निवेश की निगरानी

Got any Questions?
Call us Today!

Toll Free Numbers
(if dialed within India)

Non Toll Free Numbers
(if calling from outside India)

Customers are requested to call on our
mentioned Toll Free Numbers only for any
complaints/issues. Bank shall not be
responsible for any consequences निवेश की निगरानी arising
out of customers calling any other
unverified numbers.

आईपीओ निगरानी गतिविधि

आईपीओ निगरानी गतिविधि

सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार एक निगरानी एजेंसी की नियुक्ति अनिवार्य है , जहां सार्वजनिक निर्गम रु. 500 करोड़ या उससे अधिक है। हालांकि , नियामक एजेंसी (सेबी/एसई) मामले के आधार पर सार्वजनिक निर्गम के लिए निगरानी एजेंसी नियुक्त कर सकती है (रु. 500 करोड़ से कम की राशि के लिए भी)।

सौंपे गए कार्य के लिए एजेंसी को विभिन्न परियोजनाओं में आईपीओ फंड के निवेश की निगरानी करने की आवश्यकता होती है , जिसके लिए जारीकर्ता कंपनी द्वारा जनता से धन जुटाया जाता है। जुटाई गई धनराशि के पूर्ण उपयोग तक सेबी को अर्धवार्षिक आधार पर परियोजना कार्यान्वयन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है।

मारा बैंक सार्वजनिक निर्गमों के माध्यम से इक्विटी जुटाने के लिए "निगरानी एजेंसी" के रूप में कार्य कर रहा है।

व्यापारी मूल्यांकन

हमारा बैंक उन परियोजनाओं का व्यापारी मूल्यांकन करता है जहां परियोजना लागत रु. 25 करोड़ से अधिक है या सेबी के निर्देशों के अनुसार है।

नियामकीय निगरानी में आ सकता है यूएई का निवेश

वैश्विक वित्तीय अपराध की निगरानी करने वाले फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को ग्रे सूची में डाल दिया है। इसमें शामिल किए जाने से भारत में विदेशी निवेश प्रवाह केनिवेश केंद्र के रूप में यूएई का आकर्षण घट सकता है और भारत के वित्तीय नियामकों द्वारा आने वाले निवेश पर निगरानी का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

खबरों के मुताबिक यूएई कंपनियों और अमीर लोगों के कर से बचने के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है और यूक्रेन पर रूस के हमले के मुकाबले की वैश्विक कवायदों के बीच उसे ज्यादा जांच का सामना करना पड़ रहा है।

पिवोट मैनेजमेंट कंसल्टिंग के संस्थापक विजय कुलकर्णी ने कहा, 'इस घोषणा से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए यूएई का आकर्षण कम होगा और वे भारत में निवेश के लिए वैकल्पिक रूप से साइप्रस, मॉरिशस और सिंगापुर जैसे देशों का सहारा ले सकते हैं।'

पिछले 2 साल के दौरान यूएई से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बहुत तेजी से बढ़ा है। खासकर यूएई के सॉवरिन वेल्थ फंडों ने निवेश बढ़ाया है। यूएई से एफडीआई 2019-20 में 2,393 करोड़ रुपये था और यह 2020-21 में बढ़कर 31,242 करोड़ रुपये हो गया बहरहाल मॉरिशस और सिंगापुर से कर समझौतों में बदलाव के बाद यूएई भारत समर्पित फंड स्थापित करने के लिए लोकप्रिय क्षेत्र नहीं रह गया है और भारत में निवेश करने वाले 10 शीर्ष एफपीआई में शामिल नहीं है। एक कानून फर्म नीशीथ देसाई एसोसिएट्स में अंतराष्ट्रीय कर और फंड सृजन गतिविधि की प्रमुख पारुल जैन ने कहा, 'ग्रे सूची में शामिल होने के बाद यूएई के माध्यम से निवेश में उन निवेशकों का भरोसा आगे और कम हो सकता है, जो अमेरिका और यूरोप में रहते हैं।'

पिछले साल भारत सरकार ने यूएई से एफपीआई को श्रेणी-1 लाइसेंस लेने के पात्र के रूप में निवेश की निगरानी वर्गीकृत किया था, जिससे यह मॉरिशस के बाद छूट पाने वाला दूसरा गैर एफएटीएफ देश बन गया था।

