गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. (reuters)

क्या आप ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं? इसके फायदे और नुकसान जान लें

ईटीएफ (ETF) के जरिए आप किसी खास तरह की सिक्योरिटीज (Securities) में निवेश करते हैं। निफ्टी 50 ईटीएफ और गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) इसके प्रमुख उदाहरण हैं।

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हाइलाइट्स

  • ईटीएफ को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है।
  • इसकी कीमत शेयर बाजार के सत्र के दौरान ऊपर और नीचे जाती है।
  • ईटीएफ में लिक्विडटी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे इसे बेचने में मुश्किल आती है।

ईटीएफ में निवेश के फायदे
ईटीएफ को शेयर बाजार में रियल टाइम बेसिस पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसकी प्रबंधन लागत भी कम होती है। अगर आपके ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं पास ट्रेडिंग अकाउंट है तो शेयर बाजार के सत्र के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है। आप ईटीएफ की एक यूनिट भी खरीद सकते हैं। ईटीएफ निवेशक को एक सत्र में कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का मौका देता है। म्यूचुअल फंड में आपको यह मौका नहीं मिलता है। निफ्टी 50 ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ कुछ मशहूर ईटीएफ के उदाहरण हैं।

ईटीएफ में निवेश के नुकसान
ईटीएफ आज भी म्यूचुअल फंडों के मुकाबले कम लोकप्रिय हैं। इससे होने वाला कारोबार (वॉल्यूम) कम होता ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं है। इस वजह से खरीदने के लिए ऑफर की गई कीमत और बेचने के लिए ऑफर की गई कीमत के बीच फर्क ज्यादा होता है। ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं इस वजह से इसमें लिक्विडटी कम होती है। इस वजह से ईटीएफ बेचने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। अगर आप कम संख्या में ईटीएफ की यूनिट खरीदते या बेचते हैं तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज थोड़ा ज्यादा हो जाता है।

आप भी कर सकते हैं ईटीएफ में निवेश, ये हैं फायदे

ईटीएफ को खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है

आप भी कर सकते हैं ईटीएफ में निवेश, ये हैं फायदे

कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है. मान लीजिए कि कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है. ऐसे में यह ईटीएफ अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा. यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा. आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी.

खरीदना और बेचना आसान
ईटीएफ की एक बड़ी खूबी यह है कि इसे खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है. इसमें निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती. म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों में अपनी यूनिट्स बेचने के लिए ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं भी आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है. सीएफपी जितेंद्र पी एस सोलंकी कहते हैं कि शेयर बाजार में खरीद-फरीख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती हैं. यह इसकी बड़ी खासियत है. यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम में नहीं है.

छोटी रकम से भी निवेश
ईटीएफ में आप छोटी रकम से भी निवेश कर सकते हैं. अगर कोई निवेशक निफ्टी में शामिल कंपनियों में निवेश करना चाहता है तो उसे इन 50 शेयरों में निवेश करना पड़ेगा. इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी. अगर आप किसी ऐसे ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, जिसका अंडरलाइंग निफ्टी 50 इंडेक्स है तो आप थोड़े पैसे से भी इस ईटीएफ की यूनिट्स खरीद सकते हैं. इससे आपको निफ्टी50 में शामिल कंपनियों के रिटर्न का फायदा उठाने का मौका मिलेगा.

कम एक्सपेंस रेशियो
ईटीएफ में एक्सपेंस रेशियो भी म्यूचुअल फंड की स्कीमों के मुकाबले कम होता है. इसमें एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 1 फीसदी के बीच होता है. इसके मुकाबले म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों का एक्सपेंस रेशियो 2.5 फीसदी तक हो सकता है. मधुपम कृष्णा का कहना है कि इसकी दूसरी खासियत यह है कि इसमें म्यूचुअल फंड्स स्कीम की तरह आपको एग्जिट लोड भी नहीं देना पड़ता. इन खासियतों की वजह से पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. अब छोटे शहरों में भी निवेशक ईटीएफ में पैसा लगा रहे हैं.

ईटीएफ और म्युचुअल फंड, निवेश के लिए कौन सा है बेहतर, क्या है दोनों में अंतर

निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं.

निवेश के बेहतर उपाय

निवेश के बेहतर उपाय

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  • नई दिल्ली ,
  • 21 दिसंबर 2021,
  • (Updated 21 दिसंबर 2021, 4:14 PM IST)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी मिल सकती है जानकारी.

इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत होती है.

इंवेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को इस बारे में संदेह हो सकता है कि कहां निवेश करना है- म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF). निवेश करने से पहले इनके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए. इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं. निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं.

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, ETF सिक्योरिटी के बास्केट होते हैं (सूचकांक) जिनका कारोबार होता है. जैसे व्यक्तिगत स्टॉक या एक्सचेंज पर. नियमित ओपन-एंड म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को किसी भी स्टॉक की तरह पूरे ट्रेडिंग डे में खरीदा और बेचा जा सकता है. इंडेक्स ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत और वार्षिक परिवर्तन होते हैं. ईटीएफ को जोखिम से बचने और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक सेफ प्रोडक्ट माना जाता है, खासतौर पर उनके लिए जो बाजार से जुड़े रिटर्न चाहते हैं.

