इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

What Is an Angel Investor- ऐंजल इन्वेस्टर क्या होता है

What Is an Angel Investor: छोटे स्टार्टअप या एंटरप्रेन्योर के लिए ऐंजल इन्वेस्टर वित्तीय मदद उपलब्ध कराते हैं। इनकी सालाना आमदनी अच्छी होती है या कह सकते हैं कि ये आर्थिक रूप से काफी मजबूत होते हैं। इन्हें प्राइवेट इन्वेस्टर, सीड इन्वेस्टर और ऐंजल फंडर भी कहते हैं। अक्सर देखा जाता है कि ऐंजल इन्वेस्टर, एंटरप्रेन्योर के परिवार और मित्रों के बीच से ही होते हैं। ऐसा भी होता है कि ऐंजल इन्वेस्टर किसी कंपनी में एक बार फंड इन्वेस्ट करते हैं, ताकि कंपनी शुरुआती समस्याओं से उबर सके और मजबूती से धरातल पर उतर कर अपने बिजनेस को बढ़ा सके।

ऐंजल इन्वेस्टर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- एक ऐंजल इनवेस्टर सामान्यत: एक अच्छे पूंजीपति होते हैं, जो किसी भी स्टार्टअप की शुरुआती स्टेज में फंड उपलब्ध कराते हैं।

-ऐंजल इन्वेस्टिंग कई स्टार्टअप की फंडिग का प्राइमरी सोर्स है, जो निवेश के दूसरे स्रोत से ज्यादा आकर्षक और लुभावनी है।

-ऐंजल निवेशकों की मदद से स्टार्टअप में इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है, जो आर्थिक विकास में तब्दील होता है।

-इस तरीके का निवेश जोखिम भरा होता है और सामान्यत: ऐंजल इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो के 10 प्रतिशत का भी प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

ऐसे लोगों को कहा जाता है ऐंजल इन्वेस्टर
ऐंजल इन्वेस्टर ऐसे लोग होते हैं, जो स्टार्टअप के शुरुआती चरणों में निवेश करना चाहते हैं। अधिकतर निवेशकों के पास अच्छा-खासा फंड उपलब्ध रहता है और वह पारंपरिक निवेश के तरीकों से अच्छे-खासे रिटर्न की तलाश में रहते हैं। दूसरे कर्जदाताओं की तुलना में ऐंजल इन्वेस्टर आसान शर्ते रखते हैं। वह व्यवसाय की प्रकृति से ज्यादा व्यवसाय करने वाले एंटरप्रेन्योर को इंटरेस्ट में रखते हुए निवेश करते हैं। बिजनेस से आने वाले संभावित लाभ के बजाए ऐंजल इन्वेस्टर का पहला लक्ष्य स्टार्टअप की मदद करना होता है। यही कारण है कि ऐंजल इनवेस्टर की सोच दूसरे पूंजीपतियों की सोच के ठीक उलट होती है।

ऐंजल इन्वेस्टर को इनफॉर्मल इन्वेस्टर, प्राइवेट इन्वेस्टर, सीड इन्वेस्टर और ऐंजल फंडर भी कहते हैं या इन्हें बिजनेस ऐंजल भी कहा जाता है। ये वैसे लोग होते हैं, जो आमतौर पर धनी होते हैं, जो स्वामित्व इक्विटी या परिवर्तनीय ऋण के बदले में स्टार्टअप के लिए पूंजी लगाते हैं। कुछ ऐंजल इनवेस्टर ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेश करते हैं या ऐंजल निवेशक पूंजी इकट्ठा करने के लिए नेटवर्क पूल बनाते हैं।

