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मध्यप्रदेश स्टेट इण्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लि. भोपाल (एमपीएसआईडीसी) पूर्व में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड, मध्यप्रदेश के उद्योग, वाणिज्य और रोजगार विभाग के अंतर्गत शासन का एक उपक्रम है। निगम का मुख्यालय ‘एव्हीएन टावर’, प्लाट नंबर 192, जोन-1, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल (म.प्र.) में स्थित है। निगम का गठन 13 सितम्बर 1965 को कंपनीज एक्ट 1956 के प्रावधानों के अनुसार किया गया था जिसमें शत प्रतिशत अंशपूंजी में राशि मध्यप्रदेश शासन द्वारा वेष्ठित की गई है।
1. शासन के विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में अपना सहयोग देना।
2. बड़े तथा मध्यम उद्योगों की स्थापना हेतु सहयोग करना।
3. निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने के उद्देश्य से उन्हें प्रशिक्षित तथा प्रोत्साहित करना।
Page last updated: 01-05-2017
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LIC IPO: जीवन बीमा निगम में 20% एफडीआई का रास्ता साफ, सरकार ने नियमों में किया बदलाव
सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का रास्ता खुल गया है.
सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) नियमों में संशोधन किया है. इससे बीमा क्षेत्र की दिग्गज निगमों में निवेश कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) में 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का रास्ता खुल गया है. सरकार इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिए LIC में अपनी हिस्सेदारी (Stake) कम करने की योजना बना रही है. LIC ने फरवरी में आईपीओ के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) (Sebi) के पास दस्तावेज (DRHP) जमा कराए थे. इससे पिछले महीने सेबी ने दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी और अब बीमा कंपनी बदलावों के साथ अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) दाखिल करने की प्रक्रिया में है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद उद्योग और डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने एलआईसी के बड़े आईपीओ से पहले कंपनी निगमों में निवेश में विदेशी निवेश लाने के लिए 14 मार्च को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में संशोधन किया था. एफडीआई नीति में बदलाव के साथ डीपीआईआईटी के प्रावधानों को लागू करने के लिए फेमा अधिसूचना जरूरी थी.
मौजूदा एफडीआई नीति में निगमों में निवेश क्या है प्रावधान?
हाल में जारी गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इन नियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) (संशोधन) नियम, 2022 कहा जा सकता है. अधिसूचना के जरिए मौजूदा नीति में एक परिच्छेद (पैराग्राफ) डाला गया है, जिसमें एलआईसी में स्वत: मंजूर मार्ग से 20 फीसदी तक एफडीआई की इजाजत है. मौजूदा एफडीआई नीति के तहत मंजूरी मार्ग से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है. ऐसे में एलआईसी और इसी तरह की दूसरी कॉरपोरेट इकाइयों में 20 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति देने का फैसला किया गया है.
इसमें कहा गया है कि एलआईसी में विदेशी निवेश जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 (LIC कानून) के प्रावधानों और बीमा कानून, 1938 के ऐसे प्रावधानों के जरिए आ सकता है, जो एलआईसी पर लागू होंगे. इनमें समय-समय पर संशोधन होता है.
सेबी ने मसौदे को मंजूरी दे दी थी
देश के अब तक के सबसे बड़े इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग के लिए मंच तैयार करते हुए सेबी ने सरकार द्वारा एलआईसी में करीब 63,000 करोड़ रुपये में पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए दस्तावेजों के मसौदे को मंजूरी दे दी है. दस्तावेजों के मसौदे के मुताबिक, एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य 30 सितंबर 2021 तक करीब 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकक मिलीमैन एडवाइजर्स ने एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला है. हालांकि, दस्तावेजों में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन उद्योग के मानकों के मुताबिक यह अंतर्निहित मूल्य का तीन गुना या करीब 16 लाख करोड़ रुपये होगा.
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एलआईसी का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. एक बार सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी के बाजार मूल्यांकन की तुलना रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से हो सकेगी. अभी तक पेटीएम ने 2021 में आईपीओ से 18,300 करोड़ रुपये जुटाए थे. यह अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ है. इससे पहले 2010 में कोल इंडिया ने आईपीओ से 15,500 करोड़ रुपये और रिलायंस पावर में 2008 में 11,700 करोड़ रुपये जुटाए थे.
भारतीय जीवन बीमा निगम का 21 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ आज से आम निवेशकों के लिए खुला
भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ आज से आम निवेशकों के लिए खुल गया है। यह सब्सक्रिप्शन के लिए 9 मई तक खुला रहेगा।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि बोली लगाने वालों के डीमैट खाते में शेयरों का आवंटन 16 मई तक होगा और ये शेयर 17 मई को कारोबार के लिए सूचीबद्ध होंगे।
ब्रांड फाइनेंस द्वारा जारी बीमा एक सौ -2021 रिपोर्ट के अनुसार जीवन बीमा निगम को तीसरे सबसे मजबूत और 10वें सबसे मूल्यवान वैश्विक बीमा ब्रांड के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसे डब्ल्यू पी पी कंटार द्वारा 2018, 2019 और 2020 के लिए ब्रॉन्ड जेड टॉप 75 मोस्ट वैल्यूएबल इंडियन ब्रांड्स की रिपोर्ट में भारत में दूसरे सबसे मूल्यवान ब्रांड के रूप में मान्यता दी गई है।
निगम के पास लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बीमा और निवेश उत्पादों का एक विविध पोर्टफोलियो है। 65 साल पुरानी निगमों में निवेश इस कंपनी के पास 13 लाख से अधिक एजेंट हैं।
अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम ने किस देश में राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष में निवेश करने की घोषणा की है -
अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम ने भारत में राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) में निवेश करने की घोषणा की है। इस घोषणा के अनुसार, डीएफसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास का समर्थन करने के लिए NIIF के लिए इक्विटी में 54 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। डीएफसी का यह निवेश NIIF के मास्टर फंड के लिए फंड्स जुटाने के अंतिम दौर का एक हिस्सा है। इस निवेश के साथ, मास्टर फंड के लिए फंड्स जुटाने का कार्य पूरा हो गया है।
सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में स्वचालित मार्ग के तहत कितने प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी है?
Key Points
- सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में स्वचालित मार्ग के तहत 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी है।
- इसका उद्देश्य, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश को सुगम बनाना है।
- मौजूदा FDI नीति, LIC में विदेशी निवेश के लिए कोई विशिष्ट प्रावधान निर्धारित नहीं करती है, जिसे LIC अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित किया गया है।
Important Points
- सरकार को वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रस्तावित शेयर बिक्री से 63,000-66,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है।
- LIC के लिए FDI की सीमा अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बराबर कर दी गई है।
- जबकि सरकार ने 2021 में बीमा क्षेत्र में FDI की सीमा 49 निगमों में निवेश प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी थी, लेकिन इसमें LIC शामिल नहीं था जो एक विशिष्ट कानून द्वारा शासित है।
Additional Information
- भारतीय जीवन बीमा निगम भारत सरकार के स्वामित्व वाला बीमा और निवेश निगम है।
- यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के स्वामित्व में है।
- इसकी स्थापना 1 सितंबर 1956 को हुई थी।
- इसका का मुख्यालय मुंबई में है।
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Last updated on Sep 21, 2022
The Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) is going to release a new notification for UPPSC PCS 2023 cycle. Recently, UPPCS Prelims Scorecard for the 2022 cycle has been released that was conducted on 12th June 2022. Candidates who निगमों में निवेश had a Graduation degree appeared for the examination. The candidates selected under the UPPSC recruitment will get UPPSC PCS Salary range between Rs. 9300 to Rs. 39100.
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