साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक: DM के अधिकारियों को निर्देश 'समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना बेचने वाले किसानों का समय पर भुगतान करें'
मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह की अध्यक्षता में साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक का आयोजन सुशासन भवन स्थित सभागृह में आयोजित किया गया। बैठक के दौरान उन्होंने जिला आपूर्ति विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना बेचने वाले किसानों मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई का समय पर भुगतान करें। जिससे किसान पैसे का सही समय पर सदुपयोग कर सके। इसके साथ ही पेंशन के प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी प्रकरण लंबित न रहे। इसके साथ ही कृषि विभाग, पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही खाद और उर्वरक की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत कुमार सत्यम और जिला अधिकारी मौजूद रहे।
किशोरावस्था में पोषण
भारत 25.30 करोड़ किशोर-किशोरियों (10 से 19 वर्षों तक) का घर है।हम एक चौराहे पर खड़े हैं जहाँ दोनों संभावनाएँ है - हम एक पूरी पीढ़ी की क्षमता खो सकते है,या उनको पोषित करके समाज में बदलाव ला सकते हैं।जैसे-जैसे किशोर बड़े होते हैं, उनके आस-पासकावातावरण भी बदलता है और हम सबकोमिलकर किशोरावस्था की उम्र में अवसरोंकोसुनिश्चित करने की जरूरत है ।
किशोरावस्था पोषण की दृष्टि से एक संवेदनशीलसमय होता है, जब मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई तेज शारीरिक विकास के कारण पौष्टिक आहार की माँग में वृद्धि होती है। किशोरावस्था के दौरान लिए गए आहार सम्बन्धीआचरणपोषणसम्बन्धीसमस्याओं में योगदान कर सकते हैं, जिसका स्वास्थ्य एवं शारीरिक क्षमता पर आजीवन असर रहता है।
भारत में किशोरों का एक बड़ा भाग, 40% लड़कियाँ और 18% लड़के,एनीमिया (रक्त की कमी) से मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई पीड़ित है। किशोरों में एनीमिया,उनके विकास, संक्रमणों के विरुद्ध प्रतिरोध-शक्ति तथा ज्ञानात्मक विकास और कार्य की उत्पादकता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।
इस समस्या की प्रतिक्रिया में, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्लू) ने जनवरी 2013 में एक राष्ट्रव्यापी साप्ताहिक आयरन एवं फोलिक एसिड आपूर्ति (वीकली आयरन एवं फॉलिक एसिड सप्लिमेंटेशन(डब्लूआईएफएस)) कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यह कार्यक्रम विभिन्न भारतीय राज्यों में किशोरियों में मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई एनीमिया का समाधान करने के लिए यूनिसेफ द्वारा आयरन एवं फोलिक एसिड (आईएफए) की साप्ताहिक आपूर्ति पर मार्गदर्शी (पायलट) और कई चरणों वाली योजनाओं में वृद्धि के माध्यम से 13 वर्षों के प्रमाणिक अनुसंधान मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई को आगे बढ़ाता है। इस योजना के अंतर्गत, प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सम्मिलित हैं — सप्ताह में एक बार आयरनएवं फोलिक एसिड की आपूर्ति करना, वर्ष में दो बार पेट के कीड़ों (कृमि) की दवाई देना और पोषण के बारे में परामर्श देना — जैसे कि आहार को कैसे सुधारा जाये, एनीमिया की रोकथाम करना तथा आईएफए सप्लिमेंटेशन और कृमि-निवारण औषधियों के संभावित दुष्प्रभावों को कम करना।
यूनिसेफ इंडिया, भारत के 14 मुख्य राज्यों में; जिसमें कुल मिलाकर भारत की 88% किशोरियाँ निवास करती हैं, साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड आपूर्ति कार्यक्रम को लागू करने मेंसहयोग के लिएपसंदीदासाझेदार रहा है। इन क्षेत्रों के केंद्रबिंदु हैं —सम्मिलित योजना और विकास के लिए प्रोटोकॉलों का क्रियान्वन, प्रशिक्षण के साधनों का विकास, क्षेत्र में काम करने वालों (फील्ड वर्कर्स) की क्षमताओं का निर्माण, क्षेत्र विशेष में निरीक्षण को विकसित करना, तथा समीक्षा यांत्रिकियों के जानकारी तंत्र, प्रसार युक्तियों को विकसित करना और बड़े स्तर पर जागरूकता के लिए सामग्रियाँ तैयार करना।
