UP Board Exam 2023 : 10वीं अंग्रेजी विषय के ये हैं महत्वपूर्ण प्रश्न
News18 हिंदी 1 दिन पहले Praveen Singh
UP Board Exam 2023 : यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा फरवरी-मार्च 2023 में होने की उम्मीद है. बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिहाज से देखें तो अब बहुत अधिक समय नहीं बचा है. ऐसे में मॉडल पेपर, पिछली बोर्ड परीक्षाओं के पेपर और क्वेश्वन बैंक देखकर पैटर्न आदि समझ लेना चाहिए. साथ ही अनसॉल्वड से मॉक टेस्ट भी दे सकते हैं. इससे अपनी तैयारी का पता चलेगा. फिलहाल, न्यूज 18 हिंदी 10वीं के अंग्रेजी विषय के पेपर के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आया है. ये प्रश्न पिछली परीक्षाओं में भी पूछे जाते रहे हैं.
यूपी बोर्ड 10वीं के अंग्रेजी विषय के पेपर पैटर्न के बारे में तो आपको पता ही होगा. एक बार फिर से बता देते हैं कि 10वी के अंग्रेजी विषय का पेपर 70 नंबर का होगा. जबकि 30 अंक का इंटर्नल असेसमेंट होगा. अंग्रेजी के पेपर में अंकों का बंटवारा कुछ इस तरह होगा-
सेक्शन-A (रीडिंग)- 10 अंक
सेक्शन-B (राइटिंग स्किल)- 10 अंक
सेक्शन-C (ग्रामर)- 15 अंक
सेक्शन-D (लिटरेचर)-35 अंक
यूपी बोर्ड 10वीं के अंग्रेजी विषय के पेपर के सेक्शन ए और सेक्शन बी में पूछे जाते हैं ऐसे प्रश्न
Multiple Choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
प्रश्न- : इस गद्यांश को सावधानीपूर्वक पढ़िए और उनके नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर सही विकल्प छांटकर दीजिए-
There was a man who had four sons. He wanted his sons to learn not to judge things too quickly. So he sent them each on a quest, in turn, to go and look at a pear tree that was at a great distance. The first son went in winter, the second in spring, the third in summer and the youngest son in fall.
When they had all gone and come back, he called them together to describe what they had seen. The first son said that the tree was ugly, bent and twisted. The second son said, “No, it was covered with green buds and full of promise.” The third son disagreed; he said that it was laden with blossoms which smelled so sweet and looked so beautiful, it was the most graceful thing he had ever seen. The last son disagreed with all of them; he said it was ripe and dropping with fruit full of life and fulfilment. The man then explained to his sons that they were all right, because they had each seen but only one season in the tree’s life. He told them that they could not judge a tree, or a person, by only one season, and that the essence of who they are and the pleasure, joy and love that come from that life can only be measured at the end, when the seasons are up.
Questions :
1. What does the tree provide us
(b)occupation, materials for housing
(c)fodder for animals and fuel
Passage-2
Tourists to Jammu and Kashmir have another attraction a floating post office on Dal Lake in Srinagar, the first in the country. ‘Floating Post Office, Dal Lake’ claimed to be the only one such post office in the world is built on an intricately carved maroon houseboat, fastened on the western edge of Dal Lake. This post office lets you avail of all the regular postal services available in the country while being afloat. The seal used on everything posted from Floating Post Office is unique – along with the date and address, it bears the design of a boatman rowing a shikara on Dal Lake. The special feature of this post office is that letters posted from here carry a special design which has the picturesque scenery of Dal Lake and Srinagar city. These pictures reach wherever these lettersm are posted to and hence promote Kashmir as a tourist destination across the world. This is actually a heritage post office that has existed since British times. It was called Nehru Park Post Office before 2011. But then the chief postmaster John Samuel renamed it as ‘Floating Post Office’.
The houseboat of post office has two small rooms one serves as the office and the other a small museum that traces the philatelic history of the state postal department. It has a
shop that sells postage stamps and other products. But for the locals, Floating Post office is more than an object of fascination. 1-2 crore is deposited per month in Floating Post Office by communities living in and around Dal Lake. The lake has several islets that are home to more than 50,000 people. The greatest fear is the recurrence of 2014 like floods in which the houseboat had gone for a toss uncontrollably pushed by the flood. Rescue teams had to anchor it using special mechanism in a nearby highland. Then it was brought back on Dal after the water receded. The biggest boon is that at no time of the year you need a fan in this post-office!
