नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.

क्या है Money Market Fund? कम समय में देता है आपको मोटी कमाई का मौका

मनी मार्केट म्यूचुअल फंड विभिन्न फाइनेंशियल साधनों के माध्यम से शोर्ट टर्म इंवेस पर बेहतर रिटर्न प्रदान करता है। ऐसे लोग जिनके पास सेविंग अकाउन्ट में अच्छा खासा पैसा है और कम रिस्क पर बढ़िया रिटर्न पाना चाहते हैं तो इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आपको बढ़िया रिटर्न चाहिए और सिर्फ और सिर्फ एक साल के लिए इन्वेस्टमेंट करनी है, तो आपके लिए मनी मार्केट फंड (Money Market Fund) बेस्ट ऑप्शन हो सकते हैं। मनी मार्केट फंड म्यूचुअल फंड (Money Market Fund Mutual Fund) की एक कैटेगरी में आते है, इसे लिक्विड फंड भी कहा जाता है। इसमें कंपनी में निवेशकों से लिया हुआ पैसा या फंड सेफ और शॉर्ट-टर्म स्कीम में लगाती है। इसमें ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर से लेकर रीपर्चेज एग्रीमेंट शामिल हैं ऐसे इन्वेस्टमेंट एक साल से भी कम समय में मैच्योर हो जाते हैं, इसमें 91 दिन या फिर उससे भी कम समय के लिए इन्वेस्टमेंट होता है। साथ ही, किसी आपातकालीन स्थिति में आप अपना पूरा पैसा भी निकाल सकते हैं। इसमें एग्जिट लोड भी कम होता है।

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मनी मार्केट म्यूचुअल फंड विभिन्न फाइनेंशियल साधनों के माध्यम से शोर्ट टर्म इंवेस पर बेहतर रिटर्न प्रदान करता है। इसमें आप एक वर्ष तक इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। ऐसे लोग, जिनके पास सेविंग अकाउन्ट में अच्छा खासा पैसा है और कम रिस्क पर बढ़िया रिटर्न पाना चाहते हैं तो इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। ये फंड आपको सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक रिटर्न देता हैं।वहीं, लिक्विड फण्ड में आपको कम से कम 8 से 10% सालाना की दर से या उससे अधिक ब्याज मिल सकता हैं। इसलिए लिक्विड फण्ड के तहत आपके इन्वेस्टमेंट का अधिकतर हिस्सा सरकारी सिक्युरिटीज़ और बॉन्ड में इन्वेस्टमेंट किया जाता है। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो मनी मार्केट फंड आपके लिए बेहतर नहीं होता है। वहीं, लॉन्ग टर्म के लिए डायनेमिक बॉन्ड फंड और बैलेंस फंड का उपयोग कर सकते हैं।

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हालांकि, इन्वेस्टर को सबसे पहले विभिन्न प्रकार के मनी मार्केट म्यूचुअल फंड्स की विशेषताओं और रिस्क के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। डेट फंडों के साथ जो रिस्क होते हैं, वे मनी मार्केट म्यूचुअल फंड्स के साथ भी जुड़े होते हैं। यानी कि, क्रेडिट रिस्क, इंटरेस्ट रेट रिस्क आदि का रिस्क इसमें होता है। निवेश करने से सबसे पहले आपको इन बातों का ध्यान चाहिए कि किस उद्देश्य से इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है। साथ ही, फंड चुनने से पहले देखे कि यह आपके उद्देश्य को पूरा करता है या नहीं। वहीं, आपको हमेशा अच्‍छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले म्‍यूचुअल फंड को ही चुनना चाहिए। इसके अलावा फंड मैनेजर की निवेश रणनीति को भी देख लेना चाहिए और निवेश से पहले एक्सपेंस रेशियो को भी देख सकते हैं।

कैसे लगता है टैक्स?

मनी मार्केट फंडों पर डेट स्कीमों के तहत टैक्स लगता है। यानी कि अगर आप तीन साल से पहले इन्वेस्टमेंट को सेल्स करते हैं तो रिटर्न आपकी इनकम के साथ जुड़ता है। इसके बाद फिर इस पर उसी के हिसाब से टैक्स लगेगा जिस टैक्‍स स्‍लैब में आप आते हैं। अगर आप तीन साल के बाद इन्वेस्टमेंट को सेल्स करते हैं तो इंडेक्‍सेशन बेनिफ‍िट के साथ लॉन्‍ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स भी लगता है।

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क्या ज्यादा रिस्क लेने से ज्यादा रिटर्न मिलता है? निवेश से पहले इस कहावत की सच्चाई को समझें

कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक से आपके पोर्टफोलियो का रिस्क काफी कम हो जाता है.

