करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स
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दुनिया में सबसे ज्यादा चलती हैं ये 5 करेंसी, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खात बातें
दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं.
दुनियाभर में इन करेंसी का चलन सबसे ज्यादा है, व्यापार भी इनमें ही होता है. (फाइल फोटो)
दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं. आज हम आपको बताएंगे दुनिया भर की ऐसी ही पांच करंसी के बारे में जो सबसे अधिक चलन में हैं. 1934 में फेडरल नोट प्रेस ने एक लाख डॉलर का नोट छापा था, उस पर करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स पूर्व राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन की फोटो नजर आती है. वह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत वाला नोट था. अमेरिकी मुद्रा डॉलर आज दुनियाभर में चलती है और ज्यादातर व्यापार भी इसी से होता है. सबसे पसंदीदा मुद्रा डॉलर ही है.
आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये 5 करंसी-
1- अमेरिकन डॉलर
अमेरिकन डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक मुद्रा है. जिस तरह भारत में 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिका में एक डॉलर में 100 सेंट होते हैं. 50 सेंट के सिक्के को आधा डॉलर कहा जाता है. पच्चीस सेंट के सिक्के को क्वार्टर कहकर बुलाया जाता है. अमेरिका में 10 सेंट के सिक्के को डाइम कहते हैं और पांच सेंट के सिक्को को निकल कहा जाता है. एक सेंट को अमेरिका में पैनी भी कहा जाता है. डॉलर के नोट 1, 5, 10, 20, 50 और 100 डॉलर में मिलते हैं.
कीमत
1 डॉलर= 71.58 रुपए (19 फरवरी 2019)
2- यूरो
यूरो यूरोपियन संघ के 28 में से 18 सदस्य देशों की मुद्रा है. इन देशों को सामूहिक रुप से यूरोजोन कहा जाता है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, इस्टोनिया, फिनलैंड, फांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लग्जम्बर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, लातविया, स्लोवाकिया और स्पेन शामिल हैं. इन देशों के अलावा पांच अन्य यूरोपियन देश हैं, जो यूरो को अपनी करेंसी के रुपए में इस्तेमाल करते हैं.
यह करेंसी अमेरिका के डॉलर के बाद करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स दुनिया की सबसे अधिक ट्रेड की जाने वाली करेंसी है. इसके साथ ही यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी भी है. इस करेंसी का नाम यूरो (Euro) 16 दिसंबर 1995 को रखा गया. ग्लोबल मार्केट में इसे यूरोपियन करेंसी यूनिट के स्थान पर सम मूल्य पर 1 जनवरी 1999 को जारी किया गया.
कीमत
1 यूरो = 80.87 रुपए (19 फरवरी 2019)
3- पाउंड
पाउंड ब्रिटेन की आधिकारिक मुद्रा है. इसका नाम चांदी के एक पाउंड (भार) की कीमत के आधार पर रखा गया. यह एक लेटिन शब्द लिब्रा का अंग्रेजी ट्रांसलेशन है. लिब्रा को रोमन साम्राज्य में किसी चीज की वैल्यू मापने की एक यूनिट की तरह उपयोग किया जाता था. एक पाउंड में 100 पेंसे (पेनी) होते हैं.
मुख्य रुप से यह मुद्रा (पाउंड) यूनाइटेड किंगडम (पाउंड स्टरलिंग), इजिप्ट (इजिप्शियन पाउंड), लेबनान (लेबनीज पाउंड), साउथ सुडान (साउथ सुडानीज पाउंड), सुडान (सुडानीज पाउंड) और सीरिया (सीरिया पाउंड) में चलती है. सामान्यतया पाउंड स्टरलिंग को ही पाउंड के नाम से जाना जाता है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर, यूरो और येन के बाद यह चौथी सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली करेंसी है.