1. How is the post office helpful in promoting tourism
(a)due to floating on the dal lake
(b)the letters posted from here with special design bearing picturesque scenery of dal lake and srinagar city
(c) being a herirage post office
सेक्शन B (Letter/Application)
Question : Write a letter to your friend to invite him on the occasion of your marriage. (2022 AM)
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती का नया पैटर्न- MP-TET के बाद एक और परीक्षा होगी- Bhopal Rojgar Samachar
भोपाल। 1 दिन पहले खबर आई थी कि मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैलिडिटी लाइफटाइम हो गई है। आज पता चल रहा है कि मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती का पैटर्न ही बदल दिया गया है। यदि कोई व्यक्ति मध्य प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनना चाहता है तो ग्रेजुएशन के बाद उसे DElEd अथवा B.Ed फिर MP TET पास करने के बाद ST (सिलेक्शन टेस्ट) भी पास करना पड़ेगा।
MPTET में मेरिट का महत्व खत्म, बस क्वालीफाई करना जरूरी है
मध्य प्रदेश में एमपी टेट यानी मध्य प्रदेश टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट अब ग्रेजुएशन और B.Ed की तरह एक आम परीक्षा हो गई है। इसमें मेरिट की कोई वैल्यू नहीं है। लाइफ में केवल एक बार क्वालीफाई करना जरूरी है। कुल मिलाकर सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में एक चरण बढ़ा दिया है। एक परीक्षा बढ़ा दी है और उम्मीदवारों के सामने एक डिफिकल्टी बढ़ गई है।
MPTST (madhya Pradesh teachers Selection test) में क्या होगा
कुछ भी स्पेशल नहीं होगा। जैसे मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित होती है वैसे ही यह भी होगी। इस परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी। मेरिट लिस्ट के आधार पर वेटिंग लिस्ट बनेगी। वेटिंग लिस्ट के आधार पर नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सीधा सा सिद्धांत है की रेस में यदि एक और बाधा बढ़ा दी जाए तो दावेदारों की संख्या कुछ कम हो जाएगी।
MPTST का पोलिटिकल बेनिफिट क्या होगा
मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट बताता है कि सरकार जितने पदों पर भर्ती करना चाहती है उसकी तुलना में बहुत बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने मेरिट बना ली है। भोपाल समाचार डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं करना चाहती लेकिन चुनावी साल होने के कारण दबाव बढ़ता जा रहा है। 2023 में इस झंझट से मुक्ति के लिए कुछ तो नया करना था। यह आईडिया काम आ गया। कृपया यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल अवश्य सब्सक्राइब करें क्योंकि वहां पर कुछ ऐसे अपडेट भी मिलते हैं जो वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किए जाते।
UPI Transactions Limit: क्या आपको अपने बैंक और UPI App की पर डे ट्रांजेक्शन लिमिट मालूम है?
UPI Transaction Limit: कभी आपने ये नोटिस किया है कि बैंक में पैसे भी हैं, मोबाइल में फुल नेटवर्क भी है मगर UPI App से पेमेंट नहीं हो रहा? असल में दिक्कत आपके बैंक में नहीं है हो सकता है कि आपकी UPI Limit खत्म हो गई हो. UPI Limit? हां ब्रो UPI ट्रांजेक्शन की भी पर डे लिमिट होती है. ऐसा नहीं होता है कि आपको UPI मिल गया है तो दिन में 36 बार ऑनलाइन पेमेंट कर देंगे
@UPI_NPCI @NPCI_NPCI what the the maximum amount limit?
— SHREYAM KARMAKAR (@FanaticShreyam) March 8, 2022
असल में UPI की निगरानी करती है NPCI जिसकी गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी बैंक और UPI App अपने कस्टमर को हर दिन 1 लाख रुपए और 20 से ज़्यादा ट्रांजेक्शन नहीं करने देता है. ये पैसे की सीमा आपका बैंक तय करता है और UPI ट्रांजेक्शन App के हाथ में होता है.
यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट
जैसे कैनरा बैंक है वो किसी भी UPI से अपने ग्राहकों को दिन में 25,000 रुपए से ज़्यादा खर्च नहीं करने देता जबकि SBI कहता है कि ग्राहक एक दिन में एक लाख रुपए के ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. लेकिन वो एक लाख कितने ट्रांजेक्शन में पूरा कर सकते हैं ये UPI App पर डिपेंड करता है.
ज़्यादातर UPI आपको एक दिन में 20 बार UPI ट्रांजेक्शन करने की अनुमति देते हैं. इससे ज़्यादा उन 24 घंटों में नहीं हो सकता। मतलब आपको फिर से पेमेंट करने के लिए अगले 24 घंटे का इंतज़ार करना पड़ेगा
PhonePe Per Day Transaction Limit:
फोनपे में आप 10 से 20 ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. कितना पैसा कर सकते है ये आपका बैंक तय करता है.
