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rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।

नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।

rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।

rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai

rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।

rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।

स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।

rsi indicator कैसे काम करता है

rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।

rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।

अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।

RSI indicator के फायदे

ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।

और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।

निष्कर्ष

rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।

ऐसा नहीं हे टेक्निकल इंडीकेटर्स की rsi indicator हमेशा ही आपको सही सिग्नल दिखायेगा। आपको सिर्फ एक ही इंडिकेटर पर डिपेंड नहीं रहना आपको rsi indicatorके साथ साथ prize action और candle stick chart pattern ,ये भी देखना होता है।

टिप ; किसीभी इंडीकेटर्स को समझने के लिए आपको उन्हें अच्छे से समझना होगा। और ये मुमकिन हे आपके अनुभव से। कोई भी इंडीकेटर्स एक्यूरेट सिग्नल नहीं दिखता। ये आपको आपके अनुभव से पता चलेगा की कोनसा इंडीकेटर्स किस तरीके से काम करता है।

आज हमने क्या सीखा

आज हमने सीखा की rsi indicator in hindi में क्या होता है। rsi indicator कैसे काम करता है। rsi indicator in hindi के फायदे क्या है। इन सब के बारे में हमने आज जाना। और rsi indicator का सही से इस्तेमाल हम ट्रेडिंग में करेंगे।

यकीं है की आपको rsi indicator in hindi में क्या होता है। समझ आगया होगा। और साथ ही आपके ये हमरा आर्टिकल काफी फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।

और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !

१. इंडिकेटर क्या है?

इंडिकेटर का मतलब होता है शेयर मार्किट के चार्ट पर लगाया जाने वाला एक सिग्नल होता है। जैसे की RSI (rsi indicator in hindi)ये किसी भी स्टॉक के चार्ट पर लगा कर आप उसके ट्रेंड का पता कर सकते है। उसेही इंडिकेटर कहा जाता है।

२. शेयर मार्केट में आर एस आई क्या होता है?

RSI (rsi indicator in hindi)ये एक शेयर मार्किट का लीडिंग इंडिकेटर होता है। इससे आप किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता कर सकते है। और आप इस इंडिकेटर की सहायता से ट्रेडिंग कर सकते है। जो आप स्टॉक में आ रही गिरावट या तेजी के बारे में पूर्व सूचना देता है।

३.RSI सूचक का उपयोग कैसे करे ?

RSI (rsi indicator in hindi) इंडिकेटर में अगर rsi ३० के निचे हे इसका मतलब मार्किट में मंडी कहल रही है ऐसा होता है।और अगर rsi ७० के ऊपर कहल रहा होता है तो मार्किट में तेजी चल रही है ऐसा कहा जाता है। और अगर rsi ५० चला रहा टेक्निकल इंडीकेटर्स है तो मार्किट sideways चला रहा होता है।

Technical Analysis Tool Supertrend Indicator in Hindi

Supertrend indicator , Technical Analysis में एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर है जिसे प्राइस के साथ आसानी से प्लॉट किया जा सकता टेक्निकल इंडीकेटर्स है। Supertrend को चार्ट में लाइन्स के माध्यम से दर्शाया जाता है, जो दो कलर की होती है। पहली लाल और दूसरी हरी , Supertrend में लाल लाइन्स को गिरावट तथा हरी लाइन्स को तेजी का संकेत माना जाता है।

Supertrend का इन्वेंटशन Olivier Seban ने किया था इसे अलग अलग टाइम फ्रेम जैसे 15 मिनट 1 घंटा आदि में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। Supertrend की गणना शेयर के हाई -लौ और ATR के आधार पर की जाती है।

Supertrend Indicator का उपयोग कैसे करे

  1. Supertrend Indicator का उपयोग करने के लिए सबसे पहले अपने किसी भी पसंदीदा शेयर का चार्ट ओपन करे जिसे आप ट्रेड करना चाहते हो।
  2. अपने ट्रेड के अनुसार चार्ट के टाइम पीरियड को बदल दे अगर आप इंट्राडे के लिए ट्रेड कर रहे तो चार्ट का पीरियड 15 मिनट कर दे लकिन अगर आप शार्ट - टर्म के लिए ट्रेड कर रहे है तो चार्ट पीरियड को 1 डे पर रखे
  3. चार्ट में अब इंडीकेटर्स में जाकर Supertrend इन्सर्ट टेक्निकल इंडीकेटर्स करे, Supertrend की सेटिंग को आप अपने मुताबिक बदल भी सकते है
  4. अब प्राइस एक्शन और Supertrend के साथ चार्ट को ट्रैक करे Supertrend के सिगनल को फॉलो करते हुए शेयर में अपनी buy और Sell की पोजीशन बनाइये

