आपको कोरोना वायरस महामारी के दौरान बचत करनी चाहिए या निवेश करना चाहिए?
जैसे कि हम लॉकडाउन के तहत अपने-अपने घरों में बैठे है, दुनिया को एक कोरोना वायरस की महामारी से जूझते और लड़ते हुए देख रहे है, ग्लोबल दुनिया की अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार भी भीषण सफलता को प्राप्त कर रहे है׀
Table of Contents |
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क्या होगा यदि हम इस कोरोना वायरस के दौरान निवेश करे? |
क्या हो यदि हम इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान बचत करें? |
इस महामारी के दौरान घबराहट से कैसे बचें ? |
पिछले कुछ महीनों में बाज़ार ने नये नीचले स्तरों को छुआ है׀
जैसे जितने ज्यादा राष्ट्र इस बीमारी का सामना करने कि कोशिश कर रहे है, इससे विश्व की अर्थव्यवस्था का भविष्य बहुत ही अनिश्चित और अस्थिर है׀
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, एक आवश्यक प्रश्न है जो इन हालातों में हम सबके दिमाग में आता है- क्या हमें इस महामारी के दौरान बचत करनी चाहिए या निवेश करना चाहिए?
तो, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, हमें क्या करना चाहिए?
क्या होगा यदि हम इस कोरोना वायरस के दौरान निवेश करे?
बार- बार हर समय, भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी ग्लोबल मंदी का सामना किया है और इससे उबरा भी है׀
अब, जैसे कि हम इसके जैसी एक और स्थिति का सामना कर रहे है, हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए की यह समय भी निकल जाएगा׀
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इसके साथ ही, बाज़ार में किसी भी प्रकार के निवेश से पहले, हमें बाज़ार की वर्तमान अस्थिरता को भी ध्यान में रखना होगा׀
दुनिया भर के बाज़ार इस महामारी क्या आपको भी निवेश करना चाहिए के परिणामों का सामना करने के लिए मजबूर है जब तक कि भारत और कुछ अन्य देश आशाजनक लाभ नहीं दिखा देते׀
इसके अलावा, कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जो इस महामारी के बाद नुकसान झेलेंगे या लाभ कमाएँगे׀
तो इसीलिए यदि आप किसी भी क्षेत्र में निवेश करने कि योजना बना रहे है, तो उपरोक्त ब्लॉग पर अवश्य एक नज़र डाले׀
क्या हो यदि हम इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान बचत करें?
यह देखते हुए कि हम सभी एक संकट का सामना कर रहे है, इस समय पैसे की बचत करना सबसे अच्छा होगा- फिर चाहे वो आपूर्तियों के लिए हो, हॉस्पिटल के बिल के लिए या फिर हमारी सामान्य जरूरतों के लिए हो׀
जैसा की हमने पहले भी बताया है, कि किसी भी प्रकार के निवेश के लिए निर्णय लेना ठीक नहीं होगा वो भी जब आप अच्छे रिटर्न और धन-सृजन (बचत) की उम्मीद कर रहे है׀
हममें से बहुत से लोग शेयर बाज़ार को छोड़कर अपने पैसे को विभिन्न बचत योजनाओं में डाल सकते है, लेकिन यह बहुत अधिक लाभ नहीं देगा׀
इसीलिए, इस समय, यदि आप अपने पूरे धन को आपातकालीन स्थिति के लिए रखे तो बहुत ही अच्छा होगा׀
इस महामारी के दौरान घबराहट से कैसे बचें ?
