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एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस)

1975 में लॉन्च किया गया, एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) एक अद्वितीय प्रारंभिक बचपन का विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य कुपोषण, स्वास्थ्य और युवा बच्चों, गर्भवती और नर्सिंग माताओं की विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है।

आईसीडीएस में 4 अलग-अलग घटक होते हैं, अर्थात्:

  • प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा और विकास (ईसीसीईडी)
  • देखभाल और पोषण परामर्श
  • स्वास्थ्य सेवाएं
  • सामुदायिक मोबलाइजेशन जागरूकता, वकालत और सूचना, शिक्षा और संचार उद्देश्य

इस योजना के उद्देश्यों को व्यापक रूप से वर्गीकृत किया गया है:

आवश्यक सेवाओं को संस्थागत बनाना और सभी स्तरों पर संरचनाओं को मजबूत करना:

पोषण के तहत रोकने के लिए मिशन मोड में आईसीडीएस लागू करना

  • आईसीडीएस- एडब्ल्यूसी परिभाषा प्रबंधन सूचक को स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा के लिए पहले गांव पद के रूप में मजबूत करें।
  • 3 साल से कम उम्र के बच्चों पर ध्यान केंद्रित करना।
  • प्रारंभिक बाल देखभाल और सीखने के माहौल पर ध्यान केंद्रित करना , बहिष्कार से बच्चों से संबंधित परिणामों में स्थानांतरित करना।
  • विकेन्द्रीकरण और समुदाय आधारित स्थानीय रूप से उत्तरदायी बाल देखभाल दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।

सभी स्तरों पर क्षमताओं को बढ़ाएं:

  • वांछित परिणाम और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए क्षेत्र आधारित संयुक्त कार्रवाई और परिभाषा प्रबंधन सूचक टीमवर्क को मजबूत करने के लिए सभी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का लंबवत एकीकरण।
  • केंद्रीय और राज्य स्तर पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण संसाधन केंद्र स्थापित करें।

सभी स्तरों पर उचित अंतर-क्षेत्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करें:

  • बाल विकास सेवाओं में सुधार के लिए पीआरआई, समुदाय, सिविल सोसाइटी के साथ साझेदारी को मजबूत करके जमीनी स्तर पर अभिसरण सुनिश्चित करें।
  • बच्चों के लिए सेवाएं प्रदान करने वाले सभी सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ समन्वय और नेटवर्क।

जन जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएं:

  • मातृ और शिशु देखभाल, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा को सुदृढ़ करें।
  • बच्चों की कमजोरियों के बारे में सभी स्तरों पर जन परिभाषा प्रबंधन सूचक जागरूकता बढ़ाएं।
  • लाभार्थी समूह और कोर सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जनता को सूचित करें।
  • सामाजिक आंदोलन और स्वैच्छिक कार्रवाई को बढ़ावा देना।

बाल विकास सेवाओं के लिए डेटाबेस और ज्ञान आधार बनाएं:

  • आईसीडीएस प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) को मजबूत करें।
  • सूचना आधार को मजबूत करने और जानकारी साझा करने और प्रसारित करने के लिए सूचना, संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करें।
  • अनुसंधान और दस्तावेज़ीकरण उपक्रम।

लाभार्थी:

0-6 वर्ष की उम्र के बच्चे । गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं । महिलाएं 15-44 वर्ष की उम्र । 1 99 1 से किशोरावस्था की लड़कियों को गैर औपचारिक शिक्षा और स्वास्थ्य और पोषण पर प्रशिक्षण के लिए 18 साल की उम्र तक।

प्रबंध के उद्देश्य – Objectives Of Management

प्रत्येक मानवीय क्रिया के कुछ ना कुछ उद्देश्य होते हैं ।जब तक प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्य पहले से निश्चित नहीं होंगे। तब तक उनकी प्राप्ति के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं किए जा सकेंगे। उद्देश्य एवं लक्ष्य के निश्चित होने तथा व्यक्तियों के उस से अस्पष्टता अवगत होने पर ही एक निश्चित दिशा में अग्रसर होने एवं एक निश्चित ढंग से कार्य करने में सहायता मिलती है।

प्रबंध का उद्देश्य निम्नलिखित हैं जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
1.प्राथमिक उद्देश्य Primary Objectives
2.सहायक उद्देश्य Secondary Objectives
3.व्यक्तिगत उद्देश्य Personal Objectives
4.संगठनात्मक उद्देश्य Organization Objectives
5.सामाजिक उद्देश्य Social Objectives

