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Yes Bank के शेयर में क्यों आने लगी गिरावट? 25 फीसदी टूटा, अब क्या करें निवेशक

Yes Bank Share Price : Dish TV के कर्ज को Yes Bank ने एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी JC Flowers को ट्रांसफर कर दिया है. Yes Bank ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है. आज Dish TV और Dish TV के शेयर में 3-4% की गिरावट देखने को मिल रही है.

Yes Bank - Dish TV मामले में अब नया मोड़ आया है. प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक ने 24.19% हिस्सा JC Flowers Asset Reconstruction Co. को ट्रांसफर कर दिया है. Yes Bank ने Dish TV का बकाया लोन भी JC Flower ARC को ट्रांसफर कर दिया है. बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी. आज बाजार में कमजोरी के बीच Yes Bank के शेयर पर भी दबाव देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को इस शेयर में करीब 3.5% की गिरावट देखने को मिल रही. ये शेयर अब 18 रुपये प्रति शेयर के करीब आ चुका है. पिछले 5 दिनों में ये शेयर करीब 17% से ज्यादा टूट चुका है. वहीं, Dish TV में भी आज करीब 4% की गिरावट देखने को मिल रही है.

Yes Bank ने 15-18 स्ट्रक्चर के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज को एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को ट्रांसफर करने की योजना तैयार किया है. Dish TV को लेकर Yes Bank की ओर से लिया गया फैसला भी इसी कड़ी में शामिल है. ARC के पास बकाया कर्ज वसूलने के लिए कई तरह के साधन होते हैं.

बताते चलें कि Essel Group के फाउंडर सुभाष चंद्रा ने Yes Bank को 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया था. इसके बाद Yes Bank ने Dish TV की ओर से गिरवी रखे गए शेयर को इनवोक कर लिया. 30 सितंबर तक कंपनी में Yes Bank की शेयरहोल्डिंग 24.78% और प्रोमोटर की होल्डिंग 4.04% ही थे.

हाल ही में Dish TV ने कंपनी में तीन लोग - सुनील गुप्ता, मदन मोहनलाल वर्मा और गौरव गुप्ता को स्वतंत्र निदेशक के तौर पर नियुक्त किया है. इसके पहले कंपनी ने रेगुलेटरी मंजूरियों का हवाला देते हुए Yes Bank की ओर से 7 उम्मीदवारों को खारिज कर दिया था. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि 29 दिसंबर को होने वाले सालाना जनरल मीटिंग में नियुक्त किए गए तीनों निदेशकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.

इस मामले की शुरुआत से अब तक Dish TV ने 4 निदेशकों को बोर्ड में शामिल करने का प्रयास किया था. लेकिन Yes Bank की अगुवाई वाले शेयरहोल्डर्स ने इन्हें खारिज कर दिया. फिलहाल Dish TV के बोर्ड में दो ही स्तवंत्र निदेशक हैं. ये शंकर अग्रवाल और रश्मि अग्रवाल हैं. सेबी के नियमों के हिसाब से कंपनी में 6 निदेशक होने चाहिए. Dish TV को इन नियम का पालन नहीं करने पर BSE और NSE की ओर से कंपनी पर 4.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है.

इस साल ही कंपनी के चेयरमैन जवाहर गोयल को कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा देना पड़ा था. शेयरहोल्डर्स जवाहर गोयल के कार्यकाल को बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे. जून 2022 में चीफ एग्जीक्यूटिव अनिल दुआ और स्वतंत्र निदेशक राजागोपाल वेंकटेश को अपना पद छोड़ना पड़ा था. एक अ लग मामले में Yes Bank को बोर्ड बनाने के लिए अलग से शेयरहोल्डर्स मीटिंग करने पर NCLT से मंजूरी नही मिली.

