टेक्निकल एनालिसिस में कीमतों का अभ्यास किया जाता है , जो की बाज़ार में लोंगो के मनोदशा और भावनावो का प्रतिनिधित्व स्वरुप है | इसी वजह से टेक्निकल एनालिसिस ज्यादातर बार काम करता है , क्योकि सामान्य रूप से लोग समान परिस्थितियों में एक जैसे निर्णय या फिर गलतिया करते है | जो चार्ट पर समान प्राइस पैटर्न्स या फिर टेक्निकल पैटर्न बनाते रहते है और यह प्रक्रिया बार बार होती रहती है | कीमतों की दिशा या ट्रेंड्स चार्ट पर मूविंग अवेरेजेस और इंडीकेटर्स की मदत से खोजी जा सकती है | और उनकी हद या फिर सीमा चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस खीचकर निर्देशित किये जा सकते है टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? | ये एक सीधी और साधा तरीका है मगर इसमें अनुभव जरुरी होता है | जब कीमते रेजिस्टेंस को लांघकर ट्रेड करने लगाती है तो उसे “बुलिश ब्रेकआउट” कहा जाता है , उसी तरह जब कीमते सपोर्ट क निचे टूट जाती है तो उसे “बिअरिश ब्रेकडाउन” कहा जाता है | ब्रेकआउट की घटना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्व पूर्ण होती है और वो ट्रेडर्स के लिए एक शक्तिशाली हत्यार की तरह काम करता टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? है | ब्रेकआउट कीमतों और इंडीकेटर्स में भी देखा जा सकता है और उपयोगी होता है | ब्रेकआउट लगभग ८०-९०% समय काम करता है और सही दिशा में ट्रेड करने वालो को मोटा मुनाफा कमाकर देता है | ज्यादातर ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन मुख्य दिशा परिवर्तन के समय होता है और ट्रेडर्स को एक मुनाफे वाली रैली मिल जाती है |

Technical Analysis क्या होता हे ?

आज का हमारा आर्टिकल Technical Analysis के ऊपर है। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि इंवेस्टिंग क्या होता है, ट्रेडिंग क्या होता है, Technical Analysis क्या होता है, हम Technical Analysis को कैसे इस्तेमाल करते है और Technical Analysis की क्या लिमिटेशन है।

जब हम शेयर मार्किट में किसी भी कंपनी के शेयर खरीदते है तो हम दो तरीको से उन कंपनी में निवेश करते है एक इन्वेस्टिंग और दूसरा ट्रेडिंग।

इंवेस्टिंग

इंवेस्टिंग में हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है और उसे ज्यादा समय के लिए होल्ड कर के रख देते है। इंवेस्टिंग आप 4 -5 साल तक भी कर सकते है। इंवेस्टिंग आप तब करते है जब आप से पास शेयर मार्केट के लिए ज्यादा समय नहीं होता है क्योंकि इस में आप अपने शेयरों को जल्द नहीं बेचते। इस में हमे ज्यादा पैसे कमाने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

ट्रेडिंग

ट्रेडिंग में हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है और जैसे ही उस का प्राइस बढ़ जाता है हम उसे बेच देते है। ट्रेडिंग हम एक दिन, एक हफ्ता या फिर तीन महीने तक कर सकते है। इस में हम तीन महीने तक अपने शेयरों को होल्ड कर के रख सकते है। ट्रेडिंग कई प्रकार की होती है जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, scalping,
डे- ट्रेडिंग। ट्रेडिंग में हम कम समय में भी ज्यादा पैसे कमा सकते है।

Technical Analysis

ट्रेडिंग और इन्वेस्ट करने से पहले हमे कंपनी के फण्डामेंटल चेक करने पड़ते है और भी कंपनी की बहुत सारी चीजों को देखना होता है। इसी को ही Technical Analysis कहा जाता है। अगर हम Technical Analysis किए बिना ही किसी कंपनी में निवेश करते है तो इस से हमे नुकसान भी हो सकता है।

