अपने निवेश को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों द्वारा सर्वश्रेष्ठ डिविडेंड स्टॉक का उपयोग किया जा सकता है: ज़्यादा पैसा बनाने के लिए अर्जित डिविडेंड को निवेशक द्वारा शेयर बाजारों में दोबारा निवेश किया जा सकता है। निवेशक इस धन का इस्तेमाल अपनी रिटायरमेंट या अन्य दीर्घकालिक लक्ष्यों को कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? निधि देने के लिए भी कर सकते हैं। जो निवेशक रिटायरमेंट के करीब हैं या पहले से ही रिटायर हैं, वे हाई डिविडेंड स्टॉक को नियमित आय के साधन के रूप में भी चुन सकते हैं।

Stock Market Investment Stock Split Bonus Share

Dabur India के शेयरों से 250% डिविडेंड पाने का आखिरी मौका, कंपनी ने अगले हफ्ते रखा है रिकॉर्ड डेट

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Dabur India Dividend: एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी डाबर इंडिया जल्द ही अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर 250% का अंतरिम डिविडेंड देने वाली है। कंपनी ने सितंबर तिमाही के नतीजों के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष 2023 के लिए निवेशकों को अंतरिम डिविडेंड देने का ऐलान किया था और इसके लिए रिकॉर्ड डेट भी जारी कर दी है।

डाबर इंडिया ने बताया कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने योग्य शेयरधारकों को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 250% (2.5 रुपये) का अंतरिम डिविडेंड देने को मंजूरी दी है। कंपनी ने साथ ही यह बताया कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? कि डिविडेंड के लिए योग्य शेयरधारकों की पहचान करने के लिए रिकॉर्ड डेट- 4 नवंबर 2022 तय किया गया है। डाबर ने बताया कि डिविडेंड जारी करने को लेकर अभी शेयरधारकों से मंजूरी लिया जाना बाती है।

Stock Market Investment: बोनस शेयर से क्या है फायदा और नुकसान? कंपनियां इसे क्यों जारी करती हैं?

बोनस शेयर मिलने से इन्वेस्टर के पास कंपनी के शेयर की संख्या बढ़ जाती है। जब कंपनी भविष्य में डिविडेंड का ऐलान करती है तो बोनस शेयर की वजह से आपको ज्यादा फायदा हो सकता है क्योंकि डिविडेंड प्रति शेयर दिया जाता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जब किसी कंपनी को अपने बिजनेस से अतिरिक्त प्रॉफिट होता है, तो उस प्रॉफिट की कैपिटल में से एक हिस्सा कंपनी अपने रिजर्व और सरप्लस में सेफ रखती हैं और भविष्य में रिजर्व और सरप्लस में से ही कंपनी अपने इन्वेस्टर के लिए कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? अतिरिक्त शेयर जारी करती हैं, जिसे बोनस शेयर कहा जाता है। बोनस शेयर से कंपनी की नेट वर्थ में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होता कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? है। इसलिए कि बोनस शेयर बिलकुल फ्री होते हैं।

Stock Market Investment: How Much Money needed for investment

क्या है बोनस शेयर के फायदे

बोनस शेयर मिलने से इन्वेस्टर के पास कंपनी के शेयर की संख्या बढ़ जाती है। जब कंपनी भविष्य में डिविडेंड का ऐलान करती है तो बोनस शेयर की वजह से आपको ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योंकि डिविडेंड प्रति शेयर दिया जाता है। साथ ही, बोनस शेयर जारी होने से शेयर की प्राइस कम हो जाती है ओर मार्केट में कंपनी के शेयर की लिक्विडिटी बढ़ती है। इससे निवेशकों में कंपनी पर भरोसा बढ़ जाता है।

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हाई डिविडेंड स्टॉक

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हाई डिविडेंड स्टॉक थोड़े वक़्त में निवेशक को लगातार आय प्रदान करते हैं और बाजार में अस्थिरता से कम प्रभावित होते हैं।

स्टॉक में निवेश करके पैसे कमाने के दो तरीके हैं। जब स्टॉक की कीमतें बढ़ती हैं, तो उच्च कीमत पर स्टॉक बेचा जा सकता कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? है स्टॉक से पैसा बनाने का दूसरा तरीका तब होता है जब कंपनी डिविडेंड अदा करती है।

