आपने ‘टू चिकन आउट’ मुहावरे को सुना होगा। किसी स्थिति से बाहर निकलने का मतलब है कि इससे डरा होना चाहिए। इसी तरह, शेयर बाजार पशु ‘चिकन’ उन निवेशकों को संकेत देता है जो निरंतर शेयर बाजार के डर में रहते हैं। ये निवेशक उस क्षण घबराते हैं जब बाजार नकारात्मक हो जाता है और आवेगपूर्ण निर्णय लेना शुरू कर देता है जैसे कि शेयर को समय से पहले से बाहर निकलना। वे अक्सर भूल जाते हैं कि अस्थिरता शेयर बाजार का उप-उत्पाद है और अपनी भावनाएं के आधार पर फैसलें लेते है। शेयर बाजार में मुर्गियां भी निवेशक हैं जो निवेश के रूढ़िवादी और गैर-जोखिम भरा रूपों जैसे कि बैंक निश्चित जमा, बांड, सरकारी प्रतिभूतियों आदि से चिपकना पसंद करते हैं।

शेयर बाजार के पशु प्रतीक

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जब शेयर बाजार की बात आती है, तो पेचीदा और आकर्षक तथ्यों की कोई कमी नहीं होती है। आप अपने शेयरों का व्यापार करते समय व्यापार की जाने वाली विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों और प्रयोग करने के लिए विभिन्न रणनीतियों के बारे में सुनते हैं। आपको अपने आप को शेयर बाजार के विभिन्न शब्दकोष और शब्दावली से परिचित कराना होगा। इनमें से, आपने अक्सर ‘बैल’ और ‘भालू’ शब्दों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते थे कि शेयर बाजार में एक संपूर्ण पशु साम्राज्य शामिल है जो सिर्फ बैल और भालू से परे है? हां, शेयर बाजार में हर जानवर बाजार के एक विशिष्ट पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। तो आइए इन जीव-जन्तु सम्बन्धी शेयर बाजार वाक्यांशों को डीकोड करने और इन पशु-आधारित कथनों के अर्थ को समझने का प्रयास करें।

1. बैल

सभी शेयर बाजार जानवरों के पहले और सबसे प्रमुख रूप से जाना जाता है बैल। बैल सभी शेयर बाजार जानवरों में सबसे सकारात्मक है। यह एक अत्यधिक सकारात्मक और अनुकूल शेयर बाजार वातावरण का प्रतिनिधित्व करता है। एक बैल बाजार में, शेयर की कीमतों में वृद्धि जारी रहती है, और निवेशक अपने निवेश में वृद्धि करते हैं। यहां, ट्रेडर्स उन कंपनियों की संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं जिनमें उन्होंने निवेश किया है, और उनका मानना है कि बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहा है। बैल अनिवार्य रूप से कंपनियों की शेयर कीमतों को ऊपर की ओर चलाते हैं। एक बैल बाजार एक साथ कई वर्षों तक चल सकता हैं।

इन 4 वजहों से निवेशक बाजार में डुबा देते हैं अपनी पूरी रकम, नहीं की ऐसी गलतियां तो मिलेंगे कमाई के बड़े मौके

इन 4 वजहों से निवेशक बाजार में डुबा देते हैं अपनी पूरी रकम, नहीं की ऐसी गलतियां तो मिलेंगे कमाई के बड़े मौके

सेंसेक्स और निफ्टी में फिलहाल उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि बाजार में पिछले एक साल के दौरान मिले ऊंचे रिटर्न को देखते हुए आप भी चाह रहे होंगे कि इस दौर में कुछ अच्छी कमाई हो जाये. बाजार से कमाई करना कोई असंभव काम नहीं है लेकिन छोटे निवेशकों से पूछा जाये तो ऐसे बेहद कम लोग ही मिलेंगे जिनका अनुभव अच्छा रहा है. आखिर ऐसा क्यों है कि बढ़ते बाजार के दौरान भी आम लोग बाजार में अपना पैसा डुबा देते हैं. आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी गलतियां जो छोटे निवेशकों के लिये नुकसान भरी साबित होती हैं. अगर आप अपनी रणनीति में इन गलतियों का ध्यान रखेंगे तो काफी संभावना है कि बाजार आपके लिये भी सोने की खान बन जाये

