?]
Bearish Engulfing कैंडलस्टिक पैटर्न का पालन करने में डर या जोखिम का एक निश्चित तत्व शामिल है। चूंकि यह स्वाभाविक रूप से प्रवृत्ति के खिलाफ व्यापार करने का एक तरीका है और यह आपका मित्र हो सकता है, लेकिन बाजार में उलटफेर होता है और एक बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न बाजार की दिशा में संभावित बदलाव का एक अत्यंत उपयोगी संकेतक है।
एक बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करके ट्रेड करने का सबसे आसान तरीका एक निरंतर ऊपर की ओर प्रवृत्ति के बाद इस पैटर्न की पहचान करना होगा। हालांकि, शॉर्ट पोजीशन लेने का निर्णय लेने के लिए यह एक जोखिम भरा स्थान हो सकता है। इसके बजाय, लगातार दिन की प्रतीक्षा करें और यदि कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है बाजार में गिरावट जारी रहती है तो आप योजना बना सकते हैं और अपनी स्थिति ले सकते हैं।
उन लोगों के लिए जो आगे भी जोखिमों को रोकना चाहते हैं, आप मंदी के एनगल्फिंग पैटर्न को देखने के बाद एक अंतराल के खुलने का इंतजार कर सकते हैं। डाउनवर्ड गैप तब होता है जब किसी ट्रेडिंग दिन की शुरुआती कीमत पिछले ट्रेडिंग दिन की क्लोजिंग कीमत से नीचे खुलती है। इस मामले में, दिन के बाद बियरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक देखी जाती है। यदि आप अपनी भविष्यवाणी के गलत होने की स्थिति में अपने नुकसान को और कम करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपने बेयरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न में दूसरी कैंडल की हाई विक के ऊपर स्टॉप लॉस सेट किया है।
एक बियरिश एनगल्फ़िंग पैटर्न और एक बुलिश एनगल्फ़िंग पैटर्न के बीच का अंतर [Difference between a Bearish Engulfing Pattern and a Bullish Engulfing Pattern]
ये दो पैटर्न विपरीत हैं। कीमतों में गिरावट के बाद बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न होता है और आने वाले समय में ऊंची कीमतों का संकेत देता है। दो कैंडल पैटर्न में पहली कैंडल डाउन कैंडल है। दूसरी कैंडल एक बड़ी अप कैंडल है, एक वास्तविक बॉडी के साथ जो छोटी डाउन कैंडल को पूरी तरह से घेर लेती है।
Island Reversal- आइलैंड रिवर्सल
क्या होता है आइलैंड रिवर्सल?
आइलैंड रिवर्सल (Island Reversal) बार चार्ट या कैंडलस्टिक चार्ट पर एक प्राइस पैटर्न है, जो किसी दैनिक चार्ट पर प्राइस एक्शन में अंतरालों द्वारा किसी भी तरफ अलग किए गए दिनों की ग्रुपिंग दिखाता है। यह प्राइस पैटर्न संकेत देता है कि कीमतों में बदलाव हो सकता है चाहे वर्तमान में वे कोई भी ट्रेंड क्यों नहीं प्रदर्शित कर रहे हों, चाहे वह ऊपर से नीचे की ओर हो, या फिर नीचे से ऊपर की ओर।
मुख्य बातें
- यह प्राइस पैटर्न तब होता है जब दो अलग अलग गैप, ट्रेडिंग दिनों के एक क्लस्टर को अलग करते हैं।
-इस पैटर्न का आम तौर पर मतलब रिवर्सल होता है और यह बियरिश या बुलिश बदलाव पर लागू हो सकता है।
-ऊपर की तरफ ट्रेंड करने वाली कीमतों (बुलिश) से नीचे की ओर तरफ ट्रेंड करने वाली कीमतों (बियरिश) में बदलाव करने वाले आइलैंड रिवर्सल अक्सर अधिक होते हैं जबकि इसके विपरीत कम होता है।
आइलैंड रिवर्सल पैटर्न को समझना