जैसा कि हम उपर दर्शाए गए बातों से देख सकते है, यह बात साफ़ है कि बाज़ार कि स्थिति निवेश करने के लिए जरा मुश्किल है׀
बाज़ार की यह स्थिति में यह समय सीखने और आत्मनिरिक्षण करने का है, न कि सीधे लाभ कमाने के लिए निवेश करने का׀
यदि आप एसआईपी के द्वारा बाज़ार में निवेश करते है, आपको उन्हें होल्ड पर नहीं रखना चाहिए, लेकिन यदि आपको और लिक्विड एसेट कि आवश्यकता है तो किसी भी बड़े निवेश के निर्णय को समझदारी से ध्यानपूर्वक लेने कि आवश्यकता है या हो सके तो ऐसे निर्णय लेने से बचे׀
भले ही हम अपने घरों में सुरक्षित रह रहे है, लेकिन हम इस बात को झुटला नहीं सकते की हम सभी इस समय बहुत बुरी आपातकाल स्थिति में रह रहे है׀
कोरोना वायरस में निवेश या बचत के बारे में अधिक जानने के लिए यह वीडियो देखें –
कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति कैसी है, पैसे की बचत ने हमेशा हमारे बुरे समय में हमें सहारा ही दिया है׀ और लम्बे समय में, निवेश हमेशा किसी भी महामारी कि स्थिति से उबरने में सहायता ही करेगा׀
इस प्रश्न पर कि “क्या आपको महामारी के दौरान बचत करनी चाहिए या निवेश करना चाहिए?” आपका क्या निर्णय है यह जानने में हमारी मदद करें, इस वर्तमान परिस्थिति में आप कौन सा सुझाव देंगे- बचत या निवेश?
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Investment Tips: इस एक जगह पर निवेश करने से आप कुछ सालों में बन सकते हैं करोड़पति, जानिए कैसे !
निवेश का सिर्फ एक सही फैसला आपको कुछ सालों में ही आपके करोड़पति बनने के सपने को पूरा कर सकता है. आज के समय में निवेश के मामले में ज्यादातर एक्पर्ट्स म्यूचुअल फंड को काफी अच्छा मानते हैं.
एक कहावत है कि पैसे से पैसा बनता है यानी अगर आपको भविष्य में अमीर बनना है तो आपको निवेश करना चाहिए. निवेश भी सही जगह होना चाहिए यानी आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि आपको कहां रिटर्न करने पर कितना फायदा मिलेगा. आज के समय में निवेश के मामले में ज्यादातर एक्पर्ट्स म्यूचुअल फंड को काफी अच्छा मानते हैं. अगर आप भी बाजार की ताकत जानते हैं तो इसकी अहमियत को भी अच्छी तरह से समझते होंगे. म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप चाहें तो खुद को कुछ सालों में करोड़पति भी बना सकते हैं. जानिए कैसे ?
मात्र 5000 का निवेश भी काफी है
इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि अगर आप एक अच्छे म्यूचुअल फंड का चुनाव करके उसमें निवेश करें तो कुछ सालों में करोड़पति बनना मुश्किल बात नहीं है. अच्छे म्यूचुअल फंड से आमतौर पर सालाना 12 परसेंट तक ब्याज मिल जाता है. कई बार तो ये 14 से 15 प्रतिशत भी हो जाता है. ऐसे में आपको निवेश पर अच्छा खासा रिटर्न मिलता है. शिखा कहती हैं कि अगर आप एक अच्छे म्यूचुअल फंड में 5000 रुपए तक का मासिक निवेश करते हैं तो 12 फीसदी ब्याज के हिसाब से ये अगले 23 साल में 1 करोड़ हो जाएगा. जबकि 23 साल में आपका निवेश कुल 1380000 रुपए का होगा. अगर इंटरेस्ट रेट इससे भी अच्छा मिला तो आपका पैसा और ज्यादा यानी सवा करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा.
कैसे करें सही म्यूचुअल फंड का चुनाव
निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्यूचुअल फंड उपर्युक्त साबित होगा. उपर्युक्त म्यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्ट म्यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप क्या आपको भी निवेश करना चाहिए चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.
रिटायरमेंट के बाद पेंशन का विकल्प
म्यूचुअल फंड के जरिए आपको मासिक पेंशन भी मिल सकती है. म्यूचुअल फंड सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) के तहत आपको एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) से वापस मिलती है. अगर इसमें आपका फंड एक करोड़ है तो हर महीने 50 से 60 हजार रुपए मासिक पेंशन के रूप में मिलेंगे. वहीं 50 लाख तक का फंड होने पर 25 से 30 हजार रुपए तक मिलेंगे. अच्छी बात ये है कि इसके बाद भी आपके जमा रुपए बढ़ते रहते हैं.
SWP की शुरुआत कैसे करें
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की तरह ही सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान काम करता है. SWP की शुरुआत कभी भी की जा सकती है. अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें SWP विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं. कभी भी रेगुलर कैश फ्लो की जरूरत के लिए इसे शुरू किया जा सकता है. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.
