बाजार प्रणाली में, ______ संकेतों द्वारा लाए गए आर्थिक गतिविधियों के समन्वय से कितना और क्या उत्पादित करना है, इसके बारे में केंद्रीय समस्याएं हल हो जाती हैं।

The Syndicate Bank will be releasing the official recruitment notification for the Syndicate Bank PO 2022 soon. Graduated candidates with a minimum age of 20 & a maximum of 28 years can apply for the Probationary Officer (PO) post. For the last recruitment cycle, a total of 500 vacancies were released for the post. The Syndicate Bank is expecting to release more vacancies for this year. With a salary range of Rs. 15,000 to Rs. 40,000, it is a great opportunity for the candidates who want to work in banking sector. Check out the Syndicate Bank PO selection process here.

MoU Signed: हिमाचल के आईआईटी मंडी में शुरू होगा डाटा साइंस, एनालिस्ट का कोर्स

आईआईटी मंडी के साथ मिल कर एनएसडीसी बाजार की मांग के अनुसार आवश्यक प्रशिक्षण प्रोग्राम का डिजाइन और कांसेप्ट तैयार करेगा। नई दिल्ली में इस करार पर आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर और एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी कार्यवाहक सीईओ वेद मणि तिवारी ने हस्ताक्षर किए।

आईआईटी मंडी ।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में अब युवा डाटा साइंस और डाटा एनालिस्ट के डिजिटल कोर्स कर सकेंगे। इस संदर्भ में भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ आईआईटी मंडी का एमओयू साइन हुआ है। खास बात यह है कि इन कोर्स को शुरू करने से पहले आईआईटी मंडी के साथ मिल कर एनएसडीसी बाजार की मांग के अनुसार आवश्यक प्रशिक्षण प्रोग्राम का डिजाइन और कांसेप्ट तैयार करेगा।

नई दिल्ली में इस करार पर आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर और एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी कार्यवाहक सीईओ वेद मणि तिवारी ने हस्ताक्षर किए। आईआईटी के निदेशक ने बताया कि एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में आईआईटी मंडी उम्मीदवारों के विभिन्न वर्गों के लिए डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल डिजाइन और कोर्स शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगा। इन कोर्सों में कैसे एडमिशन ली जा सकती है। इसकी जानकारी जल्द साझा की जाएगी। डाटा साइंस आंकड़ों का विश्लेषण कर उनसे जानकारी निकालने का विज्ञान है। यह कंप्यूटर विज्ञान का एक भाग है।

डाटा एनालिस्ट
डाटा एनालिस्ट यानी डाटा सहेजने के एक्सपर्ट। टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आज बिजनेस का काम जितना आसान हो गया है, उतना ही उसका डाटा बढ़ गया है। ऐसे में इस डाटा को सहेजने और उसका सही तरीके से विश्लेषण करना काफी चुनौतीपूर्ण काम होता जा रहा है। डाटा एनालिस्ट इन्हीं चुनौतियों से निपटने का कार्य करते हैं।

आईआईटी मंडी के निदेशक के अनुसार डाटा साइंस से जुड़े विशेषज्ञों की मांग आज हर तरफ है। ई-कॉमर्स, सोशल साइट्स, सर्च इंजन, मैपिंग और सरकारी विभाग में भी डाटा एनालिस्ट की मांग लगातार बढती जा बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके रही है। शुरूआत में वेतनमान 15,000 से 30,000 रुपये प्रतिमाह हो सकता है। किसी भी बड़ी कंपनी में एक से दो लाख रुपये वेतन भी मिल सकता है।

विस्तार

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में अब युवा डाटा साइंस और डाटा एनालिस्ट के डिजिटल कोर्स कर सकेंगे। इस संदर्भ में भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के साथ आईआईटी मंडी का एमओयू साइन हुआ है। खास बात यह है कि इन कोर्स को शुरू करने से पहले आईआईटी मंडी के साथ मिल कर एनएसडीसी बाजार की मांग के अनुसार आवश्यक प्रशिक्षण प्रोग्राम का डिजाइन और कांसेप्ट तैयार करेगा।

