मूल्य प्रत्येक संस्कृति के दृष्टिकोण, नियोक्ता कर्मचारी संबंधों और अधिकार के दृष्टिकोण जैसे मामलों

World Red Cross Day 2020: क्यों मनाया जाता है रेड क्रॉस दिवस, कैसे हुई इसकी शुरुआत

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 08 May 2020 01:07 PM (IST)

हर साल आठ मई को वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया क्रॉस जोड़े पर व्यापार जाता है. इसी दिन रेड क्रॉस सोसायटी के संस्थापक जॉन हेनरी ड्यूडेंट का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन को ही वर्ल्ड रेड क्रॉस दिवस के रूप में क्रॉस जोड़े पर व्यापार मनाया जाता है. ये संस्था दुनियाभर में हिंसा, युद्ध या आपात स्थिति में पीड़ित लोगों की मदद और उनकी सेवा करती है. इस संस्था का उद्देश्य किसी युद्ध या महामारी के समय लोगों की रक्षा करना और उन्हें नया जीवन देना है.

इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की स्थापना साल 1863 में हुई थी. इसका मुख्यालय स्विटरजरलैंड के जेनेवा में है. इसी संस्था ने हर साल आठ मई को रेड क्रॉस दिवस मनाए जाने की मांग की थी. आठ मई 1948 को पहला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया गया. आइए जानते हैं रेड क्रॉस जोड़े पर व्यापार क्रॉस की स्थापना कैसे हुई और ये विचार आया कैसे?

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रेड क्रॉस की स्थापना हेनरी के इस सुझाव को गंभीरता से लिया गया. किताब प्रकाशित होने के तीन साल बाद हेनरी के सुझाव पर पांच सदस्यों की एक क्रॉस जोड़े पर व्यापार कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी का उद्देश्य हेनरी के सुझाव पर चर्चा करना था. कुछ महीने बाद अक्टूबर 1863 में कमेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें 16 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के गठन का ऐलान किया गया और दूसरे देशों से भी संगठन की स्थापना करने की अपील की गई. इसके बाद से हेनरी ने अपना जीवन पूरी तरह से जरूरतमंदों की सेवा के लिए समर्पित कर क्रॉस जोड़े पर व्यापार दिया. उनकी इसी सेवा के लिए साल 1901 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया.

आज दुनियाभर के करीब 200 देश रेड क्रॉस सोसायटी से जुड़े हुए हैं. भारत में रेड क्रॉस की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार हुई. देश में रेड क्रॉस की करीब 700 ब्रांच हैं.

Karnataka Hijab Row: 'छात्रों के रुद्राक्ष या क्रॉस पहनने की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

By: निपुण सहगल | Updated at : 07 Sep 2022 05:33 PM (IST)

Edited By: vaibhavsingh

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि छात्रों के रुद्राक्ष या क्रॉस पहनने की तुलना हिजाब से नहीं की जा सकती, क्योंकि वह चीज़ें कपड़ों के अंदर पहनी जाती हैं. कर्नाटक हिजाब मामले क्रॉस जोड़े पर व्यापार पर दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हिजाब समर्थक वकील की दलील पर टिप्पणी की. वरिष्ठ वकील देवदत कामत का कहना था कि कर्नाटक में रुद्राक्ष या क्रॉस पहन रहे छात्रों की कोई जांच नहीं हो रही, सिर्फ हिजाब क्रॉस जोड़े पर व्यापार पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों को रोका जा रहा है.

करीब 2 घंटे चली सुनवाई में कामत ने करीब 1 घंटा दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, तुर्की, ऑस्ट्रिया जैसे देशों के कई मामलों का उदाहरण कोर्ट में दिया. जब उन्होंने भारतीय संविधान पर बात शुरू की तो 2 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा, "आखिरकार आप भारत वापस आ गए." इसके बाद वरिष्ठ वकील ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और धर्म के पालन की स्वतंत्रता के अधिकार पर जिरह की. उन्होनें धर्मनिरपेक्षता का भी हवाला दिया.

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क्या बोले सॉलिसीटर जनरल?
आज की सुनवाई के अंत में जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने कहा कि इसे गुरुवार को 11.30 बजे जारी रखा जाएगा. इससे पहले आज की सुनवाई शुरू होते ही वकील एजाज़ मकबूल ने कोर्ट को बताया था, "मैंने सभी 23 याचिकाओं में कही गई मुख्य बातों का एक संकलन कोर्ट में जमा करवाया है. एक क्रॉस जोड़े पर व्यापार व्हाट्सएप ग्रुप बना कर उसे वकीलों के साथ शेयर भी किया है."

इस पर कर्नाटक के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मुद्दों का वर्गीकरण कर उसके हिसाब से सुनवाई हो. ऐसा नहीं हो सकता कि संविधान सभा की बहस की तरह इसे लंबा चलाया जाए."

