कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? – What Is Commodity Trading In Hindi
कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India
कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है? – What Is Commodity Trading In Hindi
कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है: रोजाना उपयोग में आने वाली कमोडिटी को एक्सचेंज के माध्यम से खरीदना – बेचने को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते है। जैसे: जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी, सोना, चांदी, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस इत्यादि को जब कमोडिटी एक्सचेंज पर ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे Commodity Trading कहा जाता है।
Commodity 2 प्रकार की होती है –
- Agriculture Commodity (एग्रीकल्चर कमोडिटी)
- Non Agriculture Commodity (नॉन एग्रीकल्चर कमोडिटी)
1. Agriculture Commodity: एग्रीकल्चर कमोडिटी वे कमोडिटी होती है जो सीधे – सीधे कृषि क्षेत्र से सम्बंधित होती है। जैसे: जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी, कपास आदि।
2. Non Agriculture Commodity: वे सभी कमोडिटी जो एग्रीकल्चर से सम्बंधित नहीं है लेकिन जिन्हें रोज़ाना उपयोग में आने वाली वस्तु मानकर कमोडिटी केटेगरी में रखा जाता हो, ऐसी कमोडिटी को पेपर ट्रेडिंग क्या होता है नॉन एग्रीकल्चर कमोडिटी कहते है। जैसे: सोना, चांदी, प्लैटिनम, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस आदि।(कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है – What Is Commodity Trading In Hindi )
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MCX और NCDEX क्या है
1. MCX (Multi Commodity Exchange): MCX एक नोन एग्रीकल्चर कमोडिटी एक्सचेंज है जिसमें मुख्य रूप से Non Agriculture Commodity जैसे: सोना, चांदी, क्रूड ऑइल, नेचुरल गैस और बेस मेटल का कारोबार होता है। नॉन एग्री कमोडिटी ट्रेडिंग सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से रात 11:55 बजे तक होती है। Non Agriculture Commodity Market लगभग पुरे दिन ओपन रहता है।
2. NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange): NCDEX एक एग्रीकल्चर कमोडिटी एक्सचेंज है जिसमें मुख्य रूप से एग्रीकल्चर प्रोडक्ट जैसे: चना, जौ, गेहूं, ग्वार, सोयाबीन, धनिया, जीरा, हल्दी में कारोबार होता है। NCDEX में ट्रेडिंग सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होती है।(Commodity Market Basics In Hindi)
कैसे शुरू कर सकते है कमोडिटी ट्रेडिंग
Commodity Market में Trading शुरू करने के लिये किसी भी स्टॉक ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होता है। ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाने के लिये बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, और एड्रेस प्रूफ का होना जरूरी है। ध्यान रहे जिस भी ब्रोकर के पास आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवा रहे है वह MCX और NCDEX Exchange का मेंबर होना चाहिये, इसकी जानकारी ब्रोकर के वेबसाइट से ले सकते है।
कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे काम करती है
भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग Future And Option मार्किट यानि Derivatives Segment में होती है। जिसमें कमोडिटी एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता को आपस में मिलवाते है और वे पहले से निर्धारित मात्रा और कीमत पेपर ट्रेडिंग क्या होता है पेपर ट्रेडिंग क्या होता है पर भविष्य की किसी तारीख पर ट्रेड को पूरा करने का अनुबंध करते है।
कमोडिटी ट्रेडिंग दो तरह के लोग करते है एक होते है हेजर्स और दूसरे सट्टेबाज़।
हेजर्स व्यापारी होते है जो किसी एक खास कमोडिटी में व्यापार करते है और उस कमोडिटी की कीमत में बहुत तेज़ी से कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं आ जाये इसके लिये वह उस कमोडिटी में पहले से ही अपनी पोजीशन बना कर रखते है।