पोषण अभियान 2018-20 की राष्ट्रव्यापी शुरुआत से वर्ष 2018 में किशोरों के पोषण के प्रति राजनैतिक एवं कार्यक्रमसम्बन्धी नई शक्ति का संचार हुआ।
भारत में, 10-19 वर्ष की आयु के किशोर और युवा कुल जनसँख्या का लगभग एक चौथाईहिस्सा हैं। उन पर सर्वाधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है क्यूंकि वह गरीबी, अन्याय और अभाव केचक्रों को तोड़ने की क्षमता रखते हैं।
UNICEF/UN0215328/Vishwanathan मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई किशोरावस्था की लड़कियां प्रतीकात्मक रूप से एक फार्म पर काम करती हैं, जो कि पिरिएड्स (मासिक धर्म)के दौरान फार्म पर काम नहीं करने की वर्जना को तोड़ती है।
ग्रामीण क्षेत्रों और कम आय वाले परिवारों के अशिक्षित या अकुशलमाता-पिताओं वाले बड़े परिवारों में अपर्याप्त पोषण अधिक पाया जाता है। विशेष रूप से शहरी निवासियों और धनवान परिवारों में,बदलते आहार के आचरणएवं शारीरिक गतिविधि के स्तरकेकारण अधिक वजन और मोटापा भी उभरती हुई समस्याएँ हैं। चिकनाई और चीनी से भरपूर प्रोसेस्ड भोजन का उपयोग बढ़ रहा है और किशोरवय एवं वयस्क दिन-प्रतिदिन आलसीहोते जा रहे हैं। किशोरवय लड़कियों में अधिक वजन और मोटापा व्यस्क महिलाओं में होने वाले मोटापे से जुड़ा होता है, और यह मधुमेह, रक्तचाप शिशुओं में अधिक वजन और मोटापे के खतरों में वृद्धि करता है।
किशोरावस्था पोषण सम्बन्धी कमियों, जो संभवतः प्रारंभिक जीवन में घटित होती है, को ठीक करने एवं विकास को पूरा करने और आहार सम्बन्धीअच्छेव्यवहारों को मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई स्थापित करने का एक अवसर प्रदान करती है।
यूनिसेफ, स्कूल के अन्दर एवं बाहर, किशोरों की पोषण सम्बन्धी स्थितियों को सुधारने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को स्थापित करने और क्रियान्वित करने के लिए पूरे भारत में कार्य करता है। हम किशोरों को स्वास्थयप्रद भोजन और पेय पदार्थों को चुनने, शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने और एनीमिया की रोकथाम एवं उपचार को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिए किए जा रहे क्रियाकलापों को समर्थन देते हैं। हम कुपोषण के मूल कारणों से निपटने के लिए शिक्षा, सामाजिक नीति, जल एवं स्वच्छता जैसे अन्य क्षेत्रों में भी कार्य करते हैं।
आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन ए और आयोडीन सहित, विटामिन और खनिज की कमियों को रोकने के लिए भोजन का सुदृढ़ीकरण एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत में यूनिसेफ आयरनएवं फोलिक एसिड की गोलियों के सेवन के स्तर को सुधारने और सामान्यतः उपेक्षित लोगों तक पहुँच बनाने के लिए राज्य विशेष की प्रसार नीतियों के विकास को समर्थन देता है । इस क्षेत्र में दो नए परिवर्तन जारी हैं। इनमें से पहला है, झारखण्ड के खूँटी जनपद में डब्लूआईएफएस के अनुपालन को सुधारने के लिए उल्लंघन सम्बंधित घटनाओं पर एक सकारात्मक वार्तालाप का निर्माण करना। दूसरा, असम में स्वयं में निहित और निजी रूप से व्यवस्थित चाय के बागानों में एनीमिया और सामाजिक प्रथाओंका समाधान करने के लिए लड़कियों के समूहों को प्रेरित करना है।
यूनिसेफ ने एनीमिया मुक्त भारत के विकास के लिए संचालनीय दिशानिर्देशों औरसम्बंधितसामग्रियों जैसे रिपोर्टिंग डैशबोर्ड (https://anemiamuktbharat.info/dashboard/#/) तथा संचार सामग्रियों की अवधारणा का निर्माण करने और उनका संयोजन करने में एमओएचएफडब्लू को मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई अपना समर्थन दिया है।
यह प्रयास (अनीमिया-मुक्त भारत) डिनोमिनेटर - आधारित एचएमआईएस रिर्पोटिंग,आयरन एवं फॉलिक एसिड आपूर्ति की पूर्व तैयारी रखने,अनीमिया के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर उत्कृष्टता और उन्नत अनुसंधान केंद्र स्थापित करने पर ज़ोर देता है।
तीन राज्यों (बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़) में कठोर असमानताओं और अत्यधिक गरीबी से प्रभावित पाँच प्रखंडों में लड़कियों और महिलाओं पर पोषण के प्रभाव के मूल्यांकन (स्वाभिमान) कोअब 14 प्रखंडों में बढ़ाया गया है। इस पहल ने एक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है और अब इसका स्तर पूरे देश में पोषण अभियान के लिए एक राष्ट्रीय ग्रामीण जीविका मिशन योगदान के रूप में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए, लेडी इरविन कॉलेज में एक राष्ट्रीय महिला सामूहिक केंद्र (नेशनल सेन्टर ऑफ विमेन कलेक्टिव्स) स्थापित किया गया है ।
