Forex trading क्या होती है? फॉरेक्स ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाए?
अगर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते हो तो आप कैसे स्टार्ट कर सकते हो दोस्तों अगर फॉरेस्ट की जहां तक बात की जाए तो उसका पूरा नाम है forem exchange इसी से इसका नाम फॉरेन एक्सचेंज रखा गया है फॉरेन एक्सचेंज यानी कि दुनिया की सारी करेंसी अगर आप चाहे तो इसमें INR and US यानी दोनों में ट्रेड कर सकते हो इन दोनों में से जिसका डिफरेंस बढ़ता है इसी हिसाब से traders अपनी पोजीशन लेते हैं और बाद में अपना प्रॉफिट कमा लेते हैं या कुछ उसको थेलॉस्ट भी होता है
Forex trading क्या होती है
अगर आपने कोई डॉलर खरीदा 72 रुपए में और उसका रेट 73 हो ज्यादा है तो आपको $1 पर ₹1 का करे प्रॉफिट होगा तो आप इसको बुक कर सकते हो दोस्तों फॉरेस्ट ट्रेडिंग में आप अच्छी ब्रोकर के साथ अपना अकाउंट खुलवा सकते हो आजकल मार्केट में बहुत सारी ऐसी एप्लीकेशन आते हैं जो आपको forex trading का लालच देती हैं लेकिन वह सारी एप्लीकेशन फेक होती है उसमें आपको अपने पैसे बिल्कुल नहीं डालने चाहिए बल्कि जो रजिस्टर बुक ब्रोकर होते हैं NSE मैं ब्रोकर होते हैं उसमें अपना अकाउंट रजिस्टर कराना चाहिए और पता करना चाहिए कि क्या वह ब्रोकर आपको फॉरेस्ट ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं या नहीं जैसे आपने stoke trading के बारे में सुना होगा
जिसमें आप शेयर बाजार में stoke market में काम करते हो ट्रेडिंग करते हो अगर आपको ट्रेडिंग का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है तो आप forex trading में बिल्कुल मत जाइएगा क्योंकि आपको वहां पर सिर्फ लॉस्ट ही होगा अगर आप स्टॉक अकाउंट से भी ट्रेडिंग करना जैसे लोगों नॉर्मल ही करते हैं जैसे सुरवे में कोई स्टॉक को खरीदते हैं और 110 में बेच देते हैं और ₹10 जो होता है वह उनका प्रॉफिट होता है
उसी तरह से लोग कमोडिटी ट्रेडिंग भी करते हैं जब आपको ट्रेडिंग करना समझ आ जाए तो फिर आप फॉरेक्स ट्रेडिंग भी कर सकते हैं इसके लिए आपको सिर्फ इतना ही करना है किसी अच्छे ब्रोकर के पास अकाउंट खुलवा लेना है
इसके बाद आपको इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए और कौन सा ब्रोकर आपको ट्रेडिंग उपलब्ध कराता है इसके बारे में आपको गूगल पर सर्च करके पता कर लेना है अगर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग की अच्छी नॉलेज हो जाए और आप चाट बनाना सीख जाओ उसी के बाद आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहिए क्योंकि इसमें करेंसी का बहुत डिफरेंट होता है और यह ग्लोबली काम करता है
. Forex trading कैसे काम करता है
फॉरेक्स ट्रेडिंग भी एक equity trading की तरह ही है फर्क सिर्फ इतना है कि इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई और नुकसान में शेयर फॉरेक्स कैसे काम करता है? का मूल्य रिणाक भूमिका में होता है नहीं फॉरेक्स ट्रेडिंग एक्सचेंजिंग का मूल्य रिणाक भूमिका में होता है इनसे कमाई करने के लिए व्यक्ति जानकारी में कोई भी मुद्रा खरीद सकता है माना कि प्रमोद नाम का व्यक्ति डॉलर की बढ़ती हुई कीमत का लाभ उठाना चाहता है यानी डॉलर आज 72 रुपए में काम कर रहा है प्रमोद को लगता है कि अपनी जानकारी के अनुसार डॉलर का भाव 75 के करीब जा सकता है इस स्थिति में वह इसे खरीदना चाहेगा इस तरह अगर पर उसका भाव ₹70 हो जाए तो वे उसे बेचकर प्रीति एक महीना ₹2000 का लाभ प्राप्त कर सकता है
.Forex currency को अकाउंट मैं ट्रांसफर कैसे करें
. दोस्तों फॉरेक्स करंसी का मतलब होता है विदेशी मुद्रा यानी कि वह पैसे जो विदेश से तुम्हारे बैंक में आ रहे हैं
. दोस्तों विदेशी मुद्रा को आपकी बैंक अकाउंट मैं आने के लिए कम से कम 5 दिन का वक्त लगता है और ज्यादा से ज्यादा 20 दिन का भी समय लग सकता है क्योंकि यह wire transfer के द्वारा होता है
. तो फॉरेन करेंसी को wire transfer के जरिए एक बैंक से दूसरे बैंक में भेजा जाता है जिसमें आपको एक सूट कोट की जरूरत पड़ती है स्विफ्ट कोड आपको बैंक द्वारा प्राप्त होता है जिससे आप विदेशी मुद्रा आपके बैंक खाते में भेजी जाती है
. अगर आपके अकाउंट मैं बाय ट्रांसफर के जरिए पैसे आ रहे हैं तो उसमें 5 दिन से लेकर जाता ज्यादा 20 दिन तक लग सकते हैं
रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्लोबल ट्रेड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्टम और कितना होगा फायदा?
डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
हाइलाइट्स
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्यवस्था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के फॉरेक्स कैसे काम करता है? बाद भारत के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्पी दिखाई है.
क्या रूस से व्यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्टम आने के बाद रूस से व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्य देशों के साथ भी भारत अपना व्यापार बढ़ा सकेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्टम आने के बाद अगर ग्लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्लोबल मार्केट में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्वीकार कर लेंगे तो ग्लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत दोनों देशों के फॉरेक्स के हिसाब से लगाई जाएगी.
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्यापार के लिए ऐसा ही सिस्टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 फॉरेक्स कैसे काम करता है? हिंदी|
Forex/Currency Trading
Currency (करेंसी) का मतलब गुड्स और सर्विस खरीदने का ज़रिया (पैसे के बदले चीज़े खरीदना) जैसे की हम कोई सामान खरीदने के लिए रुपये पैसों का इस्तेमाल करते हैं तो रुपये एक करेंसी हैं ऐसे ही हर देश की अपनी currency होती हैं
Forex|Currency Market क्या होता हैं|what is Forex|Currency Market
Currency Market एक Marketplace हैं जहाँ अलग अलग Currency को Buy और Sell किया जाता हैं विभिन्न Market Participant द्वारा जैसे की Banks ,Investment Firms और Hedge Funds ,Forex Broker आदि।
Currency Future भारत में Cash Settled होते हैं इसका मतलब currency Trading Physically Settled नहीं होते क्यूंकि Expiry पे Actual Delivery नहीं होती हैं Forex Market सबसे बड़े Financial Market में से एक हैं ज़्यादातर Currency Trade में US Dollar Currency एक pair ट्रेडिंग करेंसी में involve होती हैं Forex Market में Demand और Supply का Role होता हैं
Currency Market Price कैसे काम करता हैं|How Currency Price Fluctuate
करेंसी प्राइस Fluctuation कई कारणों पर निर्भर करता हैं जैसे की Interest Rate में बदलाव ,Inflation दर और जीडीपी डाटा ये सभी फैक्टर Currency के Fluctuation में अहम् रोल अदा करती हैं Exports और Imports का बड़ा असर पड़ता हैं उस देश के करेंसी की वैल्यू में जिससे की करेंसी के प्राइस fluctuate होते हैं
Forex Trading कैसे की जाती हैं|How to do Forex Trading
Forex Trading में आपको Forex Trading Account और एक Bank Account की जरुरत होती हैं भारत में चार INR Currency Pair में आप Trade कर सकते हैं USD/INR, EUR/INR , GBP/INR and JPY/INR आप Cross Currency में भी trade कर सकते हैं जैसे EUR-USD, GBP-USD, & USD-JPY Forex Trading में करेंसी Buying और Selling Pairs के अलावा Fno में भी Trade कर सकते हैं क्यूंकि Cross Currency के Corresponding INR Pairs हैं
Forex Trading के लिए आपको एक Trading अकाउंट किसी Registered Broker के पास खोलना पड़ेगा Demat Account खोलने की आवस्यकता नहीं हैं Trading Account खोलने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी हैं
1.Trading Platform-MetaTrader 4 & 5 trading platforms सबसे popular global forex trading platforms हैं
2.Leverage-Leverage पे ध्यान देना पड़ता हैं क्यूंकि लिवरेज आपको ज्यादा ट्रेड लेने की अनुमति देती हैं पर over position में ये नुकसानदायक भी हो सकती हैं
3.Minimum Initial Deposit-
Forex Market Terminology
BID-जब आप एक Currency pair को Buy करना होता हैं तो Quatoed Currency में जो amount हैं वो पे करना होता हैं एक यूनिट बेस करेंसी लेने के लिए
ASK-जब आप एक Currency pair को Sell करना होता हैं तो Quatoed Currency में जो amount हैं वो मिलता हैं एक यूनिट बेस करेंसी Sell करने के लिए.
