यस बैंक शेयर होल्डर 3 साल तक नहीं बेच सकेंगे अपनी हिस्सेदारी, 75 फीसदी शेयर रहेंगे लॉक इन
बिजनेस डेस्क. सरकार ने निजी क्षेत्र के चौथे बड़े बैंक यस बैंक लिमिटेड के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार यस बैंक के शेयर होल्डर्स 3 साल तक अपने शेयर नहीं बेच सकेंगे। पुनर्गठन में ये शर्त रखी गई है कि अगर आपने यस बैंक के 100 से अधिक शेयर खरीदे तो इनमें से 75 फीसदी हिस्सेदारी को 3 साल के लिए लॉक इन कर दिया जाएगा। यानी तीन साल तक आप ये शेयर नहीं बेच सकेंगे। हालांकि अगर किसी निवेशक के पास 100 से कम शेयर हैं तो वो अपने पूरे शेयर बेच सकता है।
क्या है लॉक इन?
लॉक-इन अवधि वह समय होता है जिसके दौरान निवेशक किसी संपत्ति को बेच नहीं सकते। उदाहरण के लिए अगर आपके पास यस बैंक के 100 शेयर हैं तो रेट बढ़ने या घटने पर आप सिर्फ 25 शेयर ही बेच सकेंगे। 75 शेयर को अगले तीन साल तक नहीं बेच सकेंगे। लॉक इन में निवेश की गई राशि को एक सीमित समयावधि के लिए ब्लॉक कर दिया जाता है।
कब लगाया जाता है लॉक इन?
आमतौर पर कंपनियां निवेशकों को खुद से लंबे समय तक जोड़े रखने और पैसों का इंतजाम करने के लिए इसका सहारा लेती हैं। ऐसा कोई कंपनी या तो शेयर मार्केट में लिस्टेड होने के तुरंत बाद करती हैं हालांकि ये लॉक इन 1 से 2 महीने का ही होता है। इसके अलावा किसी कंपनी या बैंक को वित्तीय संकट से निकालने के लिए सरकार भी लॉक इन का सहारा ले सकती है।
18 मार्च से मिल सकती है निकासी की छूट
सरकार ने निजी क्षेत्र के चौथे बड़े बैंक यस बैंक लिमिटेड के पुनर्गठन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद यस बैंक के ग्राहकों को बुधवार शाम 6 बजे से निकासी की छूट मिल सकती है। बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 के तहत यह अधिसूचना जारी की गई है। आरबीआई ने 6 मार्च को नकदी की कमी से जूझ रहे यस बैंक से पैसा निकालने की सीमा निर्धारित की थी। शेयर होल्डिंग अवधि इसके तहत खाताधारक अभी तक एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपए ही निकाल सकते हैं।
एसबीआई ने 7250 करोड़ रुपए में खरीदी 49 फीसदी हिस्सेदारी
यस बैंक को संकट से निकालने के लिए एसबीआई ने 7250 करोड़ रुपए में इस बैंक में शेयर होल्डिंग अवधि 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। एसबीआई ने यह हिस्सेदारी 10 रुपए प्रति शेयर की दर से खरीदी है। इसके अलावा निजी शेयर होल्डिंग अवधि क्षेत्र के प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने भी यस बैंक में 10 रुपए प्रति शेयर की दर से 1000 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया है। इस निवेश के साथ आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में 5 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा शेयर होल्डिंग अवधि लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों शेयर होल्डिंग अवधि में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
₹190 तक जा सकता है यह शेयर, अभी दांव लगाने से होगा तगड़ा मुनाफा, एक्सपर्ट ने कहा- अभी मत बेचना
हिन्दुस्तान 23 घंटे पहले मिंट