कहां से आया 'ऐंजल इन्वेस्टर' शब्द
'ऐंजल' शब्द ब्रॉडवे थिएटर से आया है, जब धनी लोगों ने थिएटर के प्रॉडक्शन के लिए पैसा लगाया था। 'ऐंजल इन्वेस्टर' शब्द का पहली बार इस्तेमाल न्यू हैंपशायर यूनिवर्सिटी के विलियम वेटजेल की ओर से किया गया था, जो सेंटर फॉर वेंचर रिसर्च के संस्थापक थे। वहीं 'कैसे उद्यमी पूंजी इकट्ठा करते हैं' इस विषय पर वेटजेल ने एक अध्ययन पूरा किया था।

कौन बन सकता है ऐंजल इन्वेस्टर
ऐंजल इनवेस्टर ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास 'मान्यता प्राप्त निवेशक' होने का दर्जा प्राप्त होता है, लेकिन यह एक शर्त नहीं है। 'मान्यता प्राप्त निवेशक' के बारे में द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) कहता है कि, जिनकी कुल संपत्ति 10 लाख डॉलर या इससे अधिक (रहने के निजी स्थान को छोड़कर) हो, या पिछले दो सालों में 200 हजार डॉलर की आमदनी हुई हो, या शादीशुदा लोगों की कुल आय मिलाकर 300 हजार डॉलर की आमदनी की पात्रता रखता हो। हालांकि, 'मान्यता प्राप्त निवेशक' होना ऐंजल इन्वेस्टर होने का पर्यायवाची नहीं है।

वैसे देखा जाए तो इनके पास किसी भी स्टार्टअप में निवेश करने के लिए पैसा और इच्छा दोनों होती है। इनका सबसे ज्यादा ऐसे स्टार्टअप स्वागत करते हैं, जिन्हें फंडिंग की ज्यादा जरूरत हो या फिर उन्हें ऑफर कमाल का लग रहा हो।

फंडिंग के स्रोत
ऐंजल निवेशक आमतौर पर अपने स्वयं के धन का उपयोग करते हैं। वहीं इसके ठीक विपरीत दूसरे तरीके के उद्यमी, कई अन्य निवेशकों से जमा किए गए धन को रणनीतिक रूप से प्रबंधित फंड में रखते हैं। हालांकि ऐंजल इन्वेस्टर इन्डिविजुअल का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हो सकता है कि धन देने वाली यूनिट एक लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (एलएलसी), एक बिजनेस, एक ट्रस्ट या इन्वेस्टमेंट फंड हो या फिर कुछ और हो।

इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल
वैसे स्टार्टअप जो शुरुआती चरण में फेल हो जाते हैं और उनका निवेश पूरी तरह खत्म हो जाता है, ऐंजल इन्वेस्टर ऐसे स्टार्टअप को सपोर्ट करने का काम करते हैं। यही कारण है कि ऐंजल इन्वेस्टर अधिग्रहण, एक बेहतर निकास रणनीति और आइपीओ के अवसरों की तलाश करते हैं।

ऐंजल इन्वेस्टर के लिए एक सफल पोर्टफोलियो के लिए इंटर्नल रेट ऑफ रिटर्न लगभग 22 प्रतिशत का होता है। हालांकि यह निवेशकों को अच्छा हो सकता है लेकिन एंटरप्रेन्योर के व्यवसाय के शुरुआती चरण के लिए महंगा प्रतीत होता है। लेकिन जब बात हो एंटरप्रेन्योर की आर्थिक मदद की तो यह तरीका आसान साबित हो सकता है क्योंकि इस तरीके के व्यवसाय के लिए बैंक आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है।

वहीं ऐंजल निवेश वैसे एंटरप्रेन्योर के लिए बेस्ट होता है, जो अपने व्यवसाय के शुरुआती समय में आर्थिक मदद के लिए संघर्षरत रहते हैं। ऐंजल निवेश पिछले कुछ दशकों से बढ़ा है। लाभ की वजह से कई स्टार्टअप की फंडिंग के प्राइमरी सोर्स भी बने हैं। साथ ही इनोवेशन को बढ़ावा मिला है, जो कि आर्थिक उन्नति में तब्दील हो रहा है।

Mutual Fund investment tips: क्या होता है फोकस्ड फंड? इसमें SIP करने पर होगी मोटी कमाई

Focused mutual funds: फोकस्ड म्यूचु्अल फंड की मदद से आपका पैसा सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इसमें मिलने वाला रिटर्न ज्यादा होता है, लेकिन रिस्क भी रहता है. एक्सपर्ट नए निवेशकों को इससे बचने की सलाह देते हैं.