दूसरों को देखकर निवेश की नई शुरुआत

छोटे निवेशकों के साथ सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि वो दूसरों को मिलने वाले रिटर्न देखकर निवेश की शुरुआत का फैसला करते हैं. लेकिन इस स्थिति में एक बड़ा सवाल छुपा होता है जिसका जवाब छोटे निवेशक तलाशने की कोशिश नहीं करते. निवेशकों को पूछना चाहिये कि अगर बाजार में बेहद ऊंचे रिटर्न दिख रहें हैं तो अब आगे के लिये बचा क्या है. वॉरेन बफे जैसे दिग्गज निवेशक इसे काफी गंभीरता से लेते हैं. जानकारों की सलाह है कि ऊंचे स्तरों पर पहुंचे बाजार को ट्रेडर्स के लिये छोड़ दें. और बाजार नीचे आने का इंतजार करें या फिर वो स्टॉक तलाशें जो अभी भी अपनी ऊंचाइयों से दूर है.. इसके लिये किसी जानकार की मदद ले सकते हैं.

जो लोग कभी न कभी स्टॉक मार्केट में ट्रेड कर चुके होतें हैं उनके पास अक्सर उंचे रिटर्न का सलाह देने वाला एसएमएस या फिर किसी अनजाने ब्रोकर की तरफ से निवेश की सलाह आती है. कई बार लोग न केवल इसपर खुद अमल करते हैं साथ ही अपने करीबियों को भी इसकी सलाह देते हैं। बाजार जब दौड़ लगा रहा होता है तो हो सकता है कि छोटी अवधि में ऐसी सलाहें काम कर जाएं। हालांकि अक्सर ऐसी सलाहें लोगों की बड़ी रकम डूबने की वजह बनती है. दरअसल ऐसी अनजान सलाहें किसी स्कैम का हिस्सा हो सकती हैं, जिसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस शेयर की खरीद में शामिल कर कीमतों को बढ़ाना होता है. अगर आप वास्तव में बाजार से कमाने चाहते हैं तो बेहतर होगा कि पहले अपने स्तर पर बाजार को समझें, बाजार के किसी जानकार के संपर्क में रहें साथ ही जिन स्टॉक में निवेश कर रहे हैं उनके बारे में भी रिसर्च ऱखें

इंट्रा डे कारोबार

इंट्रा डे कारोबार बाजार का सबसे आकर्षक हिस्सा होता है..हालांकि ये जितना फायदे का सौदा दिखता है उससे ज्यादा नुकसान भी करवा सकता है. इंट्रा डे कारोबार के लिए न केवल आपको बाजार की सामान्य से ज्यादा जानकारी चाहिए, साथ ही बाजार पर पूरे कारोबार के दौरान गंभीरता से नजर भी रखनी होती है आप मौका चूके तो महज कुछ मिनटों में आप तेज मुनाफे से तेज घाटे में पहुंच सकते हैं। अगर आप बाजार के खिलाड़ी नहीं हैं और बाजार में कमाई करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप बाजार को कुछ समय दें, साथ ही शेयरों का चुनाव मध्यम से लंबी अवधि के निवेश के आधार पर करें। इसके साथ ही बाजार को लेकर समझ विकसित करें इससे आने वाले समय में आप इंट्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बेहतर फैसला कर सकेंगे।

रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे बाजार में रिटेल निवेशक सबसे ज्यादा नुकसान पैनी स्टॉक्स में उठाते हैं. दरअसल तेजी के दौरान इनका प्रदर्शन पूरे बाजार में सबसे शानदार दिखाई देता है. कई बार ऐसे स्टॉक एक हफ्ते में दोगुना या तीन गुना तक बढ़ जाते हैं. ऐसे में रिटेल निवेशक कम निवेश पर तेज मुनाफे की सोच कर इन स्टॉक्स में निवेश करते हैं. हालांकि पैनी स्टॉक्स में बढ़त के कई कारण होते हैं, जिसमें बाजार में मौजूद सीमित शेयर, छोटे कारोबार का भी बड़ा असर और कई बार जानबूझकर पैदा किया गया उछाल शामिल होता है. ध्यान रखें की कोई स्टॉक पैनी स्टॉक (अपनी फेस वैल्यू से भी नीचे) कैटेगरी में तब ही आता है जबकि उस कंपनी का स्थिति काफी बुरी हो जाती है. ऐसे में कृपया बेहद छोटी कीमत के स्टॉक्स से रिटेल निवेशक अपनी दूरी बनाए रखें.

भीड़ चाल दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश से बचेंगे तो फायदे में रहेंगे

लेजेंड इन्वेस्टर वॉरेन बफेट ने कहा था कि जब दूसरे निवेशक अग्रेसिव हों तो डरना चाहिए और जब दूसरे निवेशक डरे हुए हों तो अग्रेशन यानी भूख बढ़ानी चाहिए. शेयर बाजार के रिटेल निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वे इस कहावत के विपरीत दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश काम करते हैं. ज्यादातर निवेशक फॉलोअर होते हैं. अगर बाजार में बिकवाली है तो बिकवाली करने लग जाते हैं, अगर खरीदारी की जा रही है तो बस खरीदना शुरू कर देते हैं. यह स्ट्रैटिजी बहुत कम सफल होती है क्योंकि खरीदारी रोककर कब प्रॉफिट कमाना है और बिकवाली छोड़कर कब खरीदारी शुरू करनी है, इसकी समझ के लिए अनुभव और ज्ञान बहुत जरूरी है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब कोरोना का आगमन हुआ तो रिटेल निवेशकों की बाढ़ आ गई. वित्त वर्ष 2021 में कुल 14.2 मिलियन यानी 1.42 करोड़ डीमैट अकाउंट खोले गए.

सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के कारण आजकल हर कोई बाजार का एक्सपर्ट बन बैठा है. बाजार का आकलन और मूल्यांकन करना आसान हो गया है. हर कोई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर मार्केट गुरु बन गया है. यही वजह है कि रिटेल निवेशक हर छोटी-बड़ी खबरों पर रिएक्ट करते हैं और एक्शन में आ जाते हैं. किन खबरों पर एक्शन लेना है, वे समझ नहीं पाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शेयर बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, साथ ही धैर्य और अनुशासन का होना सबसे जरूरी है. निवेशकों को खरीदने से पहले 100 बार दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश विचार करना चाहिए, लेकिन जब खरीद लिया तो फिर होल्ड करना चाहिए. खरीदने के तुरंत बाद एक्शन में आना चुतराई नहीं हो सकती हैं. अगर बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटिजी अपनाएंगे तो हर हाल में मुनाफा बनेगा.

सेक्टर और स्टॉक्स डायवर्सिफिकेशन का रखें विशेष ध्यान

रिटेल निवेशकों में ऐसा देखा गया है कि जब वे किसी खास सेक्टर या स्टॉक में मुनाफा कमा लेते हैं तो उनका फोकस लिमिटेड हो जाता है. वे अपने कंफर्ट जोन में आ जाते हैं और दूसरे सेक्टर्स और स्टॉक्स में क्या हो रहा है, उस एक्शन को मिस कर जाते हैं. जब तक पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई नहीं दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश रखेंग, नुकसान की संभावना बनी रहेगी. इस बात की पूरी संभावना है कि आपकी सारी कमाई एकबार में छीन लिया जाए. निवेशकों को हर सेक्टर के लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप, तीनों पर फोकस करना चाहिए. स्मॉलकैप और मिडकैप से रिटर्न मिलेगा तो लार्जकैप से पोर्टफोलियो को स्टैबिलिटी मिलेगी.