1.प्राथमिक उद्देश्य Primary Objectives– यह प्रबंध के प्राथमिक उद्देश्य बाजार में विक्रय योग्य वस्तुएं तथा सेवाएं प्रदान करना प्रबंध का प्राथमिक उद्देश्य है । ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करने पर उपभोक्ता को वे वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती है। जो वे चाहते हैं और उपक्रम के सहयोगी सदस्यों को प्राप्त प्रतिफल से उनका पारिश्रमिक मिलान संभव हो पाता है।

प्राथमिक उद्देश्य के अंतर्गत निम्नलिखित को विशेष महत्व दिया जाता है –

a. ग्राहकों को तुरंत विश्वसनीय एवं प्रतिस्पर्धात्मक वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करना।
b. ग्राहकों में यह विश्वास जमाना की बिक्री की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन नवीन एवं आधुनिकतम विधि से किया गया है ।
c. ऊंची किस्म के उत्पादों एवं सेवाओं को ऐसे Price पर बेचना जो राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में हो ।

2.सहायक उद्देश्य Secondary Objectives– सहायक उद्देश्य, प्राथमिक उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायता करती है ।उन प्रयासों के लिए कार्य निष्पादन में कुशलता एवं वमितव्ययिता मेंं वृद्धि करने हेतु निर्धारित किए जाते हैं, लक्ष्य से अवगत कराते हैं। विश्लेषण, परामर्श एवं व्यख्या जैसे लक्ष्य सहायक उद्देश्य के उदाहरण हैं। इन उद्देश्य के योगदान इस अर्थ में अप्रत्यक्ष (Indirect)माना जाता है कि वे प्राथमिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए किए गए प्रयासों में सहायता पहुंचाते हैं । प्राथमिक उद्देश्यों की तरह सहाय उद्देश्य की प्रकृति भी और व्यक्तिगत होती है ।

3.व्यक्तिगत उद्देश्य Personal Objectives– प्रबंध के व्यक्तिगत उद्देश्य से आंख से कर्मचारियों के संदर्भ में निश्चित किए जाने वाले उद्देश्य से हैं । चुकी क्योंकि कर्मचारी संगठन का विवेकशील एवं संवेदनशील संसाधन होता है । इनकी भावनाओं की ओर विशेष ध्यान देने के लिए प्रबंध द्वारा कुछ उद्देश्य निश्चित किए जाते हैं।

4.संगठनात्मक उद्देश्य Organization Objectives– प्रबंध के संगठनात्मक उद्देश्य से आशय से पूरे संगठन के लिए निर्धारित किए जाने वाले उद्देश्यों से है। इसके अंतर्गत प्रबंध द्वारा व्यवसाय में हित रखने वाले सभी पक्षों का ध्यान रखा जाता है ।

5.सामाजिक उद्देश्य Social Objectives– सामाजिक उद्देश्यों का अर्थ एक संगठन के समाज के प्रति लक्ष्य एवं दायित्वों से हैं। इसके अंतर्गत सभी कर्तव्य को शामिल किए जाते हैं । जो किसी भी संस्था के लिए समाज द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। जैसे – स्वास्थ्य, सुरक्षा, श्रम के साथ अच्छा व्यवहार, मूल्य नियंत्रण आदि संबंधित सामाजिक कर्तव्य।
इसके अलावा,इन कर्तव्यों में वे कर्तव्य भी शामिल होते हैं जिनका लक्ष्य सामाजिक तथा भौतिक विकास करना तथा वांछनीय सामाजिक कार्यों में योगदान प्राप्त करना होता है। इस संबंध में कहा गया है कि व्यवसायिक उपक्रम अपने प्राथमिक उद्देश्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया में संबंधित सामाजिक वर्गों के हितार्थ आवश्यक आर्थिक संपत्तियों का निर्माण करते हैं और रोजगार की व्यवस्था तथा वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं ।

प्रबंध के मुख्य सामाजिक उद्देश्यों की सूची में निम्न को शामिल किया जाता है –

1. रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना
2. वातावरण को दूषित होने से बचाना
3. जीवन स्तर के सुधार में योगदान देना

प्रबंध के उद्देश्य की परिभाषा कुछ प्रसिद्ध विद्वानों के अनुसार

पीटर एफ. ड्रकर Peter F. Drucker :- उद्देश्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यवसायिक उपक्रम के संचालन हेतु आवश्यक उपकरण है । इसके अभाव में प्रबंध की उड़ान निष्प्रयोजन होगी क्योंकि मार्ग बोध के लिए ना तो संकेत चिन्ह होंगे, ना कोई मानचित्र होगा और ना ही कोई पूर्व परिचित मार्ग होगा ।

शताब्दियों पूर्व सैनिक Seneca: – यदि एक मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह किस बंदरगाह को जाना चाहता है तो कोई भी हवा उसके अनुकूल नहीं होगी।