Best Age For Invest: किस उम्र में कितनी सेविंग? 35 साल के बाद बदल जाता है फॉर्मूला, ये है गणित.
What is the best age for investment?: सच है कि आप निवेश की शुरुआत कभी भी कर सकते हैं. लेकिन उम्र के हिसाब निवेश (Invest) की राशि, रिस्क (Risk), और पोर्टफोलियो (Portfolio) का आकार बदल जाता है.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 07 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 07 दिसंबर 2022, 2:47 PM IST)
आज की तारीख में कोई 40 की उम्र में रिटायर (Retired) होना चाहता है तो कोई 50 में, कोई 60 की उम्र तक नौकरी का ख्याल मन में लेकर चलता है. लेकिन इन सबके बीच अधिकतर लोगों ऐसे होते हैं, जो रिटायरमेंट को लेकर समय रहते गंभीर नहीं होते हैं, और फिर बाद में पछताते हैं. रिटायरमेंट ही क्या आपको भी निवेश करना चाहिए नहीं, अपने फ्यूचर प्लान को लेकर ऐसे लोग लापरवाह होते हैं. अच्छी कमाई के बावजूद एक रुपये नहीं बचा पाते हैं. क्योंकि वे सेविंग को गंभीरता से नहीं लेते हैं.
आइए आज हम आपको बताते हैं, किस उम्र में निवेश की शुरुआत (How to Investment) कर देना चाहिए. हालांकि ये सच है कि आप निवेश की शुरुआत कभी कर सकते हैं. लेकिन उम्र के हिसाब निवेश (Invest) की राशि, रिस्क (Risk), और पोर्टफोलियो (Portfolio) का आकार बदल जाता है. अक्सर लोग 25 की उम्र से जॉब शुरू कर देते हैं, कुछ लोग 30 तक शुरुआत करते हैं.
लेकिन क्या पहली नौकरी के साथ निवेश का पहला कदम बढ़ा देना क्या आपको भी निवेश करना चाहिए चाहिए? किस उम्र में कितना निवेश करना चाहिए? क्या पारिवारिक बोझ आने के बाद ही निवेश शुरू करना चाहिए? वित्तीय जानकारों का कहना होता है कि प्राइवेट जॉब (Private Job) वालों को पहली नौकरी से निवेश के बारे में सोचना चाहिए. इसके दो फायदे हैं, पहला- कम उम्र में मोटी रकम जुटा लेंगे और दूसरा- जब कम उम्र से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो निवेश के लिए वक्त ज्यादा मिल जाएगा, जिससे कम निवेश से भी बड़ा फंड बन जाएगा.
उम्र 25 से 35 साल वालों के लिए ये फॉर्मूला.
इस उम्र में लोग जिंदादिल होते हैं. कम कमाते हैं. लेकिन बेफिक्र होकर खर्च करते हैं. यह जिंदगी का लुत्फ उठाने वाली उम्र है. इसलिए अधिकतर लोग इस उम्र में पैसे बचा नहीं पाते. जब बचा नहीं पाते हैं तो फिर सेविंग का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन अगर इस उम्र से निवेश शुरू कर दें, तो फिर किसी भी वित्तीय लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं.
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उदाहरण के तौर पर 25 साल का युवा हर महीने केवल 2000 रुपये का SIP करता है, और यह सिलसिला 60 की उम्र तक जारी रहता क्या आपको भी निवेश करना चाहिए है तो फिर उसके पास 1 करोड़ 35 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. यह आकलन 12 फीसदी ब्याज पर आधारित है. जबकि इससे भी ज्यादा पैसे बनाए जा सकते हैं.
इसलिए 25 से 35 साल की उम्र वालों के लिए रिटायरमेंट पर 2 करोड़ रुपये पाने के लिए रास्ता बेहद आसान होता है. 35 साल वाले को हर महीने केवल 10 हजार के निवेश पर 2 करोड़ रुपये मिल सकता है. जबकि 25 साल वाले तो केवल 3 हजार महीने की SIP पर 60 साल के बाद 2 करोड़ रुपये जुटा लेंगे. कल्पना कीजिए अगर कोई 25 साल की उम्र से ही हर महीने 10 हजार रुपये की SIP शुरू कर दे तो 60 की उम्र में करीब 5 करोड़ रुपये जुटा लेंगे. क्योंकि 25 साल के युवा को 35 साल तक निवेश का मौका मिल जाएगा, चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से 35 साल में बड़ा फंड हासिल हो जाएगा.