सट्टेबाज़ कमोडिटी की कीमत में जो उतार – चढ़ाव आता उसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करते है और एक्सपायरी से पहले अपना प्रॉफिट और लोस्स जो भी हो उसे बुक करके ट्रेड से निकल जाते है।
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क्या भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग करना लाभदायक है
भारत में कमोडिटी मार्किट बहुत ही ज्यादा वोलेटाइल है और जोखिम भरा है। अगर आप एक नये निवेशक है या छोटे निवेशक है तो पहले Commodity Market को अच्छे से सीखने की सलाह में आपको दूंगा। पहले पेपर ट्रेडिंग या डेमो ट्रेडिंग करे और एक अच्छी Commodity Trading Strategy बनाये। जब आपकी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी डेमो ट्रेडिंग में काम करने लगे तो छोटी राशि से Real Trading करें और धीरे – धीरे अपनी इन्वेस्टमेंट बढ़ाये। इससे आप लम्बे समय तक कमोडिटी मार्किट में बने रहेंगे, नहीं तो आपका पैसा डूब सकता है।Commodity Market For Beginners – Commodity Market In Hindi
1 रुपए में इंट्रा डे और इन्वेस्टमेंट प्लान: सैमको ने लॉन्च किया भारत का पहला रियल-टाइम स्टॉक ट्रेडिंग ऐप, रिस्क रेशियो पर रख सकते हैं नजर
अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो अब आप एक रुपए के चार्ज पर इंट्रा डे और इन्वेस्टमेंट प्लान का आइडिया पा सकते हैं। इंट्रा डे मतलब एक ही दिन में शेयर खरीदने और बेचने से होता है। सैमको ने इसी तरह का एक ऐप लांच किया है जो रियल टाइम स्टॉक ट्रेडिंग एएप है। निवेशक इसके जरिए रिस्क रेशियो पर भी नजर रख सकते हैं।
लाखों नए निवेशक बाजार से जुड़े
कोविड-19 महामारी में लाखों नए निवेशक इक्विटी मार्केट को आय के एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में देख रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद यह नहीं मालूम होता है कि आगे क्या करना है। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए सैमको सिक्योरिटीज ‘KyaTrade’ नाम से ऐप लांच किया है। यह इस इंडस्ट्री में अपनी तरह का पहला ऐप है। यह एक ऐसा ऐप है, जिस पर निवेशकों को ट्रेडिंग के आइडिया से लेकर रेकमेंडशन तक मिलते हैं।
इस ऐप पर निवेशक को नए और काफी अधिक कंविक्शन वाले इक्विटी ट्रेडिंग के साथ-साथ इंवेस्टमेंट आइडिया मिलते हैं।
पहले महीने के लिए एक रुपए का स्टार्टर पैक
KyaTrade मार्केट के इंवेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए बिल्कुल अलग-अलग सोल्यूशन पेश करता है, क्योंकि दोनों के पोर्टफोलियो, रिस्क प्रोफाइल और ऑब्जेक्टिव बिल्कुल अलग-अलग तरह के होते हैं। ग्राहक पहले महीने में मात्र एक रुपए का चार्ज देकर इंट्राडे और इंवेस्टमेंट प्लान दोनों के बेनिफिट्स ले सकते हैं।
बाजार में प्रवेश करना आसान नहीं
सैमको ग्रुप के फाउंडर एवं सीईओ जिमित मोदी ने कहा कि सैमको इक्विटी ब्रोकिंग मार्केट में निवेशकों और ट्रेडर्स की वास्तविक चुनौतियों को सुलझाने में हमेशा से आगे रहा है। हमारा मानना है कि मार्केट में प्रवेश करना आसान है क्योंकि कोई भी ब्रोकिंग और डिमैट अकाउंट खुलवाकर साइनअप कर सकता है लेकिन मार्केट को ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के जरिए जोखिम को समायोजित कर आय का स्रोत बनाना चुनौतीपूर्ण बना रहता है।
इन्वेस्टर और ट्रेडर हमेशा एक्सपर्ट्स के रेकमेंडेशन चाहते हैं। एक बार जब वे मार्केट में कोई पोजिशन ले लेते हैं तो वह शायद ही यह जान पाते हैं कि उन्हें आगे अपने ट्रेड या इंवेस्टमेंट का क्या करना है।
शेयर बाजार से फायदा कमाना आसान नहीं
सैमको सिक्योरिटीज में प्रमुख (इक्विटी रिसर्च) निराली शाह ने कहा कि शेयर बाजार से लाभ अर्जित करना कोई आसान काम नहीं है। आप ऐसे ट्रेडर्स से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं जो बहुत बड़े पैमाने पर और तमाम तरीके के रिसर्च करके इन्वेस्ट करते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह आजीविका का साधन होता है। KyaTrade आपके एंट्री के समय के रेट, पोजिशन के आकार, टार्गेट और स्टॉप लॉस को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही हमने ट्रेडर्स और निवेशकों के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाई है। इससे यह सबके लिए फायदेमंद विकल्प बन जाता है।