GPay Per Day Transaction Limit:
गॉगल पे में आप है दिन 10 ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. और पैसे की लिमिट बैंक पर डिपेंड करती है
Paytm Per Day Transaction Limit:
पेटीएम में सीन अलग है. जैसे आप दिन में एक लाख रुपए का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. मगर एक घंटे में सिर्फ 20 हज़ार ही पेमेंट कर सकते हैं. और एक घंटे में आप 5 से ज़्यादा ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते और पूरे दिन सिर्फ 20 ट्रांजेक्शन कर सकते हैं
लेकिन आपको ज्यादा ट्रांजेक्शन करना है या बार-बार ट्रांजेक्शन एक बार बार पैटर्न क्या है करना है तो आप अपने बैंक के UPI से भी ये काम कर सकते हैं. और अमाउंट काफी बड़ा है तो उसके लिए IMPS और NEFT भी तो है. और कुछ ज़्यादा ही बड़ा अमाउंट है तो फिर उसके लिए RTGS भी तो है.
अफ़ग़ानिस्तान: तालिबानी शासन आने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर सज़ा-ए-मौत दी गई
अफ़ग़ानिस्तान के अति-रूढ़िवादी तालिबान नेतृत्व ने घोषणा की है कि सत्ता में वापसी के बाद से पहली बार हत्या के दोषी ठहराए गए एक शख़्स को सरेआम मौत की सज़ा दी गई है. The post अफ़ग़ानिस्तान: तालिबानी शासन आने के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर सज़ा-ए-मौत दी गई appeared first on The Wire - Hindi.
अफ़ग़ानिस्तान के अति-रूढ़िवादी तालिबान नेतृत्व ने घोषणा की है कि सत्ता में वापसी के बाद से पहली बार हत्या के दोषी ठहराए गए एक शख़्स को सरेआम मौत की सज़ा दी गई है.
नई दिल्ली: तालिबान के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि हत्या के दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति जिसे हत्या का दोषी ठहराया गया था उसे सार्वजनिक रूप से मौत की सजा दी गई. तालिबान की सत्ता वापसी के बाद से यह इस तरह की पहली सजा है.
तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा ने पिछले महीने न्यायाधीशों को सख्त इस्लामी कानून को पूरी तरह से लागू करने का आदेश जारी किया, जिसमें चोरों के लिए सार्वजनिक फांसी, पत्थरबाजी, कोड़े मारने और अंगों काटने पर जोर दिया गया.
तालिबान ने इस आदेश के बाद से सार्वजनिक कोड़े मारने की कई घटनाओं को अंजाम दिया है, लेकिन इसी नाम के प्रांत की राजधानी फराह में बुधवार को दी गई फांसी तालिबान द्वारा इस तरह से स्वीकार की जाने वाली पहली घटना है.
तालिबान ने क्या कहा
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि इस्लामिक कानून में न्याय के ‘आंख के बदले आंख’ सिद्धांत का जिक्र करते हुए क़िसास के आदेश को लागू किया गया था.
मुजाहिद ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय को हमवतन लोगों की एक सार्वजनिक सभा में क़िसास के इस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया गया था.’
मुजाहिद ने कहा कि सजा देने का निर्णय ‘बहुत सावधानी से’ लिया गया था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे देश की तीन सर्वोच्च अदालतों के साथ-साथ तालिबान के सर्वोच्च नेता द्वारा अनुमोदित किया गया था.
जिस व्यक्ति को सजा दी गई, उसकी पहचान हेरात प्रांत के ताजमीर के रूप में हुई थी, जिसे एक अन्य व्यक्ति की हत्या और उसकी मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन चोरी करने का दोषी ठहराया गया था. वारदात पांच साल पहले की बताई जा रही है.
बताया गया है कि पीड़ित परिवार द्वारा जुर्म का आरोप लगाने के बाद तालिबान के सुरक्षा बलों ने ताजमीर को गिरफ्तार कर लिया था. तालिबान के बयान में कहा गया था कि उसने कथित तौर पर हत्या की बात कबूल की थी.
शुरुआत में यह स्पष्ट नहीं था कि सजा-ए-मौत का तरीका क्या था, हालांकि अतीत में ऐसी सजा देने के लिए फांसी और पत्थरबाजी की जाती थी. बताया गया है कि इसके लिए कई प्रमुख लोग काबुल से पहुंचे थे, साथ ही कथित तौर पर सैकड़ों दर्शक भी वहां मौजूद थे.
उदार होने की बात से पलटा तालिबान
जब तालिबान ने 1990 के दशक के अंत से 2000 तक देश पर शासन किया, तो इसने तालिबान अदालतों में अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्तियों में से कई को सार्वजनिक फांसी दी, कोड़े मारे और पथराव किया.