बता दें कि Dish TV और Yes Bank के बीच इस विवाद का निपटारा शेयरहोल्डर्स के हित में होगा. खासकर एक ऐसे समय में, जब Tata Play ने भी लिस्टिंग के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी के लिए आवदेन दिया है. भारत में सेटेलाइट TV प्रोवाइडर तीन सबसे बड़ी कंपनियां Tata Play, Airtel और Dish TV हैं.

अब आगे क्या ? टेक्निकल एक्सपर्ट्स प्रकाश गाबा जी का कहना है कि शेयर चार्ट्स पर ठीक लग रहा है. 18 रुपये के ऊपर निकलता है तो ये 30 रुपये का स्तर भी छू सकता है. हालांकि, शॉर्ट टर्म में कमजोरी की संभावना है.

डिस्क्लेमर: CNBC TV18 हिंदी पर दी गई सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार हैं. वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है. निवेश से पहले आप अपने वित्तीय सलाहकार यानी सर्टिफाइड एक्सपर्ट की राय जरूर लें.

मेक इन इंडिया

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भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है । सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है । निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।

'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है लेकिन इसका उद्देश्य देश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना भी है। इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है।

'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। अभियान के शुरु होने के समय से इसकी वेबसाईट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ द्वारा प्राप्त किया गया है। जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने हेतु अपना समर्थन दिखाया है। 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत निम्नलिखित पचीस क्षेत्रों - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है की पहचान की गई है:

चुनौतियों का सामना

सरकार ने भारत में व्यवसाय करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। कई नियमों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है एवं कई वस्तुओं को लाइसेंस की जरुरतों से हटाया गया है।

सरकार का लक्ष्य देश में संस्थाओं के साथ-साथ अपेक्षित सुविधाओं के विकास द्वारा व्यापार के लिए मजबूत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सरकार व्यापार संस्थाओं के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी का विकास करना चाहती है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है के माध्यम से कुशल मानव शक्ति प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। पेटेंट एवं ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रक्रिया के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से अभिनव प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कुछ प्रमुख क्षेत्रों को अब प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाया गया है और एफडीआई की सीमा को 26% से दो तरह के निवेशक 49% तक बढ़ाया गया है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए रक्षा क्षेत्र में 100% एफडीआई को अनुमति दी गई है। रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निर्माण, संचालन और रखरखाव में स्वचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति दी गई है। बीमा और चिकित्सा उपकरणों के लिए उदारीकरण मानदंडों को भी मंजूरी दी गई है।

29 दिसंबर 2014 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद उद्योग से संबंधित मंत्रालय प्रत्येक क्षेत्र के विशिष्ट लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। इस पहल के तहत प्रत्येक मंत्रालय ने अगले एक एवं तीन साल के लिए कार्यवाही योजना की पहचान की है।

कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' निवेशकों और उनकी उम्मीदों से संबंधित भारत में एक व्यवहारगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। 'इनवेस्ट इंडिया' में एक निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। नये निवेशकों को सहायता प्रदान करने के लिए एक अनुभवी दल भी निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ में उपलब्ध है।

निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य

  • मध्यम अवधि में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य
  • 2022 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% की वृद्धि
  • विनिर्माण क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना
  • समावेशी विकास के लिए ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण
  • घरेलू मूल्य संवर्धन और निर्माण में तकनीकी गहराई में वृद्धि
  • भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना
  • विशेष रूप से पर्यावरण दो तरह के निवेशक के संबंध में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना

आर्थिक विकास के आगे की दिशा

  • भारत ने अपनी उपस्थिति दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप दर्ज करायी है
  • 2020 तक इसे दुनिया की शीर्ष तीन विकास अर्थव्यवस्थाओं और शीर्ष तीन निर्माण स्थलों में गिने जाने की उम्मीद है
  • अगले 2-3 दशकों के लिए अनुकूल जनसांख्यिकीय लाभांश। गुणवत्तापूर्ण कर्मचारियों की निरंतर उपलब्धता।
  • जनशक्ति की लागत अन्य देशों की तुलना में दो तरह के निवेशक अपेक्षाकृत कम है
  • विश्वसनीयता और व्यावसायिकता के साथ संचालित जिम्मेदार व्यावसायिक घराने
  • घरेलू बाजार में मजबूत उपभोक्तावाद
  • शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों द्वारा समर्थित मजबूत तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षमतायें
  • विदेशी निवेशकों के लिए खुले अच्छी तरह विनियमित और स्थिर वित्तीय बाजार

भारत में परेशानी मुक्त व्यापार

'मेक इन इंडिया' इंडिया' एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।

अब जब व्यापार करने की बात आती है तो भारत काफी कुछ प्रदान करता है। अब यह ऐसे सभी निवेशकों के लिए आसान और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है जो स्थिर अर्थव्यवस्था और आकर्षक व्यवसाय के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। भारत में निवेश करने के लिए यह सही समय है जब यह देश सभी को विकास और समृद्धि के मामले में बहुत कुछ प्रदान कर रहा है।

वेस्टेड फाइनेंस ने निवेशकों को नए जमाने की तकनीकों और विश्व स्तर पर विविध ईटीएफ में निवेश करने की अनुमति देने के लिए दो नए पूर्व-निर्मित पोर्टफोलियो लॉन्च किए

मुंबई, 07 दिसंबर, 2022: एक अमेरिकी निवेश प्लेटफॉर्म वेस्टेड फाइनेंस और एक एफआईएनआरए-पंजीकृत अमेरिकी ब्रोकर-डीलर (इसके सहयोगी वीएफ सिक्योरिटीज के माध्यम से) ने आज खुदरा निवेशकों को विश्व स्तर पर विविध ईटीएफ में निवेश करने में सक्षम बनाने के लिए दो अतिरिक्त प्री-बिल्ट वेस्ट जूमिट कैपिटल और एथिकल एडवाइजर्स के साथ साझेदारी में फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी स्टॉक लॉन्च किए। इस घोषणा के साथ, वेस्टेड फाइनेंस ने तीसरे पक्ष के पोर्टफोलियो की पेशकश करने के लिए पांच उद्योग विशेषज्ञों के साथ साझेदारी की है।

वेस्ट क्यूरेटेड पोर्टफोलियो होते हैं जिनमें स्टॉक और/या ईटीएफ शामिल होते हैं और विभिन्न लक्ष्यों या विशिष्ट विषयों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। वेस्ट में निवेश निष्क्रिय रूप से प्रबंधित म्युचुअल फंड या पीएमएस में निवेश करने के समान है क्योंकि यह ग्राहकों को वैश्विक पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए विशिष्ट शेयरों का अध्ययन करने के बजाय अपने जोखिम सहनशीलता और थीम के आधार पर वेस्ट चुनने की अनुमति देता है। सब्सक्रिप्शन विकल्प का उपयोग करके वेस्ट निवेश किया जाता है, जो तिमाही और वार्षिक योजनाओं में पेश किया जाता है।