बात जब फाइनेंसिंग (Personal financing) की हो तो एकबात बार-बार दोहराई जाती है को हाई रिस्क का मतलब ज्यादा रिटर्न (High risk, more return) होता है. ये बात फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स भी कहते हैं. क्या इस कहावत में दम है, उसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं. बात अगर इक्विटी में निवेश की करें तो जहां वोलाटिलिटी (Volatility in stocks) ज्यादा होगी, रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना होती है.

बात जब फाइनेंसिंग (Personal financing) की हो तो एकबात बार-बार दोहराई जाती है को हाई रिस्क का मतलब ज्यादा रिटर्न (High risk, more return) होता है. ये बात फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स भी कहते हैं. क्या इस कहावत में दम है, उसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं. बात अगर इक्विटी में निवेश की करें तो जहां वोलाटिलिटी (Volatility in stocks) ज्यादा होगी, रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना होती है.

बात अगर असेट क्लास की करें तो इसमें गोल्ड, डेट और इक्विटी तीनों आते हैं. इक्विटी असेट डेट के मुकाबले ज्यादा वोलाटाइल होता है. इतिहास पर गौर करें तो लॉन्ग टर्म में इक्विटी ने जितना रिटर्न दिया है उसके मुकाबले डेट सिक्यॉरिटीज ने बहुत कम रिटर्न दिया है. हालांकि, कई स्टडीज में यह दावा किया गया है कि जिन स्टॉक्स में वोलाटिलिटी कम होती है, वहां बेहतर रिटर्न मिलते हैं. लॉन्ग टर्म में कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक्स ज्यादा वोलाटिलिटी वाले स्टॉक्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न देते हैं.

बात अगर असेट क्लास की करें तो इसमें गोल्ड, डेट और इक्विटी तीनों आते हैं. इक्विटी असेट डेट के मुकाबले ज्यादा वोलाटाइल होता है. इतिहास पर गौर करें तो लॉन्ग टर्म में इक्विटी ने जितना रिटर्न दिया है उसके मुकाबले डेट सिक्यॉरिटीज ने बहुत कम रिटर्न दिया है. हालांकि, कई स्टडीज में यह दावा किया गया है कि जिन स्टॉक्स में वोलाटिलिटी कम होती है, वहां बेहतर रिटर्न मिलते हैं. लॉन्ग टर्म में कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक्स ज्यादा वोलाटिलिटी वाले स्टॉक्स के मुकाबले बेहतर रिटर्न देते हैं.

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि अगर आप कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में निवेश करते हैं तो लॉन्ग टर्म में इसके दो फायदे हैं. पहला फायदा ये है कि आपके पोर्टफोलियो का रिस्क काफी कम हो जाता है. लॉन्ग टर्म तक होल्ड करने पर आपको रिटर्न भी शानदार मिलता है.

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि अगर आप कम वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में निवेश करते हैं तो लॉन्ग टर्म में इसके दो फायदे हैं. पहला फायदा ये है कि आपके पोर्टफोलियो का रिस्क काफी कम हो जाता है. लॉन्ग टर्म तक होल्ड पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? करने पर आपको रिटर्न भी शानदार मिलता है.

अगर स्टॉक कम वोलाटाइल है तो बियर मार्केट में नुकसान काफी कम होता है और रिकवरी भी तेज होती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपका इक्विटी पोर्टफोलियो शेयर बाजार क्रैश होने पर 10 फीसदी फिसलता है तो रिकवरी के लिए उसे 11 फीसदी चढ़ना होगा. ज्यादा वोलाटलिटी वाले स्टॉक में 50 फीसदी तक गिरावट आएगी जिसके कारण उसमें 100 फीसदी का करेक्शन जरूरी होगा. इसके बाद यह अपने पुराने स्टॉक प्राइस पर पहुंचेगा.