Published at : 07 Sep 2022 05:19 PM (IST) Tags: Supreme Court Karnataka Hijab Row Case हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

व्यापार संचार के क्रॉस सांस्कृतिक आयाम - क्रॉस जोड़े पर व्यापार The Cross Cultural Dimensions of Business Communication

डोनाल कार्बाघ ने संस्कृति को "भावनाओं, परिसर, नियमों, रूपों, और डोमेन से जुड़े पारस्परिक अर्थों के डोमेन और आयामों के साथ अभिव्यक्तिपूर्ण अभिव्यक्तियों की एक प्रणाली" के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि संस्कृति "विश्वासों, मूल्यों और मानदंडों के बारे में साझा व्याख्याओं का एक सीधा सेट है, जो लोगों के अपेक्षाकृत बड़े समूह के व्यवहार क्रॉस जोड़े पर व्यापार को प्रभावित करती है।" संचार वह वाहन है जिसके द्वारा अर्थ व्यक्त किए जाते हैं, पहचान रचना और प्रबलित होती है, और भावनाएं व्यक्त की जाती हैं। जैसे-जैसे हम विभिन्न सांस्कृतिक आदतों और अर्थ प्रणालियों का उपयोग करके संवाद करते हैं, दोनों संघर्ष और सद्भाव, किसी भी बातचीत के संभावित परिणाम होते हैं।

आज के वैश्विक कारोबारी माहौल में, हम में से अधिक से अधिक लोगों को उन देशों को समझने की आवश्यकता है जो विविध देशों और संस्कृतियों से आते हैं। हालांकि किसी भी गहराई में किसी दिए गए संस्कृति के बारे में जानने के लिए कोई छोटा और आसान तरीका नहीं है, कुछ सामान्य सिद्धांत हैं जो पृष्ठभूमि के लोगों के साथ व्यापार के संचार और संचालन में सफलता का कारण बनते हैं। संस्कृतियों में संचार प्रभावी ढंग से आपकी उत्पादकता और दक्षता में सुधार करता है और सामंजस्यपूर्णकार्य वातावरण को बढ़ावा देता है। क्रॉस-सांस्कृतिक संचार में सांस्कृतिक मतभेदों को समझना और भाषा की समस्या पर काबू पालना शामिल है।

दो राज्य को जोड़ने वाला गांव सिंघाना का मुख्य मार्ग: व्यापारी दुकान के बाहर रख रहे माल, दिन में 2 से 3 बार लगता जाम, 400 मीटर की दूरी पार करने में लग रहा समय

धार जिले के मनावर तहसील के गांव सिंघाना के मुख्य मार्ग पर व्यापारी अपनी दुकान के बाहर वाहन, माल, पलंग रख देते हैं। जिससे आए दिन जाम लगने से जनता, यात्री, दुपहिया, चारपहिया वाहन चालक परेशान हो रहे हैं। सिंघाना का यह मेन मार्ग दो राज्य महाराष्ट्र व गुजरात को जोड़ता है। यहां यातायात का दबाव अधिक होने से दिन में 2 से 3 बार जाम लगता है।

बस में यात्रा करने वाले शिक्षक कैलाश वास्केल क्रॉस जोड़े पर व्यापार ने कहा कि सिंघाना में जाम लगने से बच्चे और महिलाएं भीषण गर्मी में आधा घंटा जाम में फंसे रहे, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी ने जाम को खुलवाने का प्रयास नहीं किया। महिला यात्री कविता राठोड़ को शादी में गुजरात जाना था। जाम लगने से गुजरात की बस निकल गई।

व्यापार संचार के क्रॉस सांस्कृतिक आयाम - The Cross Cultural Dimensions of Business Communication

डोनाल कार्बाघ ने संस्कृति को "भावनाओं, परिसर, नियमों, रूपों, और डोमेन से जुड़े पारस्परिक अर्थों के डोमेन और आयामों के साथ अभिव्यक्तिपूर्ण अभिव्यक्तियों की एक प्रणाली" के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि संस्कृति "विश्वासों, मूल्यों और मानदंडों के बारे में साझा व्याख्याओं का एक सीधा सेट है, जो लोगों के अपेक्षाकृत बड़े समूह के व्यवहार को प्रभावित करती है।" संचार वह वाहन है जिसके द्वारा अर्थ व्यक्त किए जाते हैं, पहचान रचना और प्रबलित होती है, और भावनाएं व्यक्त की जाती हैं। जैसे-जैसे हम विभिन्न सांस्कृतिक आदतों और अर्थ प्रणालियों का उपयोग करके संवाद करते हैं, दोनों संघर्ष और सद्भाव, किसी भी बातचीत के संभावित परिणाम होते हैं।

आज के वैश्विक कारोबारी माहौल में, हम में से अधिक से अधिक लोगों को उन देशों को समझने की आवश्यकता है जो विविध देशों और संस्कृतियों से आते हैं। हालांकि किसी भी गहराई में किसी दिए गए संस्कृति के बारे में जानने के लिए कोई छोटा और आसान तरीका नहीं है, कुछ सामान्य सिद्धांत हैं जो पृष्ठभूमि के लोगों के साथ व्यापार के संचार और संचालन में सफलता का कारण बनते हैं। संस्कृतियों में संचार प्रभावी ढंग से आपकी उत्पादकता और दक्षता में सुधार करता है और सामंजस्यपूर्णकार्य वातावरण को बढ़ावा देता है। क्रॉस-सांस्कृतिक संचार में सांस्कृतिक मतभेदों को समझना और भाषा की समस्या पर काबू पालना शामिल है।

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