साझेदारी पर बात करते हुए, वेस्टेड फाइनेंस के सह-संस्थापक और सीईओ वीरम शाह ने कहा, “वेस्टेड फाइनेंस ने हमेशा भारतीय निवेशकों के लिए सुलभ और लागत प्रभावी तरीके से वैश्विक विविधीकरण विकल्प उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। अमेरिकी बाजारों में निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी और हमारी हालिया वेस्ट पेशकशों की सफलता से उत्साहित होकर, हमें जूमिट दो तरह के निवेशक कैपिटल और एथिकल एडवाइजर्स जैसे उद्योग के विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में दो नए प्री-बिल्ट वेस्ट लॉन्च करने की खुशी है। ये नए वेस्ट ग्राहकों को ईटीएफ और भविष्य की तकनीकों जैसे मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन आदि में निवेश करने का अवसर प्रदान करते हैं। दो नए वेस्ट पहले लॉन्च किए गए बिटकॉइन वेस्ट, थर्ड-पार्टी वेस्ट और DIY वेस्ट के अतिरिक्त होंगे, जिससे अमेरिकी बाजारों में पर्याप्त विविधीकरण विकल्प प्रदान करना है। वैश्विक बाजार में अप्रत्याशित अस्थिरता के बावजूद, हमने देखा है कि 20% से अधिक निहित निवेशक इन वेस्ट के माध्यम से अमेरिकी बाजार में निवेश करते हैं। इसके अलावा, हमारा नया ब्रोकर-डीलर लाइसेंस निवेशकों को हमारे प्लेटफॉर्म पर प्रतिभूतियों के व्यापक दायरे तक पहुंच प्राप्त करने में मदद करता है, और हम निवेशकों की पेशकशों को नया और विस्तारित करना जारी रखेंगे।

जूमिट कैपिटल वेस्ट के लॉन्च पर जूमिट कैपिटल के प्रबंध निदेशक सुमित सिंह ने कहा, “एक्ससीजी – ग्लोबल बैलेंस्ड पोर्टफोलियो निष्क्रिय निवेशकों के लिए पूरी तरह इंडेक्स ईटीएफ पर आधारित एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है। पोर्टफोलियो इक्विटी, बॉन्ड, सोना और रियल एस्टेट समेत विभिन्न भौगोलिक और परिसंपत्ति वर्गों में विविधतापूर्ण है, इस प्रकार उचित जोखिम-समायोजित रिटर्न और 0.10% से 0.12% का बहुत कम कुल खर्च अनुपात प्रदान करता है। भारतीय निवेशकों के समूह के लिए जो पहली बार वैश्विक बाजार उपकरणों के संपर्क में आना चाहते हैं, यह पोर्टफोलियो ईटीएफ का एक अच्छी तरह से विविध संयोजन प्रदान करता है। सभी मौसम के निवेशकों के लिए दीर्घकालिक निवेश रणनीति के रूप में, पोर्टफोलियो भी विकास क्षमता प्रदान करता है, जिसमें दो-तिहाई अमेरिकी इक्विटी में निवेश किया जाता है।

फ्यूचरिस्टिक टेक एंड रोबोटिक्स वेस्ट के लॉन्च पर एथिकल एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ डिक मोदी ने कहा, “निवेश करते समय, भविष्य की तकनीकों में अग्रदूतों की पहचान करने में हमेशा योग्यता होती है क्योंकि शुरुआती निवेशक अपनी सफलता पर असंगत पुरस्कार प्राप्त करते हैं। हालांकि, दो तरह के निवेशक जोखिम अधिक रहता है। दोनों को संतुलित करने के लिए, इस वेस्ट में फ्यूचरिस्टिक तकनीक, मेटावर्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, 3डी प्रिंटिंग और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी में शामिल इनोवेटिव कंपनियों का विविध मिश्रण है।

इस साझेदारी से पहले, वेस्टेड फाइनेंस ने राइट रिसर्च, नेजन कैपिटल और प्रसनजीत पाल के वेस्ट की पेशकश की थी।

वेस्ट्स की पेशकश पर, मौजूदा भागीदारों में से एक, राइट रिसर्च के संस्थापक, सोनम श्रीवास्तव ने कहा, “हमने जनवरी 2022 में राइट टैक्टिकल यूएस वेस्ट लॉन्च किया, और यह एक मध्यम-जोखिम वाला सामरिक परिसंपत्ति आवंटन पोर्टफोलियो है जिसे प्राप्त करने के लिए किसी भी बाजार व्यवस्था के लिए इष्टतम आवंटन हर महीने पुनर्संतुलित किया जाता है। यदि कोई ग्राहक विभिन्न ईटीएफ होल्डिंग्स के माध्यम से अच्छी तरह से डायवर्सिफाइड इक्विटी पोर्टफोलियो एक्सपोजर पसंद करता है, तो कोई इसे पसंद कर सकता है। इस वेस्ट को अल्पावधि में रिटर्न हासिल करने के लिए अनुकूलित किया गया है। यह वेस्ट विभिन्न निवेश क्षेत्रों, कारकों और मार्केट कैप को ट्रैक करने के लिए अत्यधिक तरल ईटीएफ का उपयोग करता है।

