आज है संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की बरसी, जानें कब-कब देश हुआ नापाक आतंकी करतूतों का शिकार

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हुए आतंकी हमले की आज 21वीं बरसी है। 13 दिसंबर वो दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। आज ही दिन ठीक 21 साल पहले संसद भवन में आतंकी हमला हुआ था। संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र चल रहा था। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे और 15 घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की एक लहर थी जिसके बाद भारत और पाकिस्?तान के बीच तनाव भी बढ़ गया था। संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 21वीं बरसी पर हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि बीते 2 दशकों में भारत में कब-कब और कहां-कहां बड़े आतंकी हमले हुए।

मुंबई सीरियल ब्लास्ट

12 मार्च 1993 को पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे ष्ठ कंपनी का हाथ था। इस हमले में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे।

कोयम्बटूर धमाका

14 फरवरी 1998 में इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयंबटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए। इसमें 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला

1 अक्टूबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा भवन पर कार बम हमला किया। इसमें 38 लोग मारे गए थे।

संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 में लश्?कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्?मद 5 आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया था। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए थे। 15 घायल भी हुए थे।

अक्षरधाम मंदिर पर हमला

24 सितंबर 2002 में लश्?कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्?मद के 2 आतंकी मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारूख ने अक्षरधाम मंदिर में घुस कर गोलियां बसाईं। इस आतंकी हमले में 31 लोगों की मौत हुई थी जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।

धमकों से दहल गई दिल्ली

दिवाली से कुछ दिन पहले 29 अक्?टूबर 2005 को 3 सिलसिलेवार धमाकों ने दिल्?ली को दहला दिया था। 2 धमाके भीड़भाड़ वाले बाजारों में हुए और एक धमाका बस में हुआ था। हमले में 67 लोग आतंक का शिकार बने और 200 से ज्?यादा घायल हुए। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्?लामिक रिवॉल्यूशनरी फ्रंट ने ली थी। इसके तार लश्?कर-ए-तैयबा से भी जुड़े थे।

मुंबई ट्रेन धमाके

11 जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम विस्फोट हुए। बम लोकल ट्रेनों में लगाए गए थे जिनमें भारी भीड़ होती है। आतंकियों ने 200 से ज्?यादा लोगों की जान ले ली और 700 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे। इसके बाद इसी साल महाराष्ट्र के मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को हुए 3 धमाकों में 32 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए थे।

धमाकों से दहला अहमदाबाद

अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 के दिन 2 घंटे के भीतर 20 बम विस्फोट हुए थे। साइकिलों और गाड़?ियों में बम छ?िपाए गए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्?यादा लोग घायल हुए। इस हमले से एक दिन पहले ही बेंगलुरु में कम तीव्रता के धमाके किए गए थे।

2008 में फिर दहल गई दिल्ली

13 सितंबर 2008 को कनॉट प्?लेस समेत दिल्?ली के कई बाजारों में 30 मिनट के भीतर 5 बम धमके हुए। इस दौरान 4 और बम डिफ्यूज कर दिए गए। इसके 2 हफ्ते बाद महरौली के एक बाजार में फिर धमाका हुआ। पहले हमले की जिम्?मदेारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली मगर दूसरे के पीछे कौन था, पता नहीं चला। इन हमलों में 23 लोग मारे गए थे और 120 घायल हुए थे।

26/11 मुंबई आतंकी हमला

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आत्मघाती हमलावरों मुंबई को दहला दिया। ये भारत पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें 160 लोग मारे गए आौर 300 से ज्?यादा घायल हुए। समुद्र के रास्?ते पाकिस्?तान से आए आतंकियों ने लियोपोल्?ड कैफे, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और कामा अस्?पताल को निशाना बनाया। होटल और नरीमन हाउस में सैकड़ों को बंधक बनाया गया। अजमल कसाब को छोडक़र बाकी सभी आतंकियों को ढेर कर दिया गया। कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी।

2011 में फिर दहली मुंबई

13 जुलाई 2011 को मुंबई में फिर दहल गई। तीन अलग-अलग जगहों पर बम धमाके किए गए। ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार और दादर वेस्?ट में हुए धमाकों में 26 लोग मारे गए और 130 घायल हुए।