Rakesh Jhunjhunwala portfolio: पिछले कुछ हफ्तों के लिए साइडवेज कारोबार करने के बाद फेडरल बैंक के शेयरों (Federal bank share) ने आज अपनी ऊपरी बाधा को तोड़ दिया। बैंक के शेयर आज गुरुवार के शुरुआती कारोबार में एनएसई पर ₹142.20 के नए हाई पर चढ़ गए। फेडरल बैंक के शेयर की कीमत आज कल ₹136.75 के बंद स्तर पर खुली और आज शेयर बाजार के खुलने के एक घंटे के भीतर ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
शेयर बाजार के एनालिस्ट्स के अनुसार, बैंकिंग स्टॉक में तेजी जारी रहने की उम्मीद है और यह जल्द ही छोटी अवधि में ₹155 से ₹158 तक पहुंच सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि स्टॉक एक पोर्टफोलियो स्टॉक है। ऐसे में एक निवेशक को इस बैंकिंग स्टॉक को ₹165 के मिड टर्म टारगेट और ₹190 के लॉन्ग टर्म के लिए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टॉक ने हायर टॉप हायर बॉटम फॉर्मेशन बनाने के बाद ₹140 पर नया ब्रेकआउट दिया है।
फेडरल बैंक शेयर प्राइस आउटलुक पर बात करते हुए, आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट - रिसर्च अनुज गुप्ता ने कहा, "फेडरल बैंक शेयर की कीमत ने चार्ट पर ₹140 पर पैटर्न ब्रेकआउट दिया है जो आने वाले सत्रों में और तेजी शेयर होल्डिंग अवधि का संकेत देता है। स्टॉक दैनिक चार्ट पैटर्न पर पाॅजिटिव है। इसलिए, जिनके पोर्टफोलियो में यह स्टॉक है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे स्टॉक को ₹155 से ₹158 प्रति शेयर के छोटी अवधि के लिए रखें। जिनके पास लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण है, वे अभी इस होल्ड कर सकते हैं। इसे अभी बेचने से बचना चाहिए। इस बैंकिंग स्टॉक का लॉन्ग टर्म के लिए टारगेट प्राइस ₹190 प्रति शेयर है।" हालांकि, उन्होंने फेडरल बैंक के शेयरधारकों को अपने ट्रेलिंग स्टॉप लॉस को ₹118 प्रति शेयर के स्तर पर अपग्रेड करने की सलाह दी है।
राकेश झुनझुनवाला के पास भी हिस्सेदारी
जुलाई से सितंबर 2022 तिमाही के फेडरल बैंक शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला के पास फेडरल बैंक के 5,47,21,060 शेयर हैं, जो कंपनी की कुल चुकता पूंजी का 2.63 प्रतिशत है।
पेटीएम का 50 फीसदी प्रीमियम पर 850 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक निकट अवधि में स्टॉक का समर्थन करेगा
शेयर बाजार 14 दिसम्बर 2022 ,14:15
© Reuters. पेटीएम का 50 फीसदी प्रीमियम पर 850 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक निकट अवधि में स्टॉक का समर्थन करेगा
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान, वित्तीय सेवा, क्यूआर और मोबाइल भुगतान की अग्रणी कंपनी पेटीएम को जेपी मॉर्गन और मॉर्गन स्टेनली जैसे शीर्ष ब्रोकरेज से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी के बोर्ड ने कंपनी के इक्विटी शेयरों को प्रति शेयर 810 रुपये और 850 करोड़ रुपये तक बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।दोनों ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक शेयर की कीमत में 1,100 रुपये प्रति शेयर तक की संभावित बढ़ोतरी हो सकती है। जेपी मॉर्गन ने रेखांकित किया है कि पेटीएम के बायबैक से ग्रोथ प्लान प्रभावित नहीं होगी।