35 से 50 वर्ष के लोगों के लिए ये नियम.
35 वर्ष की उम्र तक अधिकतर लोग सेटल हो चुके होते हैं. इस उम्र में लोग अपने लक्ष्य (Target) को गंभीर हो जाते हैं. घर, गाड़ी, रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई और उसकी शादी जैसी जिम्मेदारियां आ जाती हैं. ऐसे में उन्हें कम समय में ज्यादा पैसा चाहिए होता है. अगर किसी की उम्र 40 साल है तो फिर उसे अगले 20 साल में इतने पैसे चाहिए कि हर जरूरतें पूरी हो सके. ऐसे में एक ही रास्ता है मोटा निवेश. केवल 5-10 हजार रुपये महीने निवेश कर सभी गोल हासिल नहीं हो सकते. साथ ही इस उम्र में रिस्क लेने की क्षमता भी कम हो जाती है.
अगर कोई 40 साल की उम्र से SIP शुरू करता है फिर 60 साल की उम्र में 2 करोड़ रुपये पाने के लिए उन्हें हर महीने कम से कम 20 हजार रुपये की SIP करनी होगी. 45 साल वाले को हर महीने 40 हजार रुपये जमा करने होंगे, जो इस उम्र में थोड़ा मुश्किल हो जाता है. वहीं अगर कोई 10 साल में कोई 2 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है तो उसके लिए उसे हर माह 90 हजार की SIP करनी होगी, जो कि हर किसी के लिए संभव नहीं है. यह आंकलन क्या आपको भी निवेश करना चाहिए क्या आपको भी निवेश करना चाहिए 12 फीसदी ब्याज पर आधारित है. इसलिए निवेश के लिए सही उम्र 25 से 35 साल ही है. इस उम्र में बिना बोझ छोटी राशि जमा कर आप रिटायरमेंट पर मोटी फंड जुटा सकते हैं.
निवेश के लिए केवल SIP को ही नहीं चुनें. सारा पैसा कहीं एक स्थान पर लगाने की बजाए कई अलग-अलग स्थानों पर लगाएं. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड करके जोखिम को घटा सकते हैं. कुछ लोग आज के दौर में सीधे इक्विटी मार्केट (Equity Market) में पैसे लगाते हैं, जिसमें रिटर्न की उम्मीद ज्यादा होती है. लेकिन यहां जोखिम भी अधिक रहता है.
(नोट: शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
Mutual Fund: 12 साल में 12% ब्याज पर रिटायरमेंट के लिए, 5 करोड़ रुपये; क्या आपको निवेश करना चाहिए?
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर दिखाता है कि म्यूचुअल फंड निवेश में चक्रवृद्धि की शक्ति धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर देती है लेकिन समय बीतने के साथ यह सुपर स्पीड हासिल करता है, आश्चर्यजनक त्वरित समय में आपके धन को गुणा करता है। हालांकि कुछ जोखिम और सैकड़ों म्यूचुअल फंड निवेश विकल्प हैं, यदि आप एक विजेता फंड की पहचान करने का प्रबंधन करते हैं तो आप सभी वित्तीय लक्ष्यों तक तेजी से पहुंच सकते हैं। यह स्वयं के शोध और पेशेवर सलाह की मदद से संभव है।
अब मान लीजिए आपने पहले से ही एक अच्छे फंड की पहचान कर ली है जो 12% वार्षिक रिटर्न दे सकता है और आप सेवानिवृत्ति के लिए करोड़ों रुपये जमा करना चाहते हैं। इस सेवानिवृत्ति लक्ष्य तक पहुंचने में कितना समय लगेगा?