कीमत
1 पाउंड = 92.37 रुपए (19 फरवरी 2019)
4- येन
येन जापान की आधिकारिक मुद्रा है. डॉलर और यूरो के बाद यह फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली तीसरी करेंसी है. डॉलर, यूरो और पाउंड के बाद इसका इस्तेमाल रिजर्व करेंसी के रूप में भी किया जाता है. जापानी भाषा में येन का मतलब राउंड (गोल) होता है.
कीमत
100 येन= 64.69 रुपए (19 फरवरी 2019)
5- युआन
युआन चीन की आधिकारिक मुद्रा है. हालांकि, हॉन्ग-कॉन्ग और माकाओ में यह चलन में नहीं है. युआन के बैंक नोट एक युआन से लेकर 100 युआन तक हैं. इसका रंग तथा आकार भी अलग-अलग हैं. हॉन्ग-कॉन्ग में मुद्रा के रुप में डॉलर का चलन है.
RBI Digital Currency: इन करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स 4 शहरों में आज से ई-रुपी से करिए खरीदारी, जानिए Digital Rupee कैसे करेगा काम
खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं.
CBDC Digital Currency: आज यानी 1 दिसंबर से ई-रुपी की शुरुआत आम आदमी के लिए भी हो जाएगी. ई-रुपी 1 दिसंबर को चार शहरों मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में करेंसी अकाउंट्स के फीचर्स लॉन्च होगी यानी अब इन चार शहरों में अब आम आदमी को न ही कैश जेब में रखकर चलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और न ही किसी थर्ड पार्टी ऐप द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की कोई मजबूरी होगी. खुदरा डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेन-देन के साथ किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेंगे.
अगले चरण में इसमें 9 शहरों अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला में लॉन्च किया जाएगा. खुदरा डिजिटल रुपए के पहले पायलट प्रोजेक्ट में सरकारी और निजी क्षेत्र के चार बैंकों को शामिल किया गया है. इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम शामिल हैं. बता दें कि आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर 2022 को थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपए का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था.
डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले फीचर होंगे
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस की है. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है जो एक डिजिटल टोकन के रूप में जारी होगा और इसे कानूनी मुद्रा माना जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी के उलट इसके मूल्य में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आएगा. ई-रूपी को उसी मूल्य पर जारी किया जाएगा, जिस पर वर्तमान में करेंसी नोट और सिक्के जारी होते हैं. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि अब नकदी का सर्कुलेशन कम होगा और वर्चुअली ट्रांजैक्शन पूरे होंगे. इससे ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कमी आएगी. डिजिटल रुपी में फिजिकल नोट वाले सारे फीचर होंगे. लोगों को डिजिटल रुपी को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक, डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
कैसे काम करेगा
डिजिटल रूप में जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. भारतीय करेंसी का डिजिटल स्वरूप E-Rupee को फिलहाल चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा. ये करेंसी इन बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स में सुरक्षित होगा. यूजर्स बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स, मोबाइल फोन और डिवाइस में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपए के साथ लेनदेन कर सकेंगे और इसे आसानी से एक-दूसरे को भेजकर सामान खरीदा जा सकेगा. नकदी की तरह ही धारक को डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. इसे बैंकों के पास जमा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा.
Digital Rupee के क्या फायदे-नुकसान? कैश रखने की जरूरत नहीं, लेकिन.
RBI ने अक्टूबर की शुरुआत में एक कॉन्सेप्ट नोट जारी करते हुए डिजिटल रुपया के पायलट लॉन्च का ऐलान किया था. इसके तहत मंगलवार को इसे पेश किया गया. यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 01 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 नवंबर 2022, 6:22 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी डिजिटल करेंसी E-Rupee का पायलट लॉन्च कर दिया है. अब केंद्रीय बैंक इस पायलट प्रोजेक्ट के स्कोप के आगे बढ़ने के साथ CBDC से जुड़े नए फीचर्स और फायदे लोगों के साथ शेयर करेगा. इस डिजिटल रुपया को देश में लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया गया. आइए जानते हैं इसके फायदे और नुकसान के बारे में सब कुछ.
