RBI Monetary Policy: UPI पेमेंट सिस्टम में जुड़ेगी नई सुविधा, ई-कॉमर्स से लेकर शेयरों की खरीद बिक्री होगी आसान
Demat Account Kya Hai ? 📈 डीमैट खाता कैसे खोलें
क्या आप जानते है की Demat Account Kya hai और ये काम कैसे करता है आज हम आपको अपने इस लेख के द्वारा पूरी जानकारी देगे हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़े demat अकाउंट वो माद्यम है जिसकी सहायता से आप शेयर खरीद और बेच सकते है लेकिन उसकी भी कुछ शर्त है जिसके तहत आपको demat एप्लीकेशन पर अपना अकाउंट बनाना होगा इसके लिए आपके पास पेन कार्ड होना बहुत जरुरी है
अगर पहले के समय को देखा जाये जब हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते थे तब बहुत पेपर वर्क होता था वो समय इतना डिजिटल नही था तब वो कंपनी आपको शेयर से जुड़े पेपर्स भेजती थी ताकि आपके पास भी प्रूफ हो कि आपने उस कंपनी मे निवेश किया है
अगर आसान भाषा मे कहे तो जब भी आप अपने बैंक अकाउंट से एटीएम से पैसे निकलते है तो वो डिजिटल करेंसी कहलाती है और जब डेबिट कार्ड से कही पेमेंट करते है तो वो डिजिटल पेमेंट होती है इसी तरह जो हमारे डीमैट अकाउंट मे शेयर होते है और हम उन्हें किसी और के Demat Account मे ट्रान्सफर करते है तो इस डिजिटल लेन देन को Demat कहते है।
डीमैट खाता कैसे खोलें-How to Open Demat Account?
- Demat खाता खोलने की प्रकिर्या बहुत आसान है सबसे पहले ये देख ले कि आप सही डिपॉजिटरी प्रतिभागी का चयन कर रहें हैं या नहीं तसल्ली होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू करे वैसे आजकल बहुत सी ब्रोकरेज और वित्तीय संस्थान ये सेवा प्रदान कर रही हैं
- सबसे पहले आप ये निर्णय ने की आप demat खाता कहाँ खोलना चाहते है और ये भी सोच ले की आप अपना डिपॉजिटरी प्रतिभागी आप किसे बनायेगे जिसके साथ आप अपना demat खाता खोलेगे लेकिन ज्यादातर डिपॉजिटरी प्रतिभागी ब्रोकर और वित्तये संस्था ही उपलब्ध कराती है
- इसके बाद आपको एक फॉर्म भरना होगा जिसमे आपको अपनी पूछी गई साडी जानकारी बिलकुल सही ढंग में भरनी होगी साथ ही एक पासपोर्ट size फोटो भी उस फॉर्म पर चिपकाए इसी के साथ जरुरी दस्तावेज और पेन कार्ड भी साथ रखे फॉर्म भरते समय इनकी भी जरूरत पड़ सकती हैं
- आपको एक पेपर उपलब्ध कराया जायेगा जिसमे सभी नियम ,शर्ते जोखिम लिखे होगे और उसमे उन शुल्को की भी सूचि होगी जो आप खर्च करेगे
- डीपी के कर्मचारियों का एक सदस्य खाता खोलने के फॉर्म में दिए गए विवरण की जांच करने के लिए आपसे संपर्क करेगा। और आपको पूरी जानकारी देगा . इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, एक इन-पर्सन वेरिफिकेशन किया जाएगा
Demat Account खोलने के लिए किन-किन डाक्यूमेंट्स की जरुरत होती हैं : –
Demat Account मे ट्रेडिंग करने के लिए कुछ जरुरी दस्तेवेज चाहिए होते है आप इन दस्तावेज के बिना अकाउंट ओपन नही कर सकते
और न ही शेयर खरीद और बेच सकते है आपको निचे दिए गए दास्तावेज की जरूरत पड़ती हैं
- पैन कार्ड / Pan Card
- आधार कार्ड / Aadhaar Card
- 2 पासपोर्ट आकार की तस्वीरें (Passport Photos)
- कैसिल चेक (Cancelled Cheque) / सेविंग बैंक खाता पासबुक (Savings PassBook)
Demat Account खोलने में कितने रुपये लगते है?