धमकों से दहल गया हैदराबाद

21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के दिलकुशनगर में 100 मीटर की दूरी पर 2 भीषण धमाके हुए। धमाकों ने 18 लोगों की जान ली और कम से कम 119 लोग घायल हुए। इस हमले के बाद इंडियन मुजाहिदीन सह-संस्?थापक यासीन भटकल समेत कुल 5 आतंकियों को दोषी करार दिया गया था।

गुरुदासपुर में हुआ हमला

27 जुलाई 2015 में पंजाब के गुरदासपुर में आर्मी ड्रेस पहने आतंकियों ने दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस आतंकी हमले में 4 जवान और 3 लोग मारे गए थे।

पठानकोट हमला

2 जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित सेना के ठिकानों पर आतंकी हमले हुए थे, जिसमें सेना के 7 जवान और 6 आतंकवादी मारे गए थे। पठानकोट एयरबेस उत्तर भारत के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है।

2016 में हुआ उरी हमला

18 सितंबर 2016 की सुबह जैश-ए-मोहम्?मद के 4 आतंकवादियों ने सोते हुए भारतीय जवानों पर गोलियां बरसाईं। उरी स्थित सेना के ब्रिगेड हेडक्?वार्टर्स पर आतंकियों ने 3 मिनट में करीब 17 ग्रेनेड फेंके। इस कायराना हमले में 19 जवान शहीद हुए। हमले में शामिल चारों आतंकियों को मार गिराया गया था। इस हमले के बाद भारत की नीति बदली हुई नजर आई। भारतीय सेना ने बॉर्डर पार करते हुए सर्जिकल स्?ट्राइक की और आतंकियों को सबक सिखाया।

अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला

11 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रा पर जा रही बस पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई। बस में 56 यात्री सवार थे।

2019 में हुआ पुलवामा

14 फरवरी 2019 को जम्?मू और कश्?मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्?मद के एक आत्?मघाती हमलावर ने विस्?फोटकों से भरी गाड़ी ष्टक्कक्रस्न के काफिले से भिड़ा दी। हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा साल बाद बाजार में धमाका देखा गया और भारत और पाकिस्?तान के बीच तनाव भी बढ़ा। सीमा पर स्?टैंडऑफ की स्थिति बनी और फिर भारत ने एयर स्?ट्राइक करते हुए जैश के आतंकी ट्रेनिंग कैंप उड़ा दिए।

आखिर 11 साल बाद आ ही गया जयपुर बम ब्लास्ट का फैसला, 4 आरोपी, एक बरी

फैसला

2008 जयपुर सीरियल बम धमाके मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया है, जिनमें गैरकानूनी गतिविधियां की धारा भी शामिल है। कोर्ट ने पकड़े गए पांच आरोपियों में से इस मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है। कोर्ट कल दोषियों की सजा सुनाएगा।

विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला –

जयपुर बम धमाके में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। मामले में गिरफ्तार सभी 4 लोगों को कोर्ट ने दोषी माना है। इस ब्लास्ट में 80 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के करीब 11 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जयपुर बम ब्लास्ट में आज पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। विशेष कोर्ट के न्यायधीश अजय कुमार शर्मा ने इस केस में अपना फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियों में से चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस मामले में सभी दोषी उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। जिनमे से यही तक तीन आरोपियों को पुलिस आज तक नहीं पकड़ पाई है।

15 मिनट में हुए थे 8 धमाके –

सीरियल ब्लास्ट के बाद राजस्थान की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने आरोपियों की धर-पकड़ के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड़ (एटीएस) का गठन किया था। यह सीरियल धमाका सिर्फ 15 मिनट में 8 अलग-अलग जगहों पर हुए थे। पहला धमाका शाम 7 बजकर 10 मिनट पर चांदपोल हनुमान मंदिर के पास हुआ था। दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के नजदीक हुआ।

इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य जगहों पर धमाके हुए थे। बम धामाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश के आधार पर हाई कोर्ट ने बम धमाकों से जुड़े केस की सुनवाई करने के लिए विशेष कोर्ट बनाई गई थी।
इस मामले की सुनवाई पिछले महीने ही पूरी हो गई थी। सुनवाई पूरी होने के बाद जज ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शादी के इस सीजन में बाजार गुलजार, बेहतर हो रहा कारोबार

शादी के इस सीजन में बाजार गुलजार, बेहतर हो रहा कारोबार

शाजापुर। शादी-विवाह के सीजन में बाजार में ग्राहकी बढ़ गई है, इधर अक्षय तृतीया का पर्व नजदीक आते ही बाजार गुलजार हो रहे हैं। बाजार में चहल-पहल देखते ही बन रही है। कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक्स सहित सभी तरह के बाजार में ग्रहाकी देखी जा रही है।

दो साल बाद कोरोना संक्रमण से राहत मिलने पर इस बार शादी समारोह के सीजन में रौनक देखी जा रही है। शहनाइयों की गूंज हर कहीं सुनाई दे रही है। लोगों का इन दिनों शादी समारोह में आने जाने का दौर चल रहा है। कोरोना को लेकर कोई पाबंद नहीं होने से इस बार लोग खुलकर समारोह का आनंद उठा रहे हैं। हलवाई, बैंड बाजे, धर्मशाला, मेरिज गार्डन की जोर शोर से बुकिंग का दौर चल रहा है। बाजार की बात करें तो सराफा के साथ ही कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रानिक्स सभी तरह के सामान की खरीदी चल रही है। साड़ी, सलवार सूट सहित अन्य तरह के कपडों की डिमांड बनी हुई है। महिलाएं एवं युवतियां अपने पसंद के कपडे खरीद रही हैं। धारावाहिकों के किरदारों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों की भी मांग है। वहीं पुरुष भी पेंट शर्ट, सूट, पायजामा कुर्ता, शेरवानी की खरीदी कर रहे हैं। जिले में इलेक्ट्रानिक्स की करीब 50 के लगभग बड़ी दुकानें तो कई छोटी दुकानें भी है। इसके अलावा मोबाइल आदि की भी अनेक दुकानें है। यहां पर इस बार ग्राहकी देखने को मिल रही है। फ्रीज, कूलर, एलईडी टीवी सहित अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामान की खरीदी बिक्री में तेजी आई है। मोबाइल व इलेक्ट्रानिक्स सामान विक्रेता पवन परियाणी बताते हैं कि पिछले दो साल तो कोरोना संक्रमण के चलते बाजार ही इस समय बंद रहे थे। शादी विवाह की भी लिमिट थी। लेकिन दो साल बाद इस बार कोरोना संक्रमण नहीं होने से शादी समारोह पहले की तरह हो रहे हैं। ऐसे में ग्राहकी में कुछ ईजाफा जरूर हुआ है। लेकिन कई लोगों द्वारा आनलाइन खरीदी के चलते दुकानों पर ग्राहकी में जो बूम आना चाहिए थी वह नहीं दिखा है।

पिछले कुछ दिनों पहले से ही अक्षय तृतीया पर्व को लेकर बाजार सजने लगा है। पर्व को लेकर सभी दूर तैयारियों का दौर तेज चल रहा है। पंडित लालशंकर बताते हैं कि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही अक्षय तृतीया कहते हैं। चारों युगों में से त्रैतायुग का आरंभ अक्षय तृतीया से हुआ था। इस वर्ष तीन मई को तृतीया तिथि है। इस दिन कोई दूसरा मुहूर्त न देखकर स्वयंसिद्ध अभिजीत शुभ मुहूर्त के कारण विवाहोत्सव आदि मांगलिक कार्य संपन्ना किए जाते हैं। इस दिन भक्तों द्वारा किए हुए पुण्य कार्य, त्याग, दान दक्षिणा, जप तप, हवन आदि कार्य अक्षय की गिनती में आ जाते हैं। अक्षय तृतीया मुहूर्त में खरीदारी करना शुभ मना गया है। भारतीय कालगणना के अनुसार चार स्वयं सिद्ध अभिजीत मुहूर्त माने गए हैं। इसमें चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अक्षय तृतीया, दशहरा और दीपावली के पूर्व की प्रदोष तिथि हैं। ये चार दिन सामाजिक पर्व का दिन है।