KyaTrade के दो सब्सक्रिप्शन प्लान हैं
KyaTrade के दो सब्सक्रिप्शन प्लान हैं। प्रतिदिन ट्रेडिंग करने वालों के लिए ‘इंट्राडे प्लान’ है। दूसरी ओर, निवेशकों के लिए ‘इंवेस्टमेंट प्लान’ है। इंट्राडे प्लान केवल सीरियस ट्रेडर्स के लिए है, जो सुबह 9.15 बजे से शाम 3.30 तक पूरी तरह समर्पित होकर ट्रेडिंग करते हैं। इसके लिए सबसे कम शुरुआती पूंजी- दो लाख रुपए है। यह केवल प्रोफेशनल ट्रेडर्स के लिए है। इंवेस्टमेंट प्लान में निवेश की शुरुआत करने वालों से लेकर सभी के लिए यह उपयुक्त है।
100 ट्रेड में पैसे नहीं बना तो फीस वापस
अगर निवेशक इन्वेस्टमेंट प्लान सिफारिश के तहत 100 ट्रेड से पैसे नहीं बना पाता है तो पूरी वार्षिक सब्सक्रिप्शन फीस रिफंड हो जाएगी। सभी श्रेणियों में हर ऑर्डर पर 20 रुपए का ब्रोकरेज शुल्क देना होगा। पहले साल के लिए कोई सालाना मैनेजमेंट चार्ज नहीं लगेगा।
5-20 ट्रेडिंग आइडिया हर दिन मिलती है
KyaTrade प्लान्स में बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर हर दिन 5 से 20 ट्रेडिंग आइडिया की सिफारिश मिलती है। आने वाले समय में अन्य श्रेणियों में भी इक्विटी कैश में नए ट्रेडिंग आइडिया जोड़े जाएंगे। इसे मासिक और वार्षिक आधार पर सब्सक्राइब किया जा सकता है। मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान की कीमत 1,500 रुपए प्रति माह और वार्षिक सब्सक्रिप्शन प्लान 9,000 रुपए प्रति वर्ष का है।
Cryptocurrency Wallet : क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या होता है? कैसे बना सकते हैं अपना खुद का वॉलेट? पढ़ें
Crypto wallets : क्रिप्टो वॉलेट एक सॉफ्टवेयर या ऐप होता है, जिसे आप अपने मोबाइल डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं. इसपर आप अपने क्रिप्टो असेट स्टोर कर सकते हैं. बस इतना ही नहीं, आप क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन के लिए इस वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Cryptocurrency Wallet : क्रिप्टो वॉलेट में आप अपने क्रिप्टो असेट स्टोर कर सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टो वॉलेट (Crypto Wallet) क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने का एक माध्यम होता है. इनमें आपकी क्रिप्टोकरेंसी private keys के जरिए सुरक्षित होती हैं और आप कई तरीके से इन्हें स्टोर कर सकते हैं, इन्हें ही वॉलेट्स कहते हैं. एक क्रिप्टो निवेशक के तौर पर ऐसा जरूरी नहीं है कि आप कॉइन्स की माइनिंग (Cryptocurrency Mining) करें, आप कॉइन्स को एक्सचेंज (Crypto Exchange) पर खरीद और बेच सकते हैं. इसके अलावा आप peer-to-peer network यानी सीधे दूसरे निवेशक के साथ उसे खरीद और बेच सकते हैं. ये करने के बाद आप कॉइन्स की 'keys' भी एक्सेस के लिए ट्रांसफर कर देते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि आखिर यह सबकुछ कैसे काम करता है.
प्राइवेट और पब्लिक Keys क्या होती हैं?
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अगर हम क्रिप्टो वॉलेट्स की बात कर रहे हैं तो यह समझना जरूरी है कि प्राइवेट और पब्लिक keys क्या होती हैं. क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन एन्क्रिप्शन तकनीक पर काम करती हैं और इस तकनीक में कुछ keys के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल होता है. पब्लिक कीज़ का इस्तेमाल उन टोकन्स को पहचानने और प्राइवेट कीज़ का इस्तेमाल उन्हें एक्सेस करने के लिए किया जाता है. इसको और सरल शब्दों में समझते हैं.
उदाहरण के लिए किसी पेमेंट ऐप को ले लीजिए. आपका पेमेंट ऐप आपका एक यूजरनेम होता है, जिससे आप अपने अकाउंट में पैसे रिसीव करते हैं. क्रिप्टो वॉलेट में पब्लिक की वही काम करती है, आप इसके जरिए टोकन रिसीव करते हैं. उसी तरह पेमेंट ऐप में आपका एक पासवर्ड होता है, जिससे आप ट्रांजैक्शन करते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, क्रिप्टो वॉलेट में ये काम प्राइवेट कीज़ का होता है.