Supertrend Indicator के लाभ

  1. Supertrend , RSI और MACD Indicator की तरह एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर है जिसे चार्ट में प्राइस के साथ आसानी से प्लॉट किया जा सकता है।
  2. Supertrend शेयर के बाइंग और सेल्लिंग के एक्यूरेट सिग्नल देता है।
  3. Supertrend को लाइन्स के माध्यम से दर्शाया गया है जिसके कारण इसे आसानी से समझा जा सकता है।
  4. Supertrend इंट्राडे के लिए बहुत महवत्पूर्ण है।
  5. Supertrend को किसी भी टाइम फ्रेम में आसानी से'देखा जा सकता है।
  6. Supertrend सभी प्लेटफॉर्म्स पर निशुल्क उपलब्ध है।

Supertrend Indicator की कमियां

  1. Supertrend बाजार के केवल ट्रेंडिंग होने पर ही कार्य करता है। साइडवेज़ मार्केट में Supertrend भी साइडवेज़ हो जाता है
  2. Supertrend हर बार एक्यूरेट सिग्नल नहीं देता है।

Supertrend में कुछ कमियाँ होने के बावजूद भी Intraday ट्रेडिंग के लिए ये बहुत ही अच्छा ट्रैंड फॉलोविंग इंडिकेटर है Supertrend इंट्राडे ट्रेडर्स को तुरंत निर्णय लेने में मदद करता है।

Supertrend Indicator की विभिन्न स्थितियां

Supertrend Signal change to buy

इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से कंसोलिडेट कर रहा है या डाउनट्रेंड में चल रहा है और Supertrend में अचानक buy सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में तेजी आने वाली है।

Supertrend Signal Change to Sell

ये स्थिति पहले वाली स्थिति से पूरी तरह उलटी है ,इस स्थिति में अगर शेयर लम्बे समय से तेजी में है और Supertrend में अचानक Sell सिग्नल बनता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो रहा है और शेयर में गिरावट आने वाली है।

Price Nearing Supertrend Support

Supertrend, सपोर्ट और रेसिस्टेन्स के रूप में भी कार्य करता है और इसकी सहायता से स्टॉपलॉस भी आसानी से लगाया जा सकता है। अगर शेयर बार बार Supertrend के सपोर्ट पर आकर रुकता है एवम सपोर्ट से ही वापस ऊपर टेक्निकल इंडीकेटर्स चला जाता है तो उस प्राइस पॉइंट को हम स्ट्रांग सपोर्ट मानेंगे एवं उसे एक स्टॉपलॉस के रूप में भी उपयोग कर सकते है।

Price Nearing Supertrend Resistance

इस स्थिति में अगर शेयर बार बार Supertrend के रेसिस्टेन्स पर जाकर वापस आ जाता है तो इसका अर्थ है उस प्राइस पॉइंट पर लगातार सेल्लिंग हो रही है अगर कभी शेयर उस प्राइस पॉइंट को ब्रेक करता है तो इसे एक बड़ा ब्रेकआउट मानेंगे इस प्राइस पॉइंट को हम स्टॉपलॉस मानकर शेयर को शार्ट भी कर सकते है।

September F&O Expiry: निफ्टी 17800-18000 के बीच दिखा सकता है एक्सपायरी, आंख मूंदकर न लगाएं पैसा

बाजार अब सितंबर महीने के लिए एक्सपायरी वीक में है. बेंचमार्क इंडेक्स ओवरबॉट की स्थिति में हैं. आगे बाजार में सतर्क कारोबार दिखने की उम्मीद है. ऐसे में आने वाले दिनों में निवेशकों को क्या करना चाहिए.

