युवा अवस्था की ज़िम्मेदारियाँ : युवा अवस्था में नौकरी पेशा व्यक्ति, उन दिनों की जिम्मेदारियों जैसे कि घर का किराया, बच्चों की पढाई का खर्चा आदि को निभाते निभाते अपने बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं और फिर एक ऐसा समय आता हैं जब उसे पैसो की ज़रूरतों को पूरा करने के अपने बच्चों या फिर रिश्तेदारों पर निर्भर होना पड़ता हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं कि आप युवा अवस्था से ही अपनी रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का प्रयास करे और यह आप एक सही रिटायरमेंट पॉलिसी ले के कर सकते है |

समय से पहले बैंक एफडी से पैसा निकालने पर कैसे होता है ब्याज का कैलकुलेशन?

एफडी को समय से पहले तुड़वाने की जरूरत इमर्जेंसी में पड़ती है. कोविड-19 की महामारी के चलते बड़ी संख्‍या में लोगों की इनकम पर असर पड़ा है. ऐसे में आज जैसे हालातों में एफडी का यह फीचर उपयोगी साबित हो सकता है.

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लोग दो कारणों से आज भी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. इनमें पहला है कम जोखिम और दूसरा है सुनिश्चित रिटर्न.

अगर आप एफडी को समय से पहले तुड़वाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको दो चीजों पर जरूर ध्‍यान देना चाहिए.

1. रिफंड की जाने वाली रकम तक पहुंचने के लिए बैंक एफडी पर ब्‍याज कैसे कैलकुलेट करते हैं.
2. मैच्‍योरिटी से पहले एफडी तुड़वाने पर पेनाल्‍टी कैसे वसूली जाती है.

एफडी पर ब्‍याज का कैलकुलेशन कैसे होता है?
पैसा बाजार डॉट कॉम के सीईओ और सह-संस्‍थापक नवीन कुकरेजा कहते हैं कि अगर समय से पहले एफडी को तुड़वा रहे हैं तो प्रभावी ब्‍याज दर वह नहीं होगी जिस पर उसे खोला गया था. बैंकिंग की भाषा में इसे बुक्‍ड रेट कहा जाता है. यह वह दर होती है जिस पर एफडी अकाउंट खोला जाता है. इसके बजाय पैसा जितने समय तक बैंक में रहा है, उसके हिसाब से कार्ड रेट पर ब्‍याज मिलेगा.

इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लेते हैं कि आप किसी बैंक में एक साल की एफडी कराते हैं. इस पर ब्याज की दर 7 फीसदी है. लेकिन, आप छह महीने के बाद आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे तुड़वा देते हैं. ऐसे में आपको छह महीने की अवधि के लिहाज से ही ब्याज मिलेगा. अगर उस बैंक में छह महीने पर 6.25 फीसदी ब्‍याज है तो आपको 6.25 फीसदी के हिसाब से भुगतान होगा.

एफडी को समय से पहले तुड़वाने पर पेमेंट

मूल रकम 1 लाख रुपये
एक साल की एफडी पर बुक्‍ड इंटरेस्‍ट रेट 7 फीसदी
एक साल के बाद मैच्‍योरिटी की रकम 1,07,186 रुपये
छह महीने की एफडी पर इंटरेस्‍ट रेट (कार्ड रेट) 6.25 फीसदी
एफडी को समय से पहले निकालने पर देय रकम 1,03,340 रुपये

अगर कार्ड रेट से बुक्‍ड रेट कम हैं तो क्‍या होगा?
उस स्थिति में एफडी को समय पहले निकालने पर बुक्‍ड रेट का इस्‍तेमाल कर रिफंड की रकम निकाली जाएगी. मान लेते हैं कि आप एक साल की एफडी कराते हैं जिस पर ब्‍याज की दर 6.25 फीसदी है. लेकिन, इसे 91 दिन बाद तुड़वाने का फैसला करते हैं. एफडी को खोलते वक्‍त इंटरेस्‍ट रेट कार्ड के हिसाब से 91 दिनों की एफडी पर ब्‍याज दर 6.50 फीसदी थी. इस मामले में बैंक 6.25 फीसदी से ही ब्‍याज कैलकुलेट करेगा.