Technical Analysis की सहायता से हम हम यह देख सकते है कि फ्यूचर में किसी कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ेगा या नहीं। जो लोग Technical Analysis का इस्तेमाल कर के शेयर मार्किट में प्रवेश करते है उन्हें शेयर मार्केट से अधिक लाभ होता है। Technical Analysis का इस्तेमाल कर के हम देख सकते है कि कंपनी आगे जा कर क्या पर्फ़ोम करने वाली है।

Technical Analysis से हम सिर्फ अंदाजा लगा सकते है क्योंकि शेयर मार्किट में यह कोई भी नहीं बता सकता कि आगे जा कर मार्केट कैसा रहेगा। Technical Analysis किसी कंपनी के शेयर के प्राइस को एक मूवमेंट में फॉलो करता है जैसे कि वह एक ट्रेंड में रहता है। शेयर मार्किट में शेयरों के ट्रेंड तीन प्रकार के होते है जैसे up trend, down trend, sideways trend आदि।

up trend

शेयर मार्किट में जब किसी कंपनी के शेयर का प्राइस एक ही पैटर्न में बढ़ता रहता है तो उसे उप ट्रेंड कहा जाता है। up trend को फॉलो करते हुए हम Technical Analysis की सहायता से हम यह अंदाजा लगा सकते है कि आगे जा कर भी इस कंपनी के शेयर का प्राइस एक ही पैटर्न में बढ़ता रहेगा लेकिन Technical Analysis से केवल कम अंदाजा लगा सकते है कि वह कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ेगा क्या पता वह कम भी हो सकता है।

down trend

जब किसी कंपनी के शेयर का प्राइस एक ही पैटर्न में निचे गिरता जा रहा हो तो कहा जाता है कि शेयर डाउन ट्रेंड में चल रहा है। जब किसी शेयर का प्राइस गिरता जा रहा हो तो उसे डाउन ट्रेंड कहा जाता है। डाउन ट्रेंड को फॉलो करते हुए हम Technical Analysis की सहायता से किसी कंपनी के फ्यूचर के बारे में जान सकते है।

sideways trend

जब किसी कंपनी के शेयर का प्राइस एक ही रेंज में रहता है यानि फिक्स्ड प्राइस में कम और ज्यादा रहता है तो sideways trend कहा जाता है। यह न तो ज्यादा कम होता है और न ही ज्यादा बढ़ता है। एक ही रेंज में कम और ज्यादा होता रहता है।

Technical Analysis को कैसे इस्तेमाल किया जाता है

Technical Analysis से हम यह जानते है कि किसी कंपनी के शेयर का प्राइस आगे जा कर क्या रहने वाला है और यह कंपनी के हिस्टोरिकल डाटा से होता है। Technical Analysis में हम कंपनी के अगर अगर हिस्टोरिकल डाटा को चेक करते है और उसी को देखते हुए हम यह अंदाजा लगाते है कि शेयर का प्राइस बढ़ेगा या नहीं।

Technical Analysis में हम कंपनी के फंडामेंटल चेक करते है , कैंडल चार्ट चेक करते है और भी बहुत सारी चीजों को देखते है। Technical Analysis का इस्तेमाल कर के हम अच्छी कंपनियों की पहचान कर सकते है।

Technical Analysis की लिमिटेशन

हमे शेयर मार्किट में निवेश करते समय यह हमेशा याद रहना चाहिए कि Technical Analysis से हम सिर्फ कंपनी के शेयर का प्राइस बढ़ेगा या नहीं इस का अंदाजा लगा सकते है क्योंकि शेयर मार्केट में कई कारणों की वजह से एक दम ही शेयर का प्राइस कम और ज्यादा हो जाता है। शेयर मार्केट कभी भी स्थिर नहीं रहता। शेयर मार्केट में यह कोई भी नहीं बता सकता कि आगे चल कर मार्केट कैसा रहने वाला है।

