अजीज के मुताबिक पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को महत्व देता है और दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता और संतुलन के लिए रचनात्मक भूमिका अदा करने की उम्मीद करता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता पर अमेरिका के समर्थन के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त नकारात्मक संतुलन के खिलाफ सुरक्षा क्या है राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का विरोध किया।

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News Analysis

मीडिया वन न्यूज चैनल सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने के लिए गृह मंत्रालय से अनुरोध प्राप्त करने के बाद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (आई एंड बी) ने समाचार स्टेशन को बताया कि उसका प्रसारण लाइसेंस समाप्त कर दिया गया था।

रिट याचिका उस फर्म द्वारा दायर की गई थी जो टेलीविजन स्टेशन का मालिक है और उसका संचालन करती है।

केरल उच्च न्यायालय ने एक स्टे जारी किया, जिससे चैनल को संचालन जारी रखने में मदद मिली, लेकिन अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले का क्या नतीजा है?

क्योंकि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता थी, अदालत सरकार की स्थिति से सहमत दिखाई दी कि इस मामले में प्राकृतिक न्याय के मानकों का पालन करना आवश्यक नहीं था।

तदनुसार, अदालत ने एक सीलबंद लिफाफे के तहत सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए कागजात को स्वीकार करने और अधिकारियों के साथ सहमति नकारात्मक संतुलन के खिलाफ सुरक्षा क्या है व्यक्त करने का फैसला किया कि खुफिया इनपुट प्राप्त हुए थे जो सुरक्षा मंजूरी से इनकार को उचित ठहराते थे।

WTO में निष्पक्ष, संतुलित परिणाम के लिए जी-33 सदस्य मिलकर काम करें: गोयल

जिनेवाः भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित नतीजा पाने के लिए विकासशील देशों के समूह जी-33 से मिलकर काम करने और समान विचारधारा वाले अन्य देशों तक पहुंचने का रविवार को आह्वान किया। भारत ने सार्वजनिक भंडारण और विशेष सुरक्षा उपाय के लिए स्थायी समाधान तलाशने पर भी बल दिया।

डब्ल्यूटीओ के मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में शिरकत करने यहां पहुंचे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जी-33 विकसित देशों द्वारा अपने किसानों को दी जाने वाली भारी सब्सिडी के कारण कीमतों में गिरावट आने और आयात बढ़ने जैसे मसले को लंबे समय से उठाता रहा है। विकासशील देश चाहते हैं कि इस प्रवृत्ति के अस्थिरकारी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए एक कारगर विशेष रक्षोपाय व्यवस्था (एसएसएम) बनाई जाए।

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डब्ल्यूटीओ के मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में शिरकत करने यहां पहुंचे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जी-33 विकसित देशों द्वारा अपने किसानों को दी जाने वाली भारी सब्सिडी के कारण कीमतों में गिरावट आने और आयात बढ़ने जैसे मसले को लंबे समय से उठाता रहा है। विकासशील देश चाहते हैं कि इस प्रवृत्ति के अस्थिरकारी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए एक कारगर विशेष रक्षोपाय व्यवस्था (एसएसएम) बनाई जाए।

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भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर पाकिस्तान चिंतित

Published: January 28, 2015 3:56 PM IST

Pakistan expresses concern over US-India nuclear deal

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इस्लामाबाद, 28 जनवरी | भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौते के मूर्त रूप लेने पर पाकिस्तान ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। पाकिस्तान ने कहा है कि इस समझौते से क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को कहा, “राजनीतिक और आर्थिक फायदे के लिए भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के क्रियान्वयन से दक्षिण एशिया की स्थिरता पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अजीज ने कहा, “पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की हिफाजत करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।” गौरतलब है कि भारत, अमेरिका के बीच छह साल पहले हुए असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वयन की दिशा में सफलता सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत में प्राप्त हुई। ओबामा भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे, और उनका दौरा मंगलवार को समाप्त हुआ।

आलेख : हमें कहां लेकर जाएगा यह जुड़ाव? - डॉ रहीस सिंह

एससीओ में भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी शामिल किया गया है। क्या भारत इस संगठन में सहज महसूस कर पाएगा?

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बीते दिनों कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को भी इस समूह की सदस्यता प्रदान की गई। वर्तमान वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा में जब महाशक्तियां क्षेत्रीय संगठनों का प्रयोग नए संतुलनों के निर्माण के लिए कर रही हों, तो भारत जैसे देश के लिए भी यह जरूरी हो जाता है कि वह ऐसे संगठनों में सक्रिय भूमिका निभाए, जिससे उसे क्षेत्रीय ताकत के रूप में प्रतिष्ठित होने का अवसर मिल सकता है। एससीओ का पूर्ण सदस्य बनना भारत के लिए एक अवसर साबित हो सकता है, लेकिन क्या यहां से गुजरने वाला रास्ता बेहद सरल होगा? क्या इस समूह से जुड़े चीन और पाकिस्तान भारत के हितों को पूरा करने देंगे? ये दोनों ही देश विशेषकर सीमा संघर्ष एवं आतंकवाद को लेकर भारत के लिए चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में इन दोनों के साथ भारत इस मंच पर किस तरह की मित्रता की अपेक्षा रखेगा? पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे छद्म युद्ध के चलते भारत दक्षेस के पिछले शिखर सम्मेलन का बहिष्कार कर चुका है, लेकिन उसी पाकिस्तान के साथ वह अब एससीओ में शामिल है। क्या एससीओ ने इस तरह पाकिस्तान को भारत के समकक्ष लाकर भारत के कद को कम करके आंकने का काम नहीं किया है? यदि ऐसा है तो क्या भारत एससीओ में सहज महसूस कर पाएगा?

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