कितना लगता है जुर्माना?
समय से पहले एफडी से पैसा निकालने पर बैंक जुर्माना या पेनाल्‍टी वसूलते हैं. अलग-अलग बैंकों में ये रेट अलग-अलग होते हैं. ये जुर्माना आपकी ब्याज दर में से ही काटा जाता है. कुछ मामलों में यह एक फीसदी तक हो सकता है.

एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, एफडी को समय से पहले तुड़वाने पर ये चार्ज लगते हैं :

-5 लाख रुपये तक के रिटेल टर्म डिपॉजिट पर प्रीमैच्‍योर विदड्रॉल पर 0.50 फीसदी पेनाल्‍टी है.
-5 लाख रुपये से ज्‍यादा लेकिन 1 करोड़ रुपये से कम पर 1 फीसदी पेनाल्‍टी लागू है.

पेनाल्‍टी के साथ एफडी को समय से पहले तुड़वाने पर पेमेंट

मूल रकम1 लाख रुपये
एक साल की एफडी पर बुक्ड इंटरेस्‍ट रेट 7 फीसदी
एक साल के बाद मैच्‍योरिटी की रकम 1,07,186 रुपये
6 महीने की एफडी पर ब्‍याज दर6.25 फीसदी
प्रीमैच्‍योर विदड्रॉल के चलते पेनाल्‍टी चार्ज0.50 फीसदी
देय प्रभावी ब्‍याज दर 5.75
प्रीमैच्‍योर विदड्रॉल के कारण मिली रकम1,03,213 स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है रुपये

आपको क्‍या करना चाहिए?
पेनाल्‍टी के चलते प्रभावी ब्‍याज दर घट जाने से एफडी को समय से पहले तुड़वाना महंगा पड़ता है. इसलिए एफडी में पैसा लगाने से पहले प्रीमैच्‍योर विदड्रॉल पर बैंक की शर्तें जरूर देख लें. एफडी तुड़वानी है या नहीं, इस पर फैसला लेने से पहले थोड़ा गणित जरूर लगा लें. कैलकुलेट कर लें कि पेनाल्‍टी (अगर है) के कारण आपको कितना नुकसान होगा.

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FD से मिलने वाले ब्याज पर किस तरीके और कितना लगता है टैक्स? चेक करें डिटेल

अपनी आय पर कटा हुआ TDS देखने के लिए आप फॉर्म 26AS को देख सकते हैं.

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फिक्स्ड डिपॉजिट से होने वाली आय पर पूरा-पूरा टैक्स लगता है. इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसे "अन्य स्रोतों से होने वाली आ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 22, 2022, 11:45 IST

हाइलाइट्स

इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसे "अन्य स्रोतों से होने वाली आय" के तहत रखा जाता है.
FD पर ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक इस पर दी जाने वाली ब्याज पर TDS काटते हैं.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये अधिक के सालाना ब्याज पर TDS काटा जाता है.

नई दिल्ली. फिक्स्ड डिपॉजिट से होने वाली आय पर पूरा-पूरा टैक्स लगता है. मतलब इसमें कोई छूट नहीं होती है. इसे आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लागू होता है. इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसे “अन्य स्रोतों से होने वाली आय” के तहत रखा जाता है.

यदि आप वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं और आपकी FD पर ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक इस पर दी जाने वाली ब्याज पर TDS काटते हैं. यदि आप सीनियर सिटिजन हैं तो 50,000 रुपये के बाद TDS काटा जाता है. यहां, ध्यान रखने वाली बात यह है कि TDS तब काटा जाता है, जब आपकी FD पर ब्याज जोड़ा जाता है या क्रेडिट किया जाता है, न कि तब, जब FD मेच्योर होती है. इस तरह, यदि आपने 3 साल की FD कराई है तो बैंक हर साल ब्जाय देते समय टीडीएस काटेंगे.

