Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ

भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

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खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।

केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।

Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

Dash coin: डैश एक और क्रिप्टोक्यूरेंसी है जो अपने उपयोगकर्ताओं को गुमनामी प्रदान करता है। डैश सिक्का अपने व्यापारियों को लेनदेन निजी हैं या नहीं यह चुनने की अनुमति देता है। इसकी PrivateSend सुविधा उपयोगकर्ताओं को कुछ देशों के नियामक मानकों के खिलाफ सिक्कों का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने की अनुमति देता है।CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक डैश 192.56 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

Zcash (ZEC): Zcash खुद को मार्केट लीडर बिट कॉइन की तुलना में अधिक उन्नत टोकन होने का दावा करता है। अपनी बढ़ी हुई सुरक्षा और गोपनीयता सुविधाओं को रेखांकित करते हुए, ZEC दुनिया में डिजिटल मुद्रा का सबसे सुरक्षित रूप होने का दावा करता है। जीरो-नॉलेज प्रूफ क्रिप्टोग्राफिक टूल को लागू कर प्रतिभागियों को लेनदेन को ढालने का विकल्प प्रदान प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है करता है। ZEC को सही मायने में सर्वश्रेष्ठ निजी क्रिप्टोकरेंसी में से एक माना जाता है। CoinMarketCap के अनुसार, 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Zcash USD 256.42 पर कारोबार कर रहा था।

Verge (XVG): Verge अभी तक एक और निजी सिक्का है जो उपयोगकर्ता की पहचान छुपाता है। हालांकि, XVG उपयोगकर्ताओं की पहचान की सुरक्षा के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के बजाय द ओनियन राउटर (टीओआर) और अदृश्य इंटरनेट प्रोजेक्ट (I2P) की मौजूदा और परीक्षण की गई तकनीक का उपयोग करता है। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक Verge USD 0.02464 पर कारोबार कर रहा था।

Beam: ये एक टोकन है जो मुख्य विशेषताओं के साथ सुरक्षा पर बहुत अधिक केंद्रित है जिसमें उपयोगकर्ता की गोपनीयता पर पूर्ण नियंत्रण शामिल है। बीम पर सभी लेन-देन का डिफ़ॉल्ट रूप से निजी होने का दावा किया जाता है। ब्लॉकचेन कोई पता या अन्य निजी जानकारी संग्रहीत नहीं करता है।

अधिक निजी क्रिप्टोकरेंसी

  • Grin
  • Horizen (ZEN)
  • ByteCoin (BCN)
  • Firo (FIRO)
  • Super Zero Protocol (SERO)
  • BTCX India
  • UCoin
  • Delta

बिटकॉइन जैसे बड़े सिक्के अधिकारियों द्वारा आसानी से खोजे जा सकते हैं, ऊपर बताए गए निजी सिक्के डेटा को सुरक्षित रखने का दावा करते हैं। सभी शीर्ष निजी सिक्के कई हैकिंग प्रयासों को भी रोकते हैं। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और नियामकों द्वारा ऐसे सिक्कों के बड़े लेन-देन किए जाने वाले लोगों की जांच कर सकता है। बड़े लेनदेन करते समय पहचान छिपाकर रखना चिंता का विषय है। भारत सरकार अब इन सिक्कों पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई के डिजिटल पैसे को स्थापित करने पर विचार करेगी।

Cryptocurrency Bill : क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्रिप्टो पर कैसे काबू पाएगी सरकार? जानें सबकुछ

Cryptocurrency Bill Latest News : मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी. यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है.

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Cryptocurrency Bill : क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्रिप्टो पर कैसे काबू पाएगी सरकार? जानें सबकुछ

Cryptocurrency Bill News : भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. सरकार की ओर से इस पर घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी. यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है.

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बता दें कि कल इस खबर के आने के बाद रात 11:45 बजे सभी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही थी. Bitcoin जहां 17 फीसदी तक गिर गया था, वहीं Ethereum में 15 फीसदी की गिरावट देखी जा रही थी. मार्केट कैप के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो तो Tether तो 18 फीसदी तक गिर गया था.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्या है इसका उद्देश्य?

सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है. इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को प्रमोट करने के लिए कुछ अपवाद रखे जाएंगे.

इस शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 बिल पेश कर सकती है. इसके लिए 26 बिल लिस्ट किए गए हैं.. इसी दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी का नियमन सुनिश्चित करने वाला यह क्रिप्टो बिल भी पेश किया जाएगा.

पिछले हफ्ते हुई थी बैठकें

बता दें कि बिल लाने के फैसले पर सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा तब आई है, जब अभी पिछले हफ्ते ही इस संबंध में पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी. 16 नवंबर को वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया था और इस मीटिंग में यह आम राय निकल सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है.

