अपना आयकर रिटर्न समय पर फाइल करें
खाता वापस पाने के लिए फ़ोन नंबर या ईमेल पता सेट अप करना
खाता वापस पाने के लिए जानकारी जोड़ें, ताकि अगर आपको कभी Google खाते में साइन इन करने में परेशानी हो, तो आप उसे वापस ऐक्सेस कर सकें.
खाता वापस पाने के लिए फ़ोन नंबर या ईमेल पता देने पर, आपको इन मामलों में पासवर्ड रीसेट करने में मदद मिलती है:
- अगर आपको अपना पासवर्ड याद न हो
- अगर कोई और आपके खाते का इस्तेमाल कर रहा हो
- अगर किसी और वजह से आपको खाता ऐक्सेस करने में परेशानी हो रही हो
जानकारी: हो सकता है कि आप खाता वापस पाने के लिए जोड़े गए फ़ोन नंबर या ईमेल पते को बदल दें. इसके बावजूद, Google सात दिनों तक, खाता वापस पाने के लिए आपके दिए गए पिछले फ़ोन नंबर या ईमेल पते पर, पुष्टि करने के लिए कोड भेजने का विकल्प दे सकता है. अगर कोई व्यक्ति आपकी अनुमति के बिना आपका खाता इस्तेमाल करना शुरू करता है, तो इस विकल्प की मदद से, अपनी सेटिंग तुरंत सुरक्षित की जा सकती हैं.
खाता वापस पाने के लिए फ़ोन नंबर जोड़ना या बदलना
"इन तरीकों से हम पुष्टि कर सकते हैं कि यह यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें आप ही हैं" में, खाता वापस पाने के लिए फ़ोन नंबर पर टैप करें. आपको यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें शायद साइन इन करना पड़े.
- खाता वापस पाने के लिए फ़ोन नंबर जोड़ना.
- खाता वापस पाने के लिए जोड़ा गया फ़ोन नंबर बदलना: अपने फ़ोन नंबर के आगे, बदलाव करें पर टैप करें.
- खाता वापस पाने के लिए जोड़ा गया फ़ोन नंबर मिटाना: अपने फ़ोन नंबर के आगे, मिटाएं पर टैप करें.
सलाह: खाता वापस पाने के लिए जोड़े गए फ़ोन नंबर को मिटाने पर भी, उसका इस्तेमाल Google की दूसरी सेवाओं के लिए किया जा सकता है. अपना फ़ोन नंबर मैनेज करने के लिए, अपने खाते पर जाएं.
किस फ़ोन नंबर का इस्तेमाल करना है
उस मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करें:
खाता वापस पाने के लिए ईमेल पता जोड़ना या बदलना
"हम इन तरीकों से पुष्टि कर सकते हैं कि यह आप ही हैं" में, खाता वापस पाने के लिए ईमेल पर टैप करें. आपको शायद साइन इन करना पड़े.
- खाता वापस पाने के लिए ईमेल पता जोड़ना.
- खाता वापस पाने के लिए जोड़ा गया ईमेल पता बदलना या मिटाना.
