5
23 साल के Sankarsh Chanda ने शेयर से 100 करोड़ कमाए
नई दिल्ली. वॉरेन बफेट, बेंजामिन ग्राहम, जॉर्ज सोरोस, राकेश झुनझुनवाला और राधाकिशन दमानी. ये कुछ सबसे बड़े शेयर बाजार के निवेशक हैं जिनकी दुनिया भर में प्रशंसा की जाती है, है ना? अब ऐसे प्रेरणादायक लोगों की सूची में नया नाम जुड़ गया है संकर्ष चंदा का.
भारतीय शेयर बाजार में धूम मचाने वाले हैदराबाद के 23 वर्षीय चंदा ने सिर्फ 17 साल की उम्र में निवेश करना शुरू किया था. अब इसकी कुल संपत्ति 100 करोड़ है. संकर्ष ने हैदराबाद से 12वीं कक्षा के बाद 2016 में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया था. दो हजार रुपये से शुरुआत की. उन्होंने कहा, मैंने दो साल में 1.5 लाख रुपये का निवेश किया. मेरे शेयरों का बाजार मूल्य दो साल में 13 लाख हो गया.
वर्ष 2017 में कंपनी ‘स्वोबोधा इन्फिनिटी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड’ बनाने के लिए आठ लाख रुपये के शेयर बेचे. उन्होंने बाकी पैसा बाजार में रखा और अपनी कमाई से स्टार्टअप के जरिये निवेश जारी रखा.
पढ़ाई के बीच कॉलेज छोड़ा
संकर्ष चंदा फिनटेक स्टार्टअप सावर्ट के संस्थापक हैं. यह लोगों को शेयर, म्यूचुअल फंड और बॉन्ड में निवेश करने में मदद करता है. उन्होंने वर्ष 2017 में बेनेट यूनिवर्सिटी (ग्रेटर नोएडा) से बाहर निकलने के बाद स्टार्टअप कंपनी सावर्ट शुरू की, जहां वे बीटेक कंप्यूटर साइंस के दूसरे वर्ष में थे. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ने और शेयर बाजार पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया.
चौदह की उम्र में अमेरिकी अर्थशास्त्रत्त्ी बेंजामिन ग्राहम का एक लेख पढ़ने के बाद चंदा की शेयर बाजार में रुचि बढ़ी. संकर्ष की 2016 में फाइनेंशियल निर्वाण नामक किताब प्रकाशित हुई. इसमें व्यापार और निवेश के बीच अंतर, और बाजार को समझने का सुझाव है. उसे अंतरिक्ष विज्ञान में भी दिलचस्पी है. उन्होंने एक एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी स्टार्टअप स्टारडॉर भी लॉन्च किया है.
काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग चालू IQ Option. शीर्ष निवेशकों का अनुसरण करने के लिए 6 कदम
वित्तीय बाजारों के हाल के इतिहास में सबसे बड़े निवेशकों के बीच काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग लोकप्रिय है। वॉरेन बफे, कीथ गिल, जॉर्ज सोरोस या बैरन रोथ्सचाइल्ड। उन दोनों में क्या समान है? खैर, वे सभी विपरीत व्यापारी हैं। एक विपरीत निवेशक कौन है? यह कोई है जो बाजार के रुझान के साथ नहीं बल्कि इसके खिलाफ जाता है। और यही आज के लेख का विषय भी है।
काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग के लिए मुख्य नियम दूसरों का पालन निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति नहीं करना है। जब हर कोई खरीद रहा है, तो आप बेचते हैं। आसपास सब बिक रहा है, तुम खरीदो। अधिकांश व्यापारी तेजी से अमीर बनना चाहते हैं और वे अपने लालच और डर पर काम करते हैं। विरोधाभासी व्यापारी अलग तरह से सोचते हैं। वे कुछ पैसे कमाने के लिए निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति दूसरों के डर और लालच का इस्तेमाल कर प्रवाह के खिलाफ जाते हैं।
काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग रणनीतियों पर अंतिम शब्द
कॉन्ट्रेरियन इन्वेस्टमेंट का मतलब है बाजार में सबके सामने आना। ट्रेंडलाइन से ब्रेकआउट आपका ट्रेडिंग सिग्नल नहीं है क्योंकि कीमत अभी भी नीचे की ओर बढ़ सकती है। आपको तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि बग़ल में आंदोलन टूट न जाए।
काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग सिस्टम के साथ, आप खरीद और बिक्री दोनों कर सकते हैं। बस वही नियम विपरीत दिशा में लागू करें और आप जाने के लिए अच्छे हैं।
को मत निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति भूलो स्टॉप लॉस सेट करें. आप जितना संभाल सकते हैं उससे अधिक खोना नहीं चाहते हैं। व्यापार में जोखिम प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है।
उपयोग IQ Option अभ्यास के लिए डेमो खाता. आपको अपनी पूंजी को जोखिम में डालने की निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति जरूरत नहीं है जब तक आप काउंटर-ट्रेंड रणनीति के नियमों को अच्छी तरह से नहीं जानते। और उन्हें सीखने के लिए डेमो अकाउंट एक बेहतरीन जगह है।
काउंटर ट्रेंड ट्रेडिंग के बारे में आप क्या सोचते हैं? लेख के तहत एक टिप्पणी में अपनी राय साझा करें।
अरबपति अजीम प्रेमजी का सादा लाइफ स्टाइल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति अजीम प्रेमजी सादगी पसंद शख्स हैं. प्रेमजी मानते हैं कि उनकी व्यावसायिक सफलता ने ईर्ष्या पैदा करने की बजाय भारत की एक नई पीढ़ी को और कारोबार करने के लिए प्रेरित किया.