डिविडेंड नकद को संदर्भित करते हैं जो एक कंपनी अपने शेयरधारकों को अपने लाभ से बांटती है। कंपनी या तो अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का भुगतान करने या मुनाफे को व्यापार में वापस निवेश करने का फैसला ले सकती है। वे मुनाफे का इस्तेमाल क़र्ज़ चुकाने के लिए भी कर सकते हैं।

यह फैसला एक कंपनी के निदेशक मंडल के ज़रिए लिया जाता है। इसके बाद इसे शेयरधारकों के ज़रिए अनुमोदित करने की ज़रूरत है। डिविडेंड का भुगतान तिमाही या सालाना तौर पर किया जाता है। इसलिए जब आप हाई डिविडेंड स्टॉक के मालिक होते हैं तो आप बस स्टॉक धारण करके आय कमा सकते हैं। कीमतें बढ़ने के बाद आप इन शेयरों को बेच कर भी मुनाफा कमा सकते हैं

शेयर बाजार: बायबैक और डिविडेंड से शेयर निवेशकों को मिलता है ज्यादा फायदा, कंपनियां समय-समय पर देती हैं इसका लाभ

कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं। मुनाफे का यह हिस्सा डिविडेंड के रूप में देती हैं - Dainik Bhaskar

अगर आप किसी शेयर में निवेश करते हैं और इसके बाद अगर उसमें ग्रोथ होती है तो उसका फायदा आपको मिलता है। लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 3 तरह से आपको मुनाफा हो। शेयर मार्केट में सिर्फ शेयर की कीमत बढ़ने से ही निवेशकों को फायदा नहीं होता। इसके अलावा बायबैक और डिविडेंड से भी आपको समय-समय पर फायदा होता रहता है। आज हम आपको बायबैक और डिविडेंड के बारे में बता रहे हैं।

बायबैक क्या होता है
बायबैक का मतलब जब कोई कंपनी अपने शेयरों को बाजार से वापस खरीदती है।

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.

सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? किसी कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर डिविडेंड की घोषणा करता है. जिस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है उसके साथ दो और डेट की घोषणा की जाती है. ये दो डेट होते हैं रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट. रिकॉर्ड डेट वह डेट होती है जिस दिन कंपनी यह देखती है कि कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? कौन-कौन इन्वेस्टर्स हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स हैं.

डीमैट अकाउंट में शेयर होना जरूरी

अगर आपको डिविडेंड का लाभ चाहिए तो रिकॉर्ड डेट के दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स होने चाहिए. उदाहरण के तौरन पर कंपनी A ने डिविडेंड की घोषणा की और 20 सितंबर उसका रिकॉर्ड डेट है. आपको डिविडेंड का लाभ तभी मिलेगा जब 20 सितंबर को वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में हो.

रिकॉर्ड डेट से एक या दो कारोबारी सत्र पूर्व एक्स डिविडेंड डेट होता है. डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर की खरीदारी करनी होगी ताकि वह शेयर उसके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट के दिन रहे. यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो T+2 में वह आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचता है. इसलिए एक्स डिविडेंड डेट से पहले तक खरीदारी करनी होगी. एक्स डिविडेंड डेट के दिन खरीदारी करने पर डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा.

क्या होता है अंतरिम और फाइनल डिविडेंड?

इसके अलावा मुख्य रूप से दो- अंतरिम और फाइनल डिविडेंड होता है. किसी वित्त वर्ष के लिए जब तक बुक्स ऑफ अकाउंट क्लोज नहीं होता है, उससे पहले कंपनी जब डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते हैं. ये शेयर होल्डर्स की सहमति से वापस भी लिए जा कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? सकते हैं. फाइनल डिविडेंड वह डिविडेंड होता है जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होने पर कंपनी एनुअल जनरल मीटिंग के समय इसकी घोषणा करता है. इस डिविडेंड को वापस नहीं लिया जा सकता है.

इन दो तरह के डिविडेंड के अलावा एक स्पेशल डिविडेंड भी होता है जिसकी घोषणा कंपनी की तरफ से कभी भी की जा सकती है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई कंपनी स्टॉक प्राइस के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा के डिविडेंड की कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है? घोषणा करती है तो उसे स्पेशल डिविडेंड माना जाता है. जैसे 11 सितंबर को एक शेयर का क्लोजिंग भाव 100 रुपए है और उसने 6 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा की है तो इसे स्पेशल डिविडेंड माना जाएगा.

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