यूएई में श्रेणी-1 के 45 और श्रेणी-2 के 98 एफपीआई हैं, जिनका भारत में पंजीकरण है। श्रेणी-1 में होने का मतलब उन पर कम अनुपालन बोझ और निवेश संबंधी कुछ ही प्रतिबंध होते हैं। जैन ने कहा, 'यूएई से निवेश को भारत में एनबीएफसी में उल्लेखनीय प्रभाव हासिल करने और महत्त्व सीमा 10 प्रतिशत करने संबंधी अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।'

2020 में मॉरिशस को एफएटीएफ द्वारा ग्रे सूची में डाले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉरिशस के निजी इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंडों के माध्यम से नए निवशों या एनबीएफसी में अधिग्रहण के कुछ आवेदनों को खारिज कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय कानू क्षेत्रों में कारोबार करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, 'यह यूएई के लिए प्रतिष्ठा संबंधी जोखिम है, लेकिन वित्तीय असर उतना ज्यादा नहीं होगा।'


पाकिस्तान ग्रे सूची में अभी बरकरार

पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है, जिसने 2018 की कार्ययोजना में 27 कार्यवाई विषयों में से 26 पूरा कर लिया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह आतंकवाद वित्तपोषण जांचों और उन्हें दंडित करने को लेकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिह्नित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं व कमांडरों पर निगरानी जारी रखे। एफएटीएफ ने पाया है कि जून 2021 से पाकिस्तान ने अपना एएमएल/सीएफटी सुधारने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं और संबंधित अंतिम तिथियों के पहले 7 कार्रवाई विषयों से 6 पूरा कर लिया है।

निवेश की निगरानी

Got any Questions?
Call us Today!

Toll Free Numbers
(if dialed within India)

Non Toll Free Numbers
(if calling from outside India)

Customers are requested to call on our
mentioned Toll Free Numbers only for any
complaints/issues. Bank shall not be
responsible निवेश की निगरानी for any consequences arising
out of customers calling any other
unverified numbers.

आईपीओ निगरानी गतिविधि

आईपीओ निगरानी गतिविधि

सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार एक निगरानी एजेंसी की नियुक्ति अनिवार्य है , जहां सार्वजनिक निर्गम रु. 500 करोड़ या उससे अधिक है। हालांकि , नियामक एजेंसी (सेबी/एसई) मामले के आधार पर सार्वजनिक निर्गम के लिए निगरानी एजेंसी नियुक्त कर सकती है (रु. 500 करोड़ से कम की राशि के लिए भी)।

सौंपे गए कार्य के लिए एजेंसी को विभिन्न परियोजनाओं में आईपीओ फंड के निवेश की निगरानी करने की आवश्यकता होती है , जिसके लिए जारीकर्ता कंपनी द्वारा जनता से धन जुटाया जाता है। जुटाई गई धनराशि के पूर्ण उपयोग तक सेबी को अर्धवार्षिक आधार पर परियोजना कार्यान्वयन प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है।

मारा बैंक सार्वजनिक निर्गमों के माध्यम से इक्विटी जुटाने के लिए "निगरानी एजेंसी" के रूप में कार्य कर रहा है।

व्यापारी मूल्यांकन

हमारा बैंक उन परियोजनाओं का व्यापारी मूल्यांकन करता है जहां परियोजना लागत रु. 25 करोड़ से अधिक है या सेबी के निर्देशों के अनुसार है।

आईटी पर निवेश की निगरानी करेगी सरकार

आईटी पर निवेश की निगरानी करेगी सरकार

रायपुर । छत्तीसगढ़ की सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं में निवेश की नीति से जुड़े मुद्दों के पर्यवेक्षण, निगरानी और उनका समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने एक सशक्त समिति गठित की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस समिति में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव व सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव, राजस्व सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव व चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।