शेयर बाजार में गलती की गुंजाइश नहीं है. एक छोटी से गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ऐसे में गलतियों से बचें. अगर कोई गलती हो जाए तो उसका गंभीरता से मूल्यांकन करें और उसे कभी नहीं दोहराएं. निवेशकों को ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीखना चाहिए. अगर इस बात की गंभीरता को नहीं समझेंगे तो याद रखें कि शेयर बाजार अपने आप में एक शिक्षक है जिसकी फीस बहुत ज्यादा है. संभव है कि इस फीस को चुकाने के बाद आप बाजार की तरफ देखने में भी झिझक महसूस करें.

विपरीत – विपरीत निवेश रणनीति

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कई निवेश रणनीतियों का उपयोग लोग तब करते हैंजब वे पहली बार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। एन्जिल निवेश से लेकर मात्रा निवेश करने के लिए, इन रणनीतियों में से कई वर्तमान अरबपतियों के घरेलू नामों से लोकप्रिय हैं। ऐसी ही एक रणनीति विपरीत निवेश है।

विपरीत निवेश क्या है?

एक निवेश शैली जिसमें निवेशक दूसरों को खरीदते समय बेचकर बाजार के रुझानों से बचते हैं, और इसके विपरीत, को विपरीत निवेश के रूप में जाना जाता है। विपरीत निवेशक इस धारणा को साझा करते हैं कि जो लोग तर्क देते हैं कि बाजार ऊपर की ओर जा रहा है, वे केवल तभी करते हैं जब उनके पास कोई और क्रय शक्ति न हो और पूरी तरह से निवेश किया जाए। इस समय के दौरान, बाजार अपने चरम दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश पर है। इसलिए जब बाजार नीचे की ओर जाता है, जो लोग रोते थे कि यह ऊपर जा रहा है, वे पहले से ही अपने शेयर बेच चुके हैं, और बाजार केवल इस बिंदु पर जा सकता है।

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, स्टाॅक मार्केट में होने वाली गलतियां

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, Stock Market Investment Tips, शेयर बाजार में पैसा कैसे कमाए

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

Share Market Investment Tips: यह बात बिल्कुल सही है कि शेयर बाजार में काफी ज्यादा पैसा कमाया जा सकता हैं, मगर साथ ही शेयर बाजार में काफ़ी ज़्यादा पैसा गंवाने की संभावना भी बनी रहती हैं। जिसके चलते अधिकतर लोग इसमें पैसा कमाने की जगह पैसा गवां बैठते हैं। खासकर नये व छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की समझ कम होने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता हैं।

स्टाॅक मार्केट में करोड़ों अरबों की पूंजी है लेकिन, इन पैसों को कमाना इतना आसान नहीं है जितना हमें लगता हैं। शेयर बाजार में अधिकतर लोग बहुत जल्दी करोड़पति बनने के बारे में सोचते हैं। लेकिन उनकी यह सोच बिल्कुल गलत हैं। शेयर बाजार से जरूर करोड़पति बना जा सकता हैं, मगर कुछ ही दिनों में ऐसा हो पाना नामुमकिन हैं। शेयर बाजार में यदि सही तरीके से निवेश नहीं किया जाता है तो कुछ ही दिनों में निवेश किये गये पैसे डूब जाते हैं। तथा अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं।

दूसरों के कहने पर निवेश ना करें

अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स यह गलती करते हैं कि वह किसी दूसरे के सुझाव पर शेयर बाजार में निवेश करते हैं। निवेशकों को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए। आप जिस दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश भी कंपनी के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहिए। इसके बाद यदि कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और भविष्य में और बहतर होने की संभावना हैं तो उस कंपनी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता हैं। अन्यथा बिना जानकारी के निवेश करना वित्तीय हानि पहुंचा सकता हैं।