क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट सचमुच में क्या है?
वर्चुअल करेंसी वॉलेट या क्रिप्टो वॉलेट एक सॉफ्टवेयर या ऐप होता है, जिसे आप अपने मोबाइल डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं. इसपर आप अपने क्रिप्टो असेट स्टोर कर सकते हैं. बस इतना ही नहीं, आप क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन के लिए इस वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट में पासवर्ड होता है, जिससे कि आपके क्रिप्टो असेट सुरक्षित रहते हैं.
हॉट और कोल्ड क्रिप्टो वॉलेट्स या होते हैं?
हॉट वॉलेट्स इंटरनेट पर ऑनलाइन होते हैं, जिनको आप आसानी से एक्सेस कर सकते हैं और यहां से क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बेच सकते हैं. हालांकि, इसकी सुरक्षा को लेकर थोड़ी चिंता होती है, क्योंकि ऑनलाइन एक्टिव रहने के चलते इसपर हैकिंग का थोड़ा डर रहता है. लेकिन एक्टिव ट्रेडिंग करने वाले निवेशक अपने हॉट वॉलेट में ट्रांजैक्शन में कुछ फंड हमेशा रखते हैं.
वहीं, कोल्ड वॉलेट ऑफलाइन होते हैं. आपको अपना डेटा क्लाउड पर नहीं रखना होता है, आप अपने असेट एक USB डिवाइस या हार्ड ड्राइव में सेफ रख सकते हैं. लेकिन इसमें एक दिक्कत ये है कि अगर वॉलेट में कोई दिक्कत आई और आप अपने कीज़ एक्सेस नहीं कर पाए तो आपकी कॉइन्स हाथ से हमेशा के लिए निकल जाएंगी यानी कि आपका वॉलेट और करेंसी गई. पिछले कुछ सालों में ऐसा बहुतों के साथ हुआ है कि उनका USB ड्राइव खो गया, हार्ड ड्राइव करप्ट हो गया और कॉइन्स हमेशा के लिए गायब हो गईं, इसलिए आपको इन दोनों ही वॉलेट्स के नफे-नुकसान के बारे में पहले सोच लेना होगा.
और फिर आते हैं पेपर वॉलेट्स, ये कोल्ड वॉलेट्स से भी ज्यादा कोल्ड होते हैं. इसमें प्राइवेट कीज़ पेपर पर लिखी होती हैं. इसमें हैकिंग नामुमकिन होती है. लेकिन फिर वही बात, पेपर पर लिखा कोड खराब होने या खोने के हजार तरीके हैं. या हो सकता है कि आपने कोड को कॉपी करते ही कोई गलती कर दी, जिसके बाद आपका पेपर वॉलेट ही बेकार हो जाएगा, इसलिए आपको अपने पैसे के साथ जो भी करना है, पहले रिस्क को जरूर समझ लें.
एक्सचेंज पर स्टोर करना
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर भी आप अपने क्रिप्टो असेट स्टोर कर सकते हैं, लेकिन एक एक्सचेंज अपने कॉइन्स स्टोर करने की बहुत सुरक्षित जगह नहीं होती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक एक्सचेंज को हर रोज औसतन 2.7 मिलियन डॉलर यानी 20 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होता है और आगे ये आंकड़ा बढ़ेगा.
अगर किसी प्रतिष्ठित एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग करें तो आपको सिक्योरिटी को लेकर उतनी दिक्कत नहीं आएगी. वहीं सिक्योरिटी के लिहाज से देखें तो अपने असेट को अलग-अलग जगह फैलाकर रखना ज्यादा बेहतर रहेगा.
अपना क्रिप्टो वॉलेट कैसे बनाएं
ऑनलाइन आपको बहुत से डिजिटल वॉलेट मिल जाएंगे. कई ऐसे एक्सचेंज हैं जो अपने वॉलेट्स चलाते हैं. दो सबसे ज्यादा पॉपुलर वॉलेट Exodus और Mycelium हैं. इन ऐप्स को सेटअप करना और यूज़ करना किसी भी ऑनलाइन सर्विस को यूज़ करने जैसा ही होता है. आप ऐप डाउनलोड करते हैं, अपनी डिटेल्स डालकर लॉगइन करते हैंं और उसके बाद स्क्रीन पर दिख रहे निर्देशों का पालन करते हुए अपने क्रिप्टोकरेंसी को इस वॉलेट में ट्रांसफर कर लेते हैं.
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