जबकि बैंक सावधि जमा जैसे सामान्य निवेशों में 1 करोड़ रुपये तक पहुंचने में उम्र या बहुत बड़ा प्रारंभिक निवेश हो सकता है, म्यूचुअल फंड आपको 25 साल से कम समय में 5 करोड़ रुपये तक प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं, बशर्ते आप रुपये का निवेश करने के लिए तैयार हों। 30,000 प्रति माह एसआईपी के रूप में और फंड से वार्षिक रिटर्न 12% है। दिलचस्प बात यह है कि 1 रुपये से 5 करोड़ रुपये तक के सफर में सिर्फ 12 साल लगेंगे। आप चक्रवृद्धि ब्याज गणना का उपयोग करके स्वयं गणना कर सकते हैं।
12% वार्षिक ब्याज और 30,000 रुपये/महीने के एसआईपी पर, आपको पहले करोड़ तक पहुंचने में लगभग 12 साल लगेंगे। 1 रुपये से 2 करोड़ रुपये तक की यात्रा में और 5 साल लगेंगे, और उसके बाद आपकी म्यूचुअल फंड आय चक्रवृद्धि की शक्ति के साथ टर्बोचार्ज हो जाएगी। 3 करोड़ तक पहुंचने में आपको सिर्फ 3 साल लगेंगे जबकि 3 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये तक का सफर सिर्फ 2 साल 3 महीने में खत्म हो जाएगा। इसके बाद एक बड़ा आश्चर्य होगा क्योंकि आप 2 साल से भी कम समय में 5 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएंगे।
म्यूचुअल फंड को शेयरों की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है क्योंकि वे आपको एकल फंड के माध्यम से कई कंपनियों या शेयरों में निवेश में विविधता लाने की अनुमति देते हैं।
"उचित समझ के साथ, म्यूचुअल फंड किसी भी समय सबसे सुरक्षित निवेश रणनीति है। उच्च मुद्रास्फीति और भालू बाजार के बीच भी, म्यूचुअल फंड में निवेश करना सुरक्षित है क्योंकि निवेश लंबी अवधि के लिए हैं और अल्पकालिक उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए, "रचित चावला, सीईओ फिनवे एफएससी कहते हैं।
"हालांकि मुद्रास्फीति उन लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है जिनके पास बैंक खाते में पैसा है, यह उन लोगों को प्रभावित नहीं करेगा जिन्होंने लंबे समय तक स्मार्ट निवेश किया है। हालांकि उच्च मुद्रास्फीति के परिणामस्वरूप अल्पावधि में उच्च बाजार अस्थिरता हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में नए अवसरों को खोलना निश्चित है; यही वह जगह है जहां म्यूचुअल फंड निवेश लाभदायक हो जाता है, "उन्होंने आगे कहा।
"धन सृजन के लिए निवेश विकल्प के रूप में म्यूचुअल फंड कंपाउंडिंग, रुपये की औसत लागत, आसान तरलता, पेशेवर प्रबंधन, विविधीकरण, विविधता, सुविधा के साथ-साथ सख्त सरकारी नियमों और पूर्ण प्रकटीकरण के साथ हो सकते हैं और विशेषज्ञों द्वारा अपेक्षाकृत कम राशि की आवश्यकता होती है। एक निवेश शुरू करें, "पाल्का अरोड़ा चोपड़ा, मास्टरट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कहते हैं।
"मौजूदा परिदृश्य में जब केंद्रीय बैंक अपनी बैलेंस शीट को निचोड़ रहे हैं और बढ़ती मुद्रास्फीति और उच्च कमोडिटी की कीमतों के कारण दरें बढ़ा रहे हैं, निवेशकों को अपनी व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) को चालू रखना चाहिए और यदि बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो मूल्यांकन ऐतिहासिक से नीचे गिर जाता है। औसत, उन्हें धीरे-धीरे अपने इक्विटी आवंटन को नियंत्रित तरीके से बढ़ाना चाहिए, "वह आगे कहती हैं।
चोपड़ा का सुझाव है कि एक निवेशक जो इक्विटी में कम निवेश करता है, क्या आपको भी निवेश करना चाहिए उसे मौजूदा बाजार सुधार का लाभ उठाना चाहिए और अधिक इक्विटी को शामिल करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना शुरू करना चाहिए।
Investment Tips : नहीं रखा पोर्टफोलियो का खास ख्याल तो छू-मंतर हो जाएगा मुनाफा, कभी ना भूलें ये 5 बातें
Investment Tips : अगर आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) को चेक नहीं करते हैं और सही कदम नहीं उठाते हैं, तो इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप अपने मुनाफे को गंवा रहे हैं। मार्केट को टाइम करना, निवेश को रोक देना और निवेश को दोबारा शुरू करना ऐसे कदम हैं जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Investment Tips : निवेशक हमेशा ध्यान रखें ये बातें