Mutual Fund investment tips: अगर आप लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं या फिर किसी बड़े फाइनेंशियल लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड इसका आसान तरीका है. म्यूचुअल फंड में डिसिप्लिन के साथ एसआईपी (SIP in Mutual funds) करें और लंबी अवधि के लिए इंतजार करें. लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग का फायदा मिलेगा और आपको मल्टी टाइम्स रिटर्न मिलेगा. यह कई प्रकार का होता है, जिसमें एक का नाम है फोकस्ड फंड.

अधिकतम 30 स्टॉक में निवेश किया जा सकता है

SEBI गाइडलाइन के मुताबिक, फोकस्ड फंड का पैसा लिमिटेड स्टॉक में निवेश किया जाता है. इस फंड का पैसा अधिकतम 30 स्टॉक इन्वेस्टमेंट क्या होता है? में निवेश किया जा सकता है. वहीं, ज्यादातर इक्विटी फंड में आपका पैसा 50 से 100 स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. मल्टीकैप फंड्स की तरह फंड मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉल कैप में, कहीं भी निवेश कर सकता है.

सलेक्टेड स्टॉक्स में निवेश किया जाता है

फोकस्ड फंड लक्षित निवेश होता है जिसमें आप निवेश के लिए सलेक्टेड स्टॉक चुनते हैं. निवेशकों को यहां ज्यादा रिटर्न मिलता है, लेकिन रिस्क भी ज्यादा होता है. मुख्य रूप से यह दो तरह का होता है. फोकस्ड इक्विटी फंड में कम से कम 65 फीसदी इन्वेस्टमेंट क्या होता है? स्टॉक में निवेश किया जाता है. फोकस्ड डेट फंड में कम से कम 65 फीसदी डेट मार्केट में निवेश किया जाता है.

किसी भी सेक्टर के स्टॉक में निवेश किया जा सकता है

फोकस्ड फंड का फंड मैनेजर आपका पैसा लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप में कहीं भी अपनी स्ट्रैटिजी के हिसाब से निवेश कर सकता है. मार्केट कैप को लेकर इसमें कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं है. इसके अलावा फंड मैनेजर किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुन सकता है. अधिकतम स्टॉक की लिमिट 30 है. ऐसे में वह फार्मा, एफएमसीजी, केमिकल्स, आईटी, मेटल्स समेत किसी भी सेक्टर का स्टॉक चुनने के लिए स्वतंत्र है.

नए निवेशक फोकस्ड फंड से बचें

जानकारों का कहना है कि अगर निवेशक ज्यादा रिस्क के लिए तैयार है तो वह फोकस्ड फंड में निवेश कर सकता है. अगर निवेशक नया है तो उसे इससे बचना चाहिए. अनुभव होने के बाद ही निवेशक को फोकस्ड फंड चुनना चाहिए. चूंकि यह पूरी तरह बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. ऐसे में कम से कम 5 साल के लिए निवेश करने की सलाह दी जाती है. एक लक्ष्य को ध्यान में रखकर सेक्टर और स्टॉक का सलेक्शन किया जाता है. ऐसे में स्टॉक के सही प्रदर्शन में थोड़ा समय लग सकता है.

Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?

म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.

क्या है म्यूचुअल फंड? कैसे करें निवेश की शुरुआत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM IST)

हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.

क्या हैं म्यूचुअल फंड?इन्वेस्टमेंट क्या होता है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.

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आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.

क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?

ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.

किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?