Demat Account खोलना बहुत आसान है और इसमें ज्यादा पैसे भी खर्च नही होते अगर आप ये सोचते है की Demat अकाउंट खोलने मे बहुत पैसे खर्च होते है तो आपकी सोच गलत है आप मात्र 300 से 700 रुपए मे Demat अकाउंट खोल सकते है और शेयर खरीद और बेच सकते है।
Demat अकाउंट खोलने के लिए 300 रुपए लगते है लेकिन Demat पर अकाउंट चलाने के लिए डीपी आपसे अलग अलग कंपनी मे निवेश करने के लिए अलग फीस ले सकता है।
आपसे जो सबसे पहले पैसे लिए जाते है वो अकाउंट ओपनिंग फीस होती है और जो बाद मे अकाउंट मैनेज किया जाता है उसकी अलग से अकाउंट मैनेजमेंट फीस होती है इस फीस से कंपनी आपके अकाउंट को सालभर मैनेज करती है।
अपने कितने शेयर ख़रीदे है और कितने बेचे है उसका शुल्क चार्ज लिया जाता है जिसे transaction फीस कहते है ये एक तरह का commission कहलाता है
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डिमैट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर डिपॉजिट किए जाते हैं और इसके साथ साथ म्यूच्यूअल डिमैट अकाउंट के फायदे फंड, डिवेंचर, यूनिट और सिक्योरिटी भी इसी खाते में होती है शेयर की खरीद-फरोख्त करने के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है Demat Account एक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है जिसमें आपकी रकम नहीं होती बल्कि किसी कंपनी के शेयर होते हैं जब आप किसी कंपनी के शेयर को बेचना चाहते हैं तो यह दूसरे निवेशक के अकाउंट में यहीं से ट्रांसफर हो जाते हैं
जिस प्रकार आप बैंक अकाउंट से मनी ट्रांसफर करते हो। इससे पहले यह प्रक्रिया बड़ी मुश्किल थी पहले जब आप शेयर खरीदते थे तो आपको कंपनी उसके डॉक्यूमेंट देती थी और जब आपको शेयर बेचने होते थे तो सारे कागजात कंपनी में डिपॉजिट करने पड़ते थे लेकिन जब से डिपॉजिटरी ने Demat Account की प्रक्रिया को शुरू किया है यह काम बहुत आसान हो गया है।
डीमैट अकाउंट के प्रकार क्या है?
शेयर मार्केट में उपलब्ध तीन प्रकार के डीमैट अकाउंट होते हैं। इन अकाउंट को निवेशकों की प्रोफाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है। डीमैट डिमैट अकाउंट के फायदे अकाउंट के प्रकार निम्नलिखित हैं।
रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat A6ccount)
शेयर बाजार में एंट्री करने वाले निवेशक को का रेगुलर डीमैट अकाउंट खोला जाता है। यह खाता आप किसी भी डिपॉजिट सीडीएसएल या एनएसडीएल पन रजिस्टर ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। इस खाते के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिकली शेयरों में निवेश और ट्रेड किया जाता है।
रिपेट्रायबल डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)
यह खाता नॉनरेजिडेंट इंडियंस के लिए होता है। इस खाते के माध्यम से n.r.i. शेयर बाजार में निवेश करते हैं। एन आर आई इस अकाउंट का उपयोग करके विदेश में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही साथ लोग इस अकाउंट इन इयर जॉइंट होल्डर भी शामिल कर सकते हैं जो केवल एक भारतीय नागरिक होना चाहिए। इस डीमैट खाते में नॉमिनेशन सुविधा भी उपलब्ध होती है।
Demat Account कैसे खोलें
जब आप अपना खाता डिपॉजिटरी में खुलवाते हैं तो उस खाते को डीमैट खाता कहते हैं इसका फैसला हमारा ब्रोकर करता है कि वह कौन सी डिपॉजिटरी में आपका खाता खुलवाता है इस खाते को खुलवाने के लिए भारत में एसईबीआई के द्वारा निर्देशित दो बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी एनएसडीएल और सीडीएसएल है जो Demat Account को निर्धारित करती हैं और आपने देखा होगा कि पैन कार्ड भी यही दोनों कंपनियां बनाती हैं। जो निम्नलिखित हैं।
1- एनएसडीएल
इंडिया की सबसे पुरानी और विश्वसनीय डिपाजिटरी मानी जाती है नवंबर सन 1996 में इसको शुरू किया गया था जिसका पूरा नाम National Securities Depositories Ltd है।
2- सीडीएसएल