हाइलाइट्स
- निवेशक को समय-समय पर मुनाफा निकालते रहना चाहिए
- निवेश करते समय टैक्स देनदारी का ध्यान रखना भी जरूरी
- पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी का जरूर रखें ध्यान
2. लिक्विडिटी का ध्यान रखें
किसी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में लिक्विडिटी (Liquidity) पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। निवेशक रिटर्न और सेफ्टी को लेकर काफी जागरुक रहते हैं, लेकिन लिक्विडिटी को भूल जाते हैं। किसी भी समय आपके पोर्टफोलियो में पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। आप नहीं जानते कि कब कोई फाइनेंशियल इमरजेंसी आप पर आ जाए। महामारी का समय हमें याद दिलाता है कि हमारे पास हमेशा पर्याप्त लिक्विडिटी होनी चाहिए। अर्थात आपके पास हमेशा कुछ राशि ऐसी जगह हो, जहां से आप उसे कभी भी क्या आपको भी निवेश करना चाहिए बिना कोई नुकसान उठाए निकाल सकें।
3. रिस्क लें लेकिन सोच-समझकर
अगर निवेशक लंबे समय से अपने पोर्टफोलियो पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो वे खुद को बड़े जोखिम में डाल रहे हैं। निवेश की रिस्क प्रोफाइल (Risk Profile) समय के साथ बदलती रहती है। म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को देखें, तो ये अपने मेंडेट्स बदलते रहते हैं और दूसरी कैटेगरीज में जाते रहते हैं। वे खुद को ओरिजनल रिस्क प्रोफाइल के साथ बांध कर नहीं रखते हैं। यहां तक की नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी निवेश नियमों में बदलाव करती रहती है। डेट फंड (Debt Fund) में यह महत्वपूर्ण होता है कि लिक्विडिटी या क्रेडिट प्रोफाइल में किसी भी गड़बड़ पर ध्यान दिया जाए। इसलिए आपको अपने निवेश की रिस्क प्रोफाइल में किसी भी बदलाव पर गौर करना चाहिए और सही कदम उठाना चाहिए।
4. मुनाफे निकालते रहें
अगर आप समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को चेक नहीं करते हैं और सही कदम नहीं उठाते हैं, तो इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप अपने मुनाफे को गंवा रहे हैं। मार्केट को टाइम करना, निवेश को रोक देना और निवेश को दोबारा शुरू करना ऐसे कदम हैं जो आपके पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप इक्विटी (Equity) में निवेश करते हैं तो टार्गेट (Target) और स्टॉपलॉस (Stoploss) रखना बेहतर है। इससे आप अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं। गिरावट का अंदेशा होने पर फ्रेश मार्केट पीक में बिकवाली करने वाला निवेशक अपने फैसले पर पछताता नहीं है। अगर बाजार नई ऊंचाई की ओर बढ़ता है, तो वह निवेशक फिर से बाजार में पैसा लगा सकता है। बाजार में तेजी को पकड़ने के लिए लगातार निवेश करते रहना एक सही फैसला है।
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5. ज्यादा टैक्स कम कर देगा आपका रिटर्न
निवेश आय (Investment Income) पर अधिक टैक्स देनदारी एक ऐसी गलती है जो अक्सर लोगों के पोर्टफोलियो में मिल जाती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो क्या आपको भी निवेश करना चाहिए निवेश विकल्प का चयन करते समय टैक्स देनदारी पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में टैक्स देनदारी के चलते उनका रिटर्न काफी कम रह जाता है। जब भी आप किसी निवेश विकल्प का चुनाव करें, तो ध्यान दें कि निवेश राशि, ब्याज आय (Interest Income) और मैच्योरिटी की रकम (Maturity Amount) पर क्या टैक्स देनदारी बन रही है। हमें कम से कम टैक्स देनदारी वाले निवेश विकल्प को चुनना चाहिए। कई स्मॉल स्कीम्स ऐसी भी हैं, जहां निवेशक पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती है। ऐसे निवेश विकल्प EEE स्टेटस के साथ आते हैं। अर्थात यहां निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की रकम तीनों पर टैक्स छूट मिलती है।
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