भारत में करेंसी फ्यूचर्स कैश सेटलमेंट हैं। इसका मतलब है कि भारत में इस तरह के Currency Trading का भौतिक रूप से निपटान नहीं होता है यानी समाप्ति पर करेंसी की कोई वास्तविक डिलीवरी नहीं होती है।

Best SIP Date जिसमें आपको फायदा ज्यादा हों

अगर आप Mutual Fund में SIP के माध्यम से इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आप जरूर जानते होंगे की SIP Date बहुत ही मायने रखता है। कई लोग इसे नहीं मानते हैं। उनका मानना है महीने में किसी भी दिन में SIP करें कोई फर्क नहीं पड़ता।

लेकिन कई वित्तीय सलाहकार इसे गलत मानते हैं। उनका मानना है कि यदि SIP Date आप सोच समझ कर रखते हैं तो आप का लाभ दो से तीन प्रतिशत बढ़ सकता है। जो लंबी अवधि में लाखों का फायदा करा सकता है।

यदि आप SIP करते हो उसमें एक SIP Date देना आवश्यक होता है। जिस तारीख को आपका पैसा आपके अकाउंट से कटकर Mutual Fund में जाएगा उसी दिन का मार्केट वैल्यू के अनुसार आपको यूनिट मिलता है।

जैसा कि आप जानते हैं कि मार्केट में प्रत्येक दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब स्टॉक मार्केट का संवेदी सूचकांक कम होती है और हमें ज्यादा यूनिट मिल जाता है। ठीक उसी प्रकार जब मार्केट का सूचकांक ऊपर रहता है समय Mutual Fund का एनएवी ज्यादा होने के कारण हमें कम यूनिट प्राप्त होता है।

SIP Date में ब्रोकर की सलाह

आप किसी भी ब्रोकर कर के पास जाओगे तो वह हमेशा आपको एक ही सलाह देगा कि आप अपना SIP Date 1 तारीख को रखें। कई बोलेगा आप महीना के शुरुआत हफ्ते यानी एक से लेकर 5 तारीख तक SIP Date रखें।

वह आपको रिच डैड पुअर डैड पुस्तक की कहानी बताएगा और कहेगा अपनी कमाई में से पहले वेतन अपने आप को दे। कुछ बोलेगा कि आप खर्च होने से पहले निवेश करें। इसमें आपको यह फायदा है वह फायदा है। लेकिन वास्तव सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? में इसमें ब्रोकर का फायदा होता है।

क्योंकि ब्रोकर सोचता है कि वेतन मिलने के पहले दिन या 4 दिन तक हमारे अकाउंट में पैसा पड़ा रहता है। इस तारीख को पैसा कट कर SIP में निवेश हो जाता है।

कई बार घर के खर्चे ज्यादा होने के कारण हमारे खाते में पैसे नहीं बच पाते हैं। जिसके कारण SIP में निवेश नहीं हो पाता। SIP में निवेश नहीं होने के कारण ब्रोकर को कमीशन नहीं मिलता जिसे कारण उसे नुकसान हो जाता है। इसलिए वह हमेशा महीने के 1 तारीख को निवेश करने की सलाह देता है।

SIP Date क्या होनी चाहिए

जैसा कि आप जानते हैं SIP दौरा Mutual Fund में निवेश सबसे अच्छा माना गया है। आप यह भी जानते हैं कि Mutual Fund is subject to market risk.

Mutual Fund स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है। स्टॉक मार्केेट (Stock Market) ऊपर जाना या नीचे आना Mutual Fund को प्रभावित करता है। आपका लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि स्टॉक मार्केट (Stock Market) कितना ऊपर नीचे गया।

दोस्तों यह जानना तो मुश्किल है की स्टॉक मार्केट (Stock Market) कब ऊपर जाएगा या कब नीचे आएगा। कोई वित्तीय सलाहकार या स्टॉक मार्केट के बड़े जानकार नहीं बता सकते।

यदि आप स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करते हैं तो आप जानते हैं कि हर महीने सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? की 25 तारीख को ऑप्शन ट्रेडिंग का एक्सपायरी होती हैै। यदि किसी कारणवश 25 तारीख को स्टॉक मार्केट बंद है तो उससे पहले वर्किंग डे।

ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने के लिए अपनाएं आसान तरीके

ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने के लिए अपनाएं आसान तरीके

ट्रैक्टर आज किसान का सबसे सच्चा साथी बन चुका है। ट्रैक्टर के बिना खेती व अन्य कृषि कार्यों के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। लेकिन डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से किसान बहुत परेशान है। कई बार किसान ट्रैक्टर की समय पर देखभाल नहीं कर पाता है और उसका ट्रैक्टर अधिक डीजल खपत करने लग जाता है। इससे किसान की कृषि लागत बढ़ जाती है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको ट्रैक्टर का माइलेज कैसे बढ़ाएं, ट्रैक्टर माइलेज टिप्स, ट्रैक्टर में डीजल बचाने के नुस्खे आदि की जानकारी दी जा रही है, तो बने रहे ट्रैक्टर जंक्शन के साथ।

