खाएं-पिएं और बिल क्रिप्टोकरेंसी में चुकाएं: देश का पहला क्रिप्टो थीम बेस्ड कैफे भोपाल में; एलन मस्क भी इसके सपोर्टर, जानिए A to Z.

डिजिटल करेंसी के बढ़ते चलन के बीच भोपाल में ऐसा कैफे भी है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट कर सकते हैं। यह एमपी का क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड पहला कैफे है। हालांकि, देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड रेस्टोरेंट दिल्ली के कनॉट पैलेस में पिछले साल से चल रहा है। ट्विटर खरीदने वाले एलन मस्क भी इस क्रिप्टोकरेंसी के सपोर्टर हैं। हम आपको बताएंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या? कैसे इससे पेमेंट की जा सकती है? इसके नफे-नुकसान क्या हैं, लेकिन सबसे पहले जानते हैं इस यूनीक कैफे के बारे में. ।

इस पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय दे सकते हैं.

क्रिप्टो विला एंड कैफे भोपाल के रोहित नगर इलाके में है। ये कैफे पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी थीम पर बेस्ड है। यहां का मेन्यू भी क्रिप्टोकरेंसी थीम पर ही क्रिएट किया गया है। कैफे संचालक गौरव तिवारी के मुताबिक, डेढ़ महीने में ही कैफे में 30 से ज्यादा लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजेक्शन कर चुके हैं। लोग रुपए में भी पेमेंट कर सकते हैं।

कैफे में क्रिप्टोकरेंसी से मिलती-जुलती क्रिएटिव डिशेज हैं। क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह डिजाइन फूड आइटम्स यहां की स्पेशियलिटी है। कैफे में एक चॉकलेट बॉम्ब नाम की डिश है, जिसमें से चॉकलेट बम फटता है और अंदर से बिटकॉइन (खाने वाला) निकलता है।

कैफे संचालक का कहना है कि इस कैफे का मकसद लोगों को अवेयर करना भी है, जिससे लोग सही जगह और सही तरीके से इन्वेस्ट कर सकें। क्रिप्टोकरेंसी के 1 कॉइन की कीमत 20 हजार से लेकर 30 लाख रुपए तक है। अब सवाल यह उठता है कि पेमेंट कैसे होगी? मान लीजिए आप बिटकॉइन (एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी) से पेमेंट कर रहे हैं। इस वक्त 1 बिटकॉइन की वैल्यू 30 लाख रुपए है। अगर कैफे में आपका बिल 1 हजार रुपए का बनता है तो इस हिसाब से आपको 0.00034 बिटकॉइन ही देना होगा। क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल पेमेंट भी कहते हैं।

कैसे करेंगे पेमेंट?
यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे आप PhonePe, GPay और Paytm से पेमेंट करते हैं। क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो पेमेंट करने के लिए एक एक्सचेंज होना चाहिए, जो कि एक ऐप है। क्रिप्टोकरेंसी में भी पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड का यूज कर सकते हैं। क्रिप्टो में पे करने के लिए कस्टमर के पास एक्सचेंज ऐप होना चाहिए। क्रिप्टो विला एंड कैफे में Binance ऐप पर पे कर सकते हैं। यहां सीधे क्रिप्टोकरेंसी टु क्रिप्टो पेमेंट होती है। इसके लिए ऐप पर अकाउंट बनाकर क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगी।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?
आप क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज के क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे जरिए खरीद सकते हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन डीसीएक्स गो, कॉइनबेस और बिनान्से समेत कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइट पर आपको साइनअप करना पड़ेगा। KYC की प्रोसेस पूरी होने के बाद आप ऐप के एक्सचेंज वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर इन रुपए से क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू घटती-बढ़ती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर कितना चार्ज लगता है?
अभी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी देश का नियंत्रण नहीं है। दरअसल, ये डीसेंट्रलाइज्ड करेंसी होती है। डीसेंट्रलाइज्ड सिस्टम में लेन-देन को डिजिटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई किया जाता है। इसलिए इनके ऊपर कोई भी एजेंसी, सरकार, किसी बोर्ड का अधिकार नहीं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को रेगुलेट नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो टु क्रिप्टो पेमेंट करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है, लेकिन 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजेक्शन करने पर 1% का TDS भी लगता है।

भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम?
वैसे तो हमारे देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। RBI की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। जबकि, बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के फायदे
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, इसलिए इन्वेस्ट करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट सिक्योर होता है। इसमें ट्रांजेक्शन फीस बेहद कम होती है।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के नुकसान भी
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश की सरकार द्वारा संचालित नहीं की जाती है। इसलिए फ्रॉड होने पर आप किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। अगर आपका वॉलेट ID एक बार खो जाता है तो उस वॉलेट में आपके जितने रुपए होंगे, वह सब डूब जाएंगे। क्रिप्टोकरेंसी में मार्केट बहुत flexible होता है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की भी है।

Crypto Price: BitCoin का कम हुआ मार्केट में दबदबा, टॉप-10 के इस क्रिप्टो में आज सबसे अधिक तेजी

Crypto Price: मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 क्रिप्टो में से सिर्फ एक ही करेंसी में आज थोड़ी कमजोरी दिख रही है। सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) की बात करें तो इसके भाव में मामूली तेजी आई है लेकिन क्रिप्टो मार्केट में हिस्सेदारी 40 फीसदी के नीचे फिसल गई है

पिछले 24 घंटे में क्रिप्टो मार्केट में BitCoin की स्थिति 0.05 फीसदी कमजोर हुई है और अब क्रिप्टो बाजार में इसकी 39.96 फीसदी हिस्सेदारी है। (Image- Pixabay)

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज (27 दिसंबर) शानदार रुझान दिख रहा है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 क्रिप्टो में से सिर्फ एक ही करेंसी डॉजकॉइन (Dogecoin) में थोड़ी कमजोरी दिख रही है। वहीं सबसे अधिक तेजी एक्सआरपी (XRP) क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे में है और यह पांच फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है। सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) की बात करें तो इसके भाव में मामूली तेजी आई है लेकिन क्रिप्टो मार्केट में हिस्सेदारी 40 फीसदी के नीचे फिसल गई है। अभी यह 0.19 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 16,852.84 डॉलर (13.92 लाख रुपये) के भाव (BitCoin Price) में मिल रहा है। दूसरे सबसे बड़े क्रिप्टो एथेरियम (Ethereum) में भी तेजी मामूली है। पूरे क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो पिछले 24 घंटे में वैश्विक मार्केट कैप में 0.19 फीसदी की तेजी आई है और यह 81.25 हजार करोड़ डॉलर (67.31 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे गया है।

वीकली सिर्फ दो क्रिप्टो में कमजोरी

मार्केट कैप के हिसाब से टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में सिर्फ दो के भाव कमजोर हुए हैं। इसमें से टेथर (Tether) तो लगभग फ्लैट रहा लेकिन बीएनबी (BNB) सात दिनों में डेढ़ फीसदी से अधिक कमजोर हुआ है। सात दिनों में सबसे अधिक तेजी XRP में रही और यह सात फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है। वहीं टॉप के दो क्रिप्टो की बात करें तो दोनों मजबूत हुए हैं। हालांकि सात दिनों में बिटकॉइन और एथेरियम, दोनों में ही एक फीसदी से कम तेजी रही।

डिजिटल टोकन पर बयान: वित्तमंत्री ने कहा- न तो क्रिप्टोकरेंसी लीगल है और न ही इस पर प्रतिबंध है

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी न तो अवैध है और न ही इस पर कोई प्रतिबंध लगा है। टैक्स केवल कमाई पर लग रहा है, इसके अलावा इसका कोई मतलब नहीं है - Dainik Bhaskar