Zerodha CEO: Technical Analysis की क्या है सबसे अच्छी बात? नितिन कामत ने दी डिटेल

Nithin Kamath ने कहा कि इसमें बदलाव तब टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? होता है जब आप टॉप्स और बॉटम्स का अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं और फिर हिस्टोरिकल प्राइस एक्शन पर आधारित ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग करते हैं

Zerodha Chief Executive Nithin Kamath : जिरोधा के चीफ एग्जीक्यूटिव नितिन कामत ने मंगलवार को टेक्निकल एनालिसिस को लेकर एक सबसे अच्छा सूत्र बताया। कामत ने ट्विटर पर लिखा, “टेक्निकल एनालिसिस को लेकर सबसे अच्छी बात यह है कि यह ट्रेंड के खिलाफ आपको ट्रेड करने की अनुमति नहीं देता है।” हालांकि, जिरोधा के चीफ ने कहा कि इसमें बदलाव तब होता है जब आप टॉप्स और बॉटम्स का अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं और फिर हिस्टोरिकल प्राइस एक्शन पर आधारित ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग करते हैं। कामत ने कहा, “उस समय टेक्निकल्स, एस्ट्रोलॉजी बन जाते हैं।”

ट्रेंड के खिलाफ ट्रेड करें तो न कें ये दो काम

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “यदि ट्रेंड के खिलाफ ट्रेड की इच्छा हो तो दो काम ट्रेडिंग साइज में कमी और गिरावट में एवरेजिंग से बचना चाहिए।” कामत ने कहा, “आपको कभी पता नहीं होता कि कब ट्रेंड पलटेगा और लंबे समय तक बना रहेगा।”

What is Technical Analysis in Stock Market? in Hindi

What is Technical Analysis in Stock Market? in Hindi

  • Post author: Eazeetraders
  • Post published: March 4, 2022
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तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? What Is Technical Analysis?

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) एक उपकरण, या विधि है, जिसका उपयोग किसी सुरक्षा के संभावित भविष्य के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) की वैधता के पीछे यह धारणा है कि बाजार में सभी प्रतिभागियों की सामूहिक क्रियाएं – खरीदना और बेचना – एक व्यापारिक सुरक्षा से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी को सटीक रूप से दर्शाती हैं, और इसलिए, लगातार सुरक्षा के लिए उचित बाजार मूल्य प्रदान करती हैं। .

तकनीकी व्यापारियों का मानना है कि बाजार में वर्तमान या पिछले मूल्य की गति, भविष्य की कीमत की गति का सबसे विश्वसनीय संकेतक है।

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग न केवल तकनीकी व्यापारियों द्वारा किया जाता है। कई मौलिक व्यापारी मौलिक विश्लेषण का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि बाजार में खरीदना है या नहीं, लेकिन यह निर्णय लेने के बाद वो तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करके अच्छे, कम जोखिम वाले खरीद प्रवेश मूल्य स्तरों को इंगित करते है ।

तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे ? ( How to u nderstanding Technical Analysis)

मौलिक विश्लेषण के विपरीत, जो बिक्री और कमाई जैसे व्यावसायिक परिणामों के आधार पर सुरक्षा के मूल्य का मूल्यांकन करने का प्रयास करता है, तकनीकी विश्लेषण कीमत और मात्रा के अध्ययन पर केंद्रित है। तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) उपकरण का उपयोग सुरक्षा के लिए आपूर्ति और मांग के तरीकों की जांच करने के लिए किया जाता है, जो कीमत, मात्रा और निहित अस्थिरता में परिवर्तन को प्रभावित करेगा।

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग अक्सर विभिन्न चार्टिंग टूल से अल्पकालिक व्यापारिक संकेतों को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह व्यापक बाजार या इसके किसी एक क्षेत्र के सापेक्ष सुरक्षा की ताकत या कमजोरी के मूल्यांकन में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। यह जानकारी विश्लेषकों को अपने समग्र मूल्यांकन अनुमान को बेहतर बनाने में मदद करती है।

