इंडस्ट्री से आती है चांदी की आधी मांग
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चांदी की आधी मांग इंडस्ट्री से आती है, जहां इसका इस्तेमाल स्मार्टफोन, टैबलेट, सोलर पैनल से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक में होता है। क्वांटम एएमसी के सीआईओ चिराग मेहता कहते हैं, 'इंडस्ट्री में चांदी की मांग उसके लिए अच्छा और बुरा दोनों साबित होती है, जो आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार पर निर्भर करता है।'
चांदी में पैसा लगाने से मिल सकता है शानदार रिटर्न
चांदी में पैसा लगाने से मिल सकता है शानदार रिटर्न
- अनिश्चितता के इस दौर के बावजूद चांदी के दाम में रैली नहीं दिखी
- विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी का अंडरपरफॉर्मेंस शॉर्ट टर्म में चलता रहेगा
- 'पिछले एक-दो महीनों में सिल्वर में दिलचस्पी बढ़ी है'
- 'कम कीमत चांदी में निवेश के हैं कई कारण के कारण सिल्वर का प्रॉडक्शन अभी घट रहा है'
विशेषज्ञों का मानना है कि सिल्वर का अंडरपरफॉर्मेंस शॉर्ट टर्म में चलता रहेगा क्योंकि गोल्ड की तरह इसे कीमती धातु नहीं माना जा रहा है। शेयरखान कॉमट्रेड के एवीपी प्रवीन सिंह ने कहा, 'जब तक ट्रेड वॉर और इसके चलते ग्लोबल इकनॉमिक स्लोडाउन का डर बना हुआ है, तब तक अन्य इंडस्ट्रियल कमोडिटीज के साथ सिल्वर का प्रदर्शन गोल्ड से कमजोर बना रहेगा।' शॉर्ट टर्म में अंडरपरफॉर्मेंस की स्थिति दिखने के बावजूद चांदी लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छा दांव हो सकता है।
चांदी में बड़ी गिरावट! क्या सिल्वर को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने का सही समय है ये?
- News18Hindi
- Last Updated : July 25, 2022, 12:34 IST
हाइलाइट्स
केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरें बढ़ाने से शेयर बाजारों में मंदी आई है.
वर्ष 2022 में भारत में सोने ने ठीक रिटर्न दिया है.
इस अवधि में चांदी का रिटर्न निगेटिव रहा है.
नई दिल्ली. दुनियाभर में बढ़ती मंहगाई ने केंद्रीय बैंकों को ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने को मजबूर किया है. यही कारण है कि अमेरिका और भारत सहित बहुत-से देशों के केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति को सख्त बना चुके हैं. आगे भी केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी का इक्विटी और बॉड्स जैसी परिसंपत्तियों पर नकारात्मक असर हुआ है.
ब्याज दरें बढ़ने का असर यह हुआ है चांदी में निवेश के हैं कई कारण कि एस एंड पी 500 इंडेक्स वर्ष 2022 में अब तक 19 फीसदी गिर चुका है. इसी तरह अमेरिका की बॉन्ड यील्ड की दर 3 फीसदी से ज्यादा हो गई है. अगर सोने की बात करें तो अन्य एसेट के मुकाबले इसमें वर्ष 2022 में कम गिरावट आई है और यह अब तक केवल 5 फीसदी गिरा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि बढ़ती ब्याज दरों का असर सोने के दामों पर नहीं हो रहा है. असर हो रहा है, लेकिन उतना नहीं हो रहा है जितना अन्य एसेट्स पर हो रहा है.
जानिए अभी चांदी में निवेश करना क्यों है समझदारी
- चांदी का प्रदर्शन अभी कुछ समय के लिए कमजोर बना रह सकता है.
- चांदी अपने सर्वोच्च स्तर से आधे भाव पर कारोबार कर रही है.
- फिजकल सिल्वर को खरीदने के साथ शुद्धता से जुड़े मसले भी हैं.
एक्सपर्ट महसूस करते हैं कि चांदी का प्रदर्शन अभी कुछ समय के लिए कमजोर बना रह सकता है. शेयरखान कॉमट्रेड में एवीपी प्रवीन चांदी में निवेश के हैं कई कारण सिंह कहते हैं, "जब तक ट्रेड वॉर और ग्लोबल इकोनॉमिक सुस्ती की आशंका रहेगी, सोने की अपेक्षा चांदी का प्रदर्शन कमतर रहेगा."