म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप कोई किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.

म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-

1. म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.

2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती है तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा-सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.

म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?

- इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.

-आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है ? – What is what is Investment In Hindi | निवेश किसे कहते हैं?

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

Table of Contents

इन्वेस्टमेंट क्या होता है / निवेश क्या है ? निवेश किसे कहते हैं?

निवेश क्या है: अपनी बचत की पूंजी को किसी ऐसी जगह पर लगा देना, जिससे की एक निश्चित समय बाद वह पूंजी बढ़ जाये तो उसे निवेश कहते है। निवेश अपने पैसे पर अतिरिक्त लाभ कमाने के लिये किया जाता है।

दूसरे शब्दों में जब हम अपने बचत के पैसों को इस तरह से उपयोग में लेते है की भविष्य में वह पैसे बढ़ कर अपनी मूल राशि से ज्यादा हो जाये तो इससे हमें जो लाभ प्राप्त हुआ इसे इन्वेस्टमेंट या निवेश से मिलने वाला लाभ कहेंगे।

निवेश / इन्वेस्टमेंट का महत्व

आज की बचत ही कल की कमाई है। निवेश करने का मुख्य कारण अपने पैसों से पैसा बनाना होता है ताकि भविष्य की अपनी जरूरतों और अपने सारे सपनों को पूरा किया जा सके।

दिन – प्रतिदिन महंगाई बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है और जिस तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है उतनी तेज़ी से लोगो की आमदनी (Income) नहीं बढ़ रही है। इसलिये अपनी आमदनी हो बढ़ाने के लिये भी निवेश करना जरूरी हो जाता है। निवेश करने पर लाभ होगा और उस लाभ से आप अपने सभी खर्चो को पूरा कर सकते है।( इन्वेस्टमेंट क्या है – what is Investment In Hindi )

बचत और निवेश में अंतर (Difference Between Saving And Investment)

अगर आप अपनी सैलरी से कुछ पैसा बचाकर अलग से बैंक या घर में रखते है तो वह बचत है। लेकिन बचाये हुये पैसों से शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर, म्यूच्यूअल फंड, जमीन आदि खरीद कर रखी जाये तो वह निवेश है।

बचत अल्पकालिक और निकटतम लक्ष्यों को पूरा करने के लिये की जाती है। जैसे: 2 – 3 महीने या 5 – 6 महीने बाद किसी काम को करने या किसी वस्तु को खरीदने के लिये पैसे चाहिये होंगे तो इसके लिये आप बचत (Saving) करेंगे।

निवेश (Investment) को Long Term Goals को पूरा करने के लिये किया जाता है। जैसे: कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिये निवेश किया जाता है। (निवेश क्या होता है – Nivesh kya hota hai)

निवेश कहां करें (Where To Invest Money)

1. Fixed Deposit (फिक्स्ड डिपाजिट): फिक्स्ड डिपाजिट को बैंक में करवाया जाता है। FD में निवेश करके सालाना 7 – 8% रिटर्न अपने पैसे पर कमाया जा सकता है। FD में निवेश सुरक्षित रहता है और लगाये हुये पैसे के डूबने की संभावना नहीं के बराबर होती है।

2. Mutual Fund (म्यूच्यूअल फंड): म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया हुआ पैसा सीधे शेयर बाजार में लगता है इसलिये म्यूच्यूअल फंड्स थोड़े जोखिम भरे हो सकते है लेकिन 3 से 5 साल के लिये म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जाये तो आप सालाना 15 – 20% तक रिटर्न कमा सकते है।

3. Equity Investment (इक्विटी इन्वेस्टमेंट): इक्विटी इन्वेस्टमेंट का अर्थ होता है की अपनी समझ से सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाना। शेयर मार्किट को समझकर और अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह से शेयर मार्किट में निवेश करके 25 से 30% तक रिटर्न कमा सकते है।