हालांकि, जब 2021 में अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के अंतिम सप्ताहों में तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभाली, तो इस्लामवादियों ने अधिक उदार होने और महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की अनुमति देने का वादा किया था.
हालांकि, इसके बजाय उन्होंने छठी कक्षा के बाद लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध जैसे नए नियमों के साथ अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया है.एक बार बार पैटर्न क्या है
'ला नीना' के कारण कश्मीर में इस बार कम बर्फबारी की आशंका से परेशान हुए कश्मीरी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के नवीनतम तापमान दृष्टिकोण के अनुसार, सर्दियों का मौसम (दिसंबर से फरवरी) उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के लिए सामान्य से अधिक गर्म रहने वाला है।
'ला नीना' के कारण कश्मीर में इस बार कम बर्फबारी की आशंका से परेशान हुए कश्मीरी
Highlights दक्षिण भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक ठंड रहने वाली है। सर्दियों के तापमान और वर्षा को प्रभावित करता है। ये पैर्टन वर्ष 2020 से प्रचलित हैं और फरवरी 2023 तक जारी रहने की उम्मीद है।
जम्मू: सर्द मौसम की बाट जोह रहे कश्मीरियों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है कि इस बार कश्मीर के मौसम पर 'ला नीना' का प्रभाव होगा। इस कारण यहां सर्दियों में भी तापमान सामान्य से ऊपर होगा जिसका दुष्प्रभाव बर्फबारी पर भी हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो बर्फ पर टिकी पर्यटन उद्योग की आस टूट जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू कश्मीर में इस साल एक बार बार पैटर्न क्या है शुष्क और गर्म सर्दी देखी जा सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के नवीनतम तापमान दृष्टिकोण के अनुसार, सर्दियों का मौसम (दिसंबर से फरवरी) उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के लिए सामान्य से अधिक गर्म रहने वाला है। हालांकि, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक ठंड रहने वाली है। मौसम विभाग ने कश्मीरियों को चिंतित करते हुआ कहा है कि 'ला नीना' का सबसे अधिक प्रभाव केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर पर होगा जहां गर्म रातों की संभावना 55-75 प्रतिशत है अर्थात रातें सामान्य सर्दी के मौसम से 55 से 75 परसेंट अधिक गर्म होंगी।
जम्मू कश्मीर के मौसम विभाग के अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पिछली दो सर्दियों में भी जम्मू कश्मीर में लगभग सामान्य से कम बारिश हुई है। और इसे 'ला नीना' की परिस्थितियों से जोड़ा जा सकता है। जानकारी के लिए ला नीना एक बार बार पैटर्न क्या है एक जटिल मौसम पैटर्न है जो वैश्विक जलवायु को प्रभावित करता है और सामान्य मौसम पैटर्न को बाधित करता है, जिससे कुछ स्थानों पर तीव्र तूफान और दूसरों में सूखा पड़ सकता है।
सर्दियों के तापमान और वर्षा को प्रभावित करता है। ये पैर्टन वर्ष 2020 से प्रचलित हैं और फरवरी 2023 तक जारी रहने की उम्मीद है। यह इंगित करता है कि इस सर्दी में भी स्थितियां अलग नहीं होंगी, मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना था। हालांकि अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि 21-22 दिसम्बर से आरंभ होने वाले सबसे भयानक सर्दी के मौसम चिल्ले कलां में ठंड की स्थिति क्या होगी पर उनका कहना था कि औसत पैमाने पर, जम्मू कश्मीर में सर्दियों के मौसम (दिसंबर से फरवरी) के दौरान सामान्य से कम बारिश होगी, जब ला नीना की स्थिति होती है।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस बात की संभावना है कि अगले दो महीनों में से एक, जनवरी या फरवरी में सामान्य या अधिक बारिश हो सकती है। अधिकारियों के अनुसर, दिसंबर के लिए स्थितियां खराब दिख रही हैं क्योंकि वर्तमान में कोई महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ दृष्टिगोचर नहीं है। सिर्फ 9 से 10 दिसंबर के आसपास कुछ स्थानों पर बारिश को छोड़कर, ज्यादातर शुष्क मौसम 20 दिसंबर तक जारी रह सकता है।
उनका कहना था कि अगर चिल्ले कलां के शुरुआती दिनों में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ हमें देखने को मिलता है, तो भी यह पूरे महीने के नुकसान की भरपाई करने में सक्षम नहीं होगा। उनकी चिंता यह भी थी कि शायद इस कारण कश्मीर में इस बार कम बारिशके साथ साथ कम बर्फबारी होगाी और अगर ऐसा हुआ तो यह उस पर्यटन उद्योग के लिए एक धक्के के समान होगा जिसका पूरा दारोमदार बर्फ पर ही टिका है।
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