राज्यसभा में बजट पर बहस के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर केवल टैक्स लगाया है। बजट में इसके फायदे क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे पर 30% के टैक्स का प्रस्ताव किया गया था। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को चेताया था।

वित्तीय स्थिरता के लिए खतरनाक

शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरनाक है। हालांकि पहले यह माना जा रहा था कि सरकार टैक्स के जरिए क्रिप्टो को लीगलाइज करेगी। पर अब रिजर्व बैंक के बयान के बाद यह मामला खत्म हो गया है।

सरकार और रिजर्व बैंक का एक ही मत

सरकार और रिजर्व बैंक दोनों ने एक ही सुर में क्रिप्टो पर अपना फैसला सुनाया है। हालांकि सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए बिल लाया जाएगा। पर यह कब लाया जाएगा, इसका पता नहीं है। पिछली बार के सत्र में ही इसे लाया जाना था।

निवेशकों की संख्या जान बूझकर बढ़ाई जाती है

शक्तिकांत दास पहले भी क्रिप्टो को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर चुके हैं। वे कहते हैं कि भारत में क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या को जान बूझकर बढ़ा कर बताया जाता है, ताकि इससे ज्यादा लोग जुड़ सकें। सीतारमण ने कहा कि इस डिजिटल करेंसी पर फैसला इसके सभी पार्टियों से सलाह कर लिया जाएगा।

सलाह के बाद फैसला होगा

उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिबंध लगाना या न लगाना यह तब तय होगा, जब मुझे उस तरह की सलाह मिलेगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि टैक्स आप किसी भी चीज पर कैसे ले सकते हैं, अगर वह लीगल नहीं है। टैक्स का मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसीज लीगल हो रही है।

किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलेगी

बजट में यह कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी से हुए फायदे पर किसी तरह की रियायत नहीं मिलेगी और इसमें सीधे 30% का टैक्स देना होगा। न ही इसका घाटा अगले साल में दिखाया जा सकता है। यानी 100% घाटा निवेशकों का होगा, जबकि फायदा में 30% हिस्सा सरकार का होगा।

डिजिटल टोकन पर बयान: वित्तमंत्री ने कहा- न तो क्रिप्टोकरेंसी लीगल है और न ही इस पर प्रतिबंध है

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी न तो अवैध है और न ही इस पर कोई प्रतिबंध लगा है। टैक्स केवल कमाई पर लग रहा है, इसके अलावा इसका कोई मतलब नहीं है - Dainik Bhaskar

राज्यसभा में बजट पर बहस के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले फायदे पर केवल टैक्स लगाया है। बजट में इसके फायदे पर 30% के टैक्स का प्रस्ताव किया गया था। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को चेताया था।

वित्तीय स्थिरता के लिए खतरनाक

शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरनाक है। हालांकि पहले यह माना जा रहा था कि सरकार टैक्स के जरिए क्रिप्टो को लीगलाइज करेगी। पर अब रिजर्व बैंक के बयान के बाद यह मामला खत्म हो गया है।

सरकार और क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे रिजर्व बैंक का एक ही मत

सरकार और रिजर्व बैंक दोनों ने एक ही सुर में क्रिप्टो पर अपना फैसला सुनाया है। हालांकि सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए बिल लाया जाएगा। पर यह कब लाया जाएगा, इसका पता नहीं है। पिछली बार के सत्र में ही इसे लाया जाना था।

निवेशकों की संख्या जान बूझकर बढ़ाई जाती है

शक्तिकांत दास पहले भी क्रिप्टो को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर चुके हैं। वे कहते हैं कि भारत में क्रिप्टो के निवेशकों की संख्या को जान बूझकर बढ़ा कर बताया जाता है, ताकि इससे ज्यादा लोग जुड़ सकें। सीतारमण ने कहा कि इस डिजिटल करेंसी पर फैसला इसके सभी पार्टियों से सलाह कर लिया जाएगा।

