4 मार्च 2020 को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के फैसले को खारिज़ करते हुए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया। वर्तमान परिदृश्य में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना गैरकानूनी नहीं है हालाँकि इनकी अस्थिरता को देखते हुए सरकार इनमें निवेश करने से बचने की सलाह देती रही है। भारत मे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनियों में Unocoin, ZebPay आदि प्रमुख हैं।

UP NEWS: क्रिप्टोकरेंसी फर्जीवाडे़ का पता लगाने के लिए IIT कानपुर ने बनाया उपकरण, अपराधियों की धरपकड़ के लिए यूपी पुलिस करेगी इसका इस्तेमाल

By: ABP Live | Updated at : 09 Jun 2022 04:14 PM (IST)

Kanpur News: आईआईटी कानपुर ने क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड का पता लगाने में सहायक एक स्वदेशी उपकरण बनाने में सफलता प्राप्त की है. क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने के लिए इस उपकरण (TOOL) को उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया जायेगा. इस उपकरण को लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने कहा कि आईआईटी द्वारा विकसित उपकरण जिसे HOP के रूप में जाना जाता है, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन का विश्लेषण कर सकता है.

यूपी पुलिस करेगी इस टूल का इस्तेमाल

शुक्ला ने कहा कि यह टूल किसी भी विदेशी उपकरण से सस्ता है. उन्होंने कहा कि सितंबर तक हमारा टूल यूपी पुलिस की सेवा करने और क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामलों में जांच में मदद करने के लिए तैयार हो जाएगा. एडीजी साइबर क्राइम सुभाज चंद्रा ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम चलाने और पुलिस विभागों के साधन संपन्न होने पर जोर दिया, ताकि साइबर हमलों से पूरी तरह निपटा जा सके.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्या है?क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली

किसी भी देश की मुद्रा जैसे भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड आदि उनके केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी तथा समर्थित होती हैं। यह भौतिक मुद्रा होती हैं जिसे आप देख अथवा छू सकते हैं और नियमानुसार किसी भी स्थान या देश में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency in Hindi) एक प्रकार की डिजिटल या आभासी करेंसी (मुद्रा) होती है जिसे आप देख या छू नहीं सकते।

पहली क्रिप्टोकरेंसी जिसे बिटकॉइन के नाम से जाना जाता है कि शुरुआत साल 2009 में सतोषी नकामोटो नामक व्यक्ति द्वारा की गई। इन्हीं ने सर्वप्रथम ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इस मुद्रा का निर्माण किया। 2008 में जारी अपने एक रिसर्च पेपर में उन्होंने बताया कि किस प्रकार किसी विकेन्द्रीकृत मुद्रा के प्रयोग से बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं को मध्यस्थ की भूमिका से बाहर किया जा सकता है। वर्तमान में दुनियाँ भर में तकरीबन 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। जिनमें बिटकॉइन, लाइटकॉइन, ईथर, डैशकॉइन, रिपल आदि शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली

क्रिप्टोकरेंसी एक बेहद महत्वपूर्ण तकनीक ब्लॉकचेन पर आधारित है। इस तकनीक की सहायता से किसी भी प्रकार की सूचना का एक विकेन्द्रीकृत बहीखाता या Ledger तैयार किया जा सकता है। इस नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के पास सूचना का यह बहीखाता मौज़ूद होता है। वर्तमान में इस तकनीक का इस्तेमाल मुख्यतः क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में किया जा रहा है।

सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया में लेन-देन का विवरण बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाता है जबकि क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों जिन्हें माइनर्स कहा जाता है द्वारा सत्यापित किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के किसी लेन-देन को सत्यापित कर उसे सूचना के एक ब्लॉक रूप में परिवर्तित करना बेहद जटिल गणितीय कार्य होता है जिसके लिए अत्यधिक कंप्यूटर क्षमता, विद्युत आपूर्ति तथा हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