ऐतिहासिक ट्रेडिंग डेटा के साथ किसी भी सुरक्षा पर तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग किया जा सकता है। इसमें स्टॉक, वायदा, वस्तुएं, निश्चित आय, मुद्राएं और अन्य प्रतिभूतियां शामिल हैं। इस ट्यूटोरियल में, हम आमतौर पर अपने उदाहरणों में स्टॉक का विश्लेषण करेंगे, लेकिन ध्यान रखें कि इन अवधारणाओं को किसी भी प्रकार की सुरक्षा पर लागू किया जा सकता है। वास्तव में, वस्तुओं और विदेशी मुद्रा बाजारों में तकनीकी विश्लेषण कहीं अधिक प्रचलित है जहां व्यापारी अल्पकालिक मूल्य आंदोलनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) इस धारणा से संचालित होता है कि पिछली व्यापारिक गतिविधि और सुरक्षा के मूल्य परिवर्तन सुरक्षा के भविष्य के मूल्य आंदोलनों के मूल्यवान संकेतक हो सकते हैं जब उचित निवेश या व्यापारिक नियमों के साथ जोड़ा जाता है। पेशेवर विश्लेषक अक्सर अनुसंधान के अन्य रूपों के संयोजन के टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? साथ तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं। रिटेल व्यापारी पूरी तरह से एक सुरक्षा और इसी तरह के आंकड़ों के मूल्य चार्ट के आधार पर निर्णय ले सकते हैं, लेकिन इक्विटी विश्लेषकों का अभ्यास शायद ही कभी मौलिक या तकनीकी विश्लेषण के लिए अपने शोध को सीमित करता है।

तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) वस्तुतः किसी भी व्यापार योग्य उपकरण के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास करता है जो आम तौर पर स्टॉक, बॉन्ड, वायदा और मुद्रा जोड़े सहित आपूर्ति और मांग की ताकतों के अधीन होता है। वास्तव में, कुछ तकनीकी विश्लेषण को केवल आपूर्ति और मांग बलों के अध्ययन के रूप में देखते हैं जैसा कि एक सुरक्षा के बाजार मूल्य आंदोलनों में परिलक्षित होता है। तकनीकी विश्लेषण आमतौर पर मूल्य परिवर्तनों पर लागू होता है, लेकिन कुछ विश्लेषक केवल कीमत के अलावा अन्य नंबरों को ट्रैक करते हैं, जैसे कि ट्रेडिंग वॉल्यूम या ओपन इंटरेस्ट के आंकड़े।

पूरे उद्योग में, सैकड़ों पैटर्न और संकेत हैं जो शोधकर्ताओं द्वारा तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) व्यापार का समर्थन करने के लिए विकसित किए गए हैं। तकनीकी विश्लेषकों ने मूल्य आंदोलनों पर पूर्वानुमान और व्यापार करने में मदद करने के लिए कई प्रकार की व्यापारिक प्रणालियां भी विकसित की हैं। कुछ संकेतक मुख्य रूप से समर्थन और प्रतिरोध क्षेत्रों सहित मौजूदा बाजार प्रवृत्ति की पहचान करने पर केंद्रित होते हैं, जबकि अन्य एक प्रवृत्ति की ताकत और इसके जारी रहने की संभावना को निर्धारित करने पर केंद्रित होते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तकनीकी संकेतक और चार्टिंग पैटर्न में ट्रेंडलाइन, चैनल, मूविंग एवरेज और मोमेंटम इंडिकेटर्स शामिल हैं।

सामान्य तौर पर, तकनीकी विश्लेषक निम्नलिखित व्यापक प्रकार के संकेतकों को देखते हैं:

  • मूल्य रुझान (Price trends)
  • चार्ट पैटर्न (Chart Pattern)
  • मात्रा और गति संकेतक ( Volume and momentum indicators)
  • दोलक (Oscillataors)
  • मूविंग एवरेज (Moving Avarage)
  • समर्थन और प्रतिरोध स्तर ( Support & Ressistance )

तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे किया जाता है? (How Is Technical Analysis Used?)