छोटी अवधि में कमजोर प्रदर्शन की आशंका के बावजूद लंबी अवधि में चांदी पर दांव लगाया जा सकता है. गोल्ड-सिल्वर रेशियो कई दशकों के उच्च स्तर पर है. इसका मतलब है कि चांदी पीली धातु के मुकाबले कम दामों पर है.
Investment in Gold : 6 महीने के निचले स्तर पर सोना, चांदी में भी जबरदस्त गिरावट, जानिए क्यों फंड ऑफ फंड्स है इनमें निवेश का बेहतर तरीका
सोने-चांदी की कीमतों में आई है चांदी में निवेश के हैं कई कारण भारी गिरावट
- दो साल के निचले स्तर पर आए सोने के वैश्विक भाव
- मजबूत डॉलर और बढ़ती बांड यील्ड के चलते घटे दाम
- चांदी चांदी में निवेश के हैं कई कारण के वायदा भाव में आई 1752 रुपये की भारी गिरावट
नई दिल्ली : हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सोने-चांदी की कीमतों (Gold Silver Prices) में भारी गिरावट दर्ज हुई। एमसीएक्स एक्सचेंज पर 5 दिसंबर 2022 की डिलीवरी वाली चांदी की कीमत 3.02 फीसदी या 1752 रुपये की भारी गिरावट के साथ 56275 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। वहीं, 5 अक्टूबर 2022 की डिलीवरी वाला सोना (Gold Price Today) 1.20 फीसदी या 601 रुपये की गिरावट के साथ 49,399 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इस तरह सोने का भाव 6 महीने के निचले स्तर पर आ गया। वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के चलते कीमतों में यह गिरावट आई है। वैश्विक स्तर पर सोना दो साल के निचले स्तर पर आ गया है। मजबूत डॉलर और बढ़ी हुई यूएस बांड यील्ड के चलते निवेशकों के बीच सोने का आकर्षण कम हो गया है। डॉलर इंडेक्स चांदी में निवेश के हैं कई कारण 20 साल के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है। वहीं, बेंचमार्क 10 साल की यूएस ट्रेजरी यील्ड्स 11 वर्षों के उच्च स्तर पर है।
गोल्ड और सिल्वर के लिए फंड ऑफ फंड्स
बाजार में अब गोल्ड और सिल्वर दोनों में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड्स पेश किए जा रहे हैं। देश में कीमती धातुओं के तौर पर सोने और चांदी के प्रति लोगों में जबरदस्त आकर्षण देखा जाता है। सोने को निवेश में विविधता लाने के लिए अहम माना जाता है। हालांकि, उपयोग के मामले में अंतर के कारण सोने और चांदी चांदी में निवेश के हैं कई कारण के भाव अलग-अलग तरह से घटते और बढ़ते हैं। कहते हैं कि कमोडिटी के दाम में उछाल आता है, तब चांदी का प्रदर्शन सोने से भी बेहतर रहने की उम्मीद की जाती है।
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ऐसे काम करता है यह निवेश विकल्प
गोल्ड और सिल्वर फंड ऑफ फंड्स सोने और चांदी में बराबर रकम लगाते हैं। इसके पीछे उसका मकसद दोनों की विविधता का फायदा उठाना है। जब कभी किसी एक धातु के दाम में अचानक से उछाल आता है और निवेश का संतुलन बिगड़ने लगता है, तो फंड बेहतर प्रदर्शन करने वाले धातु को बेचकर दूसरे धातु को खरीद लेता है। ऐसा करके वह सोने और चांदी में निवेश का संतुलन फिर से बहाल करता है। एडलवाइस एएमसी की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता कहती है, 'सोने में महंगाई के असर को कम करने के गुण हैं। नए जमाने के प्रॉडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग में चांदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। निवेशक इसका लाभ उठा सकते हैं।'
Silver ETF में पैसे लगाने से होगी आपकी चांदी, ऐसे कर सकते हैं निवेश
- नई दिल्ली,
- 21 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 21 जनवरी 2022, 11:41 AM IST)
- सिल्वर ईटीएफ से मिलता है रिस्कफ्री इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
- छोटी रकम से भी स्टार्ट कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट
बाजार नियामक सेबी (SEBI) की मंजूरी के बाद इन्वेस्टर्स को अब पैसे बनाने का एक नया एवेन्यू मिल चुका है. सेबी ने पिछले साल सिल्वर ईटीएफ के लिए गाइडलाइंस जारी किया. इसके बाद कुछ ही दिनों पहले देश का पहला सिल्वर ईटीएफ लॉन्च भी हो गया. आने वाले समय में एक के बाद एक कर कई सिल्वर ईटीएफ लॉन्च होने वाले हैं.
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