एक महीने चलेगा पायलट प्रोजेक्ट
सबसे पहले बता दें कि मंगलवार से शुरू हुआ डिजिटल रुपया (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट करीब एक महीने तक चलेगा. फिलहाल, इसका इस्तेमाल होलसेल ट्रांजैक्शन और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट के लिए किया जाएगा. सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के 9 बैंकों को इससे जोड़ा गया है. हालांकि, इस पायलट लॉन्च के तहत कुछ चुनिंदा लोगों को ही लेनदेन की अनुमति होगी.
E-Rupee के ये बड़े फायदे
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- डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार.
- लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी.
- मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी.
- डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे.
- विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी.
- ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा.
- ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.
Digital Rupee के कुछ नुकसान भी
रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी E-Rupee के नुकसान की अगर बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी नहीं रहेगी. आमतौर पर कैश में लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है. लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन सरकार की निगरानी में रहेगा. ऐसे में कुछ लोगों के लिए ये परेशानी का सबब बन सकता है.
इसके अलावा ई-रुपया पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा. RBI ने इसकी वजह भी बताई है. केंद्रीय बैंक की मानें तो अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया ये करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकता है. क्योंकि ऐसे में लोग अपने सेविंग्स अकाउंट से पैसे निकालकर उसे डिजिटल करेंसी में बदलने लगेंगे.
SBI में खोल सकते हैं ये 8 तरह के सेविंग्स अकाउंट, मुफ्त में मिलेंगी ये सुविधाएं
देश में ज्यादातर लोग सेविंग्स अकाउंट जरूर खुलवाते हैं. एसबीआई में 8 तरह के सेविंग्स अकाउंट उपलब्ध हैं. आइए इन सभी के मेन फीचर्स जानते हैं.
SBI Savings Accounts: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) देश का सबसे बड़ा बैंक है. बैंक की देश में सबसे ज्यादा शाखाएं हैं और इसकी पहुंच दूर-दराज के इलाकों तक है. सेविंग्स अकाउंट आम आदमी के लिए बचत का सबसे सरल तरीका है. देश में ज्यादातर लोग सेविंग्स अकाउंट जरूर खुलवाते हैं. एसबीआई में 8 तरह के सेविंग्स अकाउंट उपलब्ध हैं. आइए इन सभी के मेन फीचर्स जानते हैं.
1. बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट
SBI की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इसे कोई भी व्यक्ति खोल सकता है, जिसके पास मान्य केवाईसी दस्तावेज मौजूद हैं. यह मुख्य तौर पर समाज के गरीब तबकों के लिए है, जिससे उन्हें बिना किसी शुल्क के बचत शुरू करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सके.
फीचर्स
- यह सभी ब्रांचों पर उपलब्ध है.
- इसमें न्यूनतम बैलेंस राशि शून्य है.
- अधिकतम बैलेंस की राशि की कोई सीमा नहीं है.
- अकाउंट के लिए चेकबुक की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
- विद्ड्रॉल केवल ब्रांच या एटीएम के जरिए किया जा सकता है.
- बेसिक रूपे एटीएम-कम-डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा.
2. बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट स्मॉल अकाउंट
इस अकाउंट को कोई भी व्यक्ति खोल सकता है, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है और जिसके पास कोई आधिकारिक मान्य केवाईसी दस्तावेज मौजूद नहीं है. इसमें केवाईसी में रियायत दी गई है. केवाईसी दस्तावेजों को सब्मिट करके इसे रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदला जा सकता है. यह मुख्य तौर पर समाज के गरीब तबकों के लिए है, जिससे उन्हें बिना किसी शुल्क के बचत शुरू करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सके.
फीचर्स
- यह स्पेशलाइज्ड ब्रांचों के अलावा सभी ब्रांचों में उपलब्ध है.
