दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी का वैधीकरण(legalization) अब तक नहीं हुआ है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ने भारत में सन 2009 से पैर पसारने शुरू कर दिये थे. अब तक मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी ने अपनी खास जगह और पहचान बना ली है। पर यहां भी अन्य देशों की तरह क्रिप्टोकरेंसी वैधिक स्थान नहीं हासिल कर पाया है। भारत सरकार और RBI ने साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी को मार्केट में रेग्युलेट करने के लिए कुछ नियम और जरूरी सूचना हाल ही में घोषित की है। पर उसे वैधिक स्थान नहीं क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे दिया है. क्रिप्टोकरेंसी से देश को रहे फाय्दे को देखते हुए सरकार और RBI ने लोगो से क्रिप्टोकरेंसी पर निवेश से जुड़े जोखिम की सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद सोच समझ कर, निवेश करने को कहा है।

क्रिप्टोक्रेंस क्या है - इसके फायदे और नुकसान

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले फायदे नुकसान पर टैक्स के प्रावधान पर फैले भ्रम को सरकार किया खत्म, जानें क्या बोले वित्त राज्यमंत्री

By: ABP Live | Updated at : 21 Mar 2022 05:45 PM (IST)

Edited By: manishkumar

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने नाले निवेशकों के बुरी खबर है. क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे निवेशकों को एक क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ को दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सरकार ने ये बातें लोकसभा में कही है. सरकार के इस जवाब से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बाद टैक्स लगाने की नियम को स्पष्ट करता है. पहले निवेशकों के बीच भ्रम था कि लाभ और हानि की गणना कैसे की जाएगी.

उदाहरण के जरिए आपको समझाते हैं मान लिजिए किसी निवेशक ने बिट्कॉइन और एथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और उसे बिट्कॉइन में निवेश से 1 लाख रुपये का फायदा होता है और एथेरियम में निवेश से 1 लाख का नुकसान होता है तो भी निवेशक को 1 लाख रुपये पर 30 फीसदी क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा. दरअसल प्रॉपर्टी, शेयरों में निवेश से होने वाले प्रॉफिट लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को इस प्रावधान से अलग रखा गया है.

Bitcoin में गिरावट, Ether को फायदा, जानें क्रिप्‍टोकरेंसी के लेटेस्‍ट प्राइस

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ग्‍लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 1.02 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 81,46,372 करोड़ रुपये) है, जो पिछले दिन के मुकाबले 0.08 प्रतिशत बढ़ गया है.

खास बातें

  • दुनिया की दोनों टॉप क्रिप्टो ने हाल के दिनों में बड़ी गिरावट देखी है
  • माइनर्स के अत्यधिक बिकवाली के दबाव से BTC की कीमतों में गिरावट आई है
  • डॉजकॉइन और शीबा क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे इनु को भी कीमतों में नुकसान हुआ है

अगस्त का महीना खत्‍म होते-होते क्रिप्टो सेक्टर में अस्थिरता बढ़ रही है. बिटकॉइन ने मंगलवार को 0.68 फीसदी क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार, बिटकॉइन वर्तमान में 21,292 डॉलर (लगभग 17 लाख रुपये) पर कारोबार कर रहा है. दुनिया की इस सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी ने अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंजों पर भी कीमतों में गिरावट देखी है. बिनेंस और कॉइनबेस के अनुसार लगभग 0.70 प्रतिशत की गिरावट के बाद BTC की कीमतें 21,295 डॉलर (लगभग 17 लाख रुपये) के आसपास मंडरा रही हैं.

हालांकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी ईथर (Ether) ने नुकसान के मामले में बिटकॉइन को फॉलो नहीं किया. गैजेट्स 360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार, ईथर 1.39 फीसदी बढ़कर 1,620 डॉलर (लगभग 1.30 लाख रुपये) पर कारोबार कर क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे रहा है.