नई दिल्ली में इस करार पर आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर और एनएसडीसी के मुख्य परिचालन अधिकारी कार्यवाहक सीईओ वेद मणि तिवारी ने हस्ताक्षर किए। आईआईटी के निदेशक ने बताया कि एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में आईआईटी मंडी उम्मीदवारों के विभिन्न वर्गों के लिए डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल डिजाइन और कोर्स शुरू करने की सुविधा बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके प्रदान करेगा। इन कोर्सों में कैसे एडमिशन ली जा सकती है। इसकी जानकारी जल्द साझा की जाएगी। डाटा साइंस आंकड़ों का विश्लेषण कर उनसे जानकारी निकालने का विज्ञान है। यह कंप्यूटर विज्ञान का एक भाग है।

डाटा एनालिस्ट
डाटा एनालिस्ट यानी डाटा सहेजने के एक्सपर्ट। टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आज बिजनेस का काम जितना आसान हो गया है, उतना ही उसका डाटा बढ़ गया है। ऐसे में इस डाटा को सहेजने और उसका सही तरीके से विश्लेषण करना काफी चुनौतीपूर्ण काम होता जा रहा है। डाटा एनालिस्ट इन्हीं चुनौतियों से निपटने का कार्य करते हैं।

आईआईटी मंडी के निदेशक के अनुसार डाटा साइंस से जुड़े विशेषज्ञों की मांग आज हर तरफ है। ई-कॉमर्स, सोशल साइट्स, सर्च इंजन, मैपिंग और सरकारी विभाग में भी डाटा एनालिस्ट की बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके मांग लगातार बढती जा रही है। शुरूआत में वेतनमान 15,000 से 30,000 रुपये प्रतिमाह हो सकता है। किसी भी बड़ी कंपनी में एक से दो लाख रुपये वेतन भी मिल सकता है।

तेजी से बढ़ेगा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को खत्म करने का बाजार

By Vivek Mishra
Published: Friday 21 June 2019

Photo Credit: GettyImage

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एक तरफ नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। तो दूसरी तरफ सुरक्षा कारणों से परमाणु ऊर्जा के प्रति कई देशों का मोहभंग हो रहा है। इस आकर्षण से मोहभंग के सफर ने परमाणु बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके ऊर्जा संयंत्रों को नष्ट (डीकमशनिंग) करने के बाजार को गरम कर दिया है।

वैश्विक व्यापार का विश्लेषण करने और सलाह देने वाली एडरॉइट मार्केट रिसर्च की हालिया और ताजा रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इस रिपोर्ट का पूर्वानुमान है कि बेहद विशिष्ट संचालन (न्यूक्लियर डीकमशनिंग) वाली इस बाजार को 2018 से 2025 तक पांच फीसदी की उछाल मिल सकती है। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक, सितंबर 2017 तक दुनिया में करीब 110 कॉमर्शियल पावर रिएक्टर्स, 48 प्रोटोटाइप रिएक्टर्स, 250 रिसर्च रिएक्टर्स और विभिन्न ईंधन सुविधा केंद्रों का संचालन बंद हो चुका है। यह सभी सुविधाएं डीकमशनिंग प्रक्रिया के अधीन होंगी। ऐसे में इनमें लंबा वक्त लगेगा क्योंकि इन विशिष्ट तरीके के प्लांट से बड़े पैमाने पर उपकरणों, कल-पुर्जों को हटाना होगा। उनका सुरक्षित निस्तारण भी करना होगा। सर्वे के मुताबिक ऐसे कामों की संख्या में 2018-2023 के बीच बढ़ोत्तरी हो सकती है।

यूरोपियन यूनियन देशों में परमाणु ऊर्जा स्रोतों से बेहद तेजी से किनारा किया जा रहा है। यूरोपियन देश नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने में सबसे बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके ज्यादा आगे आ रहे हैं। इससे परमाणु ऊर्जा की विकास की रफ्तार धीमी हो रही है। यह निकट भविष्य में संयंत्रों के डीकमशनिंग बाजार के लिए ईंधन का काम कर सकता है। जर्मनी और फ्रांस ने आगे बढ़कर चरणबद्ध तरीके से परमाणु ऊर्जा को खत्म करने की योजना तैयार कर उसपर अमल शुरु कर दिया है। फ्रांस ने तय किया है कि 2025 तक वह 17 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद करेगा।