वेस्टेड फाइनेंस भारतीय निवेशकों को स्टॉक, ईटीएफ और वेस्ट नामक पूर्व-निर्मित निवेश पोर्टफोलियो जैसे कई निवेश साधनों के माध्यम से अमेरिकी शेयर बाजारों में निवेश करने में मदद करता है। पोर्टफोलियो प्रबंधन विशेषज्ञों के साथ साझेदारी भारतीय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को भौगोलिक रूप से आसान तरीके से विविधतापूर्ण बनाने में सक्षम बनाती है।

वेस्टेड फाइनेंस एक एफआईएनआरए-पंजीकृत अमेरिकी ब्रोकर-डीलर है और भारत में संचालित एकमात्र फिनटेक प्लेटफॉर्म है जिसने एफआईएनआरए से लाइसेंस प्राप्त किया है, जो यूएसए में ब्रोकर्स और डीलरों के लिए नियामक निकाय है।

क्या इस पलायन के बाद एथेरियम निवेशक ईटीएच के साथ बने रह सकते हैं?

Ethereum [ETH] केंद्रीकृत एक्सचेंजों (CEXes) पर भंडार बड़े पैमाने पर कम हो गया था, एक क्रिप्टोकरंसी प्रकाशन दिखाया गया। Easy OnChain द्वारा प्रकाशित खुलासे के अनुसार, इन एक्सचेंजों से altcoin हस्तांतरण बिटकॉइन की तुलना में 30% अधिक जबरदस्त था। [BTC].

केंद्रीकृत एक्सचेंजों पर एथेरियम भंडार

पढ़ना एथेरियम दो तरह के निवेशक की कीमत की भविष्यवाणी 2023-2024

नेता का अनुसरण करें, कारण के प्रति सच्चे रहें

यह घटना विशेष रूप से अजीब नहीं थी क्योंकि FTX के पतन ने निवेशकों को CEX अविश्वास की ओर प्रेरित किया। मोरेसो, एथेरियम के सह-संस्थापक, विटालिक ब्यूटिरिन ने इसी अवधि के दौरान आत्म-हिरासत को प्रोत्साहित करने वाली टिप्पणियां कीं।

इस बीच, निरंतर पलायन से केवल यही निष्कर्ष नहीं था। इस तरह की परिस्थिति में, इसने अनुमान लगाया कि निवेशक न केवल संपत्ति की सुरक्षा के बारे में चिंतित थे।

हालाँकि, कार्रवाई ने ईटीएच में विश्वास और लंबी अवधि के लिए संकल्प का संकेत दिया। लंबी अवधि के स्वामित्व के लिए समझौता एथेरियम के वार्षिक प्रदर्शन से भी हो सकता है जिसने 69.95% की गिरावट का उत्पादन किया।

365-दिवसीय बाजार मूल्य से वास्तविक मूल्य (एमवीआरवी) अनुपात का आकलन करने पर, सेंटिमेंट ने दिखाया कि ईटीएच -28.85% पर अपेक्षाकृत अप्रभावी था। हालांकि यह जुलाई में हुई दुर्भाग्यपूर्ण कमी से एक कदम आगे था।

संदर्भ के लिए, एमवीआरवी अनुपात किसी परिसंपत्ति की मौजूदा कीमत और उस पर हासिल की गई औसत कीमत के बीच के संबंध को दर्शाता है। चूंकि यह अभी भी कम क्षेत्र में था, यह इंगित करता है कि ईटीएच की कीमत थी नीचे गिर गया दूर के अंतर से कुल लागत। इसलिए, निवेशक कम लाभ और बड़े अप्राप्त घाटे का सामना कर रहे थे।