अगर स्टॉक कम वोलाटाइल है तो बियर मार्केट में नुकसान काफी कम होता है और रिकवरी भी तेज होती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपका इक्विटी पोर्टफोलियो शेयर बाजार क्रैश होने पर 10 फीसदी फिसलता है तो रिकवरी के लिए उसे 11 फीसदी चढ़ना होगा. ज्यादा वोलाटलिटी वाले स्टॉक में 50 फीसदी तक गिरावट आएगी जिसके कारण उसमें 100 फीसदी का करेक्शन जरूरी होगा. इसके बाद यह अपने पुराने स्टॉक प्राइस पर पहुंचेगा.

शेयर बाजार के निवेशकों को ज्यादा रिटर्न की चाह होती है. ऐसे में हाई वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में निवेशकों की बाढ़ आ जाती है और इसके कारण स्टॉक का प्राइस काफी बढ़ जाता है. कम समय में यह ओवर वैल्युड हो जाता है जिसके कारण करेक्शन बहुत तेज होता है. वहीं, लो वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में कम निवेशक आते हैं जिसके कारण यह लिमिटेड प्राइस रेंज में रहता है.

शेयर बाजार के निवेशकों को ज्यादा रिटर्न की चाह होती है. ऐसे में हाई वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में निवेशकों की बाढ़ आ जाती है और इसके कारण स्टॉक का प्राइस काफी बढ़ जाता है. कम समय में यह ओवर वैल्युड हो जाता है जिसके कारण करेक्शन बहुत तेज होता है. वहीं, लो वोलाटिलिटी वाले स्टॉक में कम निवेशक आते हैं जिसके कारण यह लिमिटेड प्राइस रेंज में रहता है.

Best 5 Stocks for 2022: नए साल में अच्छी कमाई के लिए इन 5 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट ने जताया बेहतर रिटर्न का भरोसा

Top Stock Picks of 2022: एक्सपर्ट की राय में साल 2022 में बेहतर मुनाफे के लिए इन 5 शेयरों में निवेश किया जा सकता है.

Best 5 Stocks for 2022: नए साल में अच्छी कमाई के लिए इन 5 शेयरों पर लगा सकते हैं दांव, एक्सपर्ट ने जताया बेहतर रिटर्न का भरोसा

नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.

Top 5 Stock Picks for 2022: इस साल स्टॉक मार्केट में निवेशकों को इक्विटी मार्केट से शानदार रिटर्न मिला लेकिन अगला साल अधिक चुनौती भरा रहने वाला है. महंगाई की बढ़ती आशंका को देखते हुए इसके आसार दिख रहे हैं कि अधिकतर केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी को कम करने के लिए ब्याज दरें बढ़ा सकती है. इसके अलावा अगले साल 2022 में कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते अनिश्चितता का भी मार्केट पर असर दिख सकता है. हालांकि नए साल 2022 में निवेश के लिए बेहतरीन स्टॉक की बात करें तो ओएनजीसी, एसबीआई, गेल, एचडीएफसी बैंक और टीसीएस चार्ट पर मजबूत दिख रहे हैं.

सरकार द्वारा प्राकृतिक गैस के भाव में 62 फीसदी की बढ़ोतरी के फैसले से कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी होगी. महंगे कच्चे तेल और ओएनजीसी के प्रोडक्शन वॉल्यू में 5-7 फीसदी की ग्रोथ के चलते कंपनी के ईबीआईटीडीए में अगले साल बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में कंपनी का डेट-टू-ईबीआईटीडीए रेशियो अगले साल मजबूत होकर 1.6x-1.9x के बीच रह सकता है. तकनीकी तौर पर मूविंग एवरेजेज (MAs), रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), मूविंग एवरेज कंवर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD) और स्टॉकेस्टिक भी डेली चार्ट पर मजबूत रूझान दिखा रहे हैं. ऐसे में वर्ष 2022 में ओएनजीसी 170 रुपये के भाव पर पहुंच सकता है.