तकनीकी विश्लेषण वस्तुतः किसी भी व्यापार योग्य उपकरण के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास करता है जो आम तौर पर स्टॉक, बॉन्ड, वायदा और मुद्रा जोड़े सहित आपूर्ति और मांग की ताकतों के अधीन होता है। पूरे उद्योग में, सैकड़ों पैटर्न और संकेत हैं जो शोधकर्ताओं द्वारा तकनीकी विश्लेषण व्यापार का समर्थन करने के लिए विकसित किए गए हैं। तकनीकी विश्लेषकों ने मूल्य आंदोलनों पर पूर्वानुमान और व्यापार करने में मदद करने के लिए कई प्रकार की व्यापारिक प्रणालियां भी विकसित की हैं।

क्यों टेक्निकल एनालिसिस कभी काम करता है और कभी नहीं करता ?

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टेक्निकल एनालिसिस में कीमतों का अभ्यास किया जाता है , जो की बाज़ार में लोंगो के मनोदशा और भावनावो का प्रतिनिधित्व स्वरुप है | इसी वजह से टेक्निकल एनालिसिस ज्यादातर बार काम करता है , क्योकि सामान्य रूप से लोग समान परिस्थितियों में एक जैसे निर्णय या फिर गलतिया करते है | जो चार्ट पर समान प्राइस पैटर्न्स या फिर टेक्निकल पैटर्न बनाते टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? रहते है और यह प्रक्रिया बार बार होती रहती है | कीमतों की दिशा या ट्रेंड्स चार्ट पर मूविंग अवेरेजेस और इंडीकेटर्स की मदत से खोजी जा सकती है | और उनकी हद या फिर सीमा चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस खीचकर निर्देशित किये जा सकते है | ये एक सीधी और साधा तरीका है मगर इसमें अनुभव जरुरी होता है | जब कीमते रेजिस्टेंस को लांघकर ट्रेड करने लगाती है तो उसे “बुलिश ब्रेकआउट” कहा जाता है , उसी तरह जब कीमते सपोर्ट क निचे टूट जाती है तो उसे “बिअरिश ब्रेकडाउन” कहा जाता है | ब्रेकआउट की घटना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्व पूर्ण होती है और वो ट्रेडर्स के लिए एक शक्तिशाली हत्यार की तरह काम करता है | ब्रेकआउट कीमतों और इंडीकेटर्स में भी देखा जा सकता है और उपयोगी होता है | ब्रेकआउट लगभग ८०-९०% समय काम करता है और सही दिशा में ट्रेड करने वालो को मोटा मुनाफा कमाकर देता है | ज्यादातर ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन मुख्य दिशा परिवर्तन के समय होता है और ट्रेडर्स को एक मुनाफे वाली रैली मिल जाती है |

कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?

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टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |

टेक्निकल एनालिसिस की पड़ताल

टेक्निकल एनालिसिस कीमतों का पूर्वानुमान लगाने का शास्त्र है जो की हर समय १००% काम नहीं करता है मगर इसका अर्थ यह नहीं की ये भरोसा करने के लायक नहीं है | जितने भी पूर्वानुमान लगाने के शास्त्र और व्यवसाय है उनकी खुद की कुछ कमिया हमेशा रहती है मगर इसका ये अर्थ नहीं होता की वे सब बेकार है , जैसे की मौसम अनुमान इत्यादी | स्टॉक मार्केट में किसी भी विश्लेषनात्मक पद्धति का मूल्य उसकी कामयाबी या फिर मुनाफा बनानेकी शक्ति पर निर्भर होती है | अगर वो पद्धति लगतार मुनाफा बनती हो तो वो वैज्ञानिक दृष्टी से शायद गलत हो मगर ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होती है | क्योकि मार्केट से ट्रेडिंग में मार्केट से पैसे बनाना ही उद्देश होता है न की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही होना |