पेटीएम की मूल कंपनी, वन97 कम्युनिकेशन्स के पास इस साल सितंबर तक 9,182 करोड़ रुपये की नकदी थी। कंपनी ने कहा कि शेयर बाजार तंत्र के जरिये शेयर होल्डिंग अवधि पुनर्खरीद खुले बाजार में होगी। न्यूनतम बायबैक आकार और अधिकतम बायबैक मूल्य के आधार पर, कंपनी न्यूनतम 5,246,913 इक्विटी शेयर खरीदेगी।
पेटीएम को लेकर जेपी मॉर्गन उत्साहित हैं। उसने अपने नोट में कहा है कि निकट अवधि में स्टॉक मूल्य को समर्थन देने के लिए 50 प्रतिशत प्रीमियम पर बायबैक घोषणा हुई है। ब्रोकरेज ने अपने मूल्य लक्ष्य को 1,शेयर होल्डिंग अवधि 100 रुपये प्रति शेयर पर अपरिवर्तित रखा और स्टॉक पर ओवरवेट रेटिंग को दोहराया। इसने इस बात पर प्रकाश डाला कि बायबैक किसी भी योजना को बाधित नहीं करेगा क्योंकि व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आवश्यक निवेश को ध्यान में रखते हुए कंपनी अतिरिक्त नकदी पैदा करेगी।
ब्रोकरेज फर्म को एडजस्टेड ईबीआईटीडीए में सुधार से कैश जनरेशन पर टेलविंड्स की भी उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, पेटीएम के पास 22 सितंबर तक 1.1 अरब डॉलर नकद था और हमारे विचार में बायबैक (बायबैक टैक्स सहित) के लिए 127 मिलियन डॉलर का नकद परिव्यय एक महत्वपूर्ण राशि नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में एडजस्टेड ईबीआईटीडीए ब्रेकइवन होने से पहले अगली तीन तिमाहियों में यह 33 शेयर होल्डिंग अवधि मिलियन डॉलर खर्च करेगा।
जेपी मॉर्गन ने अपने नोट में कहा है कि बायबैक की वजह से कैश में कमी शेयर काउंट में कमी को ऑफसेट करती है। ब्रोकरेज ने 1,100 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य मूल्य के साथ स्टॉक के लिए ओवरवेट रेटिंग बनाए रखी है। कंपनी ने नोट में कहा, हम डीसीएफ वैल्यूएशन का उपयोग करते हुए पेटीएम को महत्व देते हैं, पूंजी की बढ़ती लागत में 18.5 प्रतिशत सीओई और 20 गुणा एग्जिट मल्टीपल के साथ बेकिंग करते हैं जो मार्च 2023 पीटी तक 1,100 रुपये तक जा सकता है।
जेपी मोर्गन ने कहा, एमटीयू (मासिक लेन-देन करने वाले शेयर होल्डिंग अवधि उपयोगकर्ता) और जीएमवी/एमटीयू में अनुमानित से कम वृद्धि, ऋणों में अनुमानित से कम वृद्धि और अस्थिर पोर्टफोलियो क्रेडिट व्यवहार का जोखिम और एमडीआर भुगतान के लिए प्रतिकूल विनियामक जोखिम और डिजिटल ऋण देने पर प्रतिबंध, रेटिंग और मूल्य लक्ष्य के लिए शेयर होल्डिंग अवधि कुछ प्रमुख जोखिम होंगे।
मॉर्गन स्टेनली ने आकर्षक उद्योग के ²ष्टिकोण से स्टॉक को समान भार रेटिंग दी है। इसने कीमत लक्ष्य 695 रुपये प्रति शेयर रखा है। मॉर्गन स्टेनली ने नोट किया कि बायबैक के कारण कुल परिव्यय 10.5 अरब रुपये होगा और इसमें लागू बायबैक टैक्स शामिल होंगे। इसमें आगे कहा गया, नकदी की स्थिति सितंबर 22 तक 91.8 अरब रुपये पर मजबूत रही है और बायबैक के बाद भी मजबूत बनी रहेगी।
मॉर्गन स्टेनली ने कहा, पेटीएम बोर्ड ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बायबैक विश्वास का संकेत है कि कंपनी नकदी प्रवाह लाभप्रदता देने के स्पष्ट रास्ते पर है और कहा कि बायबैक का निकट भविष्य में इसकी विकास योजनाओं या इसकी लाभप्रदता योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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