म्यूचुअल फंड्स

NSE वेबसाइट के अनुसार, म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहन है जो स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के उद्देश्य से कई निवेशकों से एकत्र किए गए फंड्स के पूल से बना है. म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे छोटे निवेशकों को इक्विटी, बॉन्ड और दूसरी सिक्योरिटीज के पोर्टफोलियो तक ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं पहुंच देते हैं, जोकि कम पूंजी के साथ बनाने के लिए काफी मुश्किल होगा.

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड में अंतर

एक निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड स्टॉक की तरह व्यापार करते हैं. जिसकी वजह से ये पारंपरिक म्यूचुअल फंड से ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं. खासतौर पर निवेशक स्टॉक के रूप में पूरे दिन ईटीएफ का व्यापार कर सकते हैं. इसकी तुलना में, एक पारंपरिक म्यूचुअल फंड में निवेशक केवल फंड के NAV पर यूनिट खरीद सकते हैं, जोकि प्रत्येक ट्रेडिंग डे के अंत में प्रकाशित होता है. वास्तव में, निवेशक ईटीएफ को क्लोजिंग NAV पर नहीं खरीद सकते हैं. ईटीएफ तुरंत व्यापार करने लायक होते हैं, जिसके चलते ईटीएफ के मामले में निवेश के समय और व्यापार के समय के बीच मूल्य अंतर का जोखिम काफी कम होता है.

Gold ETF: पेपर गोल्ड में निवेश का बेस्ट तरीका, क्या हैं फायदे और कैसे खरीदें यूनिट

Gold ETF 2022 Benefits: पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है.

Gold ETF: पेपर गोल्ड में निवेश का बेस्ट तरीका, क्या हैं फायदे और कैसे खरीदें यूनिट

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. (reuters)

Gold ETF 2022: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब सोना सेफ हैवन के रूप में और पॉपुलर हुआ, उस दौरान गोल्ड ईटीएफ को लेकर निवेशकों का रिस्पांस जबरदस्त रहा. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है.
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती. हालांकि रेट हाइक के चलते जुलाई में निवेयाकों ने इसमें बिकवाली की है, फिर भी यह बेहतर विकल्प माना जाता है.

गोल्ड ईटीएफ के फायदे

शेयर की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं. इसमें फिजिकल गोल्ड के मुकाबले परचेजिंग चार्ज कम होता है. जबकि 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी मिलती है.
इसमें फिजिकल गोल्ड खरीदने और उसके रख रखाव का झंझट नहीं होता है. लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
इसमें SIP के जरिए निवेश की सुविधा है. शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है.ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं
इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
गोल्ड ETF को डीमैट अकाउंट के जरिए ऑनलाइन खरीद सकते हैं. हाई लिक्विडिटी यानी आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं. गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं.
टैक्स के मामले में फिजिकल गोल्ड से सस्ता है. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है. गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा नहीं होता है.

गोल्ड ईटीएफ में कैसे करें निवेश?

निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदना जरूरी. हर यूनिट 1 ग्राम की होती है. गोल्ड ईटीएफ की खरीददारी शेयरों की ही तरह होती है. मौजूदा ट्रेडिंग खाते से ही गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ईटीएफ को बेचा जाता है.

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रेट हाइक के चलते गोल्ड ईटीएफ में बिकवाली

गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. निवेशकों ने अपना पैसा एसेट क्लास में लगाया है, जिसके कारण यह निकासी हुई है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में ईटीएफ में 135 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था. मॉर्निंगस्टार इंडिया में सीनिसर एनालिस्ट कविता कृष्णन ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने निकासी की है.

उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट ने भी सोने की डिमांड और सप्लाई को प्रभावित किया है. यह ट्रेंड ग्लोबल लेवल पर भी देखी गई है, जिसमें सोने की कम कीमतों के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने निकासी की है. इस निकासी के साथ गोल्ड ईटीएफ में एसेट अंडर मैनेजमेंट घटकर 20,038 करोड़ रुपये रह गया है. एसेट अंडर मैनेजमेंट जून में 20,249 करोड़ रुपये था. इस कटेगिरी में जुलाई के दौरान फोलियो की संख्या 37,500 बढ़कर 46.43 लाख पर पहुंच गई है.

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Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को खूब भा रहा है। बीते साल यानी 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। आइए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी बातों को विस्तार से समझते हैं--

क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।

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50 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं निवेश
एक्सपर्ट के अनुसार, 'गोल्ड में निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। गोल्ड ईटीएफ उनमें से एक सरलतम विकल्प है। पिछ्ले कुछ सालों में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ को बहुत तरजीह दी है।' गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको नकली सोना खरीदने का डर समाप्त हो जाता है। साथ इसके रख-रखाव का भी डर समाप्त हो जाता है। नितिन कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ में 50 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसे कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।'

गोल्ड ईटीएफ के फायदे
इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं, ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं में भी पैसा कमा सकते हैं। निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती। इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं है।

क्या कहते हैं आंकड़ें?
क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने के लिए बाधक हो सकता है।’’ पटेल ने कहा कि 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा। यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा। बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली। जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले। निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थीं।

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