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GAIL (INDIA)

मार्केटिंग प्रॉफिट में उछाल के दम पर गेल इंडिया की बिक्री बढ़ी है और इसकी आय बढ़ी है. कंपनी की आय को गैस की ऊंची कीमतों का सहारा मिला है और यह अगले साल भी जारी रह सकता है. गैस खपत में बढ़ोतरी से भी गेल इंडिया के मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना है. डेली चार्ट पर इसके भाव को 140 रुपये के लेवल पर सपोर्ट मिल रहा है और 200 दिनों के मूविंग एवरेज पर खरीदारी के रूझान को सपोर्ट मिल रहा है. इसके अलावा आरएसआई भी लोअर जोन में है जिससे नियर टर्म में गेल के भाव 165 रुपये तक पहुंचने के आसार दिख रहे हैं.

HDFC Bank

मजबूत कैपिटलाइजेशन, बढ़ी लिक्विडिटी, घटे एनपीए और आय में बढ़ोतरी के चलते एचडीएफसी बैंक निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प है. अभी इसके भाव डेली चार्ट पर 100-200 DEMA (डबल एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) से ऊपर हैं. इसके अलावा साप्ताहिक चार्ट पर इसके भाव पैराबोलिक एसएआर से ऊपर है जिससे सकारात्मक रूझान दिख रहा है. अगले साल एचडीएफसी बैंक के भाव 1750 रुपये के लेवल तक पहुंच सकते हैं.

मजबूत डॉलर, डिजिटाइजेशन और कारोबारी सुधार के चलते तकनीकी सेक्टर मजबूत है और इसकी मजबूती अगले साल 2022 में बनी रहने वाली है. टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के भाव मीन से ऊपर हैं जिसका अपर बैंड नॉर्थ-वार्ड डायरेक्शन में है जिससे इसके भाव में तेजी के संकेत मिल रहे हैं. अधिकतर ऑस्किलेटर्स भी इसमें बुलिश रूझान के संकेत दिखा रहे हैं. अगले साल इसके भाव 3600 रुपये के लेवल पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? तक पहुंच सकते हैं.

SBI (State Bank of India)

अभी यह स्टॉक सभी मूविंग एवरेज से ऊपर है जिससे इसमें आगे भी तेजी के आसार दिख रहे हैं. इसके अलावा आरएसआई, एमएसीडी, एडीएक्स (एवरेज डायरेक्शनल इंडेक्स) भी कंफर्ट जोन में है जिससे इसमें बुलिश रूझान दिख रहा है. आने वाले महीनों में यह शेयर 600 रुपये के लेवल तक पहुंच सकता है.

शानदार रहा यह साल घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए

घरेलू इक्विटी मार्केट के लिए यह साल 2021 बहुत शानदार रहा और सेंसेक्स ने पहली बार 61 हजार व निफ्टी 50 ने 18 हजार का लेवल पार किया. इस साल मैक्रो इंडिकेटर्स में सुधार, मजबूत वैश्विक लिक्विडिटी, पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? आर्थिक गतिविधियों में तेजी, वैक्सीनेशन में तेजी, खपत में सुधार, मौद्रिक नीतियों में ढील और कॉरपोरेट की कमाई में तेज रिकवरी ने मार्केट को सपोर्ट किया जिसके दम पर सेंसेक्स व निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे. इस साल बैंकिंग, इंफ्रा, आईटी, ऑटो, मेटल्स और फार्मा शेयरों ने शानदार रिटर्न दिया. मैन्यूफैक्चरिंग व इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार कई स्ट्रक्टचरल रिफॉर्म की तैयारी में है जिसके चलते अगले साल मिड व स्माल कैप उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही है व कॉरपोरेट कमाई भी बढ़ रही है जिसके चलते बाजार के अगले साल भी मजबूत रहने के आसार दिख रहे हैं.
(आर्टिकल: रवि सिंह, वाइस प्रेसिडेंट व रिसर्च प्रमुख, शेयरइंडिया सिक्योरिटीज)

(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

Penny Stocks

Zerodha

आज हम इसी बारे में बात करेंगे कि आखिर Penny stocks क्या होता है ?