पीएम मोदी ने भी इसके पहले कई मंत्रालयों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. वहीं, पिछले गुरुवार को सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टो को लेकर सरकार के इरादे साफ जाहिर कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि 'क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.'

RBI और SEBI की भी टेढ़ी निगाहें

वहीं, RBI तो कई बार इस बाजार को लेकर चिंता जाहिर कर चुकी है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी पिछले हफ्ते कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है. दास ने कहा, ‘आंतरिक विमर्श के बाद आरबीआई की यह राय है कि वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं हैं और इनके बारे में गहन चर्चा करने की जरूरत है.' उन्होंने चलन में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी की मात्रा पर संदेह जताते हुए कहा कि निवेशकों को इसके जरिये लुभाने की कोशिश की जा रही है. क्रिप्टो खाते खोलने के लिए ऋण भी दिए जा रहे हैं.

वहीं बाजार नियामक संस्था Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने भी रिटेल निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में अनियमित क्रिप्टोकरेंसी बाजार के तेज ग्रोथ को लेकर चिंताएं जताई थीं.

Video : कॉफी एंड क्रिप्टो - भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हलचल तेज, मिल सकता है ऐसेट क्लास का दर्जा

Cryptocurrency पर सख्ती. क्या उसके बाद भी लगाया जा सकेगा पैसा? क्या होगा असर

Cryptocurrency में पैसे लगाने का ट्रेंड पिछले कुछ टाइम में काफी पॉपुलर हुआ है. ऐसे में आपको कई लोग मिल जाएंगे जिन्होंने इसमें पैसे लगा रखे हैं. इस पर बैन लगाने की बात सामने आते ही Cryptocurrency काफी तेजी से नीचे गिरीं.

Bitcoin

सुधांशु शुभम

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 12:32 PM IST)
  • Cryptocurrency को लेकर चर्चा तेज हो गई है
  • इसको लेकर सरकार एक बिल लाने वाली है

Cryptocurrency को लेकर चर्चा तेज हो गई है क्योंकि भारत सरकार एक बिल लाने वाली है. संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' (The Cryptocurrency & Regulation Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लाए जाने की बात हो रही है.

बिल में ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बनाने की बात भी कही गई है जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगा. बिल के अनुसार भारत में कुछ करेंसी को छोड़कर सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर भी बैन लगा दिया जाएगा. इस बार शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है.

क्रिप्टोकरेंसी बैन को लेकर Zerodha के को-फाउंडर Nikhil Kamath ने भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि अगर सरकार सर्कुलेशन में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी को बैन करती है तो क्या होगा. इसी तरह का सवाल उनके मन में भी है जिन्होंने इसमें पैसे लगाए हैं.

Cryptocurrency में पैसे लगाने का ट्रेंड पिछले कुछ टाइम में काफी पॉपुलर हुआ है. ऐसे में आपको कई लोग मिल जाएंगे जिन्होंने इसमें पैसे लगा रखे हैं. इसको लेकर कोई ऑफिशियल डेटा उपलब्ध नहीं है लेकिन इंडस्ट्री के अनुसार भारत में 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इनवेस्टर्स हैं. इन सभी का टोटल क्रिप्टो होल्डिंग लगभग 400 अरब रुपये का है.

भारत सरकार लगातार इस पर नजर बनाए हुए थे. पिछले हफ्ते सिडनी संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसपर चर्चा की थी. उन्होंने कहा इस बात का सभी देशों को ध्यान रखना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथ में ना पड़े. इससे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा.

इससे पहले पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक अहम बैठक की गई थी. इस बैठक में क्रिप्टो मार्केट के रेगुलेशन और इससे जुड़ी दूसरी चीजों पर चर्चा की गई. अब इस पर बैन की खबर आते ही Cryptocurrency की वैल्यू काफी तेजी से घट गई.

बंद हो जाएगा ट्रांजैक्शन

भारत में अगर बिल लाकर सरकार इसे बैन कर देती है तो आपके बैन और क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच ट्रांजैक्शन बंद हो जाएगा. आप लोकल करेंसी को क्रिप्टो खरीदने में यूज नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा आप उन्हें इनकैश भी नहीं करवा सकते हैं. बैन होने के बाद इसमें जिनलोगों ने पैसे लगा रखे हैं उनका क्या होगा ये एक बड़ा सवाल है. इसका जवाब बिल पेश होने के बाद ही मिल पाएगा.

अभी भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर कोई रेगुलेशन या बैन नहीं है. हालांकि, अभी कुछ टाइम में इसके एडवरटाइजमेंट काफी तेजी बढ़े हैं. इसमें फिल्म स्टार्स को भी फीचर किया जाता है और इनवेस्टमेंट पर हाई-रिटर्न देने की बात कही जाती है.