सितंबर महीने में अबतक बाजार 4.21 फीसदी चढ़ चुका है. आने वाले हफ्ते में निफ्टी 18000 का स्तर टच कर सकता है. (reuters)

Expiry Week: बाजार के लिए बीता कारोबारी हफ्ता शानदार रहा है. बीते हफ्ते बाजार की सुपररैली में सेंसेक्स ने पहली बार 60 हजार का स्तर पार कर लिया. निफ्टी भी 18000 के करीब है. बाजार अब सितंबर महीने के लिए एक्सपायरी वीक में है. अक्टूबर सीरीज में बाजार में सतर्क कारोबार दिखने की उम्मीद है. बेंचमार्क इंडेक्स अब ओवरबॉट की स्थिति में हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में टेक्निकल इंडीकेटर्स निवेशकों को क्या स्ट्रैटेजी अपनानी चाहिए. सेंसेक्स और निफ्टी का अगला टारगेट क्या होगा. क्या अगले कुछ दिनों में कुछ शेयर हैं, जो मुनाफा करा सकते हैं. जी बिजनसे के क्षितीज आनंद के साथ बातचीत में इन सब मुद्दों पर YES SECURITIES के आदित्य अग्रवाल ने अपनी राय दी है.

Q) घरेलू बाजार के लिए यह हफ्ता ऐतिहासिक रहा है और सेंसेक्स ने पहली बार 60 हजार का लेवल पार कर लिया. निफ्टी भी 18000 के करीब है. यूएस फेड की कमेंट्री बहुत अच्छी नहीं रही है और चीन में एवरग्रांडे क्राइसिस फैक्टर भी रहा है, इसके बाद भी बाजार में ऐसी तेजी क्यों आई?

A) चीन में प्रॉपर्टी मार्केट में संकट के बाद भी बाजार में इस हफ्ते शानदार तेजी रही. बाजार इन दिनों बुलिश ट्रेंड में रहा है, जिससे यह 17800 का स्तर तोड़कर 18000 के करीब पहुंचने में कामयाब रहा. कई राज्यों ने कोविड 19 बंदिशों को अपने यहां खत्म किया है. वहीं वैक्सीनेशन की स्पीड भी तेज हुई है. 16 फीसदी पॉपुलनेशन पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चु​की है, जबकि करीब आधो आबादी को कोविड वैक्सीन का कम से कम एक डोज लग चुका है. इससे निवेशकों में इकोनॉमिक एक्टिविटी और तेज होने का सेंटीमेंट बना है.

Q) मौजूदा समय में शेयर बाजार पर आपके क्या विचार है, Sensex और Nifty के लिए अगला टारगेट क्या है?

A) घरेलू शेयर बाजार ने इस हफ्ते दूसरे बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. सितंबर महीने में अबतक बाजार 4.21 फीसदी चढ़ चुका है. आने वाले हफ्ते में हायर हाई व हायर लो ट्रेंड देखने को मिल सकता है और निफ्टी 18000 का स्तर टच कर सकता है. हालांकि ट्रेडर्स को सतर्क रहकर कारोबार करना चाहिए. टेक्निकल इंडीकेटर्स बता रहे हैं कि बाजार ओवरबॉट की स्थिति में है. वहीं वोलैटिलिटी इंडेक्स यानी इंडिया VIX 16 के पार बना हुआ है और 18 की ओर मूव करता है तो बाजार में मुनाफा वसूली देखने को मिल सकती है.

Q) बीते कारोबार हफ्ते में रियल्टी इंडेक्स रिटर्न देने में चाट्र पर टॉप पर रहा है, इस सेक्टर में आगे किस तरह की हलचल होगी. क्या कुछ शेयर हैं, जिन पर निवेश के लिए नजर रखी जा सकती है?

A) रियल्टी सेक्टर में हम जिस तरह के मूव देख रहे हैं, वह कार्ड पर था और इसमें कोई सरप्राइज वाली बात नहीं है, क्योंकि निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 10 साल के लंबे कंसोलिडेशन फेज से बाहर आ चुका है. पिछले हफ्ते निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 21 फीसदी और सितंबर में अबतक 30 फीसदी की बढ़त के बाद इंडेक्स अब 540-600 के स्तर पर पहुंच रहा है जो एक छोटे हर्डल के रूप में दिख रहा है.

जो ट्रेडर्स इस सेक्टर में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, वे इंडेक्स के 540-600 के स्तर के करीब पहुंचने पर प्रॉफिट बुकिंग कर सकते हैं. हालांकि Prestige Estates, Phoenix Mills Ltd और DLF करंट लेवल से अभी भी बेहतर रिस्क टु रिवार्ड रेश्यो आफर कर रहे हैं.

Q) अब हम एक्सपायरी वीक में पहुंचने वाले हैं, अक्टूबर सीरीज के लिए आपकी क्या एक्सपेक्टेशन है?