ट्रैक्टर का माइलेज कैसे बढ़ाएं : खास टिप्स

किसान जब नया ट्रैक्टर खरीदता है तो वह कुछ समय सही माइलेज देता है। जैसे-जैसे ट्रैक्टर पुराना होता जाता है माइलेज कम होती जाती है। किसान ऐसा क्या करें कि उसका ट्रैक्टर बेहतर माइलेज दें? ट्रैक्टर माइलेज से संबंधित सवालों का जवाब देने के लिए ट्रैक्टर जंक्शन की यह पोस्ट आपके लिए लिखी गई। आईए, जानें ट्रैक्टर का माइलेज बढ़ाने के खास टिप्स।

  1. किसान को हमेशा अपने ट्रैक्टर के पहियों को फिसलने सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? से बचाना चाहिए। अगर खेती के कार्य के दौरान पहिये अधिक फिसलते हैं तो डीजल बर्बाद होता है। इसके लिए किसान को ट्रैक्टर के पहियों में सही भार का उपयोग करना चाहिए। खेती के कार्य के बाद भार को हटा देना चाहिए।
  2. ट्रैक्टर में डीजल के रिसाव से भी किसान को नुकसान होता है। डीजल रिसाव की जानकारी के लिए समय-समय पर ट्रैक्टर की जांच करते रहें। अगर प्रति सेकंड एक बूंद डीजल का रिसाव होता है तो एक साल में 2 हजार लीटर डीजल का नुकसान हो सकता है। समय-समय पर ईंधन की टंकी, ईंधन पंप, फ्यूल इंजेक्टर और लाइनों के जोड़ की जांच करनी चाहिए।
  3. ट्रैक्टर रुकने पर इंजन को बंद कर देना चाहिए। खड़े ट्रैक्टर का चालू इंजन एक घंटे में 1 लीटर डीजल की खपत करता है।
  4. ट्रैक्टर की बैटरी, डायनेमो और सेल्फ मोटर को हमेशा अच्छी कंडिशन में रखना चाहिए। ये खराब होने पर आपको ट्रैक्टर कई बार बेवजह चालू रखना पड़ सकता है। जिससे डीजल की ज्यादा खपत होती है।
  5. ट्रैक्टर के इंजन को हमेशा धूल से बचाना चाहिए। लेकिन ये किसान के लिए संभव नहीं है। क्योंकि ट्रैक्टर हमेशा खेतों में चलता है। धूल से बचाव के लिए अच्छे एयर फिल्टर का उपयोग करना चाहिए। साथ ही कंपनी के सुझाव के अनुसार समय-समय पर बदलना भी चाहिए। एयर फिल्टरों को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए।
  6. खेत की जुताई के समय ट्रैक्टर को चौड़ाई के बजाए लंबाई में चलाना चाहिए। पहली जुताई सीधी और समानांतर करनी चाहिए।
  7. सही गियर का चयन : ट्रैक्टर को हमेशा सही गियर में चलाना चाहिए। गलत गियर चुनने पर ईंधन की खपत 20 से 30 प्रतिशत अधिक होती है और खेत की जुताई का आउटफुट करीब 40 से 50 फीसदी तक घट सकता है।
  8. ट्रैक्टर में हमेशा भार को ढुलाई क्षमता के अनुसार ही रखना चाहिए। ट्रैक्टर की अधिकतम हॉर्स पावर के अनुसार ट्रैक्टर और इम्प्लीमेंट्स चलाने की स्पीड का चयन करना चाहिए।
  9. ट्रैक्टर को हमेशा उस उच्च गियर पर चलाना चाहिए जिस पर धुआं नहीं निकलता हो।
  10. ट्रैक्टर की क्षमता के अनुसार ही इम्प्लीमेंट चलाने चाहिए। अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टर से छोटे इम्प्लीमेंट चलाने पर और कम सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? स्पीड में ट्रैक्टर को चलाने पर ईंधन की अधिक खपत होती है।
  11. डीजल खपत में ट्रैक्टर टायर की कंडीशन भी विशेष महत्व रखती है। घिसे हुए टायर वाला ट्रैक्टर डीजल की अधिक खपत करता है।
  12. टायर में हवा का सही दबाव होना चाहिए। खेत और सड़क पर चलाने समय मानकों के अनुसार हवा का दबाव होना चाहिए।
  13. ट्रैक्टर से निकलने वाले धुएं की समय-समय पर जांच करनी चाहिए। अगर आपका ट्रैक्टर ज्यादा धुआं छोड़ता है तो वह डीजल की ज्यादा खपत करता है। इसे सही करना चाहिए। गलत इम्प्लीमेंट के प्रयोग और गलत गियर में ट्रैक्टर चलाने से भी अधिक धुआं निकलता है, इससे भी बचना चाहिए। खराब फ्यूल इंजेक्टर से ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
  14. नोजल और फ्यूल इंजेक्टर पंप की समय-समय पर जांच करनी चाहिए।
  15. अपने ट्रैक्टर को जानें : ट्रैक्टर में डीजल की खपत कम करने के लिए आपको अपने ट्रैक्टर के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए आपको ट्रैक्टर का मैनुअल पढ़ना चाहिए,उसमें सभी जानकारी मिलती है। साथ ही आप कंपनी के अधिकृत विक्रेता से संपर्क कर सकते हैं।

