Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्या हैं इसके नफा-नुकसान
Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्युचुअल फंडों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)
अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश
Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.
अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’
आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:
- अप्रोच (तरीका)
- बेनिफिट्स (फायदे)
- कंडीशन्स (परिस्थितियां)
भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्यक्ष निवेश और अप्रत्यक्ष निवेश.
प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.
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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.
म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? के नए फंड ऑफर के दौरान न्यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.
क्यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?
- मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
- रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
- डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
- पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
- संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
- ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.
प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.
इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.
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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार के इतिहास में कब-कब हुई बड़ी गिरावट, जब लुट गए निवेशक, कारण भी जानिए
सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) को सोमवार को गैप-डाउन ओपनिंग डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? के बाद बड़ा नुकसान हुआ है.
2022 चल रहा है और शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. लेकिन ये पहली बार नहीं है. इससे पहले भी दुनियाभर के श . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : March 07, 2022, 14:14 IST
नई दिल्ली. भारतीय इक्विटी बेंचमार्क्स सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) को सोमवार को गैप-डाउन ओपनिंग के बाद बड़ा नुकसान हुआ है. कारण है रूस द्वारा यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) पर किए गए हमले के चलते कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Prices) बढ़ना. कच्चा तेल रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) के बीच 130 डॉलर प्रति बैरल के निशान से ऊपर निकल गया है. बहुत सारे नए निवेशकों ने ऐसी गिरावट नहीं देखी होगी. तो आज हम आपको यहां विश्व इतिहास की सबसे बड़ी और भयावह गिरावटों (Biggest Stock Market Crashes) को बारे में जानकारी दे रहे हैं.
1907 की दहशत
इसे 1907 के बैंकर्स पैनिक (1907 Bankers’ Panic) के नाम से जाना जाता है. यह घटना बड़े पैमाने पर बाजार गिरने का पहला बड़ा और प्रसिद्ध उदाहरण है. नाइकरबॉकर ट्रस्ट कंपनी (Knickerbocker Trust Company) ने कॉपर के शेयरों की कीमतों में हेरफेर (Manipulation) के बाद न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में स्टॉक की कीमतों में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई थी. यह घटना आर्थिक मंदी (Economic Recession) के बीच हुई और इससे बाजार में बड़े स्तर पर डर का माहौल बन गया था.
1929 में वॉल स्ट्रीट क्रैश
10 सालों डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? तक लगातार बाजार की समृद्धि के बाद 1930 के दशक की शुरुआत डरावनी थी. 10 सालों की आर्थिक वृद्धि को Roaring Twenties के नाम से जाना जाता है. जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच रही थी, तब इसकी गति धीरे-धीरे शिफ्ट होने लगी और कॉन्ट्रैक्शन शुरू हो गया. इसके कारण एक के बाद एक ऐसी घटनाएं होती चली गईं, जिसकी वजह से 25 अक्टूबर 1929 को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Industrial Average) में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई. इसे ” ब्लैक फ्राइडे” कहा गया. लगभग एक दशक तक पूंजीवादी आर्थिक व्यवस्था (Capitalist Economic Systems) के बड़े हिस्से में फैले डर के चलते द्वितीय विश्व युद्ध का के लिए राजनीतिक परिवर्तनों को जन्म दिया.
1987 का काला सोमवार
एक और भयंकर गिरावट 19 अक्टूबर को हुई, जब डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones Industrial Average) 22 प्रतिशत से अधिक गिर गया. यह 508 अंकों की गिरावट प्रतिशत के लिहाज से एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट के रूप में दर्ज है. उस घटना को ब्लैक मन्डे अथवा काला सोमवार के नाम से जाना गया. हालांकि बाजार में डर था और समझा जा रहा था कि ऐसी ही गिरावट फिर से हो सकती है, लेकिन अमेरिकी बाजार में अगले दिन काफी सुधार हुआ था.