रिटेल इन्वेस्टर्स कई बार सस्ते भाव वाले शेयरों के चक्कर में पैनी स्टाॅक के शेयर खरीद लेते हैं। उन्हें लगता हैं कि आने वाले समय में इनका भाव बढ़ेगा मगर परिणाम इसक उल्टा होता हैं। पैनी स्टाॅक में एक साथ बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिलती हैं। जिससे निवेश की गई रकम डूब जाती हैं।
छोटे व रिटेल इन्वेस्टर्स को सस्ते शेयरों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए बल्कि कंपनी की ग्रोथ को प्राथमिकता देकर दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश स्टाॅक का चुनाव करना चाहिए। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयरों का भाव, मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित नहीं करता हैं। इसलिए शेयर महंगा हो या सस्ता, कंपनी की ग्रोथ को देखकर ही शेयर खरीदने चाहिए। जब अच्छे स्टाॅक का शेयर प्राइस कम हो तब खरीदारी करने का अच्छा मौका होता हैं। उस समय पर अच्छे शेयर भी कम कीमत पर मिल जाते हैं।

बाजार के उतार चढ़ाव को स्वीकार करें

शेयर बाजार से हमेशा समान रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उतार चढ़ाव का होना बाजार का नियम हैं। अधिकतर रिटेल निवेशक उस समय निवेश का फैसला करते हैं जब बाजार में उछाल आता हैं, मगर ऐसा करना सही नहीं होता हैं। शेयर बाजर में गिरावट होने पर निवेश के मौके ढूंढने चाहिए। ताकि बाजार की गिरावट का फायदा मिल सके। शेयर बाजार में गिरावट के समय अच्छे शेयरों को कम दाम में खरीदा जा सकता हैं और जैसे ही बाजार में उछाल आता हैं तो मुनाफे के साथ शेयरों की बिकवाली की जा सकती हैं। इस तरह से बाजार में आई गिरावट भी आपको मुनाफा दिला सकती हैं।

यदि आप सारी जमा पूंजी को किसी एक ही स्टाॅक में लगा देते हैं तो ऐसा करने पर आपको काफी बढ़ा नुकसान दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश दूसरों की सलाह से बाजार में करते हैं निवेश उठाना पड़ सकता हैं। क्योंकि एक स्टाॅक में सारा पैसा लगाकर आप सिर्फ एक स्टाॅक से रिटर्न मिलने के मौहताज हो जाते हैं। और यदि उस स्टाॅक का प्रदर्शन निराशाजनक रहता हैं तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता हैं। इसलिए अपनी जमा पूंजी को एक ही स्टाॅक में लगाने से बचना चाहिए।

ज्यादा रिटर्न के चक्कर में ना रहें

एक बार अच्छा रिटर्न मिल जाने के बाद भी और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लगभग 10 से 12 प्रतिशत रिटर्न मिल जाने के बाद शेयरों को बेचा जा सकता हैं। कई बार और ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में शेयरों को ना बेचना नुकसानदायक हो सकता हैं। क्योंकि कुछ समय बाद शेयर प्राइस कम हो सकता हैं। जिसके कारण फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं।
इससे बचने के लिए आप रिटर्न की एक सीमा रेखा बना सकते हैं जिसे हासिल करने पर तुरंत शेयर देना चाहिए।

सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर चलने वाली अफवाहों में ना आकर अपने शेयर बाजार एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करने पर काफी हद तक नुकसान से बचा सकता हैं।
कई बार सोशल मीडिया पर आपको करोड़पति बनाने के सपने दिखाते हैं, जिसके चलते आप निवेश कर देते हैं। ऐसा करने से आपको बचना चाहिए।
यदि आप शेयर बाजार में किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आप एक्सपर्ट से सलाह लेकर निवेश करना चाहिए।

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