A) निफ्टी 17,800-18,000 के लेवल के बीच एक्सपायरी दिखा सकता है. अक्टूबर सीरीज की बात करें तो सतर्क कारोबार देखने को मिल सकता है क्योंकि इंडेक्स अभी ओवरबॉट लेवल पर हैं. किसी भी निगेटिस सेंटीमेंट से बाजार में करेक्शन आ सकता है. निफ्टी अगर 18080 के पार बने रहने में नाकामयाब रहता है तो मुनाफा वसूली दिख सकती है.

Q) सेंसेक्स 60000 के स्तर पर है, जबकि निफ्टी 18000 के करीब. ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए?

A) निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए, न कि इस तेजी में आंख मूंदकर खरीदारी करें. इस समय सही ट्रेंड पकड़ने की जरूरत है और सिर्फ क्वालिटी शेयरों में पैसा लगाएं.

टॉप ट्रेडिंग आइडिया

LTP: 1654 रुपये
Target: 1750 रुपये
Stop Loss: 1600 रुपये
Upside: 6%

स्टॉक नैरो कंसोलिडेशन फेज से ब्रेकआउट कर चुका है और अब यहां से इसमें तेजी आती दिख रही है. शेयर में अच्छा वॉल्यूम देखने को मिल रहा है. टेक्निकल चार्ट पर भी शेयर मजबूत नजर आ रहा है.

Tata Chemicals: Buy

LTP: 885.20 रुपये
Target: 950 रुपये
Stop Loss: 845 रुपये
Upside: 7%

Tata Chemicals के शेयर ने शुक्रवार को नए हाई पर पहुंचा है. इसमें भी फ्लैग पैटर्न से एक अच्छा ब्रेकआउट देखने को मिला है. टेक्निकल इंडीकेटर्स भी बेहतर नजर आ रहे हैं और यहां से इसमें एक टेक्निकल इंडीकेटर्स अच्छी तेजी दिख रही है.

Eicher Motors: Buy

LTP: 2928 रुपये
Target: 3100 रुपये
Stop Loss: 2810 रुपये
Upside: 6%

रीसेंट थ्रोबैक में असेंडिंग ट्राइंगल पैटर्न का नेकलाइन रीटेस्ट करने के बाद शेयर में एक बार फिर अपट्रेंड दिखा रहा है. शेयर में यहां से फिर तेजी आती दिख रही है. टेक्निकल इंडिकेटर RSI 60 के स्तर पर सपोर्ट लेने के बाद ऊपर की ओर मुड़ा है.

(Disclaimer: The views/suggestions/advices expressed here in this article are solely by investment experts. Zee Business suggests its readers to consult with their investment advisers before making any financial decision.)

Swing Trading क्या है?

Swing Trading कुछ ही दिन की लिए की गई होल्डिंग होती है.जैसे15 से 20 दिन के लिए. किसी स्टॉक को होल्ड करके रखना और प्रॉफ़िट होने पर बेच देना Swing Trading कहलाता है. Swing Trading एक सबसे लोकप्रिय strategy है. जिसमें simple Moving Average का इस्तेमाल 10 या फिर 20 दिनों के वैल्यू डेटा को समझने के लिए किया जाता है.साधारण भाषा में समझें तो Swing Trading डिलीवरी ट्रेडिंग का एक छोटा भाग है, जो कुछ ही टाइम पीरियड के लिए होल्ड किया जाता है.डे ट्रेडिंग और ज्यादा समय के बीच की ट्रेडिंग में Swing Trading की अपनी दुनिया है. स्विंग ट्रेड्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक कहीं भी ट्रेडिंग कर सकते है. Swing Trading करने वाले कई दिनों के चार्ट पैटर्न की तलाश में रहते हैं, जिससे की वो कम समय में अधिक प्रॉफिट कमा सकें. देखा जाए तो डे ट्रेडिंग से Swing Trading काफी बेहतर है.

Swing Trader कौन हैं?

Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.

Swing Trading के लाभ

Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा दिखाना होता है.

Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम

Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्‍वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य प्रणाली चुने.

कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें

स्विंग ट्रेडर्स कई दिनों के चार्ट और पैटर्न को एनालिसिस करते हैं, और कुछ पैटर्न जैसे

Head and Shoulders

Cup and Handle Pattern

Moving Average Crossover

Bollinger Bands Method:

Support and Resistance

का उपयोग करते हैं

निष्कर्ष

स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।

अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.

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