किस ईमेल का इस्तेमाल करना है
वह ईमेल पता चुनें:
- जो आप हमेशा इस्तेमाल करते हैं
- जो आपके Google खाते में साइन इन करने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईमेल पते से अलग है
कर्ज या लोन लेने से पहले याद रखें ये जरूरी 9 बातें
Surbhi Jain
Updated on: May 27, 2016 11:45 IST
Things to remember: Loan लेने से पहले याद रखिए ये जरूरी यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें 9 बातें
नई दिल्ली: हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी कर्ज लेने की आवश्यकता पड़ती है। जरूरत के हिसाब से कर्ज की रकम छोटी या बड़ी हो सकती है। मसलन, घर या गाड़ी खरीदते समय हमें बैंक से लोन की जरूरत पड़ती है। इसी तरह अचानक किसी बड़े खर्चे के आ जाने पर हम अपने किसी दोस्त, रिश्तेदार या ऑफिस में साथ काम करने वाले व्यक्ति से पैसे उधार लेते हैं अन्यथा बड़े खर्चे का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करके उसको सुविधानुसार भविष्य में चुकाते हैं। इस तरह कर्ज भले छोटा हो या बड़ा इसकी जरूरत समय समय पर हर किसी को पड़ती रहती है।
अगर आप करते हैं व्यापार तो भी बचा सकते हैं इनकम टैक्स, फॉलो करें यह प्रोसेस
आज कल यह आम तौर पर देखने को मिल यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें रहा है कि बहुत से लोग अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की ओर आकर्षित हो रहे है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह कमाई का एक अच्छा तरीका है, पर साथ ही साथ ऐसे लोगों के लिए यह सुनिश्चित करना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनका ध्यान केवल पैसा कमाने पर ही नहीं, बल्कि इसे बचाने पर भी हो। हमने यहां कुछ युक्तियाँ सुझाव के रूप में पेश की है, जो व्यवसाय करने वाले लोगों को उनके करों को बचाने में सहायक साबित होंगे।
घर ऋण पर लाभ का दावा करें
यदि आपके पास गृह ऋण है, तो आयकर अधिनियम की धारा 80 के तहत प्रिंसिपल (मुख्य राशि) को कटौती के रूप में दावा करना न भूलें। आपके घर के ऋण पर आप करीबन 1.5 लाख रुपये तक कर बचने का दावा कर सकते हैं। यह बहुत ही अच्छी खबर है क्योंकि यह अंततः आयकर विवरणी में "घर संपत्ति से आय" को कम करके आपकी कर योग्य आय को कम कर देगी।
पब्लिक प्रोवीडेंट फंड
चूंकि व्यावसायिक लोगों के पास कर्मचारी भविष्य निधि का विकल्प नहीं है, लोक भविष्य निधि अगला सबसे अच्छा विकल्प है। पीपीएफ जमा योजना तहत अच्छी रुचि अर्जित करने का एक शानदार तरीका है और साथ ही आपको धारा 80 सी के तहत अपने कर में करीबन डेढ़ लाख रुपये तक यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें की कटौती का दावा करने का मौका भी देता है। इसकी सबसे ख़ास बात यह है कि परिपक्वता राशि कर मुक्त है।
इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाएं
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम उपलब्ध कर-बचत निवेश विकल्पों में से सर्वोत्तम माना जाता हैं। ई.एल.एस.एस को उच्चतम रिटर्न उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है और इसकी 3 साल की बहुत यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें कम अनिवार्य अवधि (लॉक-इन अवधि) इसे और भी लोक्रपिय बनाती है। आप एक महीने यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें में 500 रुपये के रूप में कम से कम निवेश शुरू कर सकते हैं और अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं। साथ ही साथ 1,50,000 रुपये तक का कर-कटौती तक का दावा भी कर सकते है।
मिथकः सेविंग अकाउंट और क्रेडिट कार्ड से मिला इंश्योरेंस पर्याप्त है