जॉर्ज आर. टेरी :परिभाषा प्रबंधन सूचक – प्रबंधकीय उद्देश्य से एक ऐसा विशिष्ट लक्ष्य है जो निश्चित क्षेत्र में निर्धारित करता है तथा एक प्रबंध के प्रयासों के निर्देशन हेतु सुझाव देता है । प्रबंध के उद्देश्य की दी गई इस परिभाषा में चार धारणाएँ शामिल है-

प्रबंध के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

प्रबंध व्यक्तियों का विकास है ना कि वस्तु का निर्देशन।

कर्मचारी प्रशासन ही प्रबंध है।

मानवी क्रियाओं का प्रबंध से अधिक महत्वपूर्ण और कोई अन्य क्षेत्र नहीं है क्योंकि इसका काम दूसरे व्यक्तियों से कार्य को पूरा करवाना है।

शब्दकोश में परिभाषा

संदर्भ में "सूची नियंत्रण" का हिन्दी में अनुवाद, अनुवाद स्मृति

इसमें हार्डवेयर सम्पति प्रबंधन शामिल हैं क्योंकि प्रभावी हार्डवेयर सूची नियंत्रण सॉफ्टवेयर नियंत्रण के प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

आपूर्तिकर्ता समूह की निर्यात नियंत्रण सूची और मिसाइल नियंत्रण प्रौद्योगिकी व्यवस्था के अनुरूप बनाएंगे।

तदनुरूप हमने घोषणा की कि इन व्यवस्थाओं का सदस्य नहीं होने के बावजूद हम अपनी निर्यात नियंत्रण सूची को परमाणु

स्वतंत्र न्यायपालिका की अनुपस्थिति, स्वतंत्र वकीलों पर सरकारी प्रकोप, और सूचनाओं पर कड़ा नियंत्रण, कानून के शासन को कमज़ोर करते हैं।

इसके अलावा हमारी राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण सूचियों का उन्नयन समय-समय पर किया जाता है ताकि दोनों व्यवस्थाओं के साथ हमारे नियंत्रणों का समामेलन किया जा सके।

विशेषाधिकार अलगाव (प्रिविलेज सेपरेशन) और अनिवार्य अभिगम नियंत्रण को सुनिश्चित करने के लिए क्षमता और अभिगम नियंत्रण सूची तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।

1]आमतौर पर, इस आदेश से अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों, संचार माध्यमों की निगरानी जैसे तरीकों से सूचना संग्रह पर नियंत्रण किया जाता है.

संयुक्त राज्य अमरीका के विचार में भारत को इन व्यवस्थाओं की नियंत्रण सूची में शामिल सभी मदों पर निर्यात नियंत्रण लगाने के उपरान्त विद्यमान अनिवार्यताओं के अनुसरण में आस्ट्रेलिया समूह और वासनर व्यवस्था की सदस्यता के लिए पात्र बनना चाहिए।

हम असैनिक परमाणु पहल के भाग के रूप में, जुलाई 2005 में एमटीसीआर के दिशा-निर्देशों और नियंत्रण सूची का पालन करने के अपने उद्देश्य की घोषणा कर चुके हैं।

अपने दिशानिर्देशों एवं परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सूचियों तथा मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के साथ निरन्तर ही हमने इसमें सामंजस्य बनाने का प्रयास किया है।

कंप्यूटर सिस्टम के अंतर्गत, दो सुरक्षा मॉडल होते हैं जो विशेषाधिकार अलगाव (प्रिविलेज सेपरेशन) को लागू करने में सक्षम हैं और अभिगम नियंत्रण सूची (ACLs) तथा क्षमता-आधारित सुरक्षा में उनकी पहुंच होती है।

* हम दुर्भावपूर्ण कार्यों हेतु अथवा परमाणु संयंत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित नियंत्रण प्रणालियों में व्यवधान उत्पन्न करने के उद्देश्य से सूचना, प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञता प्राप्त करने अथवा परमाणु सामग्रियों का उपयोग करने से अराजक तत्वों को रोकने के महत्व को भी स्वीकार करते हैं।

और इस प्रकार, मुझे भारत एवं संयुक्त राज्य में बहुत अधिक विश्वास है, जो ऐसे देश हैं जो सूचना पर आधारित खुले समाज हैं तथा इस नए सूचना युग में सफल होने एवं आगे बढ़ने में समर्थ हैं; बंद समाजों की तुलना में जो उस सूचना पर नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं जो नागरिक प्राप्त करते हैं।

भारत की निर्यात नियंत्रण सूची और मार्गदर्शक सिद्धांत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के अनुरूप बनाए गए हैं और भारत निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं की सदस्यता के माध्यम से परमाणु अप्रसार के साझा उद्देश्यों में अपने योगदान को मजबूती प्रदान करने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है।

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