कैसे होती है टैक्स की कैलकुलेशन

cleartax.in के मुताबिक, आपको फिक्स्ड डिपॉजिट के ब्याज से जितनी भी आय हो रही है उसे आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है (यदि आपको टैक्स कैलकुलेशन के समय तक ब्याज नहीं मिला है, तब भी). अब आपको देखना होगा कि आपकी आय किस टैक्स स्लैब में आती है. आयकर विभाग उस TDS, जो पहले ही काटा जा चुका है, को आपके कुल टैक्स देनदारी में एडजस्ट कर देता है.

यदि बैंक ने आपकी FD पर ब्याज नहीं काटा है तो समझ लें कि आपको एक वित्त वर्ष में प्राप्त हुई कुल प्राप्त ब्याज पर टैक्स देना होगा. इसे आपको अपनी कुल आय में जोड़कर ही रिटर्न दाखिल करना होगा. यदि आपको ब्याज मिल रहा है तो उस पर सालाना आधार पर टैक्स भरना चाहिए, न कि फिक्स्ड डिपॉजिट के मेच्योर होने का इंतजार करना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि यदि आप मेच्योरिटी पर एक साथ टैक्स भरना चाहेंगे तो उसी साल आपका टैक्स स्लैब ऊपर की तरफ शिफ्ट हो सकता है, अर्थात ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है. आप अपनी किसी भी आय पर कटा हुआ TDS देखने के लिए फॉर्म 26AS को देख सकते हैं.

समझने के लिए उदाहरण

संजय की कुल आय 20 फीसदी टैक्स स्लैब में आती है. उसके पास 3 साल के लिए 1-1 लाख के 2 फिक्स्ड डिपॉजिट हैं. उसे सालाना स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है 6 फीसदी ब्याज मिलता है. पहले साल संजय की कुल आय एक एफडी से 6,000 रुपये होगी. इस हिसाब से पहले साल उसे 12,000 रुपये ब्याज स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है में मिलेंगे. बैंक FD के सालाना ब्याज 40,000 रुपये से कम होने पर TDS नहीं काटता है.

ये भी पढ़ें – इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद भी नोटिस मिले तो क्‍या करें टैक्‍सपेयर्स?

दूसरे उदाहरण आप अभिनव का ले लीजिए. अभिनव की 10 लाख रुपये की FD है और उसे 6 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. उसे साल में 60,000 रुपये ब्याज में मिलेंगे. बैंक उस पूरे 60,000 रुपये पर 10 फीसदी के हिसाब से TDS काटेगा.

ब्याज पर कब टैक्स चुकाना होता है?

यदि आपकी कुल आय में ब्याज आय जोड़ने पर टैक्स लायबिलिटी है, तो उसे वित्त वर्ष के 31 मार्च को या उससे पहले भुगतान करना जरूरी है. इस तरह आप किसी भी बकाया टैक्स का भुगतान कर सकते हैं. हालांकि, अगर आपकी कुल आय में आपकी ब्याज आय को शामिल करने के बाद टैक्स लायबिलिटी 10,000 रुपये से अधिक है, तो आप एडवांस टैक्स का भुगतान करना होगा.