आइलैंड रिवर्सल एक अनोखे पहचानकर्ता होते हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग अवधियों (आम तौर पर दिनों) की ग्रुपिंग के किसी भी तरफ कीमत अंतरालों से परिभाषित होते हैं। जहां कई विश्लेषक और ट्रेडर्स का विश्वास है कि ये अंतराल आखिरकार भर जाएंगे (जिसका अर्थ यह हुआ कि कीमतें किसी भी अंतराल पर वापस आ जाएंगी जो पहले होता है), आइलैंड रिवर्सल इस विचार पर आधारित है कि निर्माण में दो अंतराल अक्सर नहीं भरेंगे-कम से कम फिलहाल तो नहीं। आइलैंड रिवर्सल एक शीर्ष या निचला गठन हो सकता है, हालांकि शीर्ष गठन दोनों में अधिक बार होता है। आइलैंड रिवर्सल गठन की पांच असाधारण विशेषताएं हैं:
1.पैटर्न में अग्रसर एक लंबा ट्रेंड
2. एक आरंभिक कीमत अंतराल
3. कीमत अवधियों का एक क्लस्टर जो एक निश्चित सीमा के भीतर ट्रेड करता प्रतीत होता है
4. पूर्ववर्ती प्रवृत्ति की तुलना में अंतराल के पास और आइलैंड के दौरान बढ़े हुए वाल्यूम का एक पैटर्न
5. एक अंतिम अंतराल जो पिछली प्रवृत्ति से अलग कीमतों के आइलैंड को स्थापित करता है।
आइलैंड रिवर्सल में कीमतों का एक क्लस्टर हो सकता है जो विभिन्न समय सीमाओं में फैला हो सकता है।
How to study candles and candlestick chart patterns? शेयर बाज़ार में चार्ट पैटर्न को कैसे समझे ?
शेयर बाज़ार में किसी शेयर या शेयर बाज़ार के स्वभाव को समझने के लिए चार्ट पैटर्न का अध्यन किया जाता है जिनमे कई सारे चार्ट पैटर्न शामिल है, लेकिन candlestick चार्ट पैटर्न मुख्य रूप से कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है उपयोग किया जाता है| Candlestick चार्ट पैटर्न की खोज जापान में हुई थी, और किसी स्टॉक के स्वाभाव को समझने के लिए दुसरे चार्ट patterns के मुकाबले में कैंडलस्टिक कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है चार्ट पैटर्न को सबसे सरल तथा बेहतरीन मना जाता है, और एसा है भी क्यूंकि हम खुद भी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की मदद से ट्रेडिंग करते है तथा इससे नुक्सान होने की सम्भावना बहोत कम हो जाती है, और यदि बाकि रूल्स भी follow किये जाये तो ज्यादा उम्मीद है की आपको profit ही होगा |
Candlestick चार्ट पैटर्न में एक या अधिक candle के मिलाप से ली गयी जानकारी के आधार पर भाव के सिग्नल प्राप्त किये जाते है जिनके आधार पर ट्रेडिंग की जाती है | candlestick चार्ट कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है पैटर्न शेयर बाज़ार में होने वाले उतार चढाव को अच्छे प्रकार तथा सरल रूप में पेश करता है, तथा इसके द्वारा प्रदर्शित परिणाम अन्य किसी चार्ट से कही बेहतर होते है, और भाव में आने वाली तेजी और मंदी को भी इस पैटर्न की सहायता से आसानी से समझा जा सकता है और दो या दो से अधिक कैंडल्स का उपयोग करके हम भाव में गिरावट तथा तेजी का अंदाजा लगा सकते है| लेकिन पैटर्न को समझने के लिए सबसे पहले आपको candle के बारे में जानकारी होना आवश्यक है, जो की आसानी से समझा जा सकता है |
किसी भी candle के तीन भाग तक होते है, जिनमे candle की body, upper shadow, तथा lower shadow होती है और लाल रंग की candle bearish तथा हरे रंग की candle bullish सिग्नल के लिए होती है जैसा की निचे दिखाया गया है
प्रतियेक candle में body candle के मुख्य पार्ट को कहते है तथा दोनों तरफ की टेल जैसी संरचना को shadow कहते है जिसमे ऊपर की और एक सिरे पर भाव सबसे अधिक तथा निचे सबसे कम होता है |
कई बार हमें सुनने को मिलता है की बहुत से लोग पूछते है की कैंडल्स कितने प्रकार या तरह की होती है ? चलिए हम आपको बताते है, की candle कितने प्रकार की होती है
Long day candle ( लॉन्ग डे candle ) : यह candle पिछले दिन के बंद होने वाले भाव की तुलना में अधिक फर्क होता है तथा यह candle रचना कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है में काफी लम्बी होती है |
