गौरतलब है कि अभी तक एलआईसी को सरकार शेयर बाजार में उतारने से शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है शायद इस वजह से हिचकती रही है, क्योंकि अभी तक शेयर बाजार में सरकारी कंपनियों को उबारने में एलआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. असल में जब किसी सरकारी कंपनी के शेयरों में बिकवाली की वजह से ज्यादा गिरावट आती है, या खरीदार कम रहते हैं तो अक्सर यह देखा गया कि एलआईसी इन कंपनियों के शेयर खरीद शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है लेती है, जिससे उन्हें सहारा मिल जाता है. एलआईसी के पास लाखों करोड़ रुपये की नकदी है जिसका वह कई साधनों में निवेश करती है. एलआईसी ने डिबेंचर और बॉन्ड में करीब 4,34,959 करोड़ रुपये और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 3,76,097 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है. साल 2018-19 में एलआईसी को शेयर बाजार में निवेश से 23,621 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल हुआ है. कंपनी ने इस दौरान शेयर बाजार में 68,621 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
Equity Mutual Fund: नवंबर में SIP निवेश 13,300 करोड़ के पार, पर इक्विटी म्यूचुअल फंड इंफ्लो में 76 % की गिरावट
By: ABP Live | Updated at : 09 Dec 2022 05:49 PM (IST)
Equity Mutual Fund Update: नवंबर महीने में शेयर बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली है. विदेशी निवेशकों को निवेश बढ़ा है. इसके शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है बावजूद इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश में 76 फीसदी की भारी कमी आई है. नवंबर में केवल 2258.35 करोड़ इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश आया है जबकि अक्टूबर में से निवेश 9390 करोड़ रुपये रहा था.
म्यूचुअल फंड सेक्टर (Mutual Funds Sector) की नियामक संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक हालांकि सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए किया जाने निवेश रिकॉर्ड बना रहा है. नवंबर महीने में SIP के जरिए किया जाने वाला निवेश 13,307 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा है जबकि अक्टूबर में 13,040 करोड़ रुपये का निवेश आया था. ये लगातार दूसरा महीने है जब SIP के जरिए आने वाले निवेश 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है तो मई के बाद से एसआईपी के जरिये निवेश 12,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहा है.
भारत के प्रमुख Share Markets और Stock Price Indices in Hindi
राष्ट्रीय शेयर बाजार (National Stock Exchanges)– राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना 1992 को हुई. इसकी सिफारिश 1991 में फेर्वानी समिति (M J Pherwani Committee) ने की थी. इसका मुख्यालय दक्षिण मुंबई वर्ली में है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)– यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है. इसकी स्थापना 1875 ई. में स्टॉक एक्सचेंज मुंबई के नाम से की गई थी जिसे 2002 में बदलकर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया गया.
ओवर दी काउंटर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (OTCEI)– इसकी स्थापना नवम्बर, 1992 में मुंबई में की गयी. इसकी स्थापना भारत में सर्वप्रथम ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधा सम्पन्न Computerized Exchange के रूप में हुई. इसकी अवधारणा USA के स्टॉक एक्सचेंज “NASDAQ” के आधार पर की गयी. जिन लघु या मध्यम औद्योगिक इकाइयों का पूँजी स्तर 30 लाख रु. से 25 करोड़ रु. हो, उन्हीं को OTCEI में सूचीबद्ध किया जाता है.
विश्व के प्रसिद्ध शेयर बाजारों के प्रमुख शेयर मूल्य सूचकांक/Important Stock Price Index in the World Share Market
शेयर मूल्य सूचकांक/Share Price Index | स्टॉक एक्सचेंज/Stock Exchanges |
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डो जोन्स (Dow Jones) | न्यूयॉर्क |
निक्की (Nikkei) | टोकियो |
मिड डेक्स (MID DAX) | फैंकफर्ट, जर्मनी |
हैंग सेंग (HANG SENG) | हांगकांग |
सिमेक्स (SIMEX) | सिंगापुर |
कोस्पी (KOSPI) | कोरिया |
सेट (SET) | थाइलैंड |
तेन (TAIEN) | ताईवान |
शंघाई कॉम (Shanghai Com) | चीन |
नासदाक (NASDAQ) | USA |
एस.एंड.पी (S.& P.) | कनाडा |
बोवेस्पा | ब्राजील |
मिब्टेल | इटली |
आई.पी.सी. (IPC) | मैक्सिको |
जकार्ता कम्पोजिट | इंडोनेशिया |
KLSE कम्पोजिट | मलेशिया |
सियोल कम्पोजिट | दक्षिण कोरिया |
FTSE-100 | लन्दन |
Maric Exam 2021 Social Science Online Test-6 | बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022
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SEBI क्या है? गठन कब हुआ व SEBI के क्या काम है, शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है जाने विस्तार से
what is SEBI in Hindi