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माह-ए-रमजान के दौरान समाजजन रोजा रखकर पूरी शिद्दत से खुदा की इबादत कर रहे हैं। प्रतिदिन नमाज अदा की जा रही है। कई स्थानों पर सामूहिक रोजा इफ्तार के आयोजन हो रहे हैं। समाजजन ईद की खरीदारी भी कर रहे हैं। तेज गर्मी के बावजूद ईद की खरीदारी के लिए बाजार गुलजार हैं।

आज है संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की बरसी, जानें कब-कब देश हुआ नापाक आतंकी करतूतों का शिकार

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हुए आतंकी हमले की आज 21वीं बरसी है। 13 दिसंबर वो दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। आज ही दिन ठीक 21 साल पहले संसद भवन में आतंकी हमला हुआ था। संसद भवन पर उस समय आतंकी हमला हुआ था, जब शीतकालीन सत्र चल रहा था। 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले में संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे और 15 घायल हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से की एक लहर थी जिसके बाद भारत और पाकिस्?तान के बीच तनाव भी बढ़ गया था। संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 21वीं बरसी पर हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि बीते 2 दशकों में भारत में कब-कब और कहां-कहां बड़े आतंकी हमले हुए।

मुंबई सीरियल ब्लास्ट

12 मार्च 1993 को पूरे मुंबई में सीरियल धमाके हुए। इन धमाकों के पीछे ष्ठ कंपनी का हाथ था। इस हमले में 257 लोग मारे गए थे जबकि 713 लोग घायल हुए थे।

कोयम्बटूर धमाका

14 फरवरी 1998 में इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयंबटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए। इसमें 60 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला

1 अक्टूबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद ने 3 आत्मघाती हमलावरों ने विधानसभा भवन पर कार बम हमला किया। इसमें 38 लोग मारे गए थे।

संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 में लश्?कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्?मद 5 आतंकवादियों ने भारत की संसद पर हमला किया था। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को साल बाद बाजार में धमाका मार गिराया था। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए थे। 15 घायल भी हुए थे।

अक्षरधाम मंदिर पर हमला

24 सितंबर 2002 में लश्?कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्?मद के 2 आतंकी मुर्तजा हाफिज यासिन और अशरफ अली मोहम्मद फारूख ने अक्षरधाम मंदिर में घुस कर गोलियां बसाईं। इस आतंकी हमले में 31 लोगों की मौत हुई थी जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।

धमकों से दहल गई दिल्ली

दिवाली से कुछ दिन पहले 29 अक्?टूबर 2005 को 3 सिलसिलेवार धमाकों ने दिल्?ली को दहला दिया था। 2 धमाके भीड़भाड़ वाले बाजारों में हुए और एक धमाका बस में हुआ था। हमले में 67 लोग आतंक का शिकार बने और 200 से ज्?यादा घायल हुए। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्?लामिक रिवॉल्यूशनरी फ्रंट ने ली थी। इसके तार लश्?कर-ए-तैयबा से भी जुड़े थे।

मुंबई ट्रेन धमाके

11 जुलाई 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में अलग-अलग 7 बम विस्फोट हुए। बम लोकल ट्रेनों में लगाए गए थे जिनमें भारी भीड़ होती है। आतंकियों ने 200 से ज्?यादा लोगों की जान ले ली और 700 लोग घायल हुए थे। इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इसमें कुल 210 लोग मारे गए थे और 715 लोग जख्मी हुए थे। इसके बाद इसी साल महाराष्ट्र के मालेगांव में 8 सितंबर 2006 को हुए 3 धमाकों में 32 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए थे।

धमाकों से दहला अहमदाबाद

अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 के दिन 2 घंटे के भीतर 20 बम विस्फोट हुए थे। साइकिलों और गाड़?ियों में बम छ?िपाए गए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्?यादा लोग घायल हुए। इस हमले से एक दिन पहले ही बेंगलुरु में कम तीव्रता के धमाके किए गए थे।