सेविंग अकाउंट और क्रेडिट कार्ड के साथ मिला फ्री इंश्योरेंस कवर आपको सस्ता लग सकता है। इस तरह का इंश्योरेंस सबके लिए समान होता है। ये आपकी जरूरतों के मुताबिक नहीं होता है। इस तरह का इंश्योरेंस सिर्फ छोटा सा फायदा यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें दे सकता है।
ये सही है कि आपके लिए इंश्योरेंस का फायदा आपके ऊपर आश्रित लोगों को ही मिलेगा। इसमें आपके बच्चे या नॉमिनी शामिल हो सकते हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि आप बच्चों के नाम पर इंश्योरेंस खरीद लें। लाइफ इंश्योरेंस हमेशा घर में पैसा कमाने वाले सदस्य के नाम पर ही लेना चाहिए क्योंकि लाइफ इंश्योरेंस व्यक्ति केंद्रित प्रोडक्ट है।
मिथकः लाइफ इंश्योरेंस में लगाए गए पैसे पर जोरदार रिटर्न की उम्मीद
लाइफ इंश्योरेंस हाई रिटर्न इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट नहीं है। मतलब यह है कि इसमें लगाए गए पैसे से बहुत ज्यादा कमाई नहीं होती। इसके दूसरे विकल्प हैं, मसलन शेयर बाजार में या रियल एस्टेट में पैसा लगाने से कुछ ही वर्ष में आपकी पूंजी दोगुनी हो सकती है, लेकिन किसी दुर्घटना की स्थिति में ये लाइफ कवर नहीं मुहैया कराते। लाइफ इंश्योरेंस कवर काई दुर्घटना होने पर आपके ऊपर आर्शित लोगों की जरूरतें पूरी करने इत्मीनान मुहैया कराता है। यह रिटायरमेंट के समय पर्याप्त नकदी की व्यवस्था करने में भी मददगार साबित होता है। लेकिन यह भी पक्की बात है कि यह बतौर प्रीमियम निवेश की गई रकम पर भारी-भरकम रिटर्न की गारंटी नहीं है।
इंश्योरेंस पॉलिसी लेते समय सम अश्योर्ड की गणना जरूरतों के आधार पर करनी चाहिए। मेडिकल खर्च और अंतिम संस्कार में होने वाले खर्च के अलावा लाइफ इंश्योरेंस के जरिए यह भी पक्का होना चाहिए कि आपके बाद तमाम देनदारियां (जैसे कोई संपत्ति बंधक रखकर कर्ज उठाया गया हो या अन्य किसी तरह के लोन) आसानी से चुकाई जा सके और परिवार के सदस्यों को अगले कुछ साल तक अच्छी जीवरशैली से समझौता न करना पड़े।
मिथकः निवेश करना अमेशा अच्छी बात नहीं होती, इंश्योरेंस पॉलिसी को प्राथमिकता देनी चाहिए
यदि आप टाटा, बिड़ला जैसे बड़े औद्योगिक घरानों में पैदा नहीं हुए हैं या आपने उतनी संपत्ति इकट्ठी नहीं यदि अच्छा रिटर्न कमाना है तो याद रखें ये बातें कर ली है कि आगे आपको या परिवार के सदस्यों को इस बात का पूरा इत्मीनान हो जाए कि आगे पैसे की कोई कमी नहीं होगी तो आपको लाइफ कवरेज की जरूरत है। खास तौर पर आपके और परिवार की जरूरतों के लिए। यदि आपने केवल निवेश पर निर्भर रहने का बड़ा जोखिम उठाया है और शुरुआत से बाजार में पैसा लगाना शुरू कर दिया है, तो ऐसी स्थिति में कोई दुर्घटना होने पर इसकी कीमत आप पर निर्भर लोगों को चुकानी पड़ेगी।
यदि आप लाइफ इंश्योरेंस में किए गए निवेश से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो जोखिम उठाने की अपनी क्षमता पर गंभीरता से गौर करें और यूनिट लिंक्ड इंश्योंरेस पॉलिसी (यूलिप) में पैसा लगाएं। यह इक्विटी से जुड़ा इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट है। रिटर्न में महंगाई को एडजस्ट करने के मामले में यह बहुत अच्छा है। पिछले प्रदर्शन के आधार पर हिसाब लगाएं तो 10 से लेकर 30 साल तक के लिए पैसा लगाने पर इससे सालाना 10-12 प्रतिशत रिटर्न मिलता है। लेकिन, इसमें बाजार का जोखिम जुड़ा हुआ है। इस लिहाज से निवेश पर हमेशा नजर रखने की जरूरत होती है। ऐसे में बेहतर है, सीधे सीधे शेयर बाजार में ही पैसा लगाया जाए। याद रखें निवेश और इंश्योरेंस अलग-अलग जरूरतों के लिए होते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 419