Penny Stocks (पेनी स्टॉक्स)

Penny का हिंदी अर्थ सिक्का होता है, UK और आयरलैंड दोनों जगह की करेंसी में PENNY शब्द का इस्तेमाल किया जाता है,

स्टॉक मार्केट में Penny Stocks उन स्टॉक्स को कहा जाता है, जिनका मूल्य आम तौर पर काफी कम होता है, और पेनी स्टॉक कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी काफी कम होता है,

भारत में पेनी स्टॉक के मूल्य की बात की जाये तो आम तौर पर Penny Stocks का मूल्य 1 रूपये से लेकर 25 रूपये तक हो सकता है, पेनी स्टॉक कंपनियों का मार्केट कैप 100 करोड़ या स्माल कैप कंपनी जैसा या उनसे कम होता है,

पैनी स्टॉक्स शेयर कैसे पता करे ?

किस कंपनी का शेयर पेनी स्टॉक है ये जानने का कोई निश्चित तरीका नहीं है,पैनी स्टॉक, एक स्टॉक मार्केट में सस्ते मूल्य के शेयर के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है,

आम तौर पर पेनी स्टॉक शेयर का पता लगाने के लिए कंपनी का मार्केट कैप देखना जरुरी होता है, पेनी स्टॉक कंपनी का मार्केट कैप Small Market Cap कम्पनी जैसा या उनसे भी पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? कम होता है, और इनके शेयर का मूल्य भी 25 रूपये से नीचे होता है,

Penny स्टॉक्स के फायदे और नुकसान

Penny Stocks के भाव में कम होने और सस्ता होने से ये स्टॉक ने निवेशक पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? को बहुत आकर्षक लगते है, पैनी स्टॉक्स के कुछ FACTS यानि फायदे और नुकसान इस प्रकार है

  1. पेनी स्टॉक में इन्वेस्ट करना बहुत अच्छा और सही लगता है,क्योकि कम पैसे में बहुत ज्यादा शेयर पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? मिल जाते है,

जैसे – अगर आपके पास 10000 रूपये है, तो आप 500 रूपये वाले शेयर सिर्फ 20 ले सकते है, जबकि अगर आप 10 रूपये वाले शेयर लेते है तो आपको 1000 शेयर मिल जाते है,

और इस तरह अगर आपने 10 रूपये वाले 1000 शेयर लिए है तो अगर शेयर 1 रुपए से बढ़ता है तो आपको 1000 का फायदा हो सकता है, जबकि 500 रूपये का 20 शेयर लेने पर जब वो 50 रूपये बढेगा तभी आपको 1000 का फायदा होगा,

दूसरी तरफ ध्यान देने वाली बात ये भी है कि अगर 10 रूपये वाला 1000 शेयर के भाव में 1 रूपये की कमी आने पर आपको 1000 का सीधा Loss हो सकता है, जबकि 500 रूपये के 20 शेयर में जब 50 रूपये की कमी आएगी तभी आपको 1000 का loss होगा.

  1. पेनी स्टॉक खरीदते समय निवेशक को लगता है कि 10 का शेयर आसानी से 20 रूपये हो सकता है, जबकि 500 रूपये का शेयर 1000 तक जाने में काफी समय लग सकता है,

इस बात का दूसरा पहलु ये भी है की 10 रूपये का शेयर 5 रूपये हो जाना भी बहुत आम बात है, और 500 रूपये का शेयर 250 रूपये पर आना थोडा मुश्किल लगता है,

इसलिए पेनी स्टॉक में निवेश बहुत सोच समझ कर करना चाहिए.

  1. पेनी स्टॉक एक आम आदमी को बहुत ही आकर्षक लगते है, और ऐसा लगता है कि पेनी स्टॉक आम आदमी के लिए बनाया गया है, और अक्सर आम आदमी पैनी स्टॉक में ही फसते है और अपनी पूंजी गवाते है,

आइये एक उदहारण से समझते है,

जैसे आज MRF LIMITED कंपनी का एक शेयर 65000 रूपये का है, जो की एक आम निवेशक के लिए खरीदना बहुत ही मुश्किल है, अगर एक आम निवेशक के पास 65000 रूपये है तो भी वो MRF का एक शेयर कभी नहीं लेगा, जबकि दूसरी तरफ कोई शेयर 13 रूपये पर ट्रेड कर रहा है,तो एक आम निवेशक आसानी से उस कम मूल्य वाले शेयर की तरफ आकर्षित हो जायेगा.