SEBI क्या है: सेबी (SEBI Full form) – सेबी (SEBI) का फुल फॉर्म सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया है, जिसे हिंदी में भारतीय प्रतिभूति एवं विनायक बोर्ड भी कहा जाता है। सेबी का प्रमुख उद्देश्य शेयर बाजार में निवेश (invest) करने वाले निवेशकों (Investors) को सुरक्षा प्रदान करना है। यह ट्रेडर्स (Trader) और निवेशकों को धोखाधड़ी और स्कैम के खिलाफ मदद करता है।
SEBI को स्थापित करने का प्रमुख उद्देश्य शेयर बाजार को संरक्षण देना और शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
SEBI का काम –
किसी भी बिजनेस या फिर बाजार को मॉनिटर करने के लिए एक संस्था होती है। भारत में बैंकों के मॉनिटर करने के लिए आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) का गठन किया गया है। ठीक उसी तरीके से भारत में शेयर बाजार को मॉनिटर करने के लिए सेबी (SEBI) नामक संस्था का गठन किया गया है।
भारत में जब सेबी का गठन नहीं हुआ था तब शेयर बाजार में स्कैम और धोखाधड़ी की घटनाएं सामान्य बात हो गई थी। जिसमें सबसे बड़ा मामला हर्षद मेहता स्कैम का है। हर्षद मेहता इंसाइडर ट्रेडिंग और कई दूसरे illegal तरीके से स्कैम किया था। शेयर बाजार में बढ़ती धोखाधड़ी और स्कैम की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए एक ऐसी संस्था की सिफारिश की गई थी जो ट्रेडर्स के साथ-साथ निवेशकों की शिकायतों को सुनने और धोखाधड़ी करने वाले कंपनी या फिर व्यक्ति पर प्रतिबंध और जुर्माना लगा सके। इन बातों को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने एक संस्था को स्थापित करने का फैसला किया। एक ऐसी संस्था जो देश में मौजूद द्वितीय प्रतिभूति बाजार, सिक्योरिटी मार्केट की नियामक (Regulator) के रूप में काम करें। भारत सरकार ने सेबी (SEBI) की स्थापना 31 जनवरी 1992 में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय के रूप में की है।
SEBI की सरंचना –
SEBI के बोर्ड में कुल 9 सदस्य शामिल होते हैं। इसमें भारत सरकार द्वारा नियुक्त SEBI का एक अध्यक्ष, केंद्रीय वित्त मंत्रालय का 2 सदस्य, भारतीय रिजर्व बैंक से एक सदस्य व भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए 5 सदस्य होते हैं। इन 5 सदस्यों में से तीन सदस्य फुल टाइम सदस्य के रूप में होते हैं।
सेबी का इतिहास (History of SEBI) –
आधिकारिक रूप से सेबी (SEBI) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1988 में की गई थी। लेकिन 1992 में भारतीय संसद द्वारा SEBI शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है Act 1992 को पारित किया गया और इसे वैधानिक शक्तियों प्रदान की गई।
SEBI का मुख्यालय मुंबई के बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स में स्थित है। इसके अलावा इसके क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली कोलकाता चेन्नई अहमदाबाद में स्थित है।
SEBI act 1992 क्या है?
शुरुआत में SEBI एक गैर संवैधानिक संस्था थी। लेकिन सांसद ने सेबी अधिनियम एक्ट 1992 (SEBI act 1992) पारित करके SEBI को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया।
सेबी एक्ट 1992 के अनुसार स्टॉक एक्सचेंज और अन्य सिक्योरिटी मार्केट को रेगुलेट करने की शक्ति भी SEBI को प्रदान की गई। साथ ही यह स्टॉक ब्रोकर, स्टॉक ब्रोकर्स, रजिस्टार, ट्रस्टी, पोर्टफोलियो मैनेजर और अन्य बिचौलियों को नियंत्रित करने और ऑडिट करने का भी काम करता है। इसके अलावा सेबी इन चीजों को भी नियंत्रित करता है –
- म्यूच्यूअल फंड का पंजीकरण और विनियमन
- स्व नियामक संगठन का प्रचार और नियमन
- धोखाधड़ी की गतिविधियों की रोकथाम
- अनुचित ट्रेड प्रैक्टिस को रोकना
- कंपनियों का अधिग्रहण और कंपनी के शेयरों का पर्याप्त अधिग्रहण
- निरीक्षण का काम
- प्रतिभूति बाजार के स्टॉक एक्सचेंज बिचौलियों व नियामक संगठनों का नियंत्रण करना
- कैपिटल इश्यू 1947 और सिक्योरिटीज कंस्ट्रक्शन अधिनियम 1956 के प्रावधानों में उल्लेखित किए गए सभी कार्यों को करना
LIC को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी, रिलायंस को पछाड़ बन सकती है नंबर एक कंपनी
- नई दिल्ली,
- 29 जुलाई 2019,
- (अपडेटेड 29 जुलाई 2019, 2:02 PM IST)
भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी 'भारतीय जीवन बीमा निगम' (LIC) शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है को शेयर बाजार में उतारने यानी एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की सरकार तैयारी कर रही है. सरकार इस वित्त वर्ष में अपने विनिवेश कार्यक्रम को तेज करने और भारी रकम जुटाने के लिए ऐसी तैयारी कर रही है. एलआईसी को यदि स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया गया तो यह बाजार मूल्य के हिसाब से आसानी से देश की नंबर शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है एक सूचीबद्ध कंपनी बन सकती है और मौजूदा दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ देगी.
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