2007 का वैश्विक वित्तीय संकट
सहस्राब्दी में मार्केट की सबसे बड़ी गिरावट अक्टूबर 2007 में देखने को मिली. अमेरिका में कई वित्तीय संस्थानों की विफलता सामने आई और उससे बाद बाजारों में भूचाल देखा गया. यह कंपन यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैलते देर नहीं लगी, जिससे शेयरों के कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई. 2009 के मध्य तक बाजार में गिरावट जारी रही, जब अमेरिकी सूचकांक 50 प्रतिशत से अधिक गिर गए.
2020 में कोरोनावायरस संकट
फरवरी-मार्च 2020 में, दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की आशंकाओं के कारण काफी गिरावट आई. मार्च 2020 की शुरुआत में वैश्विक बाजारों में तनाव पैदा हो गया था, क्योंकि कोरोना कई और देशों में फैल रहा है.
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Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्या हैं इसके नफा-नुकसान
Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्युचुअल फंडों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.
By: ABP Live | डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)
अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश
Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.
अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’
आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:
- अप्रोच (तरीका)
- बेनिफिट्स (फायदे)
- कंडीशन्स (परिस्थितियां)
भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्यक्ष निवेश और अप्रत्यक्ष निवेश.
प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.
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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.
म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया एक्सिस NASDAQ डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? 100 FoF
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.
क्यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?
- मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
- रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
- डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
- पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
- संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
- ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.
प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.
इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.
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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने की आशंका से Dow Jones धाराशायी, औंधे मुंह गिरा सेंसेक्स और निफ्टी
अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़कर चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के नीतिगत दर में बड़ी वृद्धि की आशंका से बाजार लुढ़क गया. अमेरिकी शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली देखने को मिली. इसका असर भारतीय शेयर बाजार में भी पड़ा. सेंसेक्स और निफ्टी औंधे मुंह गिर पड़े.
अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़कर चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ फेडरल रिजर्व बैंक के नीतिगत दर में बड़ी वृद्धि की आशंका से अमेरिकी शेयर बाजार में जोरदार बिकवाली देखने को मिली. अमेरिका में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. महंगाई दर मई में चार दशक के उच्च स्तर 8.6 फीसदी पहुंच गयी. अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोन्स (Dow Jons) में सोमवार को 2.8 फीसदी यानी 876 अंकों को गिरावट देखने को मिली. इसका असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिला. अमेरिका बाजार में बिकवाली के कारण सोमवार को भारतीय बाजार औंधे मुंह गिर पड़ा.
अमेरिकी बाजार में बीते शुक्रवार के कारोबार में हुई बिकवाली के बाद एसएंडपी में 2.90 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट बीते दो कारोबारी सत्र में 10 फीसदी की गिरावट पर रहा. इसी तरह डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow Jones) में डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज क्या है? सोमवार को 876 अंकों की गिरावट देखी गई. बता दें, इस साल यानी 2022 में एसएंडपी 500 अभी तक 18 फीसदी से गिर चुका है.
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट: अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट का असर सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिला. बीते सोमवार को शुरुआती कारोबार में ही बीएसई का सेंसेक्स 1500 अंक टूट गया और बीएसई सेंसेक्स 1,457 अंक का गोता लगाकर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से बाजार में गिरावट आयी.
अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़कर चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ फेडरल रिजर्व (अमेरिकी केंद्रीय बैंक) के नीतिगत दर में बड़ी वृद्धि की आशंका से बाजार नीचे आया. इसके अलावा अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के 78 प्रति डॉलर के स्तर के पार जाने से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,456.74 अंक यानी 2.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,846.70 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 427.40 अंक यानी 2.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,774.40 अंक पर बंद हुआ.
निवेशकों को लगा 6.64 लाख करोड़ का चूना: शेयर बाजार में इस गिरावट के साथ निवेशकों की पूंजी को सोमवार को 6.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 2,45,19,673.44 करोड़ रुपये पर आ गया. सेंसेक्स के शेयरों में 7.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में बजाज फिनसर्व रही. इसके अलावा बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टीसीएस, एनटीपीसी, इन्फोसिस और एसबीआई भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
Retail Inflation Data: खाने का सामान सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई में नरम होकर 7.04 प्रतिशत पर
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