एथेरियम एमवीआरवी अनुपात और एक्सचेंजों के बाहर आपूर्ति

एक्सचेंजों के बाहर की आपूर्ति CEX से बाहर निकलने के Easy OnChain की राय के अनुरूप है। प्रेस समय में, सेंटिमेंट डेटा से पता चला कि कस्टोडियल वॉलेट में ईटीएच की आपूर्ति 106.99 मिलियन तक अविश्वसनीय वृद्धि पर थी

एक 0.21x मूल्य वृद्धि अगर ETH बिटकॉइन के मार्केट कैप को हिट करता है ?

अंतराल के दौरान, एथेरियम के प्रति निवेशकों की भावना बदल गई। यह भय और लालच सूचकांक द्वारा दिखाया गया था क्योंकि यह तटस्थ स्थिति की ओर बढ़ते हुए चरम भय क्षेत्र को छोड़ दिया था। लेखन के समय इसकी स्थिति के साथ, एथेरियम के पूर्ण विकसित होने की संभावना कम थी बाजार में उतार-चढ़ाव .

लंबी सवारी के लिए?

चार्ट पर, ईटीएच के अल्पकालिक प्रक्षेपण ने बैल और भालू के बीच संघर्ष का संकेत दिया। एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) के अनुसार, ETH को $1,200 क्षेत्र से आगे व्यापार करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है।

ऐसा इसलिए था क्योंकि 50 ईएमए (पीला) 20 ईएमए (नीला) से ऊपर स्थित था। इस तरह की स्थिति खरीदारी खंड से कमजोर कमजोरी का अनुवाद करती है।

हालाँकि, लंबी समय सीमा पर, राहत की उम्मीद थी। प्रेस समय में, 200 ईएमए (सियान) 20 और 50 ईएमए से ऊपर हो गया। इस स्थिति का तात्पर्य है कि निवेशक संभावित महत्वपूर्ण वृद्धि के लिए मध्य और दीर्घावधि की उम्मीद कर सकते हैं। यह किसी भी नकारात्मक घटना को छोड़कर मामला हो सकता है जो आत्मसमर्पण के लिए दबाव डाल सकता है।

कोरोना के डर से दहला शेयर बाजार: क्रिसमस से पहले निवेशकों को ₹15.37 लाख करोड़ का नुकसान

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Stock Market Crash 23 Dec 2022: चीन समेत कुछ देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और बड़े नुकसान के साथ बंद हुए। दोनों प्रमुख इंडेक्स में बड़ी गिरावट रही।

आज 1000 अंक के करीब गिरा सेंसेक्स

बता दें कि शेयर बाजार पिछले चार कारोबारी सत्रों से लगातार टूट रहा है। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ।

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मार्केट कैप पर असर

चार दिन की गिरावट की वजह से बीएसई का मार्केट कैपिटल लगातार कम हो रहा है। सोमवार 19 दिसंबर को मार्केट कैप 287.90 लाख करोड़ रुपये था जो अब 272.53 लाख करोड़ पर आ गया है। इस लिहाज से निवेशकों को 15.37 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।

टाटा ग्रुप समेत दिग्गज शेयर धड़ाम

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी के शेयर भी खासे नुकसान में रहे।

ग्लोबल मार्केट में कोरोना का खतरा

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ''घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है।'' अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

विदेशी निवेशकों ने भी बेचे शेयर

बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।

ये फैक्टर भी जिम्मेदार

एक्सपर्ट रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के ब्योरा को भी गुरुवार को बाजार की गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कुछ सख्त टिप्पणियां की हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस समय नीतिगत कार्रवाई को रोकने की गलती महंगी साबित हो सकती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है।

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