किसानों को शतप्रतिशत उर्वरक उपलब्ध करायेगी UP सरकार, अधिकतम खुदरा मूल्य पर ही होगी बिक्री
अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कृषि विभाग सहकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। शासन ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने तथा उर्वरक का शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराने का कड़ा निर्देश दिया है। इसे लेकर सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन के जरिये उर्वरक की बिक्री के बाद सभी किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध कराने को कहा गया है। डीएपी व एनपीके उर्वरकों की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने वालों के मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव, कृषि डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कृषि विभाग, सहकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटङ्क्षरग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पांच किलोमीटर क्षेत्र में निजी क्षेत्र का कोई उर्वरक विक्रय केंद्र क्रियाशील नहीं रहना चाहिए। प्रदेश में खरीफ-2021 के लिए यूरिया उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है।
उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण के लिए कृषि व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सघन रूप से छापे की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। फुटकर के साथ-साथ थोक विक्रेताओं व बफर स्टाकिस्टों के स्टाक का भी सघन निरीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं थोक विक्रेता स्थानीय स्तर पर अपने पास उर्वरक का अनावश्यक भंडारण करता पकड़ा जाएगा तो उसके स्टाक को बाजार में किसानों में बिक्री के लिये अवमुक्त किया जाएगा और संबंधित थोक विक्रेता पर कार्यवाही भी की जाएगी। किसानों को पहचान पत्र के आधार पर उनकी जोत व फसल के लिए संस्तुत मात्रा के अनुसार ही उर्वरक मिलेगी, जिससे महंगे उर्वरकों का असंतुलित प्रयोग मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई तथा कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों में उसके दुरुपयोग को रोका जा सके। क्षेत्रीय अधिकारियों की निगरानी में उर्वरक का वितरण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
साप्ताहिक सोने का मूल्य : हफ्ते भर में सस्ता हुआ सोना चांदी, आगे गिरावट की संभावना
नई दिल्ली. भारतीय सर्राफा बाजार में सोना की साप्ताहिक कीमतों में गिरावट आई है. वहीं चांदी भी सस्ती हुई है. इस कारोबारी हफ्ते में सोने के भाव में 681 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी दर्ज की गई है जबकि चांदी के भाव मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई में 1,844 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट आई है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजीए (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, इस बिजनेस वीक (29 अगस्त से 2 सितंबर) की शुरुआत में मात्रा के साथ साप्ताहिक मूल्य कार्रवाई 24 कैरेट सोने (Gold) का रेट 51,265 था, जो शुक्रवार तक घटकर 50,584 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है. वहीं, 999 शुद्धता वाली चांदी (Silver) की कीमत 54,316 रुपये से घटकर 52,472 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है.
आईबीजीए द्वारा जारी किए गए दरें देशभर में सर्वमान्य
गौरतलब है कि आईबीजीए की ओर से जारी कीमतों से अलग-अलग शुध्दता के सोने के स्टैंडर्ड भाव की जानकारी मिलती है. ये सभी दाम टैक्स और मेकिंग चार्ज के पहले के हैं. आईबीजीए द्वारा जारी किए गए दरें देशभर में सर्वमान्य हैं लेकिन इसकी कीमतों में जीएसटी शामिल नहीं होती है.
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