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यह सच है कि विदेश व्यापार किसी देश में आर्थिक विकास का इंजन है। किसी देश की भलाई उसके विदेशी व्यापार की प्रकृति और सीमा से निर्धारित होती है। एक देश विदेशी व्यापार की सहायता से आसानी से उन वस्तुओं को प्राप्त कर सकता है जिनका वह उत्पादन नहीं कर सकता या आर्थिक रूप से उत्पादन नहीं कर सकता। वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए श्रम, धन, सामग्री, मशीनों जैसे विभिन्न संसाधनों की आवश्यकता होती है।
कोई भी देश अपने पास मौजूद संसाधनों से आत्मनिर्भर नहीं है और विभिन्न देशों के पास मौजूद संसाधनों की गुणवत्ता और मात्रा में हमेशा अंतर होता है। विभिन्न देशों में सापेक्ष बहुतायत या संसाधनों की कमी में इस अंतर के कारण विदेशी व्यापार में वृद्धि हुई।
विदेश व्यापार के अन्य लाभ
संसाधनों का उपयोग:
प्रत्येक देश के पास मौजूद राष्ट्रीय संसाधनों का देश के आर्थिक विकास के कारण दोहन होता है। विदेशी व्यापार ऐसे संसाधनों का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग करने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, भारत के पास पर्याप्त अपतटीय तेल संसाधन हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी और मशीनरी की कमी है। ऐसी वस्तुओं का आयात अमेरिका, जापान आदि जैसे विकसित देशों से किया जा सकता है।
विदेशी व्यापार के कारण दुनिया भर में कीमतें समान हैं। कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के साथ आयात स्तर बढ़ता है। यदि उत्पादों की कीमतों में गिरावट आती है, तो निर्यात काउंटर प्रवृत्ति का कार्य करता है।
इसके अलावा, पारंपरिक वस्तुओं के उत्पादन में सापेक्ष वृद्धि वांछनीय नहीं हो सकती है यदि ऐसी वृद्धि आधुनिक विनिर्माण की कीमत पर हो। ऐसे सामानों की मांग की कम आय और कीमत लोच और प्राकृतिक (मौसम) स्थितियों के कारण कृषि और प्राथमिक उत्पादों की आपूर्ति की अस्थिरता के कारण, इन वस्तुओं में अधिक विशेषज्ञता के परिणामस्वरूप अल्पावधि में भी आय की अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार अधिक अस्थिरता हो सकती है।
रोजगार के अवसर:
यह देश में रोजगार पैदा करने में मदद करता है क्योंकि विदेशी व्यापार कृषि और औद्योगिक गतिविधियों के विकास की सुविधा प्रदान करता है। विशेषज्ञता के कारण अपेक्षाकृत अधिक गहनता से एलडीसी प्रचुर मात्रा में कारक-जो कि श्रम है, का उपयोग करने वाले क्षेत्रों का सापेक्ष विस्तार होता है। अधिकांश एलडीसी के लिए, तुलनात्मक लाभ के अनुसार विशेषज्ञता अधिक आधुनिक, पूंजी-गहन उत्पादन के बजाय श्रम-गहन उत्पादन का विस्तार करने में मदद करती है।
इसका अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार अर्थ है पारंपरिक कृषि, प्राथमिक उत्पादों और श्रम-प्रधान प्रकाश विनिर्माण का विस्तार करना। इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार रोजगार को प्रोत्साहित करता है और मजदूरी पर ऊपर की ओर दबाव डालता है जैसा कि हेक्शर-ओहलिन (HO) प्रमेय द्वारा सुझाया गया है। हालांकि, अधिकांश एलडीसी श्रम-अधिशेष देश हैं। इसलिए, श्रम की बढ़ी हुई मांग से मजदूरी दर में बहुत अधिक वृद्धि होने की संभावना नहीं है।
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PO की ऐसी निवेश योजना, जो देती है बैंक से अधिक ब्याज, जाने क्या है डाकघर बचत योजना
व्यापार, डेस्क रिपोर्ट। मध्यमवर्ग वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार चिंता में भी रहते है। इसलिए वह वर्तमान के साथ-साथ भविष्य (Future plan) को सुरक्षित रखने के लिए निवेश नीति को ढूंढते हैं। ऐसे निवेश नीति (Investment Policy), जिसमें रकम लगाने के बाद उन्हें अच्छे रिटर्न (Good return) के साथ-साथ भविष्य का सुरक्षात्मक जरिया भी उपलब्ध हो। Post Office Fixed Deposit का भारत के मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक अनूठा रिश्ता है। सबसे लंबे समय तक, फिक्स्ड डिपाजिट भारतीय मध्यम वर्ग के लिए निवेश का विकल्प था।
अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार
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Question Paper 2014
निम्नलिखित में से किसी एक विषय .