सलाह के बाद फैसला होगा

उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिबंध लगाना या न लगाना यह तब तय होगा, जब मुझे उस तरह की सलाह मिलेगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि टैक्स आप किसी भी चीज पर कैसे ले सकते हैं, अगर वह लीगल नहीं है। टैक्स का मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसीज लीगल हो रही है।

किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलेगी

बजट में यह कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी से हुए फायदे पर किसी तरह की रियायत नहीं मिलेगी और इसमें सीधे 30% का टैक्स देना होगा। न ही इसका घाटा अगले साल में दिखाया जा सकता है। यानी 100% घाटा निवेशकों का होगा, जबकि फायदा में 30% हिस्सा सरकार का होगा।

IFFCO ने किया नया आविष्कार, Nano Urea के बाद अब Nano DAP की खोज, जानिए इसके फायदे

Nano DAP

IFFCO ने किया नया आविष्कार, Nano Urea के बाद अब Nano DAP की खोज, खेती में उर्वरकों का उपयोग तेजी से क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण खेती में लगने वाली लागत भी तेजी से बढ़ रही है, और किसानों का फायदा कम हो रहा है, इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी बहुत गहरा असर देखने को मिल रहा है, इसी कारण से किसानों को उर्वरकों का सीमित मात्रा में उपयोग करने की सलाह दी जाती है।खेती में प्रयोग होने वाले उर्वरकों को बनाने वाली कंपनी इफको ने नैनो लिक्विड फ़र्टिलाइज़र (Nano liquid fertilizer) को बाजार में लाकर खेती में उपयोग होने वाले उर्वरकों के उपयोग का तरीका ही बदल दिया है।

इफको कंपनी के द्वारा सबसे पहले नैनो यूरिया बाजार में लाया गया था और इसी की सफलता को देखते हुए कंपनी ऐसा ही कुछ और किसानों के लिए करना चाहती थी हाल ही में कंपनी ने किसानों को एक खुशखबरी दी है आइए जानते हैं क्या है वह खुशखबरी।ताजा रिपोर्ट के अनुसार जल्द ही इफको कंपनी नैनो डीएपी उर्वरक भी बाजार में लाने वाली है, किसान भाइयों आपको बता दें कि यह नैनो लिक्विड फर्टिलाइजर की तकनीक पूरी तरह से देसी है।

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नैनो यूरिया ने कम खर्च में दिया अधिक मुनाफा (Nano urea gave more profit in less cost)

आने वाले समय में विदेशों से आयात किए जा रहे उर्वरकों के उपयोग को कम करने में सहायक होगा।जैसे कि हमने देखा खेती में नैनो यूरिया (Nano Urea) के आते ही किसानों का खर्च कम हो गया है, खेती में नैनो यूरिया के उपयोग से किसानों को बहुत ही फायदा प्राप्त हुआ है। फसल का अच्छा उत्पादन तो किसानों को प्राप्त हुआ ही है, इसके साथ-साथ यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।

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कंपनी ने DAP को बदला Nano DAP में (Company changed DAP to Nano DAP)

इसीलिए कंपनी ने डीएपी को भी नैनो तकनीक से लिक्विड में बदलने का फैसला किया है, इस तकनीक पर कंपनी अभी काम कर रही है, और पूरी तरीके से सफल परीक्षण के बाद किसान नैनों डीएपी का भी इस्तेमाल कर सकेंगे और खेती में लाभ ले सकेंगे।

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जानिए Nano DAP की कीमत के बारे में (Know about the price of Nano DAP)

अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है, कि Nano Urea की क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसके फायदे तरह ही नैनो DAP की बोतल भी वही दाम लगभग (Nano DAP Price) 600 रुपए के लगभग बेची जा सकती है।आपको बता दें कि इसके मूल्य बाजार में उपलब्ध DAP से कुछ ऊपर नीचे या उसके बराबर हो सकते हैं, अभी फिलहाल में डीएपी के एक बेग का मूल्य लगभग 1350 रुपए हैं, इसकी तुलना में नैनो डीएपी अधिक लाभदायक होगा और इससे खेती में किसानों का पैसा बचेगा।

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