Short day candle ( शोर्ट डे candle ) : यह कैंडल के पिछले दिन बंद होने वाले भाव की candle की अपेक्षा ज्यादा बड़ी नहीं होती अर्थात बहुत कम फर्क होता है जिसमे बहुत छोटे candle बनते है, दोनों का उदाहरण आपको निचे दिखाया गया है |
Doji candle ( डोजी कैंडल ) : यह candle तब बनती है जब खुलने वाले भाव या band होने वाले भाव के बिच न के बराबर फर्क होता है या दोनों भाव सामान होते है | डोजी candle को हम neutral candle भी कहते है, क्यूंकि यहाँ भाव ऊपर या निचे जा सकता है, लेकिन यदि शेयर्स का volume बिलकुल कम हो गया हो तो डोजी एक मजबूत सिग्नल दे सकती है |
- ग्रेव्ह स्टोन डोजी
- ड्रैगन फलाय
- लॉन्ग डे डोजी
- मोर्निंग स्टार
- इवनिंग स्टार
- शूटिंग स्टार डोजी |
Hammer and hanging ma n candle ( हैमर तथा हैंगिंग मेंन candle ): Hammer एक छोटी candle होती है जिसकी lower shadow लम्बी होती है और यह candle देखने में कुछ कुछ हथोड़े की तरह लगती है, इसीलिए इसे हैमर candle कहते है, इसमें रंग का कौई महत्त्व नहीं होता लेकिन इसकी दिशा मायने रखती है, और अगर यह दिशा तेजी की और हुई तो इसे बहुत अच्छा सिग्नल माना जाता है |
यह candle अंग्रेजी अक्षर के T जैसी दिखाई पड़ती है, इसे रिकवरी candle भी कहते है क्युकी इस candle के बाद अधिकांश, ट्रेंड correct होकर चलता है |
यह candle ट्रेंड रेवेर्सल को दर्शाती है, जो स्थापित मंदी का अंत तथा तेजी की शुरुआत के बारे में बताती है, इस पैटर्न में पहले एक लम्बी मंदी की candle बनती है तथा दूसरी candle तेजी की बनती है जिसके बाद तेजी आने के अत्यधिक सम्भावनाये होती है |
यह भी एक ट्रेंड रेवेर्सल पैटर्न है लेकिन यह तेजी के बाद मंदी की शुरुआत को दर्शाता है, इसमें पहली candle तेजी की बनती है जी लम्बी होती है तथा दूसरी candle मंदी की बनती है जो पहली candle से थोडा ऊपर close होती है, जब चार्ट पैटर्न में एसी स्तिथि दिखाई दे तो हमें बेचने के लिए तैयार हो जाना चाहिए, क्यूंकि इसके बाद मंदी का ट्रेंड शुरू हो जाता है |
जब यह candle बनती है तो यह मंदी का अंत तथा तेजी की सुरुआत को दर्शाती है, इसमें पहले एक डोजी बनती है जिसका बोडी छोटी होती है तथा इसके बाद एक बड़ी और तेजी वाली candle बनती है, जो पहली candle को पूरी तरह ढक लेती है, और इसके बाद तेजी का ट्रेंड शुरू हो जाता है |
यह candle bullish anglefing candle pattern की बिलकुल विपरीत होती है इसमें पहले छोटी तेजी वाली डोजी बनती है तथा फिर मंदी वाली बड़ी candle बनती है, जिसके बाद lower ट्रेंड शुरू हो जाता कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है है |
Basic of Candle Sticks Charts
Candle Stick basic यह शायद आपको पता भी होगा फिर भी आप इसको 10 बार अवश्य पढ़े. क्योंकि यह सब पैटर्न हर जगह आपको काम आएंगे. यकीन मानिए Candle Stick के साथ आप किसी भी market/stock का Top और Bottom पकड़ सकते है. ट्रेडिंग अकसर भावनाओं से तय होती है, जिसे कैंडलस्टिक चार्ट में पढ़ा जा सकता है।
Candle Stick क्या होती है ?
Candle Stick हमें मार्केट का मूड बताती है, buyer और seller कोन मार्केट पर हावी है वो candle stick से पता चलता है. इसीलिए ये बहुत ही उपयोगी है. Candle Stick chart का उपयोग traders अपने ट्रेड के लिए करते है जो पिछले Candle Stick पेटर्न पर आधारित होता है. Candle Sticks की कई पेटर्न होती है जिसकी मदद से हम अपना ट्रेड बना सकते है और मुनाफा / स्टॉप लोस रख सकते है.