उनका कहना था, “मेरी दौलत पर जिस तरह से लोगों का ध्यान जाता है मैंने सोचा कि लोग मेरे प्रति द्वेष की भावना रखने लग जाएंगे, लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा. इसने कई लोगों में और भी ज्यादा महत्वाकांक्षा भर दी.”
अजीम प्रेमजी को जानने वाले लोग बताते हैं कि वह अभी भी बहुत महंगी गाड़ियां नहीं चलाते हैं. इसके अलावा वह हवाई जहाज के इकॉनॉमी क्लास में ही सफर करते हैं और बंगलोर में विप्रो हेडक्वार्टर के अहाते में ही रहते हैं. इतना ही नहीं, वह लग्जरी होटलों की जगह कंपनी गेस्ट हाउस में ठहरना पसंद करते हैं.
बेहतर समाज के लिए साल 2001 में बनाया ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’
- अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना साल 2001 में की गई थी
- ये संस्था शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही है
- संस्था का लक्ष्य स्कूलों और शिक्षा के सिस्टम को बेहतर बनाना है
- फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ को फंड देता है
- अजीम प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है
- उनका फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है
अजीम प्रेमजी को वेस्टर्न इंडिया पाम रिफाइंड ऑइल लिमिटेड (अब WIPRO) साल 1966 में अपने पिता मोहम्मद हासम प्रेमजी से विरासत में मिली थी.
अजीम प्रेमजी अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई कर रहे थे. इसी दौरान उनके पिता का अचानक देहांत हो गया और निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति उन्हें अपने पिता का कारोबार संभालने के लिए भारत वापस आना पड़ा. इस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी.
अमेरिकन संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ ने भारत को बताया ‘आंशिक आजाद’ मुल्क, फ्रीडम रिपोर्ट 2021 में भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को किया गायब
अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ ने Freedom Report 2021 जारी की है। इस रिपोर्ट में संस्था ने जहां ‘पॉलिटिकल फ्रीडम’ और ‘मानवाधिकार’ को लेकर भारत की रेटिंग घटाई है, वहीं भारत की संप्रभुता के साथ भी खिलवाड़ किया है। रिपोर्ट में भारत का गलत नक्शा इस्तेमाल करते हुए जम्मू-कश्मीर को गायब कर दिया गया है। वहीं इस रिपोर्ट में भारत को ‘आजाद’ मुल्क से हटाकर ‘आंशिक आजाद’ मुल्क बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जबसे मोदी सरकार आई है तबसे यहां अल्पसंख्यकों और दलितों के अधिकार कम हो गए हैं।
BREAKING: India is not rated “Free” in Freedom in the World 2021. Political rights and civil liberties have eroded in India since Narendra Modi became prime minister in 2014, causing the country to drop from Free to Partly Free in 2020. #FreedomInTheWorld https://t.co/HuNzEAc6Nw pic.twitter.com/mae0CmGpi5
अमेरिका के टॉप 25 रईस नहीं भरते हैं Tax
एनालिसिस से पता चलता है कि Forbes की ओर से तैयार की गई एक सारणी के मुताबिक, अमेरिका में देश के सबसे अमीर लोगों ने टैक्स में अपनी संपत्ति का केवल एक अंश - 13.6 बिलियन डॉलर का ही भुगतान किया जबकि उनकी कुल सामूहिक संपत्ति 401 बिलियन डॉलर से बढ़ी थी. एनालिसिस के मुताबिक निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति साल 2014 से 2018 के दौरान अमेरिका के टॉप 25 सबसे रईस लोगों ने 15.8 परसेंट या 13.6 बिलियन डॉलर का औसत टैक्स चुकाया.
इन डॉक्यूमेंट्स से पता पता चलता है कि अमेरिकी टैक्स सिस्टम में किस कदर असामनता है. क्योंकि जेफ बेजोस, ब्लूमबर्ग, वॉरेन बफे, एलन मस्क और जॉर्ज सोरोस जैसे
प्लूटोक्रेट टैक्स कोड में खामियों का फायदा उठाने में सक्षम निवेशकों के लिए सोरोस रणनीति थे. दरअसल, ज्यादातर धन जो ये अमीर कमाते हैं, जैसे- उनके द्वारा चलाई जा रही कंपनियों के शेयर, वैकेशन होम्स, यॉट और दूसरे तमाम तरह के निवेश 'टैक्सेबल इनकम' के दायरे में ही नहीं आते हैं. इन्हें तभी टैक्सेबल माना जाता है जब उन संपत्तियों को बेचते हैं और फायदा उठाते है. इसके बाद भी टैक्स कोड में कई खामियां हैं जो उनकी टैक्स देनदारी को या तो सीमित कर देते हैं या खत्म कर देते हैं.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 844