Developed Country अमेरिका के स्टॉक मार्केट में हर कोई इनवेस्ट करना चाहता है और हम इंडियन्स तो खासकर इनवेस्टमेंट के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। दुनिया की लगभग सारी बड़ी कंपनियां यूएस की ही हैं, यहां तक 1 ट्रिलियन M arket Valuation क्लब की चारों शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है कंपनियां A pple, Microsoft, Amazon & Google भी US based कंपनियां हैं। दरअसल ज्यादा V aluation वाली इन कंपनियों में थोड़े से बदलाव में ही हमको अच्छा खासा Profit मिल जाता है।
स्टॉक मार्केट की निवेश पाठशाला 1 : घर बैठे करें निवेश, होती है मोटी कमाई
देश में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लेकिन अभी भी कई लोगों को नहीं पता है कि शेयर बाजार में निवेश कैसे किया जाता है। हालांकि यह काफी आसान है। अगर इंटरनेट पर काम करने की आदत है तो यह पूरा काम ऑनलाइन घर बैठे ही किया जा सकता है। वहीं अगर इंटरनेट पर काम करने के आदी नहीं हैं, तो किसी किसी ब्रोकर की मदद से इस काम को आसानी से किया जा सकता है। आजकल ब्रोकर निवेशकों को हर तरह की सुविधा फोन पर भी उपलब्ध करा रहे हैं।
किन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और फोटो की जरूरत पड़ती है।
Share में Invest करना हुआ और भी ज्यादा आसान, अब ब्रोकरेज प्लान्स में होगी ट्रांसपैरेंसी
डीएनए हिंदी: ऑनलाइन शेयरों (Share Market) के सौदे शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी देखने को मिलेगी. ब्रोकर्स को किसी भी सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना बकाया टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज बाकि है. बता दें कि ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा. निवेशकों ने शिकायत की थी कि कई बार ब्रोकर उनसे पहले से तय रकम से ज्यादा ब्रोकरेज वसूल लेते हैं. इसी को लेकर एक्सचेंज ने यह फैसला लिया.
एक्सचेंजेज ने सेबी (SEBI) से सलाह लेने के बाद इस मामले पर सर्कुलर जारी किया है कि ब्रोकरेज तय रेट से अधिक रेट न लें. अभी ऑनलाइन सौदा (Online Trading) डालते समय शेयर खरीद की ही रकम दिखती है, ब्रेक अप नहीं दिखता है. हालांकि बाद में कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर खरीद की रकम के साथ बाकी सारे चार्जेज का ब्यौरा मिलता है. लेकिन सौदा डालते समय एकमुश्त रकम ही दिखती है. इस मामले पर एक्सचेंजेज ने सेबी से सलाह के बाद ये निर्देश जारी किया है कि ब्रोकरेज और अन्य खर्चों को सौदा डालने से पहले ही प्रमुखता से निवेशकों को बताया जाए.
स्टॉक ब्रोकिंग इंडस्ट्री के लिए एक अक्टूबर से New Account Settlement सिस्टम, जानें क्या होंगे बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: पीटीआई/ फाइल)
स्टॉक ब्रोकिंग उद्योग के लिए एक अक्टूबर से नई खाता निपटान प्रणाली (New account settlement system) शुरू हो जाएगी। जुलाई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार महीने या तिमाही के पहले शुक्रवार को मासिक या तिमाही आधार पर ट्रेडिंग सदस्यों को खाते का निपटान करना होगा। यह प्रणाली 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगी।
खातों का निपटान क्या होता है?
बाजार नियामक स्टॉक ब्रोकरों को व्यवस्थित करने के लिए उपलब्ध क्रेडिट शेष राशि को ट्रेडिंग खाते से बैंक खाते में कम से कम एक बार तिमाही (90 दिन) या 30 दिनों में ट्रांसफर करता है। प्रयोग न किए जाने वाले धन को वापस बैंक खाते में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को ‘रनिंग अकाउंट सेटलमेंट’ या ‘निधि का तिमाही निपटान’ कहा जाता है और फंड को ग्राहक के प्राथमिक बैंक खाते में वापस ट्रांसफर कर दिया जाता है जो ट्रेडिंग खाते से जुड़ा होता है। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, ग्राहक द्वारा चुने गए विकल्प के आधार पर अब तिमाही या महीने के पहले शुक्रवार को यह निपटान किया जाएगा।
27 जुलाई को बाजार नियामक सेबी ने क्लाइंट फंड और ब्रोकर के पास पड़ी सिक्योरिटीज के खाते चलाने पर नए दिशानिर्देश जारी किए। नए दिशानिर्देशों के अनुसार 1 अक्टूबर 2022 से ग्राहकों के धन के चालू खाते का निपटान ट्रेडिंग सदस्यों द्वारा दिन के अंत (ईओडी) में सभी ग्राहकों के शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या होता है लिए तिमाही के पहले शुक्रवार (यानी, अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्टूबर-दिसंबर, जनवरी-मार्च) पर किया जाएगा। आगे कहा गया कि यदि तिमाही के पहले शुक्रवार को व्यापारिक अवकाश होता है, तो इस तरह का निपटान पिछले कारोबारी दिन (शुक्रवार से पहले गुरुवार) को होगा। ऐसे मामलों में जहां ग्राहक ने मासिक निपटान प्रक्रिया का विकल्प चुना है, तो चालू खाते का निपटान प्रत्येक माह के पहले शुक्रवार को किया जाएगा।
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
Indian Brokerage Firm से ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाकर-
कोई भी इंडियन जो कि यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहता है, वह F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकता है। इस तरह के ट्रेडिंग अकाउंट को O verseas अकाउंट कहते हैं। इंडिया में F oreign tie-up के Brokerage Firms कई सारे हैं,जैसे- ICICI direct, HDFC Securities, Kotak Securities, Reliance Money.
स्टेप्स कुछ ऐसे हैं-
1) सबसे पहले आपको FF oreign tie-up वाले ब्रोकर Firm में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होगा।
2) KYC के लिए जरूरी सभी डाक्यूमेंट सबमिट करने होगें।
Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर-
आप डायरेक्ट Foreign Brokerage में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। फॉरेन के कई Brokerage Firm- Interactive Brokers, TD Ameritrade, Charles Schwab International Account etc इंडियन्स के लिए ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने की Permission देते हैं।
इस समय एक फायनेशियल ईयर में कोई भी इंडियन यूएस स्टॉक मार्केट में 2,50,000 डॉलर यानि करीब 1.7 करोड़ रुपये की इनवेस्टमेंट कर सकता है और यही LRS (Liberalized Remittance Scheme) की M aximum Price है।
US Stock Market में इनवेस्ट करने के कुछ फायदे है और कुछ नुकसान भी हैं-
1 > ’ Foreign Broker ’ Foreign Exchange में ब्रोकरेज चार्ज डॉलर में लेते हैं, इसलिए हम इंडियन्स के लिए ब्रोकरेज चार्ज ज्यादा हो जाता है।
2> एक्सचेंज रेट का काफी ज्यादा I mpact पड़ता है, जब भी D ollar Fluctuate होता है तो हमारी Currency की V alue भी F luctuate हो जाती है।
3> अगर आप G lobal Business Factors और E conomics Conditions नहीं जानते हैं तो आपके लिए यूएस स्टॉक मार्केट D angerous साबित हो सकता है।
यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करके आप अपनी इनवेस्टमेंट स्किल को बढ़ा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि US में लगभग 60% लोग स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करते हैं पर इंडिया में सिर्फ 4% से 5% लोग ही Stock Market में Invest करते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 97