Candle Stick Read केसे करते है ?
Candle stick हमें मुख्यतः: चार price बताते है जिसमें कहा ओपन हुवा, ओपन होने के बाद कहा क्लोज किया और क्लोज होने के दौरान कहा तक ऊपर गया और कहा तक निचे गया.
- अगर मार्केट ओपन होने के बाद ऊपर क्लोज करता है तो ग्रीन candle बनता है.
- अगर मार्केट ओपन होने के बाद निचे क्लोज करता है तो रेड candle बनता है.
- ओपन ओर क्लोज के बिच वाले भाग को बॉडी कहते है.
- अगर ओपन और क्लोज (बॉडी) के ऊपर / निचे मार्केट जाता है तो, उस पार्ट को अपर शैडो / लोअर शैडो या हाई /लो कहते है.
Example :
अगर कोई स्टॉक 100 रुपए पर ओपन होता है और वो निचे 90 जाता है, ऊपर 120 जाता है और क्लोज 110 पर होता है तो,
- ओपन और क्लोज मतलब 100 से 110 के बिच ग्रीन candle बनेगी क्योंकि यह स्टॉक ओपन से क्लोज ऊपर हुवा है और इस पार्ट को हम बॉडी कहेंगे.
- उस समय के दौरान स्टॉक ओपन से निचे जाता है यानी 100 से 90 के पार्ट को हम लो / लोअर शैडो कहेंगे.
- उस समय के दौरान स्टॉक क्लोज से ऊपर जाता है यानी 110 से 120 के पार्ट को हम हाई / उपर शैडो कहेंगे.
Basic Candlestick Patterns
इस candlestick को हम अलग अलग समय के लिए यूज करते है जो intraday, Short term, Long term के हिसाब से एडजस्ट कर सकते है. candlestick के कई सारे पेटर्न होते है जिसकी हम आगे चर्चा करेंगे.
Candlestick pattern in Hindi | Analysis | chart | PDF
क्या आप जानते है की कैंडलस्टिक चार्ट क्या है(candlestick in Hindi) और कैंडलस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे किया जाता है? अगर आप नहीं जानते तो यह लेख आपके लिए काफी लाभप्रद होने वाला है | क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम आपके साथ कैंडलस्टिक चार्ट के सन्दर्भ में सभी इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन को Hindi में शेयर करने वाले है जिसे आसानी से समज में आये|
कैंडलस्टिक चार्ट क्या है?(what is candlestick in Hindi)
कैंडलस्टिक चार्ट शेयर बाजार में शेयर की कीमतों का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए काफी उपयोगी है| शेयर बाजार में सबसे महत्वपूर्ण यह तय करना है की शेयर को कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए| कैंडलस्टिक चार्ट के द्वारा हमें शेयर की price का अंदाजा लगाने में आसानी होती है|
किसी भी शेयर की price का अंदाजा लगाने के लिए उस शेयर के भूतकाल में हुए ट्रेडिंग को अवश्य देखना चाहिए| भूतकाल में क्या बदलाव हुए थे और किसी एक निश्चित समय पर शेयर ने कैसा परफॉर्म किया था उस पर से कैंडलस्टिक चार्ट बनता है| जो हमें आने वाले समय में शेयर कैसा परफॉरमेंस करेगा यह समजने में मदद करेगा|
कैंडलस्टिक चार्ट की शुरुआत तकरीबन 1700 की साल के आसपास जापान में हुई थी| लेकिन यह माना जाता है की 1750 के आसपास जापान के व्यापारी मुनेहिसा होमा ने की थी जिसने candlestick patterns की शुरुआत चावल के व्यवसाय के लिए की थी|
कैंडलस्टिक चार्ट बनता कैसे है?(candlestick patterns in hindi)
यह chart किसी एक निश्चित समय में शेयर के मूल्य में जो भी परिवर्तन आता है उससे बनता है| शेयर के लिए सबसे महत्वपूर्ण चार वैल्यू होती है जो की इस तरह है| इस चार value के आधार कैंडलस्टिक चार्ट (candlestick patterns) बनता है| इस chart या पैटर्न को बनाने के लिए Body और shadow की आवश्यकता होती है| निचे दी गयी आकृति में यह अच्छे से समजाया है की कैंडलस्टिक चार्ट कैसे बनता है और उसमे Body और shadow का कोनसा हिस्सा किस कीमत को दर्शाता है|
आकृति में दिया गया ग्रीन स्क्वायर candlestick patterns की बॉडी को दर्शाता है और उपर नीची दो काली लाइन shadow को दर्शाती है|