Solution : कम्प्यूटर-साक्षरता
तकनीकों में कम्प्यूटर का सहयोग एवं व्यवहार दिनानुदिन बढ़ता जा रहा है। कम्प्यूटर न केवल कार्य में तीव्रता लाता है अपितु परिशुद्धता तथा संगठनात्मक सुविधाएँ भी प्रदान करता है।
कम्प्यूटर एकत्रित आँकड़ों का इलेक्ट्रॉनिक विश्लेषण प्रस्तुत करने वाली मशीन है।
आज संसार के शीर्षस्थ वैज्ञानिक कम्प्यूटर की दौड़ में शरीक हैं जिसके लिए नये प्रोग्राम विकसित किये जा रहे हैं।
आधुनिक कम्प्यूटर और सुपर कम्प्यूटर बहुत शक्तिशाली है और कम समय में जटिल से जटिल कार्य इसके द्वारा किया जा सकता है। कम्प्यूटरों का व्यवहार जीवन के प्रायः सभी क्षेत्रों में होने लगा है सुरक्षा सम्बन्धी क्षेत्रों के अलावा इसका व्यापक रूप से प्रयोग उद्योग, उत्पादन, वाणिज्य, वितरण, परिवहन आदि सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है।
कम्प्यूटरों ने उद्योगों में क्रांतिकारी मोड़ ला दिया है यहाँ तक कि कारखानों में विनिर्मित होने वाली सामग्री की संख्या और उनके स्तर पर निर्धारण कम्प्यूटर द्वारा ही होता है। हानि-लाभ के आँकड़े कम्प्यूटर स्वतः ही तैयार कर देते हैं। बाजार भाव उठने-गिरने का संकेत भी कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। कम्प्यूटर ग्राफिक्स कम्प्यूटरों में एक बहुत ही नवीन आयाम विकसित हुआ है। ग्राफिक्स का उपयोग उद्योगों में बढ़ रहा है क्योंकि इन्जीनियरिंग में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग होता है। मुद्रित परिपथ जो कि कम्प्यूटर में ही प्रयुक्त होता है, सम्प्रति कम्प्यूटरों द्वारा ही आरेखित होते हैं। उद्योगों में रोबोट का उपयोग कम्प्यूटर की ही देन है। स्वतः चालित यंत्रों से भिन्न रोबोट का नाना प्रकार के कार्य करने हेतु प्रोग्रामित किया जा सकता है जबकि अन्य स्वतः चालित यंत्र वे, बल एक प्रकार का कार्य करने में ही समर्थ होते हैं इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि अत्यंत अल्पावधि में वृहत से वृहत् कार्य भी किया जा सकता है। बैंकों को कम्प्यूटर का योगदान अभूतपूर्व है। विदेशों में तो कम्प्यूटर बैंक में प्रत्येक ग्राहक के लिए गुप्त पिन रखता है जिसके द्वारा ग्राहक बैंकों से भुगतान स्वतः प्राप्त कर सकता है। बड़े-बड़े खातों के रख-रखाव और पैसे के लेन-देन की माथा-पच्ची से बैंक कर्मचारियों को भी फुर्सत मिलती है। स्मरणीय है कि कोई भी हेरा-फेरी नहीं कर सकता है। सम्प्रति प्रायः सभी संस्थानों, प्रतिष्ठानों में बिल भी कम्प्यूटर द्वारा तैयार हो रहा है। रिजर्व बैंक तथा व्यापारिक बैंकों में कम्प्यूटरों का प्रयोग अधिकाधिक होने लगा है। किन्तु अभी जिस अनुपात में कम्प्यूटरों की अपेक्षा है भारतीय बैंकों के लिए वह बहुत ही कम है। जीवन बीमा निगम के जटिल कार्यों से निबटने के लिए भी कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है। कम्प्यूटरों के प्रयोग से न केवल जीवन बीमा निगम सम्बन्धी कार्य अधिक कुशलता से होगा प्रत्युत उसी के साथ आदि के सम्बन्ध से आसानी से और कम समय में निर्णय लिया जा सकेगा। हमारी अंतरिक्ष यात्राएँ कम्प्यूटर पर काफी आश्रित हैं कम्प्यूटरों के अभाव में न तो रॉकेट एवं उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर सकते हैं न ही उनका निरीक्षण कर सकते हैं। अंतरिक्ष यात्राओं का निर्देशन कम्प्यूटर के ही माध्यम से होता है। यहाँ तक की अंतरिक्ष से प्रेक्षित किये गये चित्रों का विश्लेषण भी कम्प्यूटर द्वारा ही किया जाता है। आज तो कम्प्यूटर की लोकप्रियता निर्विवाद रूप से बढ़ रही है और भविष्य में उसकी कार्यक्षमता में और वृद्धि की सम्भावना है। आज का युग कम्प्यूटर साक्षरता का युग है। आजकल आम लोग कम्प्यूटर की शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। क्योंकि आधुनिक युग में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटर क्रांति आ चुकी है। सभी संस्थाओं में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है। इसके अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार माध्यम से कार्य का सरलीकरण होने लगा है, यानी कम समय में कार्य किया जा रहा अल्पावधि व्यापारियों के प्रकार है। कम्प्यूटर के माध्यम से आँकड़ों (Data) का काम किया जा रहा है। जीवन के लिए आज कम्प्यूटर का प्रयोग अनिवार्य बन गया है। इसलिए लोग कम्प्यूटर कार्य में साक्षर होने लगे हैं स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, बैंक, निगम, विनियम, बीमा कम्पनी, सभी सरकारी कार्यालयों, व्यावसायिक संस्थाओं तथा गैर-सरकारी संस्थाओं में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है। यह कम्प्यूटर-क्रांति का ही परिणाम है। कम्प्यूटर को लोग पेशा के रूप में अपनाने लगे हैं। अत: कम्प्यूटर साक्षरता का आजकल महत्त्व बहुत बढ़ गया है।
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