- ब्रांच या एटीएम के जरिए विद्ड्रॉल किया जा सकता है.
- बेसिक रूपे एटीएम कम डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा.
- न्यूनतम बैलेंस की जरूरत शून्य है.
- अधिकतम बैलेंस की सीमा 50,000 रुपये है.
3. सेविंग बैंक अकाउंट
फीचर्स
- मोबाइल बैंकिंग
- SMS अलर्ट
- इंटरनेट बैंकिंग
- योनो
- स्टैट बैंक एनीवेयर
- SBI क्विक मिस्ड कॉल फैसिलिटी
- वित्त वर्ष में पहले 10 चेक मुफ्त हैं. उसके बाद 10 चेक की कीमत 40 रुपये प्लस जीएसटी और 25 चेक की कीमत 75 रुपये प्लस जीएसटी है.
- मंथली एवरेज बैलेंस के आधार पर फ्री विद्ड्रॉल पर प्रतिबंध है.
- मासिक औसत बैलेंस की जरूरत शून्य है.
- अधिकतम बैलेंस पर कोई सीमा नहीं है.
4. सेविंग अकाउंट फॉर माइनर
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, पहला कदम और पहली उड़ान बच्चों को पैसा बचत करने के महत्व को सीखने में मदद करता है. दोनों अकाउंट्स में इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग आदि सुविधाएं मिलती हैं.
फीचर्स
- मंथली एवरेज बैलेंस की जरूरत लागू नहीं है.
- अधिकतम 10 लाख रुपये का बैलेंस रखा जा सकता है.
- चेकबुक की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
- पहला कदम और पहली उड़ान दोनों में बच्चे की फोटो वाला एटीएम कम डेबिट कार्ड पांच हजार रुपये की विद्ड्रॉल या पीओएस लिमिट के साथ जारी किया जाता है.
- मोबाइल बैंकिंग व्यूइंग राइट्स और लिमिटेड ट्रांजैक्शन जैसे बिल पेमेंट, टॉप अप के साथ मिलती हैं. प्रति दिन ट्रांजैक्शन की लिमिट 2,000 रुपये है.
5. सेविंग्स प्लस अकाउंट
सेविंग्स प्लस अकाउंट एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (MODS) से लिंक्ड सेविंग्स बैंक अकाउंट है, जिसमें सेविंग्स बैंक अकाउंट से सीमा से ज्यादा सरप्लस फंड को टर्म डिपॉजिट में ट्रांसफर कर दिया जाता है, जो 1000 रुपये के मल्टीपल में खुलती हैं.
फीचर्स
- डिपॉजिट की अवधि 1 से 5 साल है.
- एटीएम कार्ड की सुविधा मिलती है.
- मोबाइल बैंकिंग
- इंटरनेट बैंकिंग
- एसएमएस अलर्ट
- MOD डिपॉजिट के अगेंस्ट लोन
- MOD में ट्रांसफर के लिए न्यूनतम सीमा- 35,000 रुपये.
6. मोटर एक्सीडेंट क्लेम अकाउंट (MACT)
मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) मोटर एक्सीडेंट क्लेम एनुयटी डिपॉजिट पर कंपेनसेशन की राशि या ब्याज को घायलों को भेजता है.
फीचर्स
- मौजूदा बैंक की ब्याज दर लागू
- नॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध
- पासबुक की सुविधा
- वेलकम किट
- चेक बुक की सुविधा
- एटीएम कम डेबिट कार्ड उपलब्ध
- इंटरनेट बैंकिंग उपलब्ध
7. रेडिजेंट फॉरेन करेंसी (डॉमेस्टिक) अकाउंट
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, कोई भारतीय फॉरेन करेंसी अकाउंट खोल सकता है. इससे वह फॉरेन करेंसी को रख सकता है. अकाउंट को USD, GBP और यूरो करेंसी में रखा जा सकता है.
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