candlestick patterns को बनाने के लिए दो तरह के रंग को अधिक प्रयोग होता है लाल और हरा| लेकिन यह कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार बदल सकता है|
कैंडलस्टिक चार्ट का एनालिसिस (Candlestick chart analysis in Hindi)
कैंडलस्टिक चार्ट का एनालिसिस करने के लिए उसकी बॉडी (Body) और shadow को अच्छे से समजना चाहिए|
Candlestick chart body analysis
इस chart में बॉडी को दो रंगों से दिखाया जाता है| आम तौर पर इसे लाल और हरे रंग से ही दिखाया जाता है लेकिन कुछ किस्सों में इसे काले और सफ़ेद रंग में दिखाया जाता है| बॉडी chart का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है| यह ओपन price और क्लोजिंग price को मिलाकर बनता है|
opening price की कीमत closing price से अधिक हो तब यह माना जाता है की मार्केट में डाउनट्रेड चल रहा है| लाल या काले रंग का कैंडलस्टिक बॉडी डाउनट्रेड को दर्शाता है| लाल रंग की बॉडी में ओपन price उपर की और दिखाया जाता है और क्लोजिंग price निचे की और दिखाया जाता है|
Closing price की कीमत opening price से अधिक हो तो यह माना जाता है की मार्केट में अपट्रेड चल रहा है| जब की हरा या सफ़ेद कैंडलस्टिक बॉडी अपट्रेड को दर्शाता है| हरे रंग की बॉडी में ओपन price निचे की और दिखाया जाता है और क्लोजिंग price उपर की और दिखाया जाता है|
Candlestick chart shadow analysis
कैंडलस्टिक chart में बॉडी के उपर निचे जो line है उसे tail या shadow कहते है| यह उस समय के दौरान जो सबसे उच्च कीमत और जो सबसे कम कीमत है वह shadow द्वारा दर्शाया जाता है|
हाई price को बॉडी के उपर दिखाया जाता है| जब की lowest price को बॉडी के निचे दिखाया जाता है| जब ओपन या closing price सबसे अधिक या कम हो तब उपर या निचे की tail या shadow नहीं होती है|
- यह भी पढ़े: short selling क्या है जाने हिंदी में
कैंडलस्टिक चार्ट से सिख और खासीयत
- जब भी chart में लाल रंग की बॉडी अधिक दिखे तब बेचना और हरे रंग की बॉडी दिखे तब बेचना चाहिए|
- तकनिकी आधार पर इस chart का एनालिसिस करना काफी फायदेमंद रहता है|
- intra-day ट्रेडर को candlestick chart analysis करना काफी मददरूप रहता है|
- इसे एनालिसिस समय थोड़ी फ्लेक्सिबिलिटी रखनी चाहिए|
कैंडलस्टिक चार्ट के फायदे (Benefits of Candlestick chart)
Candlestick पैटर्न के कई फायदे है| जिसमे से इस लेख में हम आपको दो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है इस पर बात करेंगे|
यह बाजार में कब प्रवेश करना (Entry) मतलब की खरीदारी करना और बाजार में से कब बहार निकलना अर्थात कब शेयर की बिक्री करने का अच्छा समय दर्शाता है|
Intraday जैसी पद्धतियों से ट्रेडिंग करना काफी जोखिम कारक है| ऐसे में यह पद्धति से काफी लाभ होता है और सही अंदाजा लगाया जा सकता है जोखिम कितना है| और ट्रेडिंग करना चाहिए या नहीं|
- यह भी पढ़े: पोर्टफोलियो कैसे बनाए और हिंदी में विस्तृत में जानकारी
Candlestick chart analysis in Hindi PDF
कैंडलस्टिक chart/pattern के अन्ल्य्सिस करने के कई सारे लाभ है जो हमने अभी दिए है| इसे एनालिसिस करने और समजने के लिए आपको PDF दे रहे है| इसके माध्यम से आपकी और अच्छे से समजने में आसानी होगी| PDF को download करने के लिए निचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे|
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हमें आशा है की आपको candlestick in hindi के बारे में अच्छी इनफार्मेशन मिली होगी| इस लेख के माध्यम से हमने आपके साथ candlestick chart in hindi और Candlestick chart analysis in Hindi PDF के बारे में भी अच्छी इनफार्मेशन दी है|
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