बीएसई ने कहा कि नए प्रबंध निदेशक एवं सीईओ की नियुक्ति होने तक एक्सचेंज की कार्यकारी प्रबंध समिति ही इसका संचालन देखेगी. इस समिति में मुख्य नियामकीय अधिकारी नीरज कुलश्रेष्ठ, मुख्य वित्तीय अधिकारी नयन मेहता, मुख्य सूचना अधिकारी करसी तवाडिया, मुख्य कारोबार अधिकारी समीर पाटिल और व्यापार परिचालन प्रमुख गिरीश जोशी शामिल हैं.
New Chairman of BSE: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कौन हैं एस.एस. मुंद्रा जिन्हें बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का चेयरमैन नियुक्त किया गया है
New Chairman of BSE: दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज Bombay Stock Exchange (बीएसई) का नेतृत्व और कार्यभार संभालने लिए जनहित निदेशक एस.एस. मुंद्रा को न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की जगह नियुक्त किया जाएगा। एस.एस. मुंद्रा 3 साल तक भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज गवर्नर के रूप में कार्यरत थे जिसके बाद उन्होंने 2017 में इस कार्य से इस्तिफा दिया। आरबीआई के पहले मुंद्रा 2014 में बैंक ऑफ बड़ौदा में अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत थे। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now.
146 साल का हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज: कैसा रहा BSE का 1875 से लेकर अब तक का सफर?, जानिए सबकुछ
आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 146 साल का गया है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 लोगों ने 1 रुपये के एंट्री फीस के साथ की थी। 25 जनवरी, 2001 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 लॉन्च किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड वर्जन कहा जाता है।
सेंसेक्स की शुरुआत कहानी
1986 में जब सेंसेक्स की शुरुआत हुई तो इसका बेस इयर 1978-79 को रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1,000 पॉइंट पर पहुंच गया। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानून में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज बदलाव किया। मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया। इसने सेंसेक्स में गति बढ़ाई।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख आशीष कुमार चौहान ने दिया इस्तीफा, NSE की संभालेंगे जिम्मेदारी
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (Bombay Stock Exchange) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आशीष कुमार चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है. बीएसई ने चौहान के इस्तीफे की जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें सोमवार को ही सभी दायित्वों एवं भूमिकाओं से मुक्त कर दिया गया. वह वर्ष 2012 से ही बीएसई के सीईओ के रूप में कार्यरत थे. चौहान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं.
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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में निचले स्तर से हुई शानदार रिकवरी
दिल्ली: कमजोर ग्लोबल संकेतों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार आज शुरुआती कारोबार में निचले स्तर से शानदार रिकवरी करने में सफल रहा. शेयर बाजार ने आज कमजोरी के साथ कारोबार की शुरुआत की. लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की खरीदारी के कारण शुरुआती 1 घंटे के कारोबार में ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक रिकवरी करके फ्लैट लेवल तक पहुंचने में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कामयाब रहे. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स आज 350.76 अंक की कमजोरी के साथ 52,बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 495.94 अंक के स्तर पर खुला. कारोबार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत में बाजार में खरीदारी की स्थिति बनी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जिसके कारण पहले 2 मिनट के कारोबार में ही सेंसेक्स उछलकर 52,781.79 अंक के स्तर पर पहुंच गया. लेकिन इसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो (एफपीआई) निवेशकों ने बाजार में बिकवाली का दबाव बना दिया, जिसकी वजह से ये सूचकांक दोबारा 387.बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज 22 अंक की गिरावट के साथ 52,459.48 बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज अंक के स्तर पर पहुंच गया.
62 साल के हैं राममूर्ति
आशीष कुमार चौहान के बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद से करीब चार महीने पहले 25 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद राममूर्ति के नाम को सेबी की मंजूरी मिली है. करीब पांच महीने के इंतजार के बाद सेबी ने 62 वर्षीय राममूर्ति के नाम को बीएसई सीईओ पद के लिए मंजूरी दी है. सुंदररमण के लिए यह स्टॉक एक्सचेंज में दूसरा कार्यकाल होगा. वे करीब 20 वर्षों से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में काम कर रहे थे.
एक वरिष्ठ नियामकीय अधिकारी ने कहा, 'जब आशीष ने 2002 के आसपास एनएसई छोड़ा, तो सुंदररमन को बड़े पैमाने पर उनका पोर्टफोलियो और भूमिका संभालने के लिए दिया गया. इस बार फिर वे आशीष की जगह बीएसई में आए हैं. वे बैंक निफ्टी की सफलता की कहानी के पीछे रहे कुछ प्रमुख लोगों में से एक हैं. लेकिन ध्यान रहे, वे आसानी से खुश नहीं होते और एक कठिन टास्क मास्टर हैं.'
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