निष्कर्ष –

Penny Stocks के बारे में समझने के बाद अब दो सवाल आते है,

पहला ये की क्या हमें भी Penny Stocks में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए या नहीं, – तो इसका जवाब है , निवेश किया जा सकता है ,लेकिन अगर स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट की मने तो हमारे PORTFOLIO का एक बहुत छोटा हिस्सा लगभग 5% से कम पैसा ही Penny Stocks में निवेश करना चाहिए,

दूसरा सवाल ये कि क्या Penny Stocks में निवेश बिलकुल सुरक्षित है- तो इसका जवाब है , बिलकुल नहीं,

स्टॉक मार्केट में निवेश में पूंजी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती, और खास तौर से जब आप पैनी स्टॉक में निवेश करते है, तो पेनी स्टॉक कम्पनी छोटी होने के कारण, किसी भी आर्थिक संकट के आने से बहुत जल्दी डूबने के पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? कगार पर आ जाती है,

PENNY STOCKS कम्पनी के बारे में आम तौर पर मार्केट में कोई NEWS नहीं रहता है, जिसकी वजह से इन कंपनी में निवेश करना और भी रिस्क हो जाता है, क्योकि इन कंपनी के शेयर में मैनीपुलेशन बहुत आसानी से किया जा सकता है,

आम तौर पर टिप्स प्रोवाइडर ऐसी ही कंपनी का स्टॉक बताते है, जो PENNY STOCK होती है, और बाद में वो इसमें मैनीपुलेशन का गेम खेलते है.

इसलिए पेनी स्टॉक में निवेश काफी सावधानी पूर्व करना चाहिए और समय समय पर अपने INVIESTMENT का रिव्यु करते रहना चाहिए.

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निवेश नॉलेज: बच्चों को स्टॉक इनवेस्टमेंट के रिटर्न-रिस्क के बारे में बताएं, थोड़े पैसों से ज्यादा पैसा पैदा करने का कॉन्सेप्ट समझाएं

पिछले महीने यह खबर वायरल हुई थी कि 10 साल के बच्चे के स्टॉक इनवेस्टमेंट की वैल्यू लगभग एक साल में 50 गुना हो गई है। बच्चे की मां ने स्टॉक इनवेस्टमेंट के बारे में समझाने के लिए वीडियो गेम के प्रति उसकी दीवानगी का सहारा लिया था। उसको गिफ्ट दिलाने के लिए मां ने उसके नाम डिस्काउंट वीडियो गेम स्टोर गेमस्टॉप के 10 शेयर खरीदे थे। उस बच्चे की मां की तरह आप अपने बच्चे को शेयरों में निवेश के बारे में समझाने के लिए क्या कर सकते हैं, आइए हम उसके बारे में बात करते हैं।

बताएं कि लोग क्यों और कैसे निवेश करते हैं

बच्चों को शेयरों में निवेश के बारे में बताने की शुरुआत बुनियादी जानकारी से करनी चाहिए। उन्हें आसान शब्दों में और मिसाल देकर समझाना चाहिए। उनको बताना चाहिए कि लोग क्यों और कैसे निवेश करते हैं। निवेश के बारे में समझाने के लिए कह सकते हैं कि इसके जरिए पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? थोड़े पैसों से ज्यादा पैसा पैदा किया जा सकता है। निवेश के बारे में समझने और समझाने के लिए ऐप, वेबसाइट, किताबों का सहारा लिया जा सकता है। ऐडम स्ट्रैमवैसर की A Kids Book About Money अच्छी किताब है। आप https://www.schwabmoneywise.com/ चेक कर सकते हैं।

बच्चे समझ जाएं तो निवेश की प्रैक्टिस कराएं

जब आपको लगे कि बच्चे को निवेश की जरूरी जानकारी हो गई है तो उन्हें पहले उसकी पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? प्रैक्टिस कराएं। इसके लिए निवेश के बारे में बताने वाले ऐप या गेम का सहारा ले सकते हैं। उनको लॉन्ग टर्म यानी 10 से 20 साल के निवेश के फायदे के बारे में समझाना चाहिए। बच्चों को उनकी पसंद के शेयर चुनने और वर्चुअल करेंसी से उनकी चाल पर नजर रखने के लिए ऐप की मदद ले सकते हैं।