2008 में Bitcoin के शुरू होने के बाद अभी सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग हो रही है. बैन के बाद इसमें पैसा लगाना आम लोगों के मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, ये माना जा रहा है कि सरकार कुछ क्रिप्टोकरेंसी को जारी रख सकती है. इसे आप आसानी से खरीद या बेच सकते हैं.

Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है

Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.

Digital Rupee क्या है और क्रिप्टोकरेंसी से ये कैसे अलग है?

अभिषेक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)

RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.

डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.

इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.

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क्या है डिजिटल रुपया?

इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.

इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.

यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.

आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.

क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?

एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.

वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.

क्या हैं इसके फायदे?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.

जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.

कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?

इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है

धन महोत्सव

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: क्रिप्टो
  • Reading time: 3 mins read

वर्तमान समय में निवेश की दृष्टि से क्रिप्टोकरेंसी सबसे लोकप्रिय शब्द है। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक है।

क्रिप्टो में निवेश करने के कई तरीके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी दो मुख्य प्रकार की होती है, यदि नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

ऑनलाइन बिटकॉइन कमाने के बेहतरीन तरीके के बारे में जानकर आप क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन कमा सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार (Types of Cryptocurrencies)

मुख्य रूप से दो प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी होती है सार्वजनिक और निजी (Public और Private Cryptocurrency)।

निवेश के लिए इन दोनों में अंतर जानना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि भविष्य में आपके निवेश का रिटर्न इसी पर निर्भर करता है।

आइए जानते हैं निजी और सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर के बारे में।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी (Public Cryptocurrency)

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं जिसके लेनदेन एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं और पूरी तरह से पारदर्शी होते हैं।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में यह पता लगाया जा सकता है कि मुद्रा किस-किस के पास से होकर गुजरी है, ताकि कोई कर (टैक्स) चोरी और काले धन की कालाबाजारी ना कर सके।

सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी में आपका निवेश भी इसकी पारदर्शिता के कारण सुरक्षित माना जाता है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी (Private Cryptocurrency)

निजी क्रिप्टोकरेंसी वह डिजिटल मुद्राएं हैं जिसके लेनदेन सार्वजनिक रूप से नहीं किए जाते हैं और पारदर्शी नहीं होते हैं।

आपस में लिंक नहीं होने से पैसों की कालाबाजारी हो सकती है। लेन-देन के मामले में निजी सिक्के अधिक निजी और गोपनीय होते हैं, इसलिए उन पर कानूनी नजर रखना लगभग असंभव है।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में कर चोरी और अन्य धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है लेकिन यह आपकी प्राइवेसी के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन के चलते बाजार में हर दिन नई क्रिप्टोकरेंसी लिस्ट हो रही है।

हम आपको पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी के कुछ उदाहरण (Examples of public and private cryptocurrencies) बता रहे हैं जो आपके क्रिप्टो निवेश के लिए लाभदायक हो सकते है।

पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. बिटकॉइन (Bitcoin)
  2. ईथर (Ether)
  3. एक्सआरपी (XRP)
  4. कार्डानो (Cardano)
  5. टेलर (Taylor)
  6. लाइटकॉइन (Litecoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

  1. मोनेरो (Monero)
  2. दश (Dash)
  3. ज़कैश (Zcash)
  4. वर्ज (Verge)
  5. बीम (Beam)
  6. बाइटकोइन (Bytecoin)
  7. फ़िरो (Firo)
  8. बीटीसीएक्स इंडिया (BTCX India)
  9. डेल्टा (Delta)
  10. यूकोइन (Ucoin)

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं (Features of Private Cryptocurrency)

  • उपयोगकर्ता की गोपनीयता बनी रहती है और डेटा सुरक्षित रहता है।
  • निवेशक सुरक्षा के लिहाज से निजी क्रिप्टोकरेंसी को बहुत अच्छा माना जाता है।
  • ये उपयोगकर्ता के निवेश और पते का खुलासा करने की अनुमति नहीं देते हैं।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक निजी ब्लॉकचेन के आधार पर चलती है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्राइवेट टोकन भी कहा जाता है।
  • निजी क्रिप्टोकरेंसी काले धन को बढ़ावा दे सकती है।
  • सरकार का पूर्ण नियंत्रण न होने से धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।
  • इसलिए सरकार इसे नियंत्रित करना चाहती है और लोगों के लिए इसे आसान बनाना चाहती है।

क्रिप्टो करेंसी दो प्रकार की होती हैं, सार्वजनिक और निजी, दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उनके बारे में विस्तार से जान लेना चाहिए।

आप इनके बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

हम आशा करते हैं कि यह पोस्ट आपके लिए क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारी के लिए उपयोगी साबित होगी।

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