  1. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी किसी देश या सरकार के नियंत्रण में नहीं है अतः किसी देश की आर्थिक स्थिति या आर्थिक निर्णयों जैसे नोटबंदी या घरेलू मुद्रा के अवमूल्यन का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  2. जहाँ बैंकों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर लेन-देन करने में अधिक शुल्क तथा समय लगता है वहीं क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन त्वरित तथा अत्यंत कम शुल्क में हो जाता क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली है।
  3. इसमें लेन-देन करने के लिए किसी पहचान पत्र आदि की आवश्यकता नहीं होती क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली अतः किन्हीं दो व्यक्तियों के मध्य होने वाला लेन-देन गुप्त रहता है।
  1. क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वाले व्यक्तियों की जानकारी पूर्णतः गोपनीय होती है अतः इसका प्रयोग गैर-कानूनी गतिविधियों जैसे किसी के निजी डेटा को बेचना, फिरौती, गैर-कानूनी वस्तुओं का व्यापार तथा मानव तस्करी आदि करने में भी किया जाता है।
  2. इसके इस्तेमाल में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी गलत पते पर क्रिप्टोकरेंसी के हस्तांतरण हो जाने की स्थिति में उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता न ही उस व्यक्ति की पहचान करना संभव है।
  3. चूँकि क्रिप्टोकरेंसी पूर्णतः बाजार के नियंत्रण में है अतः यह बहुत अस्थिर है। इसकी कीमतों में अचानक गिरावट आने की संभावना बनी रहती है जिससे ऐसी मुद्राओं में निवेश करने वाले निवेशकों की पूँजी डूब सकती है। उदाहरण के तौर पर साल 2013 में बिटकॉइन में एक ही दिन में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
  4. क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में अत्यधिक मात्रा में कंप्यूटर क्षमता की आवश्यकता होती है जो ऊर्जा अपव्यय का एक मुख्य कारण है।
  5. सरकारों तथा केन्द्रीय बैंकों के नियंत्रण में न होने के चलते इसके प्रयोग से कर चोरी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

कैसे होती है बिटकॉइन की ट्रेडिंग?

Kraken के जरिए बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा सकती है। इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है। अकाउंट वेरिफाइ होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग के लिए चार्ट मौजूद होता है जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है। आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है इसलिए इसमें खतरा बना रहता है।

शेयर बाजार से बहुत अलग चीज है ये

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान होती है इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। यह किसी देश की तरफ से निर्धारित नहीं होती है बल्कि डिजिटली कंट्रोल होती है। स्टॉक मार्केट की तरह बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

बिटकॉइन में पैसा लगाना इसलिए है खतरनाक

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले सालों में कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 फीसदी गिर गया। 2013 में अप्रैल महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से अधिक गिरी थी। 233 डॉलर तक जा पहुंचा बिटकॉइन अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ गया। कई देशों में बिटकॉइन पर अभी भी ट्रेडिंग होती है, लेकिन इसमें निवेश करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। बिटकॉइन की सबसे खराब बात ये है कि इसका अधिकतर इस्तेमाल हैकिंग, ड्रग्स सप्लाई और हथियारों के अवैध खरीद-फरोख्त जैसे कामों में होता है, जो गैरकानूनी है।

क्रिप्टो जैकिंग

हालिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो जैकिंग 2022 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। 2022 की पहली छमाही में, वैश्विक क्रिप्टो जैकिंग की संख्या में 2021 की तुलना में लगभग 66 मिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि हुई है।

क्रिप्टो जैकिंग क्या है?

यह एक प्रकार का साइबर अपराध है, जिसमें हैक किए गए कंप्यूटर के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जाती है। इसके कारण, साइबर अपराधी क्रिप्टो माइनिंग मैलवेयर विकसित और वितरित कर रहे हैं। जब मैलवेयर एक छेड़छाड़ किए गए डिवाइस पर लोड हो जाता है, तो यह नए सिक्कों का निर्माण करता है। हालाँकि, यह वेब ब्राउज़र और ब्राउज़र के एक्सटेंशन में भेद्यताएँ (vulnerabilities) पैदा करता है।

  • इन मामलों की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत जांच हो रही है
  • एक्सचेंज पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है
  • पिछले कुछ महीनों में एक्सचेंजों के खिलाफ उल्लंघन के कुछ मामले हुए हैं

प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक WazirX के जरिए लगभग 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) जांच कर रहा है. यह जानकारी राज्यसभा में दी गई है. वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ED इस क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े दो मामलों की फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जांच कर रहा है.

चौधरी ने कहा, "एक मामले में जांच से पता चला है कि WazirX ने एक अन्य विदेशी एक्सचेंज Binance के छिपे हुए इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया था. इन दोनों एक्सचेंजों के बीच क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस को ब्लॉकचेन्स पर रिकॉर्ड नहीं किया गया था." उन्होंने बताया कि WazirX को लगभग 2,790 करोड़ रुपये के क्रिप्टो एसेट्स की रेमिटेंस की अनुमति देने के लिए FEMA के प्रावधानों के तहत कारण बताओ नोटिस दिया गया है. एक अन्य मामले में WazirX सहित भारतीय एक्सचेंजों ने एक क्रिप्टो एसेट को एक अन्य में कन्वर्ट क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली करने के विदेशी यूजर्स के निवेदन को अपने प्लेटफॉर्म पर अनुमति दी थी और इसके लिए FTX और Binance जैसे थर्ड-पार्टी एक्सचेंजों से ट्रांसफर का इस्तेमाल किया गया था.

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