'विदेशी मुद्रा भंडार'
देश का विदेशी मुद्रा भंडार में 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त में रहा. सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.9 अरब डॉलर बढ़कर 550.14 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़ों के अनुसार, बीते साल भर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 116 अरब डॉलर घटा है.दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपये को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है.
भारत से लेकर चेक गणराज्य तक के केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का समर्थन करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग वर्ष 2003 से इसका डाटा एकत्र कर रहा है और उसके मुताबिक यह अब तक की सबसे विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट बड़ी गिरावट है.
भारत के घटते विदेशी मुद्रा भंडार पर चिंता जताते हुए अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने गुरुवार को दावा किया कि अगर इस समस्या की अनदेखी की जाती रही, तो आगे चलकर देश को पड़ोसी श्रीलंका जैसे भीषण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और विशेष विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आहरण अधिकार (SDR) में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.23 अरब डॉलर कम होकर लगातार छठे सप्ताह गिरता हुआ 550.9 अरब डॉलर रह गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 7.9 अरब डॉलर उतरकर 553.1 अरब डॉलर रहा था.
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 571.56 अरब डॉलर था. हालांकि 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.152 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के रास्ते पर नहीं जाएगी. हालांकि, उन्होंने तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट पर चिंता व्यक्त की.
पाकिस्तान स्टेट बैंक के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारी दबाव में है, जो छह मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 19 करोड़ डॉलर घटकर 10.308 अरब डॉलर रह गया है.
पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट को हल करने की कोशिश करते हुए श्रीलंका की नकल कर रहा है, अपनी पिछली गलतियों के साथ-साथ वर्तमान में घरेलू स्तर पर होने वाली घटनाओं पर पाकिस्तान की सरकार ध्यान नहीं दे रही है. साथ ही पाकिस्तान उन सबक की अनदेखी कर रहा है जो वो श्रीलंका से सीख सकता था. ट्रू सीलोन की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका की तरह ही पाकिस्तान भी महत्वाकांक्षी राजनीतिक नेतृत्व और अत्यधिक बाहरी उधार के परिणामस्वरूप आर्थिक तौर पर लगातार कमजोर हो रहा है. संभव है कि आने वाले समय में श्रीलंका की ही तरह पाकिस्तान भी विदेशी मुद्रा भंडार, भोजन, ईंधन और दवाओं की कमी जैसे संकट से जूझ सकता है.
श्रीलंका (Sri Lanka) 1948 में ब्रिटेन से आजादी पाने के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा के भंडार कम होने के बाद पेट्रोल-डीजल की खासी कमी हो गई है.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी आंकड़ों के अनुसार देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया. इसकी प्रमुख वजह देश के स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर हो गया था, जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी.
एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है.
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गयीं. डॉलर में दर्शाए जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों यानि फॉरेन करंसी एसेट्स में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है.
आंकड़ों के अनुसार मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है. आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया.
घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया.
Published: August 13, 2022 4:25 PM IST
भारत के विदेश मु्द्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया. 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार चार सप्ताह पहले गिरने के बाद यह गिरावट देखी गई है. इस सप्ताह विदेशी मुद्रा संपत्ति में 1.611 अरब डॉलर की गिरावट के कारण 509.646 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है.
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विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) जो कि आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है. वह अमेरिकी ट्रेजरी बिल जैसी संपत्तियां हैं, जिन्हें आरबीआई ने विदेशी मुद्राओं का उपयोग करके खरीदा है. एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा पुर्जा है. इस बीच, हालांकि, 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 67.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.313 अरब डॉलर हो गया.
स्पेशल ड्रॉविंग विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट राइट्स (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह में 30 लाख डॉलर घटकर 4.987 बिलियन डॉलर हो गई.
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विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में इस बार भी विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज हुई बढ़त
राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा के आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करता आया हैं। इस साल इन आंकड़ों में ज्यादातर गिरावट ही देखने को मिलती रही है। इस साल की शुरुआत में 2 बार बढ़त के बाद इसमें लगातार गिरावट बनी हुई है।वहीँ, पिछली बार दर्ज हुई बढ़त के बाद इस बार इसमें फिर से बढ़त दर्ज हुई है। इसके अलावा यदि स्वर्ण भंडार की बात की जाए तो उसका हाल भी कुछ कुछ विदेशी मुद्रा भंडार जैसा ही रहा है। इस बार RBI द्वारा जारी हुए आंकड़ो के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार दोनों में बढ़त दर्ज हुई है।
RBI के ताजा आंकड़े :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में 14.73 अरब डॅालर बढ़कर 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। जबकि, 4 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में 529.99 अरब डॅालर पर था। उससे पिछले सप्ताह यानी 28 अक्टूबर 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़त लगभग लगातार दर्ज हो रही है,गिरावट के बाद पहली बार बढ़त दर्ज हुई। उस समय दर्ज हुई बढ़त से पहले दर्ज हुई गिरावट पर विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।
गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :
बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं, अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर पर जा पहुंची हैं। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।
आंकड़ों के अनुसार FCA और SDR :
रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 11.8 अरब डॅालर बढ़कर 482.53 अरब डॅालर रह गई है।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :
विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।
अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।
यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।
विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.5 अरब डॉलर की गिरावट
New Delhi: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने शुक्रवार को बताया है कि 14 अक्टूबर को ख़त्म होने वाले हफ़्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4.5 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट के साथ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 528.37 अरब डॉलर हो गया है.
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20 करोड़ डॉलर की हुई थी वृद्धि
हालांकि इससे पिछले वाले हफ़्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में 20 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी. इस साल अगस्त के बाद से वो पहला मौका था जब किसी हफ़्ते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा देखा गया था. मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के साथ अब तक के अपने सर्वोच्च स्तर पर था.
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