आधिकारिक निवेश की निगरानी जानकारी के मुताबिक यह सशक्त समिति ई-गवर्नेंस व सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवा व्यापार से संबंधित संस्थाओं जैसे- नैस्कॉम, एसटीपीआई, निजी आईटी पार्कों, भारतीय प्रबंध संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, एनआईएसजी, एनईजीडी अथवा ऐसे अन्य किन्हीं व्यक्तियों को आमंत्रित कर सकेगी या उनसे परामर्श कर सकेगी। समिति विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर निर्णय भी लेगी। समिति नीति के क्रियान्वयन के संबंध में योजना का अनुमोदन, निगरानी और निष्पादन योजना पर नियंत्रण और समय-समय पर समीक्षा करेगी। इसके अलावा 100 करोड़ रुपए से अधिक के बड़े निवेश के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन व रियायत की अनुशंसा भी करेगी। एकल खिड़की समाशोधन प्रणाली की निगरानी, अंतर्विभागीय मुद्दों का समाधान, नीति से संबंधित या समय-सीमा के विस्तार व छूट, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं में इच्छुक उद्यमियों द्वारा व्यवसायिक गतिविधियों को प्रारंभ करने के लिए राज्य में सभी वैधानिक अपेक्षाओं को तीस दिन के भीतर पूर्ण करने पर एकल पंजीयन जारी किया जाएगा। आईटी नीति के संबंध में सशक्त समिति के सभी निर्णय अंतिम होंगे और राज्य में निवेश की निगरानी निवेशकों सहित सभी संबंधितों पर बंधनकारी होंगे। इस समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार या आवश्यकतानुसार उसके पूर्व आयोजित की जाएगी। प्रदेश में एक नवंबर 2013 से सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं में निवेश की नीति 2012-17 प्रभावशील है।

आप किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड्स के प्रदर्शन पर निगरानी रख सकते हैं?

आप किस प्रकार म्यूच्यूअल फंड्स के प्रदर्शन पर निगरानी रख सकते हैं?

आजके डिजिटल और सूचना युग में, निवेश पोर्टफोलियो के प्रदर्शन पर निगरानी रखना अपेक्षाकृत आसान हो गया है| यद्यपि आपके इस वित्तीय सफ़र में सलाहकार बेबदल सहभागी हैं, निवेशक को अपने निवेश सम्बन्धी थोड़ी जानकारी रखना उसके स्वयं के लिए अच्छा है| चिंता न करें, आपको विस्तृत स्प्रेडशीट और रेखांकनों के दिमागी कसरतों के साथ जूझने नहीं बैठना होगा|

जिस किसी ने भी मध्यस्थों या सलाहकार के ज़रिये निवेश किया है, स्कीम और पोर्टफोलियो प्रदर्शन पर निगरानी रखने वाले समीक्षा और अवगत कराने वाले विवरण पत्र उन्हें प्रायः मिलते रहते हैं| इन विवरण पत्रों के अनुपस्थिति में भी, ऐसे कई वेबसाइट्स और मोबाइल एप्स हैं जो स्कीम प्रदर्शन पर नज़र रखते हैं| ऐसे कुछ साइट्स को किसी विशेष पोर्टफोलियो पर निगरानी रखने के लिए, उस रुचि अनुसार (कस्टमाइज) बनाया जा सकता है| लोकप्रिय बिजनेस समाचार पत्र भी नियमित म्यूच्यूअल फंड्स पर अपनी समीक्षा और राय देते रहते हैं|

इसके अतिरिक्त, फंड तथ्य पत्रक की मदद से भी आप अपने निवेशों पर नज़र रख सकते हैं|

ये एक एक पृष्ठ वाला बुनियादी दस्तावेज़ है जो म्यूच्यूअल फंड स्कीम का अवलोकन प्रस्तुत करता है जिसका विशेष बल स्कीम प्रदर्शन और पोर्टफोलियो की घोषणा है और यह हर म्यूच्यूअल फंड द्वारा मासिक प्रकाशित होती निवेश की निगरानी है| ये एक रिपोर्ट कार्ड की तरह है जो स्कीम के स्वास्थ्य की जानकारी देता है|

बाई तरफ की सूचना आलेखी, आपको एक तथ्य पत्रक में क्या समावेश होता है, दर्शा रही है|

रेटिंग: 4.12
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 844