Best 10 Technical Analysis : How to Use it In Investing

अच्छा परिणाम जल्दी आएगा इसलिए कम समय के लिए निवेश करना वह तो टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कितना हित में रहता है वह दूसरी समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेयर गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेंटल उस गाड़ी का ईंधन होता है और टेक्निकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है। चाहे जितनी अच्छी गाड़ी हूं परंतु उस में उपयोग होने वाले ईंधन की गुणवत्ता खराब हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल नहीं सकती है | Technical Analysis

साथ ही अच्छा ड्राइवर ने हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल भी नहीं सकती है अब गाड़ी का ईंधन जाने की सकारात्मक परिवार के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि गाड़ी अच्छी तरह दूरी तय कर सकती है पर वह कितने जल्द दौड़ेगी कहां पर रुकेगी कहां से घूम कर फिर से आएगी रास्ते में कितने घुमाओ लेकर आगे चलेगी इसका आधार उसके ड्राइवर को ही होता है। Technical Analysis

खटारा आपको फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लेनी ही पड़ती है टेक्निकल जैसे कि ड्राइवर के आधार पर तो मर्सिडीज भी चलती है और खटारा भी चलती है जब खराब समय आता है तो मर्सिडीज में आप बैठे हो तकलीफ कम होती है और खटारा को दगा दे सकती है आपके साथ अनहोनी होने की संभावना ज्यादा होती है | Technical Analysis

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इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर अच्छी गुणवत्ता वाले शेर को टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? अलग निकाल कर रख लीजिए उसके बाद टेक्निकल एनालिसिस द्वारा प्रिंट सुधार की शुरुआत और उसके तेजी आदि महत्वपूर्ण परी बलों को स्पष्ट करने के बाद ही निवेश करना चाहिए सस्ते मिलने वाले शहर के पीछे कभी नहीं तोड़ना चाहिए हमेशा गुणवत्ता पर अधिक जोर देना चाहिए। Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) :-

विविध शहर के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ऐसे चार्ट किसी नक्शे की तरह से कार्य करते हैं आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकल ले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर अत्यधिक रहता है| Technical टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? Analysis

उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश क्या तुम्हें अंधेरे में गोली चलाने के बराबर होता है टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शहर में कैसी स्थिति में उसका चित्र आपके सामने खड़ा हूं टाइमिंग करने में आपको मदद करता हूं जो लोग खास करके कब सामने वाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर्स के उनके चार्ट का व्यस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

दीर्घकाल अवधि के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नजर आने वाले कम कालावधी का उतार-चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है। पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहां पर है और चढ़ाव का रेजिस्टेंस कहां पर है। यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है जो चार्ट के आप स्वयं की समझी जाती है।

टेक्निकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यों दिया जाता है.

आप ने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है कंपनियां झूठा मुनाफा होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितने अच्छे दिखते हो पर उसमें जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर जाट ही हमको देते हैं

आप किसी भी समय टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? किस शहर के भाव में कितनी बढ़त हो सकती है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रजिस्टेंस आ सकता है भाव में बढ़त की और कितनी संभावना है वगैरह चार्ट और उसमें निर्माण होने वाले रचनाओं के एनालिसिस पर से जाना जा सकता है ऐसे विविध परी बलों को साथ लेकर उसके आधार पर मिलने वाले खरीदी अथवा बिक्री के सिग्नल के फायदे से अनुकरण किया गया हो तो दीर्घ काल अवधि में अच्छा फायदा ही होता है |

चाट का उपयोग किस लिए किया जाता है.?

चार्ट हमें सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शहर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।

चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान होता है|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते हैं|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते

चाट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तकरीर कम कल अवधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता

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