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सेवानिवृत्ति पेंशन योजनाएं आपको वर्षों में अपनी कमाई को निवेश करने में मदद करती हैं और एक ऐसा फंड बनाती हैं जिसे आप अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान पूर्ण रूप से या इसे भागों में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, ये योजनाएं आपके जीवन के सुनहरे वर्षों निवेश के साथ सुरक्षा के दोहरे लाभों के साथ आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। जीवन यापन की उच्च लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए, सेवानिवृत्ति योजना अधिक आवश्यक हो गई है।

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रिटायरमेंट प्लान के लाभ

    युवा अवस्था की ज़िम्मेदारियाँ : युवा अवस्था में नौकरी पेशा व्यक्ति, उन दिनों की जिम्मेदारियों जैसे कि घर का किराया, बच्चों की पढाई का खर्चा आदि को निभाते निभाते अपने बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं और फिर एक ऐसा समय आता हैं जब उसे पैसो की ज़रूरतों को पूरा करने के अपने बच्चों या फिर रिश्तेदारों पर निर्भर होना पड़ता हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं कि आप युवा अवस्था से ही अपनी रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का प्रयास करे और यह आप एक सही रिटायरमेंट पॉलिसी ले के कर सकते है |

सेवानिवृत्ति योजनाएँ या पेंशन योजनाएँ क्या हैं?

सेवानिवृत्ति योजना या पेंशन योजना एक विशिष्ट प्रकार की बीमा पॉलिसी हैं जो आपको एक आरामदायक सेवानिवृत्त जीवन जीने में मदद करती हैं। ये योजनाएं आपको सुरक्षा प्रदान करती हैं और निवेश नीतियों के रूप में भी कार्य करती हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद की आपकी जरूरतों जैसे चिकित्सा खर्च, रहने की लागत आदि को पूरा करने के लिए एक कोष जमा करने में मदद करती हैं।

ये योजनाएं आपकी कमाई को वर्षों में निवेश करती हैं और एक फंड बनाती हैं, जिसका उपयोग आप एक बार में या सेवानिवृत्ति के दौरान भागों में करते हैं। पर्याप्त निवेश और उचित योजना के साथ, आप आसानी से अपने सुनहरे वर्षों की योजना बना सकते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी आय के एक स्थिर प्रवाह के साथ अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

आपको एक सेवानिवृति योजना की आवश्यकता क्यों है?

हम अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई का निवेश इतना अधिक करते हैं कि हम अपने बाद के वर्षों में अपने लिए एक आरामदायक और समृद्ध जीवन हासिल करने पर बहुत कम ध्यान देते हैं।

हममें से अधिकांश लोगों के नौकरी और यहां तक कि अच्छे लाइफ स्टाइल की मांग करते हैं| हमारे तनावपूर्ण जीवन की दैनिक भागदौड़ में, क्या हम अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है के बारे में भी सोचते हैं? लेकिन इस सबके जिम्मेदार हम सब स्वयं हैं गहरी सांस गहरी सांस लें और अपने भविष्य के बारे में सोचें| यदि हम अपनी सेवानिवृति के बाद के जीवन का आनंद नहीं ले पा रहे हैं तो इतनी मेहनत करने का क्या मतलब है? लाइफस्टाइल के अलावा, हमारे पास अपने परिवारों के प्रति जिम्मेदारियां हैं जो सेवानिवृत्ति के साथ दूर नहीं हो सकती हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुचारू और शांतिपूर्ण रहे और आपके परिवार की देखभाल भी अच्छी तरह से होती रहे, अब आपके लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी वर्तमान आयु, आय, लाइफ स्टाइल जीवन शैली और जीवन लक्ष्यों के आधार पर, आप एक निवेश राशि चुन सकते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए योजना बना सकते हैं।

क्या आप रिटायरमेंट के बाद की आय में विश्वास रखते हैं?