2008 में फिर दहल गई दिल्ली

13 सितंबर 2008 को कनॉट प्?लेस समेत दिल्?ली के कई बाजारों में 30 मिनट के भीतर 5 बम धमके हुए। इस दौरान 4 और बम डिफ्यूज कर दिए गए। इसके 2 हफ्ते बाद महरौली के एक बाजार में फिर धमाका हुआ। पहले हमले की जिम्?मदेारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली मगर दूसरे के पीछे कौन था, पता नहीं चला। इन हमलों में 23 लोग मारे गए थे और 120 घायल हुए थे।

26/11 मुंबई आतंकी हमला

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आत्मघाती हमलावरों मुंबई को दहला दिया। ये भारत पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसमें 160 लोग मारे गए आौर 300 से ज्?यादा घायल हुए। समुद्र के रास्?ते पाकिस्?तान से आए आतंकियों ने लियोपोल्?ड कैफे, ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और कामा अस्?पताल को निशाना बनाया। होटल और नरीमन हाउस में सैकड़ों को बंधक बनाया गया। अजमल कसाब को छोडक़र बाकी सभी आतंकियों को ढेर कर दिया गया। कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी।

2011 में फिर दहली मुंबई

13 जुलाई 2011 को मुंबई में फिर दहल गई। तीन अलग-अलग जगहों पर बम धमाके किए गए। ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार और दादर वेस्?ट में हुए धमाकों में 26 लोग मारे गए और 130 घायल हुए।

धमकों से दहल गया हैदराबाद

21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के दिलकुशनगर में 100 मीटर की दूरी पर 2 भीषण धमाके हुए। धमाकों ने 18 लोगों की जान ली और कम से कम 119 लोग घायल हुए। इस हमले के बाद इंडियन मुजाहिदीन सह-संस्?थापक यासीन भटकल समेत कुल 5 आतंकियों को दोषी करार दिया गया था।

गुरुदासपुर में हुआ हमला

27 जुलाई 2015 में पंजाब के गुरदासपुर में आर्मी ड्रेस पहने आतंकियों ने दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला किया। इस आतंकी हमले में 4 जवान और 3 लोग मारे गए थे।

पठानकोट हमला

2 जनवरी 2016 में पठानकोट स्थित सेना के ठिकानों पर आतंकी हमले हुए थे, जिसमें सेना के 7 जवान साल बाद बाजार में धमाका और 6 आतंकवादी मारे गए थे। पठानकोट एयरबेस उत्तर भारत के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है।

2016 में हुआ उरी हमला

18 सितंबर 2016 की सुबह जैश-ए-मोहम्?मद के 4 आतंकवादियों ने सोते हुए भारतीय जवानों पर गोलियां बरसाईं। उरी स्थित सेना के ब्रिगेड हेडक्?वार्टर्स पर आतंकियों ने 3 मिनट में करीब 17 ग्रेनेड फेंके। इस कायराना हमले में 19 जवान शहीद हुए। हमले में शामिल चारों आतंकियों को मार गिराया गया था। इस हमले के बाद भारत की नीति बदली हुई नजर आई। भारतीय सेना ने बॉर्डर पार करते हुए सर्जिकल स्?ट्राइक की और आतंकियों को सबक सिखाया।

अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला

11 जुलाई 2017 को अमरनाथ यात्रा पर जा रही बस पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई। बस में 56 यात्री सवार थे।

2019 में हुआ पुलवामा

14 फरवरी 2019 को जम्?मू और कश्?मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्?मद के एक आत्?मघाती हमलावर ने विस्?फोटकों से भरी गाड़ी ष्टक्कक्रस्न के काफिले से भिड़ा दी। हमले में 40 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा देखा गया और भारत और पाकिस्?तान के बीच तनाव भी बढ़ा। सीमा पर स्?टैंडऑफ की स्थिति बनी और फिर भारत ने एयर स्?ट्राइक करते हुए जैश के आतंकी ट्रेनिंग कैंप उड़ा दिए।

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