- यह इंडिया की दूसरी डिपॉजिटरी है जिसका संबंध बीएसई यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से है इसको फरवरी सन 1999 में शुरू किया गया था इसका पूरा नाम Central Depositories Services Ltd है ।
- डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको इन दोनों कंपनियों के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है आप किसी भी बैंक या स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
कुछ खास स्टॉक ब्रोकर
इसके अलावा आप कुछ डिमैट अकाउंट के फायदे खास स्टॉक ब्रोकर के यहां भी अपना Demat Account खुलवा सकते हैं।
- शेरखान प्राइवेट लिमिटेड
- ज़ेरोधा
- एंजल ब्रोकर प्राइवेट लिमिटेड
Demat Account खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
डिमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक बैंक अकाउंट नंबर डिमैट अकाउंट के फायदे
- पासपोर्ट या राशन कार्ड ( एड्रेस प्रूफ के लिए)
डिमैट अकाउंट फीस
डीमैट अकाउंट खोलने की फीस अलग-अलग बैंकों और स्टॉकब्रोकर्स की अलग अलग हो सकती है इसके अलावा एनुअल मेंटेनेंस चार्ज भी होते हैं जो साल में एक बार लिए जाते हैं
कौन-कौन से डाक्यूमेंट्स लगेंगे इससे 3 इन 1 अकाउंट को खोलने में?
जब आप 3 इन 1 अकाउंट खोलेंगे तो आपके पास जो डॉक्यूमेंट होनी चाहिए उसका विवरण नीचे दिया गया है-
पैन या फॉर्म 60, फोटो, पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र और मनरेगा जॉब कार्ड।
SBI Three In One Account: क्या है इस अकाउंट की विशेषताएं?
इस थ्री इन वन अकाउंट में लोअर मार्जिन के साथ साथ डिलीवरी/स्क्वायर-ऑफ में कंवर्ट का विकल्प भी मिलेगा। इतना ही नहीं अकाउंट में पॉजिशन को कैरी करने का विकल्प और साथ ही मार्जिन नकद/स्टॉक के रूप में होगा।
सबसे पहले आपको जाना होगा एसबीआई सिक्योरिटीज ( SBI Securities) की वेब प्लेटफॉर्म पर जहां पर आपको ट्रेडिंग खाते पर लॉग इन करना होगा। फिर आपको यहां पर आर्डर प्लेसमेंट का menu दिखेगा जहां आप को क्लिक करना है।
आर्डर के समय आपको product type को ई- मार्जिन के रूप में चुनना होगा। अधिक जानकारी के लिए कृपया एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
SBI Three In One Account: क्या है ई मार्जिन?
अगर आप ट्रेडिंग करने जा रहे हैं तो आपको ई-मार्जिन ( e-margin) के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। इस सुविधा के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति 25% के मार्जिन के अंतर्गत ट्रेडिंग कर सकता है।
अगर आपको आवश्यक मार्जिन प्राप्त करना है तो वह आपको कैश या कोलेट्रोल का उपयोग करना होगा, इससे आप अपनी पॉजिशन को 30 दिनों तक आगे बढ़ा सकते हैं। ग्राहक फिर से अपने स्टाक को डिलीवरी में कन्वर्ट कर सकता है और एक्सपायर होने से पहले इसे अपने डीमैट खाते पर ट्रांसफर कर सकता है।
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
- Connect@ Money9.com
- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर डिमैट अकाउंट के फायदे अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन डिमैट अकाउंट के फायदे स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.
हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.
ब्रोकरेज स्क्रूटनी
लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच डिमैट अकाउंट के फायदे बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता डिमैट अकाउंट के फायदे रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.
पॉवर ऑफ अटार्नी
ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.
डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.
एमसएमएस सुविधा
अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.
आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)
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