दुनिया में सबसे ज्यादा, 99 परमाणु ऊर्जा संयंत्र अमेरिका में हैं। इनमें 10 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की डीकमीशनिंग की जा चुकी है जबकि 10 अभी इसकी प्रक्रिया में हैं। वहीं, रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि “यूरोपियन यूनियन के विभिन्न देशों का नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर ध्यान बढ़ा है। वे चरणबद्ध तरीके से परमाणु ऊर्जा को बाहर भी कर रहे हैं। इससे प्रत्याशित है यूरपोयिन क्षेत्र में परमाणु संयंत्रों को सेवाओं से मुक्त करने संबंधी बाजार में उछाल आएगा।”

रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से 2019 तक वैश्विक स्तर पर 76 परमाणु संयंत्र सेवा मुक्त हो जाएंगे। 2020 में 183 ईकाइयां और 2030 में 127 ईकाइयां बंद हो सकती बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप में 2018-2022 के बीच परमाणु संयंत्रों को सेवाओं से मुक्त कराने की सुविधा मुहैया कराने वाले बाजार में 29.57 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। हालांकि, भारत अभी तक ऐसा नहीं कर सकता है। हालांकि, परमाणु संयंत्रों को हटाने के लिए एटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड की एक गाइडलाइन जरूर बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके जारी की गई है। भारत में परमाणु ऊर्जा का मुख्य उत्पादक न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड है जो भविष्य में संयंत्रों को हटाने के लिए अपने यूजर्स से लेवी वसूल रहा है। यह फंड डिपार्टमेंट बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके ऑफ एटॉमिक एनर्जी के जरिए तैयार की गई है।

न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की 2017-2018 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक संयंत्रों को भविष्य में हटाने के लिए 1975 करोड़ रुपये का फंड एकत्र किया जा चुका है। 2012 के दौरान संसद में एक सवाल के जवाब में डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की अध्यक्षता करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की उम्र पर किसी तरह की सीमा नहीं चाहता है। हालांकि, उसी जवाब में यह भी कहा गया था कि भारत के पास परमाणु संयंत्रों को हटाने की विस्तृत क्षमताएं मौजूद हैं। भारत में डीकमीशनिंग रिसर्च रिएक्टर्स जेरलीना और पुर्णिमा के पास पर्याप्त विशेषज्ञता है।

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राष्ट्रीय गणित दिवस पर एसएमजेएन कॉलेज में गणित शिक्षिका डॉ. पदमावती तनेजा के नेतृत्व में बीएससी के छात्र-छात्राओं अर्शिका, विनय, सबा, अंजली, आयुष, माहिम, कलावती, विशाल, वैशाली और शिवि गेरवाल ने एक लघु नाटिका का प्रदर्शन किया। जिसमें गणित की श्रेष्ठता को दर्शाया गया। बीएससी के छात्र-छात्राओं की ओर से प्रश्नोत्तरी और चार्ट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें रोमिल ने प्रथम, अपराजिता ने द्वितीय तथा आकांक्षा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. डॉ निधि हांडा ने छात्र-छात्राओं को भारत की खोज ‘शून्य और दशमलव प्रणाली तथा स्वर्णिम भारत का गणित में योगदान के बारे में बाजार विश्लेषण के मुख्य तरीके बताया तथा समस्त प्रतिभागियों को अपनी गणित दिवस की शुभकामनायें प्रेषित की। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन ने गणित को अचेतन तरीके से पढ़ा और प्रारम्भ में ही अपना शोध विकसित करना प्रारम्भ कर दिया। बत्रा ने बताया कि रामानुजन ने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धान्त, अनंत सीरीज और निरन्तर भिन्न अंशों के लिए बहुत योगदान दिया है। मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने राष्ट्रीय गणित दिवस की बधाई देते हुए हुए कहा कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न विद्वानों को जन्म दिया, ऐसे महान विद्वानों में से एक श्रीनिवास रामानुजन हैं।

इस अवसर पर संदीप रावत, डॉ. जगदीश चन्द्र आर्य, विनीत सक्सेना, डॉ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डॉ. पुनीता शर्मा, महिमा नागयान, डॉ. प्रज्ञा जोशी, दीपिका आनन्द, नेहा गुप्ता, सुरभि प्रधान सहित दीक्षा, खुशी, रेशु, रोहित, रजत, मनु, जहान्वी, श्रेया आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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