ट्रैक्टर रख-रखाव के कुछ शॉर्ट टिप्स

  • अगर किसान नियमित रूप से ट्रैक्टर का सही रखरखाव करता है तो उसे डीजल की बचत का फायदा मिलता है। यहां आपको ट्रैक्टर के रख-रखाव के कुछ शॉर्ट टिप्स बताए जा रहें जो किसान अपने स्तर पर अपना सकता है उसे गैराज में जाने की आवश्कता नहीं होती है।
  • ट्रैक्टर का इंजन ठंडा होने पर ही इंजन में ऑयल के स्तर की जांच करनी चाहिए। ट्रैक्टर में अगर ऑयल कम है तो उसे सही ग्रेड के इंजन ऑयल से भरें। ऑयल के गंदा होने पर उसे बदलना चाहिए।
  • समय-समय पर रेडिएटर में पानी की जांच करनी चाहिए। कम पानी की स्थिति में रेडिएटर में पानी भरना चाहिए।
  • रेडिएटर में पानी की जांच करें। पानी कम होने पर रेडियटर में पानी भरें।
  • बैटरी में पानी कम होने पर उसे भरना चाहिए।
  • सप्ताह में 1 बार क्लच शॉट, बेयरिंग, ब्रेक कंट्रोल, पंखे का वाशर, सामने वाले पहिए का हब, टाई रॉड, रेडियस क्रॉस आदि पर ग्रीस लगानी चाहिए।
  • धुंआ निकालने वाली ट्यूब में कार्बन की सफाई करें।

Currency सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? Trading से कैसे कमा सकते हैं पैसा? यहां जानिए 'करेंसी ट्रेडिंग' से जुड़ी 9 जरूरी बातें

Currency Trading in Hindi: आप पैसा बनाने की अपनी खोज में Currency Trading का लाभ उठा सकें। आइए इस लेख में जानते है कि करेंसी ट्रेडिंग क्या है? (What is Currency Trading in Hindi) और करेंसी मार्केट से जुड़े अन्य पहलुओं पर नजर डालते है।

  Currency Trading in Hindi: स्टॉक (Stock) और इक्विटी (Equity) ट्रेडिंग के बारे में हर कोई जानता है। लेकिन, एक उच्च क्षमता वाला बाजार है जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। इस एवेन्यू को मुद्रा व्यापार (Currency Trading) कहा जाता है। Foreign Currencies आपको लाभ का एक मौका देता है अगर आप सही अवसर का पता लगाने और अपने लाभ के लिए उनका उपयोग करने में सक्षम हैं। आइए हम करेंसी मार्केट ट्रेडिंग (Currency Market Trading) के बेसिक कांसेप्ट को समझते हैं ताकि आप पैसा बनाने की अपनी खोज में Currency Trading का लाभ उठा सकें। तो आइए इस लेख में जानते है कि करेंसी ट्रेडिंग क्या है? (What is Currency Trading in Hindi) और करेंसी मार्केट से जुड़े अन्य पहलुओं पर नजर डालते है।

ये हैं निवेश के लिए 10 सबसे अच्‍छे म्‍यूचुअल फंड

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यह भी मुमकिन है कि जिन स्‍कीमों के नाम बताए जाएं, वे लक्ष्‍यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल न हों. यही देखते हुए हमने टॉप 10 म्यूचुअल फंड स्‍कीमों की एक लिस्‍ट बनाई है. इसमें पांच अलग-अलग कैटेगरी से दो स्‍कीमों को चुना गया है. इन कैटेगरी में एग्रेसिव हाइब्रिड, लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप और मल्टीकैप शामिल हैं. हमारा मानना है कि नियमित म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए ये पर्याप्त होनी चाहिए.

टॉप 10 स्‍कीमों की सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? लिस्‍ट
1. एक्सिस ब्‍लूचिप फंड
2. मिराए एसेट लार्जकैप फंड
3. पराग पारेख लॉन्‍ग टर्म इक्विटी फंड
4. कोटक स्‍टैंडर्ड मल्‍टीकैप फंड
5. एक्सिस मिडकैप फंड
6. डीएसपी मिडकैप फंड
7. एक्सिस स्‍मॉलकैप फंड
8. एसबीआई स्‍मॉलकैप फंड
9. एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड
10. मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड

Currency Trading से कैसे कमा सकते हैं पैसा? यहां जानिए 'करेंसी ट्रेडिंग' से सही ब्रोकर कैसे चुनें और गलत नहीं है? जुड़ी 9 जरूरी बातें

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