निवेश के फैसले लेने का तरीका बताएं

बच्चों को बैलेंसशीट, प्राइस टू अर्निंग रेशियो या मुश्किल चीजों के बारे में बताने की जरूरत नहीं। उन्हें बस इतना बताना है कि निवेश के फैसले लेने के लिए किस तरह सोचना चाहिए। जैसे अगर आप किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करते तो उसे बनाने वाली कंपनी में निवेश क्यों करें। ऐसे में आपको बताना होगा कि कंपनी क्या करती है और आने वाले समय में उसका कारोबार किस वजह से बढ़ सकता है। कंपनी में निवेश सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए कि किसी ने बताया है या आपको ब्रांड पसंद है।

रिटर्न के साथ रिस्क के बारे में भी बताएं

बच्चों को शेयरों में निवेश से मिलने वाले रिटर्न के साथ ही आपको रिस्क के बारे में भी बताना होगा। वीडियो गेम रिटेलर गेमस्टॉप की मिसाल ले लेते हैं। बताया जाता है कि कंपनी से नाउम्मीद कुछ हेज फंड और बड़े निवेशकों ने शॉर्ट सेलिंग की थी। यानी उन्होंने बाजार से कंपनी के शेयर उधार लेकर बेचे ताकि बाद में सस्ते भाव पर वापस खरीदकर मुनाफा कमा सकें। उनसे थोड़े छोटे निवेशकों ने कंपनी के शेयरों में खरीदारी शुरू करके खेल पलट दिया।

गेमस्टॉक में शॉर्ट सेलिंग का क्या था गेम?

दरअसल, जैसे ही शॉर्ट सेलिंग वाले शेयरों का दाम चढ़ना शुरू होता है, शॉर्ट सेल करने वाले लोग अपना मुनाफा बचाने या लॉस से बचने के लिए अपनी पोजिशन कवर करना शुरू कर देते हैं। यानी उधार लेकर बेचे गए शेयरों को बाजार से खरीदना शुरू कर देते हैं। इससे शेयरों का भाव चढ़ने लगता है, जिसको देख दूसरे निवेशक भी पीछे पड़ जाते हैं।

गेमस्टॉक में पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? थोड़ी पेनी स्टॉक के रिस्क और फायदे? तेजी आने पर छोटे निवेशकों और पहली बार निवेश करने वालों ने ऑनलाइन फोरम का यूज करके उसके शेयरों को चढ़ाना शुरू कर दिया। इसके चलते 2019 में 10 डॉलर से कम का शेयर पिछले महीने 480 डॉलर पर पहुंच गया था। गुरुवार को यह 40 डॉलर के आसपास पर आ गया था।

चंद दिनों में पीक के दसवें हिस्से से कम रह गया

गेमस्टॉक का 10 डॉलर का शेयर एक साल में 48 गुना बढ़ा और फिर चंद दिनों में पीक के दसवें हिस्से से भी कम रह गया। यह रिस्क था, जिसमें बहुत से लोगों की शर्ट उतर गई होगी और कुछ लोगों को मुनाफा हुआ होगा। इसलिए बच्चों को बताना होगा कि किस तरह के निवेश में किस तरह का रिस्क होता है।

जिस निवेश में ज्यादा रिस्क होता है, उसमें प्रॉफिट और लॉस दोनों ही ज्यादा होते हैं। गेमस्टॉक में मोटी कमाई देख बच्चे फटाफट कमाने के चक्कर में न फंसें, इसलिए उनको लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के जरिए संपत्ति बनाने के बारे में बताने की जरूरत है।

रिस्की एसेट में उतना लगाएं, जितना डूबने पर गम न हो

अगर बच्चा ज्यादा रिटर्न चाहता है तो उसे बताएं कि जितने पैसे जाने पर दुख नहीं होगा, रिस्की एसेट में उतना पैसा ही लगाना चाहिए। उनको बताया जा सकता है कि नौसिखिया निवेशक कम जोखिम लेकर अच्छा रिटर्न कमा सकता है, लेकिन ज्यादा लालच करने पर बड़ा लॉस उठाना पड़ सकता है।

बच्चों को यह भी बताना जरूरी है कि निवेश का फैसला लेने के लिए किस तरह की जानकारी सही हो सकती है। बच्चों, खासतौर पर किशोरों को गेमस्टॉप के बारे में जानकारी सोशल मीडिया पर मिली थी। ऐसे में उन्हें यह बताना सही रहेगा कि हर तरह की ऑनलाइन जानकारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

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