4. Real Estate (रियल एस्टेट): रियल एस्टेट का अर्थ होता है की जमीन, घर, फ्लैट, बिल्डिंग में निवेश करना। रियल एस्टेट में निवेश करने के लिये बहुत ज्यादा पैसों की जरुरत होती है और इसमें अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

5. Business Investment (व्यापार में निवेश): निवेश करने के लिये आप कोई व्यापार शुरू कर सकते है या किसी और के व्यापार में भी निवेश कर हिस्सेदार बन सकते है। (निवेश क्या है – Nivesh Kya Hai)

निवेश करके पैसा कमाने के कई तरीके होते है। आप अपने लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार कहाँ निवेश करना है उसका निर्णय ले सकते है।

इन्वेस्टमेंट स्कीम में कब शुरू करें निवेश और कैसे चुनें निवेश स्कीम, जानें- यहां

आपकी उम्र 20-30 या फिर 50 साल हो गई है, लेकिन आपको निवेश जरूर करना चाहिए. निवेश के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है. निवेश आपके बुरे दिनों में काम आता है. साथ ही, इससे आपके वित्तीय लक्ष्य हासिल होते हैं.

Updated: April 13, 2022 9:32 AM IST

SIP investment Calculation

Investment Scheme: निवेश एक यात्रा है, न कि कोई मंजिल. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां आप एक लक्ष्य के साथ कई वित्तीय निर्णय लेते हैं, रिटर्न अर्जित करते हैं और बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना अपने वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करते हैं. जब आप युवा होते हैं तो निवेश करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन आप जितनी जल्दी हो सके निवेश शुरू कर सकते हैं. यदि आपको कोई लोन नहीं चुकाना है और पहले से ही एक आपातकालीन कोष बना चुके हैं, तो नौकरी छूट जाने पर कम से कम 3 महीने की आय मिलेगी, तो चाहे आप 20, 30 या 50 वर्ष के हों, तुरंत निवेश शुरू कर दें.

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क्यों करना चाहिए निवेश?

निवेश अपनी बचत को एक प्रयास के लिए प्रतिबद्ध करने की एक योजना है, जिसका उद्देश्य आपके धन में बढ़ोतरी करना और अतिरिक्त आय या लाभ अर्जित करना होता है.

अपने जीवन में तय मंजिल पर पहुंचने के बाद आप यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके परिवार के सपने और आवश्यकताएं पूरी हों, आप योजना बना सकें और छुट्टियां ले सकें, शादी कर सकें, पढ़ाई के लिए विदेश जा सकें, अप्रत्याशित घटनाओं में भाग ले सकें, आदि. इसलिए, आपको योजना बनाने और निवेश करने की आवश्यकता होती है. हमारी बचत जो इस बात पर निर्भर करेगी कि आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं? ये निवेश आपको उन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगे और अपने पैसे को काम में लगाकर आपको अपनी वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करेंगे.

कैसे चुनें निवेश स्कीम?

एक निवेश योजना चुनने के लिए, आपको अपने उद्देश्यों, तरलता की जरूरतों, निवेश क्षितिज और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को जानना होगा. एक बार जब आपके पास एक स्पष्ट लक्ष्य हो, तो यह पता लगाना बहुत आसान हो जाता है कि आपको किस योजना में निवेश करना चाहिए. आप या तो वित्तीय संपत्ति जैसे स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बैंक जमा, पीपीएफ, आदि या गैर-वित्तीय संपत्ति जैसे सोना या अचल संपत्ति में निवेश कर सकते हैं.

लेकिन निवेश करने से पहले आपको निम्न मापदंडों का पालन करना चाहिए-

पर्याप्त शोध करें

  1. उन योजनाओं से अवगत रहें जो कम समय में उच्च रिटर्न का वादा करती हैं
  2. समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें
  3. रिटर्न और निवेश पर अपने कर प्रभाव पर विचार करें.
  4. आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करें, उतना अच्छा है.

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