एथेरियम

इथेरियम विकास के मामले में बिटकॉइन के बाद दूसरे स्थान पर है। यह स्मार्ट अनुबंध क्षमताओं के साथ एक ब्लॉकचैन-आधारित विकेन्द्रीकृत कार्यक्रम का उपयोग क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे करता है, हालांकि एथेरियम बाजार में डॉगकोइन के बाद आया था। लेकिन कुछ ही समय में, इथेरियम (Ethereum) ने अपनी स्थिति को Dogecoin तक बढ़ा दिया।

डॉगकाइन यह क्रिप्टोकरेंसी का तीसरा प्रकार है। इसका नाम एक जपानिस मिम से प्रेरित है। जो की जापान के एक सिक्के के बारे में थी जिस पर एक कुत्ता बना हुआ था। मार्केट में यह सन 2013 में आया था। क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे आज बिटकॉइन की तरह मार्केट में इसका भी अपना अलग ही दबदबा है।

रिपल (Ripple) का आविष्कार Ripple Labs द्वारा 2012 में एक मनी ट्रांसफर नेटवर्क के रूप में किया गया था, जिसे व्यवसायों और वित्तीय सेवा उद्योग की आवश्यकता के लिए ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से बनाया गया था, रिपल (Ripple) का मुख्य फोकस अपने ग्राहकों को आसान, तेज़, पारदर्शी और सस्ता वित्तीय समाधान प्रदान करना है|

बिनेंसकॉइन

बिनेंस सिक्का एक क्रिप्टोकुरेंसी है जिसे बिनेंस एक्सचेंज क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे लॉन्च करने के बाद यह पहले एथेरियम नेटवर्क का उपयोग कर रहा था, लेकिन जैसे-जैसे इसका उपयोग बढ़ता गया, बिनेंस चेन नाम से अपने स्वयं के ब्लॉकचेन का उपयोग कर रहा है। बिनेंस सिक्का बनाने का तर्क शुरू में था एक रियायती दर पर ट्रेडिंग शुल्क प्रदान करने के लिए एक उपयोगिता टोकन, लेकिन जैसे ही उपयोग में वृद्धि हुई।इसे लेनदेन शुल्क के लिए ऑनलाइन सेवा, यात्रा बुकिंग, मनोरंजन आदि के लिए अधिक उपयोग किया गया।

टेरा जिसे ओपन-सोर्स ब्लॉकचैन प्रोटोकॉल के रूप में भी जाना जाता है, टेरा को फिएट मुद्रा उदाहरण (डॉलर या यूरो) की क्रिप्टोकरेन्सी के फ़ायदे कीमत को ट्रैक करने के लिए बनाया गया है, टेरा प्रोटोकॉल में दो क्रिप्टोकुरेंसी टोकन होते हैं जो (टेरा और लूना) हैं, जिसमें टेरा चेक करता है एक फिएट मुद्रा की कीमत और लूना मुख्य रूप से ब्लॉकचेन उद्देश्य के लिए उपयोग की जाती है|

सोलाना

सोलाना का आविष्कार विकेंद्रीकृत अनुप्रयोगों को सशक्त बनाने के लिए किया गया था। यह यूनीक हाइब्रिड प्रूफ-ऑफ-स्टेक और प्रूफ-ऑफ-हिस्ट्री मैकेनिज्म पर चलता है। ये तंत्र सभी काम जल्द से जल्द करने में सक्षम हैं। यानी यह अपने प्रतिस्पर्धी एथेरियम की तुलना में कम लेनदेन शुल्क पर प्रति सेकंड कई लेनदेन कर सकता है।

कार्डानो को एथेरियम के संस्थापक द्वारा स्केलेबिलिटी, सिस्टम या सॉफ्टवेयर की जानकारी का आदान-प्रदान करने की क्षमता और क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर स्थिरता को हल करने के लिए लॉन्च किया गया था। कार्डानो के मालिक ने इसे एथेरियम उदाहरण के उन्नत संस्करण के रूप में विकसित किया है । एथेरियम, कार्डानो कनेक्टेड और विकेन्द्रीकृत प्रणाली के लिए निर्मित हैं, दोनों का उपयोग समान प्रकार के अनुप्रयोगों और स्मार्ट अनुबंधों के लिए किया जाता है।

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ZebPay ऐप से क्रिप्टो में करें निवेश

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 06, 2021, 18:31 IST

नई दिल्ली: अगर आप बाहरी दुनिया से बेखबर नहीं हैं, तो आपने निश्चित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी, Bitcoin और NFT जैसे शब्द सुने होंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है और हम में से कई लोग इस बारे में जानते हैं. अगर आपको पहले से ही इस बारे में जानकारी है, तो आपको यह भी पता होगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर पाबंदी नहीं है. इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार ट्रेड कर सकते हैं.

Paypal, Visa और Mastercard जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ अल सल्वाडोर जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. इसे देखते हुए, अब क्रिप्टो की दुनिया में अपना पैर रखने और इस मौके को भुनाने का समय आ गया है.

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क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

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