प्रोफेशनल लाइफ से सेवानिवृत्ति का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आप नियमित आय प्राप्त करना बंद कर दें। सेवानिवृत्ति योजनाएं आपको अपनी बचत का एक हिस्सा आवंटित करने और उन्हें समय के साथ बढ़ने देती हैं। फिर आप सेवानिवृत्त होने के बाद नियमित भुगतान प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं।

स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है

सी.एम. हेल्पलाईन (181)

सुशासन की स्थापना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओ मे से एक है | सी.एम. हेल्पलाईन स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है का प्रारंभ 31 जुलाई, 2014 से लोक सेवा प्रबंधन विभाग अंतर्गत किया गया| कॉल सेंटर पर नागरिक द्वारा शासकीय योजनाओं की जानकारी, शिकायत एवं मांग/ सुझाव हेतु संपर्क किया जाता है| सी.एम. हेल्पलाईन सुदूर ग्रामीण अंचलो मे रहने वाले लोगों की समस्याओं के त्वरित निराकरण की दिशा में अभिनव प्रयास है | "इसके जरिये 181 पर कॉल रिसीव कर, प्राप्त शिकायतों को निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया जाता है एवं अधिकारियों द्वारा निराकरण के पश्चात सम्बंधित नागरिकों को निराकरण से अवगत स्थिर आय प्राप्त करने में कितना समय लगता है भी कराया जाता है | सी.एम. हेल्पलाईन नागरिकों को, नागरिक केन्द्रित सेवा प्रदाय कराने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है | सी.एम. हेल्पलाईन, राज्य लोक सेवा अभिकरण (म. प्र.) के अंग के रूप में कार्य करता है |

  • शासकीय योजनाओं की जानकारी विषयक कॉल
  • शिकायत विषयक कॉल
  • मांग एवं सुझाव विषयक कॉल
  • भ्रष्टाचार सम्बन्धी कॉल
  • सी एम हेल्पलाईन में की गई शिकायत के निराकरण की जानकारी विषयक कॉल |
  • आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, चालू नक्शा, चालू खसरा / खतौनी की प्रतिलिपियों के लिये आवेदन

--:सी.एम. हेल्पलाइन की विशेष पहल:--

[1] सी.एम. जन सेवा :-

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संदर्भ में माननीय मंत्री महोदय समूहों के द्वारा की गयी अनुशंसा के आधार पर दिनांक 26 दिसम्बर 2020 से सी.एम्. जन सेवा योजना का शुभारम्भ किया गया है | इस योजना के तहत अब नागरिकों को दैनिक जीवन में सर्वाधिक जन उपयोगी लोक सेवा गारंटी अधिनियम की निम्न सेवाएं जैसे :

  • आय प्रमाण पत्र के लिये आवेदन
  • मूल निवासी प्रमाण पत्र के लिये आवेदन
  • चालू नक्शा की प्रतिलिपियों के लिये आवेदन
  • चालू खसरा की प्रतिलिपियों के लिये आवेदन
  • बी-1 खतौनी की प्रतिलिपियों के लिये आवेदन

[2] महिला हेल्पलाइन:-

महिला उत्पीड़न से बचाव हेतु राज्य में महिला हेल्पलाइन का संचालन 8 मार्च 2020 (महिला दिवस) से प्रारंभ किया गया है | महिला हेल्पलाइन के संचालन के लिए सी.एम. हेल्पलाइन (181) से एकीकरण किया गया है | महिला हेल्पलाइन में महिलाओं से सम्बंधित अपराधों एवं समस्याओं में महिला की काउंसलिंग कर तत्काल राहत पहुंचाई जा रही है |

[3] CPGRAMS पोर्टल:-

दिनांक 06 नवम्बर 2020 से केंद्र सरकार के CPGRAMS पोर्टल का सी.एम. हेल्पलाईन पोर्टल के साथ एकीकरण किया गया है | जिससे अब CPGRAMS पोर्टल से प्राप्त शिकायतों को सी.एम. हेल्पलाइन 181 पोर्टल पर दर्ज किया जा कर, निराकरण हेतु संबंधित जिलों एवं विभागों में प्रेषित किया जा रहा है|

[4] WhatsAppकी सुविधा:-

WhatsApp नंबर +917552555582 के माध्यम से नागरिकों को उनके द्वारा दर्ज शिकायत की स्थिति/जानकारी एवं योजनाओं की जानकारी प्रदाय करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है|

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