Quote-Quote एक Currency Pair हैं जहाँ एक currency की value Reflect होती हैं दूसरी Currency की Value के द्वारा जैसे की GBP /USD- GBP एक Base Currency हैं और USD एक Quote Currency हैं
Spread-Ask Price और Bid Price के बीच का अंतर Spread कहलाता हैं
PIP-PIP एक सबसे छोटी Price की Movement हैं जो किसी Currency Quote में होती हैं
Forex Trading Order Types
Market Order-Market Order Exchange पे जो भी Current Rate चल रहा हैं उस भाव में position बनाना Market order कहलाता हैं Market Order उसी समय Execute जाते हैं
Limit Order-Limit Order में पहले से कुछ Price Rate सेट किया जाता हैं और उस स्वैछिक प्राइस पे Execute होने को Limit Order कहतें हैं इनमे समय लगता हैं क्यूंकि predefined rate से order match होता हैं
Stop Loss Order-Stop Loss Order Loss को रोकते हैं की एक certain point के ऊपर या निचे जाने से जिससे Loss Restrict हो जाता हैं
Most Tradeable Currency in India
1.USD-US Dollar सबसे फॉरेक्स कैसे काम करता है? ज्यादा Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर World Currencies के साथ Pair होती हैं
2.EUR-Euro US Dollar के बाद Liquid और सबसे ज्यादा Trade होने वाली Currency हैं और ज्यादातर Currencies के साथ Pair होती हैं
Note-इस ब्लॉग लेख में Currency ट्रेडिंग से सम्बंधित जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं ट्रेडिंग एक जोखिम भरा बिज़नेस हैं आप इसके बारें में अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले।
Q- Currency Trading क्या हैं?
Ans-Currency Market एक Marketplace हैं जहाँ अलग अलग Currency को Buy और Sell किया जाता हैं Currency Trading के लिए
रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्लोबल ट्रेड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्टम और कितना होगा फायदा?
डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें
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हाइलाइट्स
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्यवस्था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद भारत के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्पी दिखाई है.
क्या रूस से व्यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्टम आने के बाद रूस से व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्य देशों के साथ भी भारत अपना व्यापार बढ़ा सकेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्टम आने के बाद अगर ग्लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्लोबल मार्केट में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्वीकार कर लेंगे तो ग्लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.
कैसे काम करेगा फॉरेक्स कैसे काम करता है? नया सिस्टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत फॉरेक्स कैसे काम करता है? दोनों देशों के फॉरेक्स के हिसाब से लगाई जाएगी.
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्यापार के लिए ऐसा ही सिस्टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.
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फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet)
फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) के बारे में जानकारी
फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) एक संयोजन दवा है जो टीबी के उपचार में कार्यरत है, यह संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोककर काम करता है। फॉरेक्स एक जीवाणुरोधी दवा है जो जीवों के क्षय रोग को मारती है। इसलिए, इसका उपयोग टीबी के उपचार और रोकथाम के लिए किया जाता है। इसका प्रभाव बढ़ाने तक इसे अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है और डॉक्टर द्वारा निर्देशित के रूप में ली जाती है। यह दवा केवल अनुशंसित खुराक में ली जानी चाहिए, इससे अधिक का सेवन करने से प्रतिकूल प्रतिक्रिया हो सकती है। अगर आपको किसी भी लिवर की बीमारी है या यदि आपको किसी दवा से हेपेटाइटिस हुआ है, तो इस टैबलेट का उपयोग करने से बचें। अपने डॉक्टर को बताएं अगर आपको है:
- डायबिटीज
- शराब या अन्य मादक द्रव्यों के सेवन का इतिहास
- किडनी से संबंधित समस्याएं
- नसों की समस्याएँ
- एकसमान इंजेक्शन की दवा की आदतें
- एचआईवि
- लिवर की समस्याओं का इतिहास
फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) के उपचार का कोर्स पूरा हो जाना चाहिए, भले ही लक्षण समाप्त हो जाएं बंद करने से दवा की शक्ति प्रभावित हो सकती है। दवा के प्रभाव को अपना प्रभाव दिखाने में समय लगता है, हालांकि, स्वास्थ्य स्थितियों के तेज होने की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करें।
आपको अपने डॉक्टर को यह भी बताना होगा कि क्या आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक है, आपने हाल ही में जन्म दिया है, या आपने पहले आइसोनियाज़िड लिया है। यह दवा भोजन से 1 या 2 घंटे पहले लेनी चाहिए। खुराक आपकी चिकित्सा स्थिति, उम्र और आप दवा की पहली खुराक पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, उसपर आधारित है।
फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) शुरू करने से पहले, किसी भी एलर्जी, हाल की दवाओं और किडनी और लीवर की बीमारियों जैसे स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में डॉक्टर को सूचित करें क्योंकि यह स्वास्थ्य की स्थिति में हस्तक्षेप कर सकता है या नहीं। गर्भवती, गर्भावस्था की योजना बना रही, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, फॉरकॉक्स टैबलेट (Forecox Tablet) लेते समय शराब के सेवन से बचें क्योंकि इससे अत्यधिक उनींदापन हो सकता है। यह पर्याप्त आराम करने और तेजी से ठीक होने के लिए स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी जाती है, इसके अलावा, चिकित्सक शरीर पर दवा के प्रभाव को जानने के लिए कुछ परीक्षणों का आदेश दे सकता है।
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